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मेरी एक प्रिय पाठिका ने Antarvasna Sex Stories अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर अपनी यह आपबीती मय डायलोग के मुझे भेजी है। हां पाठकों के मनोरंजन के लिए इसमें कुछ मसाला भी डाला गया है। उसका नाम तो चलो गुप्त ही रखेंगे, पर कुछ नाम तो रखना ही है ना, तो चलो मैं हीरोईन को अपना नाम रीना दे देती हूँ।
हां, प्रतीक नाम वास्तविक है। उसका कहना है कि ये तो बस बातों बातों में हो गया, हम दोनों में से किसी का ऐसा इरादा नहीं था।
प्रतीक एक सीधा साधा जवान लड़का था। मैं उस समय पूना में नौकरी करती थी। प्रतीक के पापा और मेरे पापा दोस्त थे। जब प्रतीक का फोन मेरे पास आया तो मुझे उसके आने की बहुत खुशी हुई। वो मेनेजमेन्ट कर रहा था और उसके पास नौकरी का ऑफ़र आ गया था। वो एक प्रथम श्रेणी का विद्यार्थी था।
उसे सवेरे ही बस से पूना आना था। मैं उसे लेने के लिये बस स्टेण्ड आ गई। बीस बरस का जवान लड़का दूर से ही पहचान में आ गया। वो मुझे देखते ही लिपट गया।
“रीना दीदी, तू आई है मुझे लेने…”
“अरे कैसे नहीं आती … तू जो आ रहा था !”
एक जवान लड़के का लिपटना मुझे बहुत भाया… मैंने जोश में उसे चूम लिया, उसने भी प्रति उत्तर में मुझे चूमा। मैं उसे घर ले आई।
“रीना दीदी , इतने बड़े घर में तुझे डर नहीं लगता…”
“नहीं, बिल्कुल नहीं, मेरे जैसी काली लड़की पर कौन ध्यान करेगा?”
“नहीं, वो कोई गुण्डा, बदमाश …?”
“वो तो सुन्दर लड़कियों को खतरा होता है … मैं तो उसे और पकड़ लूँ !”
वो यह सुन कर हंस दिया। हम दोनों नाश्ता करके बतिया रहे थे। दोनो ही एक डबल बेड पर आराम कर रहे थे।
“दीदी, शादी क्यूँ नहीं कर लेती … 26 साल की हो रही हो !”
“तू कर ले यार मुझसे शादी … मैं तेरा पूरा ख्याल रखूंगी ! बस ?”
वो फिर से हंस पड़ा,”यार, मजाक मत कर … तेरी जैसी प्यारी दीदी से शादी कौन नहीं करेगा… कोई बॉय फ़्रेन्ड नहीं है क्या?”
“तू है ना … मेरा दोस्त बन जा और दीदी कहना छोड़ दे !”
“अरे तू तो दोस्त तो है ही, बड़ी है ना इसलिये दीदी कहता हूँ।”
“अरे मेरे भोले पंछी … तुझे कब समझ में आयेगा कि दीदी के साथ कुछ नहीं कर सकते, जबकि दोस्त के साथ सब कुछ कर सकते हैं !”
“हां, पर हम तो दोस्त है ना, अच्छा अब मुझे अब सोने दे !”
“सो लेना यार, आज तो रविवार है … अच्छा तूने कोई लड़की पटाई या नहीं?”
“दीदी, तू है ना पटी पटाई … और किसे पटाना है, वो तृप्ति तो मतलबी है, बस उसी का सारा काम करो !”
“कुछ किया उसके साथ… या यूं ही फ़ोकट में काम करता रहा ?”
“नहीं नहीं… मैं इतना बेवकूफ़ थोड़े ही हूँ, उससे आईसक्रीम तो खा ही लेता हूँ !”
“और दूसरी आईसक्रीम …?”
मेरे स्वर में अब वासना का पुट आने लगा था। वो समझ गया मेरा इशारा…।
“दीदी, यूँ कोई हाथ थोड़े ना लगाने देता है… वो रेशमा तो बस मुझे आंख मार कर ही काम चला लेती है।”
मेरे दिल में बेईमानी आने लगी थी। मैं उसके पास खिसक आई।
“तूने कभी कहीं किसी लड़की को हाथ लगाया है …?”
“कहां पर दीदी …?”
मेरी सांसे तेज सी होने लगी। मैने हिम्मत करके उसे अपने सीने की ओर हाथ करके बताया।
” यहाँ पर … !”
“अरे मारेगी नहीं वो मुझे …?” वो हंसता हुआ बोला।
“पता है ! एक बार इसे छू ले तो वो मस्त हो जायेगी !”
मेरे सीने के उभारों को देख कर वो बोला,”तेरे तो बहुत बड़े है, इन्हें छू लूँ क्या… मारोगी तो नहीं तुम?”
“चल छू ले … देख तुझे कैसा लगता है !”
उसने डरते डरते मेरे उभरी हुई चूचियों को हाथ लगाया। मैंने जानबूझ कर एक मस्ती की सिसकारी ली।
“आह, कितना मजा आया, थोड़ा और छू ले…” उसकी आंखो में चमक आ गई। उसकी सांस तेज होने लगी। उसने मेरे उरोजों की गोलाईयो को हाथ फ़ेर कर सहलाया। एक अनजाने से नशे में मैं खो सी गई। उसका लण्ड धीरे धीरे खड़ा हो गया।
“दीदी, आपको अच्छा लग रहा है क्या … देखो मुझे भी जाने कैसा कैसा हो रहा है !”
“बुद्धू, अन्दर हाथ डाल कर छू ना…” मेरी चूत गीली होने लगी थी।
“तेरा टॉप तो इतना टाईट है कि बस ! दीदी इसे उतार दे तो छू सकता हूँ…”
मुझे लगा कि प्रतीक अब बहकने लगा है … उसकी शरम दूर करने का बस यही मौका था।
“तू उतार दे ना …”
उसने मेरी बनियान नुमा टॉप ऊपर खींच कर उतार दी। मेरे दोनों कबूतर बाहर आकर खिल उठे।
“पता है, मेरी मम्मी के भी ऐसे ही हैं … !”
“ओफ़्फ़ोह, मम्मी की दुम, अब सहला ना !”
उसने ध्यान से मेरे स्तन देखा और मेरे चुचूक छू कर हिलाने लगा। मेरी आंखों में खुमारी आने लगी।
“दीदी, अरे बाप रे, कितने कड़े है ये दुद्धू…”
“ये मस्त गोले भी तो है ना …” मैं और उससे चिपकने लगी।
“अरे दूर रह ना, मुझे दूध थोड़े ही पीना है”
“प्लीज पी ले … इसे चूस ले…”
उसने मुझे देखा और मेरे बोबे को उसने अपने मुख में भर लिया। उसे चूसने लगा। मैं अपने आपे से बाहर हो गई और उसके ऊपर झूल सी गई और अपने उरोज उसके मुख में जोर से दबा दिये ।
“दीदी, ये क्या कर रही हो, मेरी सांस रुक रही है …”
उसका कड़ा लण्ड मेरी चूत से टकरा गया। जींस के ऊपर से ही मैने रगड़ मार दी।
प्रतीक के मुख से आह निकल गई। मैंने भी अब प्यार से उसे अपने दूध को खूब चुसवाया।
“दीदी, इसमें तो बहुत मजा आता है … तेरी जींस कितनी चुभ रही है, पजामा क्यों नहीं पहनती है?”
“हां यार ! चल इसे उतार देते हैं…”
“हट रे … तू तो इतनी बड़ी लड़की है, नंगी हो जायेगी तो शरम नहीं आयेगी?” प्रतीक कुछ असमंजस में बोला।
“अरे तो कौन देख रहा है ? अपन दोनों ही तो हैं ना … चल उतार देते हैं…”
मैंने पहल की और अपनी जीन्स उतार दी, मैं तो पूरी नंगी हो गई। नंगापन महसूस होने से मुझे एक बार तो लाज सी आई और मुझ में रोमान्च सा भर आया, मेरे रोंगटे जैसे खड़े हो गये।
“रीना, तू चादर लगा ले ना, इतनी बड़ी लड़की नंगी देख कर मुझे तो अजीब लग रहा है !”
“छोड़ ना, अपनी जींस तो उतार…!” मैने उसे उलाहना दिया।
उसने झिझकते हुये अपनी पैण्ट उतार दी और अपना हाथ लण्ड के आगे रख कर छुपा लिया। उसका सर झुका हुआ था,”दीदी, मुझे तो शरीर में जैसे सनसनी सी आ रही है, आप ये क्या करवा रही हैं…?”
मैं उससे जाकर लिपट गई। और अपना चेहरा उसके चेहरे के समीप कर दिया। उसकी महकती खुशबू मेरे नथुनों में समाने लगी। उसने भी मेरा ये पोज देख कर मेरे अधरों से अपने अधर मिला दिये। नीचे उसका लण्ड मेरे योनि द्वार पर दस्तक देने लगा था। पर वो इस मामले में नया था सो वो कुछ नहीं कर पा रहा था।
“प्रतीक, अपनी कमीज भी उतार दो ना, मेरी तरह नंगे हो जाओ… शरम ना करो ! प्लीज !”
उसने अपनी कमीज भी उतार दी।
“तुमने मेरे दूध पिया था ना, अब मुझे भी कुछ पीने दो…!”
“मेरे पास दुद्धू नहीं है, तो क्या पीयोगी…?”
“बस चुप …”
मैं धीरे धीरे नीचे बैठने लगी और उसके लण्ड के पास पहुंच गई, वीर्य जैसी महक से मैं मदहोश सी हो गई। उसके लण्ड को पकड़ कर मैंने उसकी चमड़ी ऊपर कर दी।
“दीदी, मुझे शरम आ रही है … यह क्या कर रही हो…?”
मैंने वासनायुक्त निगाहों से उसे मुस्करा कर देखा और उसका लाल सुपाड़ा अपने मुख में रख लिया। लण्ड नया था उसकी स्किन सुपाड़े से लगी हुई थी। उस
स्किन को चीर कर उसे मर्द बनाना था। मैने उसके डण्डे को कस कर पकड़ लिया और झटके दे देकर मुठ मारने लगी। मेरा मकसद उसकी त्वचा चीरना था। कुछ झटकों से उसकी स्किन चिर गई और खून निकल पड़ा। वो दर्द से कराहा भी … पर अब स्किन फ़टने के बाद मैं धीरे धीरे मुठ मारने लगी,। मुख में सारा खून चूस लिया, उसे खून का पता भी नहीं चला कि उसकी स्किन फ़ट चुकी है। उसके लण्ड की चमड़ी पूरी पलट गई और लण्ड पूरा खुल गया।
मैं उसका लण्ड बड़े चाव से चूसने लगी। उसे दर्द के बीच एक अनोखा सा मजा आने लगा था। मेरी आंखों में वासना के लाल डोरे खिंच चुके थे। काफ़ी दिनों से मेरी चुदाई नहीं हुई थी, इसलिये मेरी चूत बहुत ही लपालपा रही थी। बस लण्ड चूत में घुसा लूं यही लग रहा था।
“बड़ा जोरदार है रे तेरा लण्ड…”
“छीः दीदी गाली होती है ये तो …”
“इसे लण्ड ही कहते हैं और मेरी इसको चूत कहते है… याद रखना …”
“दीदी, आज तो तू सारी गन्दी बातें कर रही है !”
“गन्दी !!!, अच्छा तुझे मजा नहीं आ रहा है क्या…?”
“हां वो तो आ रहा है… पर ये नीचे चूसना … इससे तो सू सू करते हैं ना और तू है कि इसे चूसे जा रही है … रोक मत ना और जोर से चूस …”
“देखा मजा आ रहा है ना … अब तू भी मेरी चखेगा …”
“वो कैसे … क्या तेरा लण्ड भी चूसूँ…?”
“अरे चल हट … मेरी चूत की बात कर रही हूँ।”
मैंने उसका लण्ड छोड़ दिया और बिस्तर पर लेट गई। अपनी चूत खिसका कर एक तरफ़ कर दी। प्रतीक बिस्तर के नीचे बैठ गया और मेरी दोनों टांगों के बीच आ गया।
“ये देख … इसे भी चूसना …” मैंने नीचे हाथ अपने दाने पर लगाया और उसे बता दिया। उसके होंठ मेरी चूत से लगते ही मुझे झुरझुरी सा आ गई। उसकी जीभ लपलपा उठी और उसने मेरी पूरी चूत को चाट लिया। मैंने गुदगुदी के मारे टांगें और उठा ली। तभी उसकी जीभ मेरे गाण्ड के छेद पर आ गई। आनन्द के मारे मैंने अपनी आंखें बंद कर ली। वो भोला, भला क्या जाने कि क्या चाटना है। पर मुझे तो उसने मस्ती ला दी। तभी उसकी जीभ ने मेरे दाने को बुरी तरह से हिला डाला। जैसे तेज और तीखी चुभन सी हुई। हाय रे ! ये सब कितना अच्छा लग रहा था। मेरा अंग अंग तड़प उठा था। वो कभी मेरी गाण्ड का छेद चाट रहा था, तो कभी चूत में उसकी जीभ घुस पड़ती थी तो कभी मेरे दाने को दबा कर हिला कर मुझे घायल सा कर देता था।
“प्रतीक, अब मेरे पास आजा, मुझे प्यार कर…!”
“हां दीदी, मुझे भी देख कितनी मस्ती आ रही है … ये लण्ड तो देख ना … कैसा हो रहा है !”
मैने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट पड़े। वो मेरे नीचे दबा हुआ जैसे छटपटा रहा था। मैं उसके ऊपर बैठ गई और उसका खड़ा डण्डे जैसा लण्ड थाम लिया। उसका लाल सुपाड़ा खून की एक बारीक धार से और लाल हो गया था। उसे मैंने अपनी चूत खोल कर अन्दर रख लिया।
“दीदी, ये क्या कर रही हो, सू सू को सू सू से मिला दिया?”
“आह्ह्ह, लण्ड चूत में घुसेड़ रही हूँ … अब मत बोल, बस मजे ले ले !”
मैंने धीरे से उसे भीतर ले लिया और अन्दर घुसाने लगी। उसे जलन सी महसूस हुई, पर वो बोला कुछ नहीं, बस थोड़ा सा चेहरा बिगाड़ लिया। उसका लण्ड पूरा लेकर मैं उसके ऊपर झुक गई। मेरे दोनों स्तन उसके चेहरे के नजदीक झूल गये।
“पकड़ ले इसे, मसल डाल…”
“कैसी बोलती हो दीदी, आह तू क्या कर रही है, बहुत मजा आ रहा है !”
मैं और झुक गई। उसने मेरे स्तन मलने शुरू कर दिये। मैंने अपने अधर उसके अधरों से मिला दिये। मैंने अनाड़ी दोस्त को दबोच कर चुदाई करनी चालू दी। हम दोनों एक दूसरे में खो चले, हमारी कमर ऊपर नीचे हो कर सम्भोग में लिप्त हो गई। मेरे साथ प्रतीक भी अपने जीवन काल का प्रथम सम्भोग कर रहा था, मस्ती में खो चुका था। हम खो से गये … मुझे उसने जाने कब अपने नीचे दबोच लिया और चोदने लगा था। मेरे बाल मेरे चेहरे पर बिखर कर उलझ गये थे। दोनों तपते नंगे बदन तृप्ति की ओर बढ़ रहे थे, रफ़्तार तीव्र हो चली थी। मेरा तन जैसे रस से भर गया। जिस्म में मीठी सी गुदगुदी भर गई। मैंने अपने जिस्म को लहरा दिया और मेरा कामरस चू पड़ा… मैं झड़ने लगी… आनन्द से भरी पूरी … आह्ह्ह
मैं झड़ती चली गई। जैसे मेरे ऊपर अब कोई पहाड़ सा बोझ आ पड़ा हो, जान पड़ रहा था। मैंने अपने आप को ढीला छोड़ दिया जाने वो कब तक मुझे चोदता रहा …
मेरी तन्द्रा तब टूटी, जब प्रतीक एक तरफ़ झड़ कर लस्त सा पड़ गया था। मैंने अपनी एक टांग उठा कर उसकी कमर में डाल दी। उसका वीर्य मेरी चूत से निकल कर एक तरफ़ बहने लगा। मैंने अपनी बाहें भी उसके गले में डाल दी और उस पर अपना भार डाल कर सो गई।
“दीदी, उठो तो खाना तो खा लें अब, देखो दोपहर के दो बज रहे हैं।”
मैंने देखा तो प्रतीक तैयार हो कर खड़ा था। मैंने अपनी ओर देखा तो शरमा गई, अब तक नंगी पड़ी हुई थी। वो मेरे यौवन को देख कर फिर से ललचाने लगा था। उसे चूत का चस्का लग चुका था। मेरी चिकनी जांघें, काले काले से चमकीले चूतड़, काली झांटे सभी कुछ उसे बहुत उकसाने का काम कर रहे थे। मेरे गोल-गोल बड़े स्तन देख कर वो कसमसा रहा था।
“तू बड़ा लार टपका रहा है रे … शाम है, रात है और फिर तनहाई भी है … और करेंगे शाम को, दिल छोटा मत कर … तेरी सू सू को नीचे कर ले…” फिर मैं खिलखिला उठी।
पाठको, यह बात तो गुप्त है, किसी को बताना नहीं। कोई जान जायेगा तो सभी मुझे चोद-चोद कर मेरा बेड़ा गर्क कर देंगे। ऐसा रिश्ता तो टॉप सीक्रेट होता है …
आपकी
रीना शर्मा Antarvasna Sex Stories
sex stories....मेरा नाम गिन्नी है. मेरी उम्र 19 साल की है और मैं बहुत ही खूबसूरत हूँ. मेरी दो सहेलियां हैं जिनका नाम पिंकी और शिखा है. वो दोनों मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ती थीं. हम तीनों ही बहुत ही सेक्सी थी. कॉलेज में ही हमारा ढेर सारे लड़कों से शारीरिक सम्बन्ध था. हम तीनों ही उन सब लौंडों से खूब चुदवाती थीं.
शिखा चुदवाने में सबसे ज्यादा तेज थी. शिखा हमेशा ही खूब लम्बे और मोटे लंड की तलाश में रहती थी.
पिंकी को कई लड़कों से एक साथ चुदवाने में ज्यादा मजा आता था लेकिन उसे ज्यादा लम्बा और मोटा लंड पसंद नहीं था. जहाँ तक मेरा सवाल है तो मुझे एक साथ चुत और गांड दोनों में लंड लेना पसंद था.
पढ़ाई खत्म होने के बाद पिंकी और मैं 2 साल के लिए दूसरे शहर में पढ़ने चली गई. हमारे जाने के 6 महीने के बाद ही शिखा की शादी उसी शहर में जय के साथ हो गई थी. जय बहुत ही अमीर आदमी था और अय्याश भी था. शिखा ने हम दोनों को भी शादी में बुलाया लेकिन हम उसकी शादी में नहीं आ सकी.
शिखा ने अपनी शादी की दूसरी सालगिरह पर हम दोनों को बुलाया. मैं पिंकी के साथ शिखा के पास आ गई. शिखा ने हम दोनों को देखा, तो बहुत खुश हो गई. हम सबने आपस में खूब बातें की.
शिखा ने मुझे बताया कि वो शादी के बाद से और ज्यादा सेक्सी हो गई थी और वो कई आदमियों से चुदवा चुकी थी. उसकी एक दलाल से जान पहचान हो गई थी, जो कि अमीर औरतों को आदमी सप्लाई करता था. मैं जानती थी कि ये मुंबई के लिए आम बात है..
शिखा ने हम दोनों को लगभग 150 आदमियों के फोटो दिखाए और बोली- मैं इन सबसे चुदवा चुकी हूँ. वो सभी आदमी फोटो में एकदम नंगे थे. उन सब आदमियों का लंड एक से बढ़कर एक था. किसी का भी लंड 8″ से कम लम्बा नहीं था.
मैंने शिखा से कहा- इन सबका लंड तो बहुत ही लम्बा और मोटा है.
वो बोली- तू तो जानती ही है कि मुझे तो खूब मोटा और लम्बा लंड ही पसंद आता है और उसी से चुदवाने में मुझे मजा भी आता है. आज मैंने एक पार्टी रखी है. आज हम सब सारी रात चुदाई का पूरा मजा उठाएंगे.
फिर शिखा ने 6 मर्दों के फोटो हमारे सामने रखते हुए कहा- मैंने आज इन सबको बुलाया है.
मैंने पूछा- अगर जय आ गया तो?
वो बोली- वो तो महीने में 25 दिन बाहर ही रहता है. इसीलिए तो मैंने दूसरे आदमियों से चुदवाना शुरू किया है.
मैंने कहा- जय तुझे कुछ कहता नहीं है?
वो बोली- वो भी तो अय्याश है और तमाम लड़कियों को चोदता रहता है. मैं उसके सामने भी कई बार चुदवा चुकी हूँ.
मैंने कहा- तो फिर तूने आज 6 मर्दों को क्यों बुलाया है?
शिखा बोली- क्या तुम सबको नहीं चुदवाना है?
मैंने कहा- चुदवाना तो है लेकिन 6 मर्द एक साथ?
वो बोली- तो क्या हुआ? ज्यादा लंड होंगे तभी तो चुदाई का असली मजा आएगा.
मैंने कहा- इन सभी के लंड 11″ से कम नहीं हैं.
वो बोली- इसीलिए मैंने केवल इन्हें ही बुलाया है. मैं तो आज रात इन सबसे कम से कम 1 बार जरूर चुदवाऊंगी.
पिंकी बोली- शिखा, तू तो जानती है कि मुझे कई मर्दों से एक साथ चुदवाना पसंद है, लेकिन मैं ज्यादा लम्बा और मोटा लंड पसंद नहीं करती.
शिखा बोली- छोड़ यार, तूने लम्बे और मोटे लंड का मजा कभी लिया ही नहीं, फिर तू क्या जाने कि खूब लम्बे और मोटे लंड से चुदवाने का मजा क्या होता है. आज तो मैं तुझे इन सबसे जरूर चुदवाऊंगी.
पिंकी बोली- तब मेरी हालत एकदम खराब हो जाएगी क्योंकि इसमें से किसी का लंड 11″ से कम लम्बा नहीं है. मैं तो सुबह तक बिस्तर पर से हिलने डुलने के काबिल ही नहीं रहूँगी.
शिखा बोली- क्यों तुझे कल सुबह कहीं जाना है क्या?
पिंकी बोली- नहीं यार, कहीं नहीं जाना है. हम दोनों तो तेरे पास कम से कम 10 दिनों तक रहेंगी.
शिखा बोली- फिर सारा दिन तू बिस्तर पर ही आराम करना.
पिंकी- ठीक है.
उसके बाद शिखा ने मुझसे कहा- तेरा क्या ख्याल है गिन्नी?
मैंने कहा- तू तो जानती ही है, मुझे एक साथ दो लंड अन्दर लेना पसंद है. मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है. मैं पहले भी 11″ लम्बा लंड अन्दर ले चुकी हूँ. मैं तो इन सबसे कम से कम 2 बार जरूर चुदवाऊंगी.
शिखा बोली- फिर ठीक है. आज रात हम सबको चुदवाने में खूब मजा आएगा.
सारा दिन हम गपशप करते रहे. रात के 8 बजे एक सूमो आकर खड़ी हुई. उसमें से 6 हट्टे कट्टे जवान मर्द बाहर आए. मैं उन्हें देखकर खुश हो गई. पिंकी उन्हें देख कर थोड़ा परेशान हो गई.
शिखा ने पिंकी से पूछा- तू क्यों परेशान है.
वो बोली- इन सबके लंड के बारे में सोच कर मैं परेशान हूँ.
शिखा बोली- फिर तो आज सबसे पहले मैं तेरी ही चुदाई कराऊंगी.
पिंकी बोली- नहीं, मैं सबसे बाद में चुदवाऊंगी.
शिखा ने कहा- तू लाख कोशिश कर ले लेकिन आज मैं सबसे पहले तुझे ही इन सबके हवाले करूँगी. ये सब तेरी चुदाई कर करके तेरी चुत को एकदम चौड़ा कर देंगें.
पिंकी बोली- इसका मतलब आज तू मेरा कत्ल करवाने पर तुली है.
शिखा बोली- कुछ ऐसा ही समझ ले.
पिंकी बोली- ये सब मेरी चुत की हालत खराब कर देंगें और साथ में मेरी भी.
शिखा बोली- मुझसे शर्त लगा ले. कल सुबह के पहले अगर तूने खुद ही इस अनिल से दोबारा नहीं चुदवाया तो मैं अपना नाम बदल दूँगी.
पिंकी बोली- ये अनिल कौन है?
शिखा बोली- अनिल सबसे ज्यादा देर तक चोदता है और बहुत ताकतवर भी है. मैं सबसे पहले उसी से तेरी चुदाई कराऊंगी.
ये सुन कर पिंकी चुप हो गई.
वो सभी अन्दर आ गए.
शिखा ने कहा- तुम सब कुछ पियोगे?
उसमें से एक बोला- आज रात बहुत मेहनत करनी है. हो सके तो कुछ ड्रिंक पिला दो.
शिखा ने उन सबको 1 बोतल शराब लाकर दे दी.
वो सब शराब पीने लगे.
शिखा ने पिंकी की तरफ़ इशारा करते हुए अनिल से कहा- ये मेरी सहेली पिंकी है. आज तक इसने 7″ से ज्यादा लम्बे लंड से नहीं चुदवाया है. तुम सबसे पहले इसकी चुदाई करो. मैं नहीं चाहती कि इसे बार बार तकलीफ़ उठानी पड़े. तुम इसकी चुत में एकदम बेरहमी से अपना लंड घुसा देना.
अनिल बोला- मैडम, फिर तो ये बहुत चिल्लाएगी.
शिखा ने कहा- तो क्या हुआ… एक बार ही तो चिल्लाएगी, उसके बाद इसे इन सबसे चुदवाने में मजा आएगा.
वो बोला- ठीक है मैडम, मैं एकदम रेडी हूँ, आप कहें तो मैं चुदाई शुरू कर दूँ?
शिखा बोली-हाँ, शुरू कर दो.
पिंकी ने शिखा से कहा- तू मुझे मरवाएगी क्या?
शिखा बोली- नहीं यार, मैं एक बार में ही तेरा काम तमाम कर देना चाहती हूँ, जिससे हम सब एक साथ मजा ले सकें. इसीलिए तो मैं सबसे पहले अनिल से ही तेरी चुदाई करने को कह रही हूँ.
तब तक अनिल पिंकी के पास आ गया. उसका लंड एकदम टाईट हो चुका था. उसका लंड लगभग 11″ लम्बा और 3″ मोटा था और वो बहुत ताकतवर भी लग रहा था. उसने पिंकी के सारे कपड़े उतार दिए और उसे बेड के किनारे लिटा दिया. उसके बाद वो पिंकी के पैरों के बीच में जमीन पर खड़ा हो गया.
उसने पिंकी की चुत के मुँह को फैला कर अपना लंड बीच में रख दिया.
शिखा ने बाक़ी के आदमियों को इशारा कर दिया, तो वो सभी पिंकी के पास आ गए. उन सबने पिंकी के हाथ जोर से पैर पकड़ लिए. एक ने अपना लंड पिंकी के मुँह में दे दिया. पिंकी उसका लंड चूसने लगी. तभी अनिल ने एक धक्का मारा. पिंकी ने उस आदमी का लंड अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और जोर जोर से चिल्लाने लगी. उस आदमी ने दूसरा धक्का लगाया तो पिंकी बुरी तरह से चीखने लगी.
शिखा बोली- तू इतना चीख क्यों रही है.. साली 7″ लम्बा लंड तो तू पहले ही अन्दर ले चुकी है. इसका लंड तो अभी तेरी चुत में केवल 5″ ही घुसा है.
पिंकी बोली- इसका मोटा भी तो बहुत है.
अनिल जैसे ही रुका तो शिखा ने उसे जोर से डांटा- क्यों बे, रुक क्यों गया. घुसा अपना पूरा लंड इसकी चुत में.
अनिल बोला- गलती हो गई मैडम. अब मैं नहीं रुकूँगा.
अनिल ने पूरी ताकत के साथ बहुत ही जोरदार दो धक्के लगाए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड पिंकी की चुत में 8″ तक अन्दर घुस गया. पिंकी की चुत से खून निकलने लगा और वो बहुत ही बुरी तरह से चिल्लाने और तड़फने लगी. पिंकी का सारा बदन पसीने से लथपथ हो चुका था.
अनिल ने एक गहरी सांस लेते हुए दो बहुत ही जोरदार धक्के और लगा दिए. इन दो धक्कों के साथ ही उसका लंड पिंकी की चुत में 10″ तक अन्दर घुस गया. पिंकी की चुत बुरी तरह से फैल चुकी थी. उसकी चुत ने अनिल के लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था. तभी अनिल ने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का धक्का मारा. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड पिंकी की चुत में समा गया. उसके बाद अनिल ने पिंकी की चुदाई शुरू कर दी.
शिखा ने पिंकी से कहा- आखिर तूने इसका 11″ लम्बा लंड अन्दर ले ही लिया. अब तो तुझे खूब मजा आ रहा होगा.
वो बोली- मैं दर्द के मारे मरी जा रही हूँ और तुझे मजाक सूझ रहा है.
शिखा बोली- मेरी जान, बस 10 मिनट में ही तू एकदम पक्की चुदक्कड़ बन जाएगी और तुझे वो मजा आएगा कि तू भी मेरी तरह कभी छोटा और पतला लंड पसंद ही नहीं करेगी.
पिंकी मजा लेते हुए बोली- ये तो है.. लम्बा और मोटा लंड अन्दर लेने के बाद छोटा लंड भला किसे पसंद आएगा.
अनिल पिंकी को चोदता रहा और पिंकी मजे से चिल्लाती रही. दस मिनट की चुदाई के बाद जब पिंकी शांत हो गई तो शिखा ने अनिल से कहा- अब तू रहने दे.
पिंकी बोली- अब मुझे मजा आ रहा है तो तू इसे मना क्यों कर रही है.
शिखा बोली- अब तुझे रमेश चोदेगा, फिर उसके बाद राज.. जब तक मैं नहीं कहूँगी तब तक कोई भी अपने लंड का जूस तेरी चुत में नहीं निकालेगा.
पिंकी कलप कर बोली- तू ऐसा क्यों कर रही है?
शिखा बोली- बस, तू केवल देखती जा.
अनिल हट गया तो रमेश पिंकी को चोदने लगा. करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद राज ने पिंकी को चोदना शुरू किया. उसने भी लगभग 15 मिनट तक पिंकी की चुदाई की. उसके बाद कमल, केशरी और शिव ने पिंकी को लगभग 15-15 मिनट तक चोदा. पिंकी को अब मजा आने लगा था और उसे अब जरा सा भी दर्द नहीं हो रहा था. शिखा ने सभी को मना कर रखा था, इसलिए किसी ने अपने लंड का जूस उसकी चुत में नहीं निकाला.
शिखा ने अनिल और रमेश से मुझे चोदने को कहा. उन दोनों का लंड एक ही साइज़ का था. मैं अनिल के ऊपर आ गई और उसका लंड अपनी चुत में डाल लिया. रमेश मेरे पीछे आ गया और उसने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया. उसके बाद वो दोनों मुझे चोदने लगे.
राज शिखा को चोदने लगा. शिखा भी खूब मज़े ले ले कर चुदवा रही थी. मुझे भी खूब मजा आ रहा था.
बहुत दिनों के बाद मुझे बहुत अच्छे लंड से एक साथ चुदवाने का मौका मिला था. मैं भी जोर जोर से सिसकारियां भरते हुए उन दोनों के जोश को बढ़ा रही थी. वो दोनों भी बहुत ताकतवर थे और बहुत ही जोर जोर के धक्के लगा रहे थे.
उधर पिंकी पूरी मस्ती के साथ कमल, केशरी से चुदवा चुकी थी. अब उसे शिव चोद रहा था. उसे चुदवाते हुए लगभग 1 घंटे हो चुके थे. वो अब तक कई बार झड़ भी चुकी थी. अनिल और रमेश भी मुझे लगभग 30 मिनट तक चोद चुके थे. उन दोनों के हट जाने के बाद कमल और केशरी मुझे चोदने लगे. वो दोनों मेरी चुत और गांड की बुरी तरह से धुनाई कर रहे थे. मैं भी एकदम मस्ती के साथ चुदवा रही थी.
शिखा ने सभी को मना कर रखा था कि किसी के लंड से जूस नहीं निकलना चाहिए. वो सभी जब झड़ने वाले होते तो हट जाते थे. जब थोड़ी देर में उनका जोश कुछ ठंडा पड़ जाता तो वो फिर से शुरू हो जाते थे. वो सभी बारी बारी से हम तीनों की चुदाई कर रहे थे.
लगभग 3 घंटे तक हम सबकी चुदाई चलती रही. शिखा ने उन सबसे कहा- अब तुम सब रुक जाओ. वो सब हमारी चुतों से अपना लंड बाहर निकाल कर खड़े हो गए.
शिखा ने कहा- अनिल, अब तुम्हें मेरी गांड मारनी है.
अनिल बोला- मैडम, आप ने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है.
वो बोली- तो क्या हुआ. आज मेरे साथ मेरी सहेलियां भी हैं, इसलिए आज मैं गांड भी मरवाऊंगी. तुम मेरी गांड मारना शुरू कर दो. मुझ पर जरा सा भी रहम मत करना और पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में घुसेड़ कर ही दम लेना.
वो लंड सहलाता हुआ बोला- ठीक है मैडम.
उसके बाद शिखा ने रमेश से कहा- रमेश, तुम पिंकी की गांड मारो और अपना पूरा लंड उसकी गांड में घुसा कर ही रुकना. नहीं तो समझ लो कि मैं तुम्हारे साथ क्या सलूक करूँगी.
वो बोला- मैडम, मैं कोई गलती नहीं करूँगा.
पिंकी बोली- तू मुझे क्यों मारने पर तुली हुई है.
शिखा बोली- मैंने इसीलिए 6 आदमियों को बुलाया था. अब तू रमेश का लंड अपनी गांड के अन्दर लेगी और गिन्नी राज से गांड मरवाएगी. उसके बाद हम सबको 2-2 आदमी एक साथ चोदेंगें.
अनिल ने शिखा की गांड में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. शिखा बहुत जोर जोर से चिल्ला रही थी. रमेश भी अपने लंड का सुपारा पिंकी की गांड के छेद पर रख चुका था.
पिंकी ने शिखा से कहा- खुद तो दर्द के मारे मरी जा रही है और मुझे भी फंसा दिया.
तभी रमेश का बहुत ही जोर का धक्का लगा. पिंकी जोर जोर से चीखने लगी. मैं खड़ी हो कर तमाशा देख रही थी. अनिल और रमेश पूरी ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगा रहे थे. सारा रूम चीखों से गूँज रहा था.
तभी राज ने मुझसे कहा- मैडम मैं भी शुरू कर दूँ?
मैंने कहा- मैं तो आदी हूँ. जरा इन दोनों की गांड में पूरा लंड तो घुस जाने दो उसके बाद तुम मेरी गांड मार लेना.
फिर 5 मिनट में ही शिखा और पिंकी की गांड में उन दोनों का पूरा का पूरा लंड समा चुका था. वो दोनों अब उनकी गांड मार रहे थे.
मैंने राज से कहा- चलो अब तुम भी शुरू हो जाओ.
राज ने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. शिखा और पिंकी अभी भी बहुत जोर जोर से चीख रही थीं.
राज बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाता हुआ मेरी गांड मार रहा था. मुझे खूब मजा आ रहा था. दस मिनट के बाद शिखा और पिंकी शांत हो गईं. अब उन दोनों की गांड में अनिल और रमेश का लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. उन दोनों ने 10 मिनट तक और गांड मरवाई.
उसके बाद शिखा बोली- अनिल और रमेश अब तुम दोनों रुक जाओ.
उन दोनों ने अपना लंड उनकी गांड से बाहर निकाला और हट गए.
शिखा बोली- रमेश तुम लेट जाओ. मैं तुम्हारे ऊपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चुत में डाल लेती हूँ और कमल पीछे से मेरी गांड मारेगा.
उसके बाद शिखा ने अनिल से कहा- तुम भी लेट जाओ. पिंकी तुम्हारे ऊपर आ कर तुम्हारा लंड अपनी चुत में डाल लेगी और केशरी उसके पीछे आ कर उसकी गांड मारेगा.
उसके बाद शिखा ने शिव से कहा- गिन्नी राज का लंड अपनी चुत में डाल लेगी और तुम पीछे से उसकी गांड मारना. इस बार तुम सब हमारी चुत और गांड को अपने लंड के जूस से भर देना.
वो सब बोले- ठीक है मैडम.
शिखा ने जैसा कहा था, ठीक उसी तरह से हम सबकी चुदाई शुरू हो गई. लगभग 1 घंटे तक हमारी खूब जम कर चुदाई हुई. पिंकी ने पूरी मस्ती के साथ 2-2 लंड का एक साथ मजा लिया. शिखा ने भी पहली बार गांड मरवाने का पूरा मजा उठाया.
शिखा ने पिंकी से पूछा- क्यों बेबी, मजा आया?
पिंकी मुस्कुराते हुए बोली- कसम से बहुत मजा आया. मैं ज्यादा लम्बे और मोटे लंड से बहुत डरती थी लेकिन आज मेरा सारा डर खत्म हो गया. अब तो मैं हमेशा केवल खूब लम्बे और मोटे लंड से ही चुदवाऊंगी. तुम इन सभी से कह दो कि बिना रुके ही खूब जम कर मेरी चुदाई करें और मेरी चुत और गांड को अपने लंड के जूस से एकदम भर दें.
शिखा हंस कर बोली- ऐसा ही होगा, रानी जी.
पिंकी ने आँख मार दी.
शिखा ने उन सबसे कहा- तुमने सुना कि ये क्या कह रही हैं. अब तुम सब शुरू हो जाओ और मेरी सहेली को एकदम मस्त कर दो. ये जब तक मना ना करे, तुम सब इसे खूब जम कर चोदना.
उन सभी ने सुबह होने तक पिंकी को तरह तरह के आसनों में खूब जम कर चोदा और उसकी गांड मारी. सुबह को पिंकी ने उन सभी को खुद ही मना कर दिया. वो एकदम मस्त हो चुकी थी और थक कर चूर भी.
उसके बाद शिखा ने उन सबसे कहा- तुम सब 1-2 घंटे आराम कर लो. उसके बाद गिन्नी को भी इसी तरह से चोदना.
मैंने शिखा से कहा- क्या तू ऐसे ही रहेगी?
शिखा बोली- मेरा क्या, मैं तो हमेशा ही चुदवाती रहती हूँ. तुम दोनों मेरी सहेली हो और मेहमान भी.. पहले तुम दोनों का अच्छी तरह से स्वागत होना चाहिए.
उन सबने 2 घंटे तक आराम किया और फिर उसके बाद वो सब मुझ पर टूट पड़े. उन्होंने बहुत देर तक लगातार खूब जम कर मेरी चुदाई की और मेरी गांड भी मारी. मैं भी पिंकी की तरह से एकदम मस्त हो गई. मुझे बहुत दिनों के बाद चुदाई का मजा मिला और वो भी जी भर के मिला.
दोपहर के 3 बजे वो सब जाने लगे तो शिखा ने अनिल, रमेश और राज से कहा- तुम तीनों रात के 8 बजे आ जाना.
उसके बाद वो सब चले गए. पिंकी ने शिखा से कहा- अब जब मुझे चुदाई का असली मजा मिल गया है तो तूने आज केवल तीन को ही क्यों बुलाया है.
शिखा बोली- मेरी रानी, देखती जाओ.
शिखा ने अपने दलाल को फोन किया और उससे कहा कि रात के 8 बजे 6 आदमियों को और भेज देना लेकिन एक बात का ध्यान रखना कि उन सभी का लंड 11″ से कम नहीं होना चाहिए और साथ में खूब मोटा भी होना चाहिए.
दलाल ने कहा कि भेज दूँगा.
रात के 8 बजे सूमो से 9 लोग आ गए. उन सभी का लंड एक से बढ़ कर एक था. उसमें से एक का नाम जयंत था. उसका लंड देखते ही पिंकी बहुत खुश हो गई.
शिखा ने पिंकी से पूछा- क्या बात है, तू जयंत को देख कर बहुत खुश हो रही है?
पिंकी बोली- मुझे इसका लंड बहुत ही शानदार लग रहा है. मैं तो आज सबसे पहले इसी से चुदवाऊंगी.
शिखा ने कहा- तू तो ज्यादा लम्बे और मोटे लंड से बहुत डरती थी.. आज तुझे क्या हो गया?
पिंकी बोली- तूने खूब लम्बे और मोटे लंड से मेरी चुदाई करा कर मेरी चुत और गांड में आग लगा दी है. अब तो मुझे इस आग को बुझाना ही है.
शिखा बोली- शाबाश बेबी, आखिर तू जान ही गई कि असली मजा क्या होता है.
जयंत का लंड लगभग 12″ लम्बा था और उन सभी के लंड से बहुत मोटा भी था. जयंत ने पिंकी की चुदाई शुरू कर दी. पिंकी जोर जोर से चीखने लगी.. लेकिन आज वो ज्यादा नहीं चीखी और थोड़ी ही देर में शांत हो गई. उसे जयंत से चुदवाने में खूब मजा आया. जयंत से चुदवाने में मैं भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में मुझे भी खूब मजा आया. शिखा का भी वही हाल हुआ. वो भी बहुत चीखी और चिल्लाई लेकिन बाद में उसे भी खूब मजा आया.
सुबह तक उन सभी ने हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांड भी मारी. हम सब पूरी तरह से मस्त हो चुकी थीं. उसके बाद वो सब चले गए.
मैं पिंकी के साथ शिखा के पास 10 दिनों तक रही. हम सबने खूब जम कर चुदाई का मजा लिया.
एक दिन तो शिखा ने एक साथ 15 आदमियों को बुला लिया था. उन सभी ने तो हमारा चोद चोद कर बुरा हाल कर दिया. वो सभी रात के 8 बजे आए थे उन्होंने दूसरे दिन दोपहर तक हमारी खूब जम कर चुदाई की और गांड भी मारी. उन सभी ने उस दिन हम तीनों को चोद चोद कर और हमारी गांड मार मार कर ऐसा बुरा हाल कर दिया था कि उनके जाने के बाद हम तीनों शाम तक बिस्तर पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गए थे.
मेरी चुत और गांड का मुँह पहले से भी ज्यादा चौड़ा हो चुका था. पिंकी का तो पूछो मत, उसकी चुत और गांड भी एक चौड़े साइज़ की हो चुकी थी. उसे ही सबसे ज्यादा मजा आया. उसके बाद मैं पिंकी के साथ वापस चली आई.
वापस आते समय शिखा ने कहा- जब कभी भी इच्छा हो, आ जाना.
मैंने कहा- मैं जरूर आऊँगी.
पिंकी बोली- क्या तू मुझे अपने साथ नहीं ले आएगी?
मैंने पिंकी से मजाक किया, तुझे तो ज्यादा लम्बा और मोटा लंड पसंद ही नहीं है. फिर तू आकर क्या करेगी.
पिंकी ने मेरे गाल काट लिए और बोली- मेरी चुत और गांड में तो अभी भी आग लगी हुई है.
मैंने कहा- चल मैं तेरे लिए फ़िर से लंड ब्रिगेड बुला दूँगी. मेरी बात सुनकर वो जोर जोर से हंसने लगी.
कैम गर्ल सेक्स स्टोरी में मैंने अपनी एचआर मेनेजर लड़की को डेल्ही सेक्स चैट वाली लड़की के सामने चोदा. वह मुझसे एक बार पहले भी चुदाई करवा चुकी थी।
दोस्तो, मैं सलमान अपनी सेक्स स्टोरी
ऑफिस में एचआर की चूत चोदी
का अगला भाग लेकर आया हूं।
पिछले भाग में मैंने आपको बताया था कि कैसे मैंने अपने ऑफिस में एचआर जैनब को चूत में उंगली करते देख लिया था।
मैंने उसको ओवरटाइम बंद करवाने के लिए ब्लैकमेल भी किया लेकिन वो नहीं मानी।
मगर फिर बदले में मुझे उसके साथ सेक्स करने का मौका मिला।
अब मैं आगे की कैम गर्ल सेक्स स्टोरी आपको बताने जा रहा हूं।
उसके कुछ दिन बाद, मैं अपने डेस्क पर बैठा हुआ काम कर रहा था।
मुझे हमेशा की तरह देर तक काम करना था।
लेकिन अब इसमें एक चीज और भी जुड़ गई थी जिसमें मुझे बड़ा मजा आता था।
मैंने तुरंत अपनी एचआर के पास मैसेज किया- मैं आज फिर देर रात तक रुकने वाला हूं!
उसके कुछ मिनट बाद उसका रिप्लाई आ गया।
उसने एक GIF बनाकर भेजी थी।
इसमें उसने शर्ट के बटन खोलकर चूचियों को हाथों से ऊपर उठाते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली हुई थी।
इसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।
लेकिन ऑफिस में अभी कई लोग मौजूद थे।
मैं चुपचाप अपना काम करता रहा और सबके जाने का इंतजार करने लगा।
जब सब लोग चले गए तो मैं एचआर जैनब के केबिन की तरफ चला।
पहुंचा तो जैनब मुझे देखते ही मुस्करा दी और उसने अपनी शर्ट के बाकी बटन भी खोल दिए।
जैनब- काफी देर लग गई तुम्हें?
मैं- मुझे तुम्हें इंतजार करवाने में मजा आता है।
जैनब- और ऐसा क्यों?
मैं- क्योंकि अब भी मुझसे ज्यादा काम करवाया जाता है।
जैनब- श्श्श … लाओ मैं तुम्हें रिलेक्स करती हूं।
वो उठी और मुझे किस करने लगी।
मैंने उसके बाल खींच कर पीछे कर दिया और उसकी गर्दन चूमने लगा। मैंने उसकी गर्दन पर काट लिया जिससे उसकी आहह … करके सिसकारी निकल गई।
फिर मैंने उसको घुमा लिया।
वो अपने डेस्क पर झुक गई और मैं उसके पीछे झुक गया।
हम दोनों के हाथों की उंगलियां आपस में फंसने लगीं और इसी दौरान मेरा लंड उसकी गांड पर फिरने लगा।
मैं- इस डेस्क की लकड़ी बहुत सख्त है, है ना?
जैनब- हम्म, लेकिन अभी तो मैं किसी और लकड़ी के बारे में सोच रही हूं!
कहकर उसने आंख मार दी.
जैनब घूमी और उसने मेरी पैंट को नीचे खींच दिया।
घुटनों पर आते हुए उसने मेरे तन चुके लौड़े के टोपे पर एक किस कर दी।
अगले ही पल हल्के झटके के साथ मेरा लंड उसके मुंह में था।
उम्म … करते हुए उसने पूरा लंड मुंह में समा लिया और अपना प्यार और लार उस पर लुटाने लगी।
मेरा लंड बड़े मजे से चूसते हुए उसने पूरा गीला कर दिया।
मैंने उसके बाल खींचे और पूरा लंड गले में धकेल दिया।
वो गूं-गूं करने लगी।
मैं- मुझे रूमी (कैम गर्ल) को भी कॉल करना चाहिए, इससे पहले कि मैं तुम्हारे चेहरे को अपने माल से नहला दूं।
जैनब लंड निकालकर हांफते हुए- हम्म … अच्छा रहेगा शायद, बाद में फिर मैं रुक भी नहीं पाऊंगी।
कहकर वो जोर जोर से लंड को चूसने लगी।
मैं उसके डेस्क पर बैठ गया और मैंने dscgirls.live वेबसाइट को खोल लिया।
किस्मत से उस वक्त रूमी भी फ्री थी।
वह भी हम दोनों को जॉइन करने के लिए उत्साहित लग रही थी।
इंडियन सेक्स कैम मॉडल रूमी
जैनब मेरी टांगों के बीच में लंड को चूसने में लगी हुई थी.
इसी बीच उसने अपने पर्स में से मुझे अपना डेबिट कार्ड निकाल कर दे दिया।
मैंने कार्ड के माध्यम से क्रेडिट खरीद लिए।
फिर मैंने रूमी को नंगी होने के लिए कह दिया।
मैंने अब फिर से जैनब के बालों को कस कर पकड़ लिया।
अब मेरे लंड से उसकी लार बहकर नीचे जाने लगी थी।
मेरे लंड के टोपे पर उसके गले का निचला भाग महसूस हो जाता था।
लेकिन मैं धक्का देकर लंड को उससे भी नीचे तक धकेल देता था जिससे उसका गला बिल्कुल रुक जाता था।
वो उल्काते हुए मेरी तरफ हैरानी से देखने लगती थी और उसके मुंह से लार नीचे बहती दिख रही थी।
जैनब- तुमने तो मुझे पागल कर दिया, मजा आया!
उसने फिर से अपना मुंह खोल लिया।
मैंने फिर से उसका सिर पकड़ा और लंड को मुंह में देकर धकेलने लगा।
उसको बार बार मैंने उल्काई के लिए मजबूर किया।
इस दौरान रूमी की वीडियो कॉल कनेक्ट हो चुकी थी।
वह अपनी चूत में धीरे-धीरे उंगली चला रही थी।
लेकिन उसने जैनब को इस तरह से लंड से बेहाल होते देख लिया था।
इसलिए रूमी भी अब तेजी से चूत को रगड़ने लगी।
रूमी ने मुझसे नजरें मिलाईं और इतने में ही जैनब के मुंह की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ गई और मैं आनंद में गर्रा … उठा।
मेरा अब छूटने ही वाला था।
मैंने जैनब के मुंह को पकड़ लिया और लंड को जोर से अंदर धकेलने लगा।
जैनब की आंखें बाहर आने लगीं, जैसे वो लंड को बाहर निकालने की मिन्नत कर रही हो।
लेकिन एक्सएक्सएक्स कैम गर्ल रूमी को जोर से चूत रगड़ते देख मैंने उसके मुंह में वीर्य की पिचकारी मारना शुरू कर दिया जो उसके गले में गिरने लगी।
रूमी भी मेरी तरफ देखते हुए सिसकारने लगी।
मैंने अपने लंड को फिर बाहर निकाल लिया।
बाहर निकाला तो मेरे लंड के टोपे और जैनब के होंठों के बीच चिपचिपे वीर्य की एक लाइन बंध गई। उधर रूमी का बदन अकड़ने लगा था।
मैंने जैनब को लंड के और पास कर लिया।
वो मेरे आंड चाटने लगी।
यह देख रूमी की भी आह्ह निकल गई।
वह बोली- आह्ह फक! तुम तो सच में बड़े कमीने हो! बहुत हॉट! आह्ह … मेरा छूट रहा है … आह्ह!
इतने में ही रूमी का बदन जोर से कांपने लगा।
वह पीछे की ओर लेट गई और जैनब उसे देखते हुए मेरे आंडों को चाटती रही।
उसकी सिसकारियां सुन सुनकर जैनब और जोर से मेरे आंड चूसती जा रही थी।
मुझे भी जैनब की जीभ का मेरे आंडों पर पूरा मजा मिल रहा था।
रूमी हम दोनों को देख रही थी।
वह मेरी तरफ रंडी की तरह देख रही थी और अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी।
उसकी दो उंगलियां उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रही थीं।
अब मैं धीरे से उठा और जैनब को फर्श से उठा लिया।
मैं उसे किस करने लगा।
जैनब को मैंने अब डेस्क पर बैठा लिया।
उसकी टांगें खोलकर मैंने उसकी जांघों को थाम लिया और फिर लैपटॉप में देखा।
उधर रूमी ने भी अपनी टांगें खोल लीं और इतने में ही जोर से मैंने धक्का दे दिया।
लंड अंदर घुसते ही जैनब की जोर की आह्ह निकली जो बहुत गहरी थी।
उसके चेहरे को देख कर लग रहा था कि वो अपने ही डेस्क पर ऐसे बेरहमी से चुदने का कितना मजा ले रही है।
मैं धक्के लगाते हुए- कल जब तुम यहां काम कर रही होगी … तुम इस डेस्क पर बैठोगी … (धक्के लगाते हुए) अपनी गीली चूत के बारे में सोचोगी … कि कैसे ये मेरे मोटे और गीले लंड से चुदी थी।
रूमी- ओह फक! आह्ह … हां, ऐसे ही चोदते रहो उसे!
मैं- मुझसे चुदना अच्छा लग रहा है तुम्हें? तुम चाहती हो कि मैं यहां ओवरटाइम करता रहूं ताकि ऐसे ही तुम्हें पेल सकूं?
मैं जोर से धक्के लगाते जा रहा था.
जैनब- ओ माय गॉड! प्लीज रुको नहीं, करते रहो … आह्ह आहह।
अब उसकी चूत से पच-पच की आवाज होने लगी थी।
उसकी चूत से सफेद पानी निकलने लगा था।
वह मेरे लंड की कठोर, लेकिन आनंद देने वाली अनुभूति का मजा ले रही थी।
उधर रूमी कैम गर्ल सेक्स का पूरा आनंद ले रही थी।
मेरा लंड जैनब की चूत में अंदर तक पहुंच रहा था और वह अपने होंठों को काट रही थी।
उसकी चूत का गीलापन बढ़ने से अब मैं भी गुर्राते हुए चोदने लगा था।
मैंने उसे घुमा लिया और उसके कंधों को पकड़ लिया।
अब उसने डेस्क को कस कर पकड़ लिया और गहरी सांसें भरने लगी।
वह कैमरा में देख रही थी और उसकी टांगें चौड़ी खुली थीं।
रूमी हम दोनों को देखते हुए तेजी से अपनी चूत को रगड़ रही थी।
मैं- तुम्हें मजा आ रहा है रूमी?
रूमी- ओह फक! फक!
उसकी टांगें उसके हाथ पर लिपटी हुई थीं और उसकी आँखें कसकर बंद थीं और वो जोर से सिसकार रही थी।
तभी जैनब बोली- फक … चोदो मुझे … कसकर!
मैं पूरे जोश में जैनब को चोदने लगा।
अब उसकी सिसकारियां और तेज हो गईं।
वह खुद को कैमरा में चुदते देख रही थी और लगातार आहें भर रही थी।
उसका मुंह खुल गया था और बदन दोहरा होने लगा था।
मैं रुक नहीं रहा था।
मैंने उसके चूतड़ों को थाम लिया और लंड को पूरा जड़ तक घुसाने लगा।
उसकी कमर को दोनों ओर से थामकर मैं जोर से लंड को पेल रहा था।
जैनब जोर से चिल्लाते हुए अपने होंठों को काट रही थी।
अब उसकी आंखें पलटने लगीं।
देखते ही देखते वो टेबल पर ढेर हो गई।
फिर उसने अपनी टांगें पूरी खोलकर ढीली फैला दीं।
वह लेट गई और मैंने लंड को बाहर खींच लिया।
जैनब- नहीं, इसे मेरे अंदर ही रखो, प्लीज!
फिर मैं उस पर लेट गया।
मैंने उसको पलटाया और उसके होंठों पर किस करने लगा।
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी तक पहुंच रहा था।
वह मुझे डीप किस कर रही थी।
जैनब- मुझे ऐसे ही अंदर तक खोदते रहो!
मैं भी अब लंड को पूरा अंदर तक धकेल रहा था।
मेरा पसीना उसके बदन को भिगो रहा था।
मैं तेजी से धक्के देने लगा और जैनब की चूत की पकड़ मेरे लंड पर बढ़ने लगी।
उसकी टांगें मेरे चारों ओर आकर कस गईं।
मैंने रूमी की तरफ देखा तो वह हम दोनों को देखकर अपने होंठ काटते हुए अपने बदन को सहला रही थी।
मैं भी आहें भरने लगा।
मेरा बदन अकड़ने लगा लेकिन मैं लंड को अपनी एचआर की गर्म और टाइट चूत से बाहर नहीं निकालना चाह रहा था।
मैं इसे अंदर ही रखना चाह रहा था।
जैनब- मत निकालो बेबी, मुझे भर दो!
इतने में ही मेरा माल जैनब की टपकती चूत में गिरने लगा।
वह जोर से सिसकारी और पीछे की ओर झुक गई।
मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा।
कैम गर्ल रूमी हंसी और अपनी चूत को कैमरा के पास ले आई।
हमने देखा कि उसकी चूत किस कदर गीली हो गई थी।
मैंने जैनब को किस किया और हम दोनों रूमी की तरफ देखकर मुस्करा दिए।
मैं जैनब की चूत में कुछ देर उंगली करता रहा तब तक रूमी ने भी सेशन बंद कर दिया।
दोस्तो, अभी भी हम रूमी के साथ खूब सारी मस्ती करते हैं।
वह हमारी पसंदीदा मॉडल है और हमें चुदाई करते हुए देखकर खूब मजा लेती है।
अगर आप लोगों को मेरी कैम गर्ल सेक्स स्टोरी पसंद आ रही है तो मैं इस कहानी का तीसरा भाग भी आपके लिए लिखूंगा।
और अगर आप जानना चाहते हैं कि जैनब, मेरे और रूमी के बीच आगे किस तरह गर्म डर्टी सेक्स हुआ, तो मुझे जरूर लिखें।
भाई और बहन की चुदाई का मजा मेरी मौसी की जवान बेटी ने मुझे दिया. हम शुरू से दोस्तों की तरह थे, खुल कर बात करते थे. हम दोनों के बीच सेक्स सम्बन्ध कैसे बने?
नमस्ते, मैं राज आज आपके सामने अपने साथ घटी इस भाई और बहन की चुदाई कहानी को पेश करने जा रहा हूँ.
मैं एक साधारण तौर तरीके से रहने वाला लड़का था.
पर मेरी लाइफ में ऐसे उतार-चढ़ाव आए कि क्या बताऊं.
मैं उस वक्त तक सेक्स के बारे में कुछ नहीं जानता था.
जब मैं पॉर्न देख कर व सेक्स कहानी पढ़ कर सेक्स को समझने लगा तो उसको महसूस करने लगा.
तब मेरा ब्लूफिल्म देखने से ज़्यादा पढ़ने में इंटरेस्ट था.
इसी रूचि ने मुझे इन्सेस्ट की तरफ मोड़ा और अन्तर्वासना से मिलवाया.
बस फिर क्या था अन्तर्वासना को पढ़ना मेरी जीवन में एक आवश्यक हिस्सा बन गया.
अन्तर्वासना को मुझे पढ़ते हुए कई साल हो गए.
मैं इन्सेस्ट को जान ही चुका था.
जब मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था, तब मेरे साथ मेरी मौसी की बेटी भी पढ़ रही थी.
हमारी उम्र बराबर की है.
मैं उसके बारे में आपको अभी जानकारी नहीं दूंगा, सेक्स कहानी को आप आगे पढ़ोगे, तब आप खुद ही समझ जाओगे कि वो देखने में कैसी थी.
हमारे कॉलेज पास में ही थे. पर मैं कभी उससे मिलने नहीं जाता था.
हम दोनों भाई बहन कम, दोस्त ज़्यादा थे.
उसने मुझे अपनी एक सहेली को गर्लफ्रेंड बनाने में मदद भी की थी लेकिन उसकी सहेली से मेरा रिश्ता ज़्यादा समय तक नहीं चला था.
जब मैं उसके घर गया था, तब थोड़ा कॉलेज में जाने के बाद जो परिपक्क्वता आती है ना, उसकी वजह से मैं खुद में ही मस्त रहने लगा था.
उसके साथ पहले जैसी बातें भी नहीं कर रहा था तो उसने मुझसे पूछ लिया- क्या हुआ है तुम्हें, तुम पहले जैसे नहीं रहे?
मैंने उसे यूं ही बता दिया कि कॉलेज की टेंशन की वजह ऐसा हो रहा है.
उस वक्त मैंने उसकी आंखों में कुछ अलग सी चमक देखी थी.
दरअसल उस सुबह उसने मेरे मोबाइल में क्रोम की हिस्टरी पर अन्तर्वासना साइट को देखा था.
वो मुझ पर नज़र रख रही थी और दोपहर में उसने मुझे लंड हिलाते हुए भी देख लिया था.
यह बात उसने मुझे बाद में बताई थी.
उसके बाद मैंने नोटिस किया कि वो दुपट्टा इस्तेमाल नहीं कर रही है और बार बार किसी ना किसी वजह से मेरे पास आ रही है.
झाड़ू लगाने से खाना परोसने तक उसने मुझे अपना बदन दिखाया था.
खाना परोसते हुए जब वो झुकी, तो मुझे उसके मम्मे लगभग 60% दिख गए थे.
वो देख कर तो मैं पागल हो गया था.
पर तब मुझे वो सब ग़लत लगा था.
फिर बाद में जब मैं अपने घर गया तो बार बार मुझे उसकी चूचियों की ही याद आ रही थी.
वो देख कर और उसे याद करके मैं बहुत ज्यादा गर्म हुआ था उअर मैंने कई बार मुठ मारी.
कुछ ही समय में मैं अपनी बहन को पाने के लिए पागल हो गया था.
हर बार मैं उसी की याद में लंड हिलाने लगा था.
कुछ दिन बीतने के बाद जब हम कॉलेज गए, वहां में उससे दोबारा मिलने लगा; हमेशा कुछ ना कुछ बहाना बनाकर साथ रहने लगा, उसके बूब्स को देखने लगा.
पर इतनी मेहनत के बावजूद भी कुछ ख़ास फर्क नहीं हुआ, ना ही उसने कुछ सिग्नल दिया.
मैं कुछ नहीं कर पाया.
फिर एक दिन मैंने उसे घूमने के लिए मना लिया.
हम दोनों मेरी बाइक पर चले गए.
मैं बार बार ब्रेक इस्तेमाल करने लगा ताकि उसके बूब्स मेरी पीठ को टच करें.
शायद वो भी मेरी हरकत को नोटिस कर रही थी मगर उसने कुछ नहीं कहा.
हम दोनों ने पिज़्ज़ा खाया और एक फेमस होटल में कॉफी पीने चले गए.
वहां जब मैं अपनी बहन के सामने बैठा था तो वो कुछ झुक कर मोबाइल में देख रही थी.
मैं बार बार उसके बूब्स को देखने लगा.
उसने भी मेरी नजरों का पीछा किया, पर वो कुछ नहीं बोली.
फिर जब मैं घर पर था तो उसके साथ चैट करने लगा व्हाट्सैप पर!
दरअसल हमारे यहां एक प्रोग्राम था, मैं उसे उसी के बारे में बता रहा था.
मैं- यार, उस दिन के बारे में थोड़ी बात करनी थी.
जिया- कौन सी बात, बोल ना!
मैं- हम घूमने गए थे न, उस दिन वाली बात.
जिया- अच्छा, क्या बात?
मैं- मुझे माफ़ कर दे यार!
जिया- किस बारे में बोल रहा है तू?
मैं- यार मैं पागल हो गया था जो बार बार तेरे उन्हें देख रहा था.
जिया- मतलब?
मैं- यार प्लीज़ सॉरी यार मुझे माफ़ कर दे, मैं तेरे पैर पड़ता हूँ.
जिया- तुम क्या बोल रहे हो?
मैं- यार वही जो कॉफ़ी पीते वक़्त देख रहा था, प्लीज़ यार आई एम रियली सॉरी यार.
जिया- हम्म … वो!
मैं- प्लीज़ यार माफ़ कर दे प्लीज़.
नो रिप्लाई.
मैं- प्लीज़ यार ई’म रियली सॉरी यार.
जिया- हां ठीक है.
मैं- यार प्लीज़ प्लीज़ सॉरी सॉरी.
जिया- हां कहा ना, ठीक है. पर पता है, उस दिन मुझे बहुत डर लग रहा था.
मैं- मैं मर जाऊंगा यार, ऐसा कुछ मत बोल … ग़लती हो गयी थी मुझसे प्लीज़ माफ़ कर दे.
जिया- ओके.
ब्लॉक्ड …
मैं शॉक्ड.
दो महीने तक मैं ब्लॉक रहा था.
फिर एक दिन उसी का कॉल आया.
जिया- कॉलेज आई हूँ कब से मिलने नहीं आया तू … आ जा मेडिकल के सामने खड़ी हूँ.
मैंने कहा- ओके.
मैं उससे मिलने गया और हम दोनों ने करीब एक घंटा तक बातें की. पर मुश्क़िल से मैं उससे नज़र मिला पा रहा था.
बाद में ऐसे ही दो महीने निकल गए.
फिर एक दिन उसी ने कॉल किया और कहा कि घूमने चलते हैं.
बारिश का मौसम था.
मैंने पूछा- कहां जाना है?
तो बोली- कहीं बाहर चलते हैं वॉटरफॉल वगैरह देखने के लिए.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं पहले वाली बात को अभी तक नहीं भूला था, पर पता नहीं वो क्यों इतना फ्री होकर बात कर रही थी.
फिर अगले दिन हम दोनों चल दिए.
हम चार लोग थे. वो, उसके 2 दोस्त और मैं.
मैं और वो एक बाइक पर थे.
हमें निकले हुए अभी आधा घंटा ही हुआ था कि बारिश शुरू हो गयी.
मैंने पूछा- रुकना है क्या?
वो बोली- नहीं, आज भीगना है मुझे … चलो.
उसके दोस्त तो रुक गए, हम आगे चल दिए.
थोड़ा आगे जाने के बाद मुझे महसूस हुआ कि वो मुझसे चिपक कर बैठी है.
मैं थोड़ा आगे को हो गया.
वो और आगे हो गयी.
फिर मैं थोड़ा और आगे हुआ, वो फिर से आगे आने लगी.
मैंने कहा- थोड़ा पीछे को हो जा!
वो कुछ नहीं बोली. दस मिनट तक चुप थी.
बाद में वो फिर से चिपक गयी.
इस बार मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया.
मैं वैसे ही बैठा रहा.
वो अपने बूब्स मेरी पीठ पर दबा रही थी, ये मुझे साफ़ महसूस हो रहा था.
पर मैं कुछ कर नहीं पा रहा था.
उन्हें पाने की चाहत तो मुझमें भी थी, पर मन में डर बहुत था इसलिए चुप था और कुछ कर नहीं पा रहा था.
फिर कुछ ही मिनट के बाद मैं बोल पड़ा- यार जिया, ये क्या कर रही है? इतना क्यों चिपक कर बैठी है?
उसने कहा- अरे थोड़ी ठंड लग रही है.
मैंने कहा- अच्छा ठीक है.
मुझे उसके बूब्स बहुत अच्छे से महसूस हो रहे थे और करेंट सा दौड़ रहा था तो बॉडी में हलचल तो होनी ही थी.
पर मैंने कुछ नहीं किया.
हम दोनों घूम कर वापस आ गए.
उसने मुझे उसी होटल पर ले जाने के लिए कहा जहां हम पिछली बार गए थे और वो सब दूध देखने की घटना घटी थी.
उस दिन इससे ज्यादा कुछ ख़ास नहीं हुआ.
दस दिन बाद उसका बर्थडे था तो मैंने रूम पर ही सेलीब्रेट करने का प्लान बनाया था.
मेरा भाई और वो ऐसे हम 3 लोग थे.
सेलिब्रेशन हुआ.
भाई को कॉल आया तो वो केक खिला कर बाहर चला गया.
मैंने भी उसे केक खिलाया और भाई ने पहले ही जिया के चेहरे पर केक लगाया था.
जिया वो सब साफ़ करके वॉशरूम से बाहर आ गयी.
तब मैंने देखा कि अभी ठीक से साफ़ नहीं हुआ है.
मैंने उसे बताया कि अभी ठीक से साफ़ नहीं हुआ है.
उसने कहा- तू ही साफ़ कर दे.
मैं साफ़ करने लगा.
उसके बालों में और कान के पीछे भी थोड़ा लगा था तो मैंने हटा दिया.
पर पता नहीं क्या हुआ, जैसे ही कान के पीछे का निकालने लगा, वो मेरी तरफ नशीली आंखों से ऐसे देख रही थी मानो अभी किस कर दे.
लेकिन पहल कौन करे, इसी में मामला रह गया और तभी भाई आ गया.
आग दोनों तरफ लगी थी बस चिंगारी किसकी तरफ से होगी, ये पता नहीं था.
कुछ दिन बाद हम दोनों फिर से घूमने चले गए.
इस बार हम 8-10 लोग थे.
उसके और मेरे भाई के कुछ दोस्त थे.
इस बार भी वो मेरे साथ ही मेरी बाइक पर बैठ गयी.
बारिश तो पहले से ही हो रही थी तो सबने भीगते हुए जाने का फ़ैसला किया था.
सब चल दिए.
मैंने पहले थोड़ा पीछे रहने की कोशिश की लेकिन हमारे साथ कुछ जी एफ, बी एफ वाले बंदे थे तो वो हमारे भी पीछे रहने लगे.
मैंने बाद में बाइक तेज़ चलाना चालू कर दिया.
जैसे ही हम थोड़ा आगे निकल गए, जिया ने अपना जादू चालू कर दिया.
वो मुझसे चिपक कर बैठ गयी.
इस बार मैं भी थोड़ा हंस पड़ा और अच्छा महसूस करने लगा.
थोड़े समय बाद मैंने उसका हाथ थोड़ा नीचे खिसका दिया.
मतलब सीधा लंड पर रख दिया.
पहले तो उसने गुस्से में हाथ उठा लिया, मेरी गांड फट गयी और वो पीछे को होकर बैठ गयी.
इससे मेरी तो बत्ती गुल हो गयी.
मैंने बाइक स्लो की और डरते हुए कहा- तुम दूसरी बाइक पर बैठ जाओ.
उसने कुछ नहीं कहा, बस गुस्से में बोल दिया- चलते रहो.
कुछ देर बाद वो फिर से चिपक गयी और मेरे निप्पल के साथ खेलने लगी.
मैं ऐसी दुविधा में था कि मैं क्या करूं. मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था.
तभी …
जिया- कैसा लगा मेरा मज़ाक?
मैं एकदम शॉक था.
जिया- अरे बाबा, मैं मज़ाक कर रही थी. यार सॉरी.
मैं- अरे जिया, ये कोई मज़ाक होता है. आज तो मैं गया था काम से!
जिया- अरे नहीं यार, ये सब उसी दिन हो जाता.
मैं- कब किस दिन?
जिया- मेरे बर्थडे के दिन अगर भाई अन्दर ना आता तो मैं तुझे किस करने ही वाली थी.
मैं एकदम से खुश हो गया और बोला- कोई बात नहीं, इंतज़ार का फल मीठा होता है.
वो मेरे निप्पलों के साथ उंगली से खेले जा रही थी.
मैं- मुझसे अच्छे तो तेरे निप्पल हैं.
जिया- अच्छा तूने कब देखे?
मैं- अभी इतना चिपक कर बैठेगी तो उसकी पूरी जियोग्राफी समझ आ जाएगी.
जिया- अच्छा … सुन ना, मुझे अभी किस करना है, चलती बाइक पर!
मैं- चलती बाइक पर कैसे करेंगे? पागल है क्या?
जिया- मैं कुछ नहीं जानती, मुझे करना है मतलब करना है.
मैं- अच्छा ठीक है. रुक जरा सोचने दे.
मैंने बाइक स्लो की और कहा कि धीरे से आगे को आ जा.
जिया- कैसे?
मैंने उसे एक साइड से थोड़ा आगे किया और कहा- धीरे से तेरा लेफ्ट पैर साइलेंसर पर रख ले.
उसने वैसे ही किया, जिसकी वजह से वो एक साइड में खड़ी सी हो गयी.
मैंने बस इतना ध्यान में रखा कि बाइक की रफ्तार एक सीमा के ऊपर नहीं जानी चाहिए और वो फिसलने ना पाए.
फिर मैंने उससे कहा.
मैं- अब तुम अपना एक पैर मेरे सामने से मेरी एक बाजू में डाल ले.
जिया- पागल तो बोल देता ना कि हृतिक और कटरीना ने जो एक फिल्म में बाइक पर सीन किया था, वैसे करना है.
वो सामने बैठती हुई बोली.
मैं- मुझे क्या मालूम था कि तुझे …
तभी एकदम से उसने किस किया.
जिया- मुहहाआ …
किस हुआ और उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
जिया- साले पूरा गर्लफ्रेंड की तरह ट्रीट कर रहा है मुझे.
तभी पीछे दूर उसे बाइक्स आती दिखीं, तो उसने मुझसे कहा.
मैंने झट से अपनी बाइक रोकी और उतर गए.
हमारे दोस्त हमारे पास आ गए तो उन्हें बताया कि मुझे वॉशरूम जाना था, इसलिए रूके थे.
जब वो सब आगे चल दिए तो जिया बोली- सुन भाई, मुझे यार अब रहा नहीं जा रहा, मुझे सेक्स करना है.
मैं- पगली, ये तो कब से सलामी देने के लिए खड़ा है.
जिया- अच्छा.
उसने लंड पर हाथ रखते हुए पीछे से मेरे कान में कहा- एक बात बता?
मैं- जी पूछिए जानेमन.
जिया- इसका साइज़ कितना है?
मैं- क्या?
एकदम से ऐसे सवाल का मुझे अंदाज़ा नहीं था.
जिया- सच बता न … क्या साइज़ है? वैसे भी आज रूम पर जा कर देखने ही वाली हूँ.
मैं- यार कभी साइज़ चैक ही नहीं किया, पर मेरे ख़याल से होगा 6-6.5 के बीच.
जिया- अच्छा … अरे वाहह आज तो बहुत मज़ा आने वाला है.
मैं- लगता है तेरी चूत के जंगल में पूरी आग लग चुकी है.
जिया- हां यार.
मैं- एक बात बता, तेरे बूब्स का साइज़ क्या है?
जिया- शायद 32 होगा.
मैं- साला इतनी उम्र में भी तेरे बूब्स ऐसे लगते हैं, जैसे 2-3 बच्चों को दूध पिला कर आई हो.
जिया- हां यार, बहुत बड़ा साइज़ है न!
मैं- कोई ना, मुझे बड़े अच्छे लगते हैं.
हमारी इतनी गर्म बातों से मेरा लंड खड़ा हो गया और वो ऊपर से लौड़े को सहला भी रही थी.
मैं- अरे पागल इतना सहलाएगी तो मेरा निकल जाएगा. मैंने कभी औरत का टच नहीं फील किया, प्री-कम तो कब का आ चुका होगा.
जिया- मैं उसे बाहर निकाल रही हूँ.
ऐसा कहते हुए उसने ज़िप खोली और लंड बाहर निकाल लिया.
जैसे ही हाथ में लंड पकड़ा मेरा माल निकल गया.
जिया- तेरा साढ़े छह इंच से ज़्यादा बड़ा है और साले हिलाने तो देता, पकड़ते ही झड़ गया.
मैं- कहा था ना कि कभी टच नहीं फील किया.
हम ऐसे ही घूम कर वापस आ गए.
मेरे और मेरे भाई के कहने पर वो हमारे फ्लैट पर आ गयी.
पर भाई को कुछ अर्जेंट काम आ गया और वो तुरंत चला गया.
वैसे भी हम भीग कर आए थे.
मुझे गर्म पानी से नहाना था तो मैं बाथरूम में चला गया और जानबूझकर दरवाजा खुला रखा.
वो पीछे से आ गयी.
उसने लंड पकड़ा और हिलाने लगी.
एक बार मैं पहले ही झड़ चुका था, पर फिर भी तुरंत से दोबारा झड़ गया.
मैं मुड़ गया और बहन को किस करने लगा.
वो भी साथ देने लगी तो बहुत तेज़ किस करने लगा.
फ्रेंच किस टाइप किस करने लगा.
उसने बीच में रोका और कहा- साले, सांस तो लेने दे!
मैं- बेब आज कुछ मत बोल!
मैं उसके कपड़े उतारने लगा.
सलवार कुरती और बाद में मैंने जैसे ही ब्रा उतारी, मैं अपनी बहन के एक दूध को चूसने लगा और पागलों की तरह दूसरे को दबाने लगा.
वो भी मज़े ले रही थी.
फिर उसकी पैंटी में हाथ डाल कर चूत के साथ खेलने लगा.
कुछ ही पलों में मैंने उसकी पैंटी उतारी और नीचे बैठ गया.
मैंने उसकी चूत में उंगली डाल रखी थी.
फिर मैं जीभ लगा कर चूत के साथ खेलने लगा और चूत चाटने लगा.
पूरा बाथरूम उसकी सिसकारियों से गूँज उठा- अहह आह साले बहनचोद मर गई आह!
जब मैं रुका, तो उसने गुस्से से कहा- क्यों रुका भोसड़ी के.
ये कह कर उसने मेरा सिर वापस चूत में दबा दिया.
जिया- कर मादरचोद आआह मजा आ रहा है … आआहह मेरा निकलने वाला है … चूस साले.
बस उसका रस निकल गया, पूरा माल मेरे मुँह में आ गया.
फिर हम नहा कर बाहर आ गए.
उसने मेरा लंड सहलाना चालू किया और मुँह में ले लिया.
भाईसाहब क्या करेंट आ गया और मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.
मैंने उसे उठाया और बेड पर ले जाकर लेटा दिया.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा, उंगली डालने लगा.
वो फिर से गर्म सिसकारियां लेने लगी.
उसने कहा- बहन के लौड़े अब रहा नहीं जा रहा … दाग दे बंदूक अन्दर पेल दे कंडोम लगा जल्दी से मां के लौड़े.
मैं कंडोम लगा कर लंड चूत में डालने लगा.
जब थोड़ा सा अन्दर गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ, मैंने तुरंत बाहर निकाल लिया.
जिया- चूतिए, बाहर क्यों निकाला … वापस डाल.
इस बार जब थोड़ा अन्दर गया तो पहले से ज़्यादा दर्द हुआ और मैं चिल्ला दिया ‘आआह …’
जिया को लगा कि मैं फिर से बाहर निकालूँगा.
उसने अपने पैरों को मेरी गांड पर दबा दिया.
मैं एकदम से चीख उठा.
‘आआह भोसड़ी की पहले बता तो देती.’
जिया- थोड़ी देर ऐसे ही रहने दे.
दर्द थोड़ा ठंडा हुआ तो मैंने झटके देना चालू कर दिया.
पर पहली बार होने की वजह से मेरा जल्दी झड़ गया.
जिया- साले, तुझे कहीं जाना है क्या … इतनी जल्दबाज़ी क्यों कर रहा है?
मैं- पहली बार है इसलिए दर्द भी बहुत हुआ और जल्दी झड़ गया.
जिया- ठीक है, आ जा मेरे बगल में.
मैं उसके बगल में लेट गया और उसकी चूचियों और चूत के साथ खेलने लगा.
उसे किस करने लगा.
कुछ ही मिनट में मेरा लंड वापस खड़ा हो गया.
इस बार वो बोली- तू लेट जा, मैं ऊपर से आऊंगी.
मेरे लंड में कंडोम लगा कर थोड़ा थूक लगाया और साली चढ़ गयी.
जैसे ही वो लंड पर बैठ गयी, बोल पड़ी- साले, मेरा ये पहली बार नहीं है, पर दर्द पहली बार से भी ज़्यादा हो रहा है. तेरा लंड है या गर्म किया हुआ सरिया है … आआह हह ऊहह.
हमारे बीच दर्द से शुरू होकर मजे वाला खेल होने लगा.
कुछ देर बाद …
जिया- मैं आ रही हूँ राज आह.
मैं- आह आ जा. मैं भी आ गया बस.
भाई और बहन की चुदाई में हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही लिपट कर सो गए.
थोड़ी देर बाद जब मैं बाथरूम में गया तो वो भी पीछे से आ गयी और वापस दोनों साथ में नहा लिए.
कुछ समय बाद भाई आ गया.
फिर जब भी हमारा मन होता और रूम पर कोई नहीं होता तो रूम में सिर्फ़ ‘ऊओ इसस्स ऑश याअहह बेबी …’ यही आवाज़ें होतीं.
हेलो फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी Antarvasna अंतरवासना पर पढ़ी, अब मैं आप लोगों को उसके बाद क्या हुआ उसका हाल सुनाउँगा।
जब मैं भाभी की गांड में ऊँगली कर रहा था तभी उसकी छोटी बहन कॉलेज से वहाँ आ गई और उसने हमको देख लिया और वो बेडरूम के बाहर चली गई।
और फिर थोड़ी देर बाद मैं और भाभी बेडरूम के बाहर आए तो वो सोफा पर बैठी हुई थी उसने हमको देख कर कहा- तुम क्या कर रहे थे?
तो भाभी ने कहा- तुम्हारे जीजू जो नहीं करते वो मैंने इसके पास करवाया।
उसने कहा- मैं जीजू को बोल दूँगी।
पर भाभी घबराये बगैर कहने लगी- कोई बात नहीं, मैं भी तुम्हारी सारी बातें जानती हूँ।
तो वो बोली- कैसी बातें?
कहने लगी- तुम बाथरूम में रोज क्या करती हो, अपनी पुसी को रब करके उसमे उंगली रोज करती हो कि नहीं?
यह सुनकर वो घबरा गई, तो फिर भाभी कॉनफिडेंस में आ गई और कहने लगी- तुम चाहो तो तुम भी मज़े ले सकती हो, मुझे कोई प्राब्लम नहीं है।
यह सुनकर मैं खुश हो गया कि चलो एक साथ दोनों बहनों को चोदने को मिलेगा और एक तो वरजिन है।
फिर भाभी उसके पास जाकर बैठ गई और का स्कर्ट बहुत छोटा था, उठा दिया।
तो मैं देख कर हैरान हो गया कि उसकी पेंटी एक दम भीगी हुई थी।
भाभी ने कहा- अभी तुम क्या कर रही थी हमको देख देख कर अपनी पुसी रब कर रही थी ना?
और कहा- चलो, आज तुम भी पूरा मज़ा ले लो।
और उसकी पुसी को रब करने लगी।
यह देख कर मेरा लंड फिर खड़ा हो गया और मैं सोफा के पीछे खड़े होकर उसके बड़े बड़े टाइट बूब को दबाने लगा।
अब वो भी मस्ती में आने लगी एक तरफ भाभी उसकी पुसी को सक कर रही थी और दूसरी तरफ मैं बूब्स को दबा रहा था, उसके बूब बहुत ही टाइट और मोटे थे।
फिर वो बोली- प्लीज़, मेरे बूब्स को सक करो।
मैं सोफा पर आकर बैठ गया और उसका शर्ट उतार दिया और उसके बूब को सक करने लगा।
उसके बूब को सक कर कर एकदम रेड हो गया और उसकी पुसी ने भी पानी छोड़ दिया था।
अब वो एकदम हॉट हो चुकी थी।
मैं उसके सारे बदन को सक कर रहा था।
फिर मैंने अपना पेंट उतारा और मेरा मोटा और लंबा लंड उसके मुँह में देने की कोशिश करने लगा तो वो मना करने लगी।
पर मैंने कहा कि जब तक तुम इसको सक नहीं करोगी यह तुम्हारी पुसी में जाने से इनकार करेगा सो प्लीस इसको सक करो।
फिर वो मेरे लंड को सक करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आने लगा।
अब मैं उसकी पुसी को सक करने लगा फिर एक बार उसकी पुसी ने पानी छोड़ दिया।
भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो वरना कोई आ जाएगा, अब यह एकदम तैयार है अपना कॉक इसकी पुसी में डालो।
अब भाभी भी पूरी तरह न्यूड थी और वो भी अपनी पुसी में फिंगरिंग कर रही थी और अपनी सिस्टर को बोल रही थी- चाटो मेरी पुसी को… तुम्हारे जीजू तो इसको छूते ही नहीं है यह मुझे बहुत परेशान करती है।
तो मैंने भाभी को कहा कि तुम्हें जब भी अपनी पुसी और सारे बदन को चटवाना हो तो मुझे याद कर लेना मैं आपके सारे बदन को मसाज और चाटूँगा।
तो बोली- हाँ ज़रूर, मैं अब तुमसे ही अपने बदन की मालिश और सक करवाउंगी। तुम इस काम में बहुत एक्सपर्ट हो।
और कहा- चलो अब इसकी पुसी की प्यास बुझा दो। यह भी बाथरूम में जा जा कर अपनी पुसी को रब करती और फिंगरिंग करती है।
तो वो बोली- दीदी, मैं तो जीजू और आपको रात को करते देख कर ही यह सब सीखी हूँ और मेरी पुसी में फिंगरिंग डालती हूँ। अब मुझसे इसकी खुज़ली बरदास्त नहीं होती, दीदी आप कुछ करो न।
तो भाभी ने कहा- समीर जल्दी करो।
फिर मैंने उसको सोफा पर ही लिटा दिया और उसके हिप्स के नीचे भाभी ने एक पिलो रखा क्यूंकि वो अभी वर्जिन थी।
और मुझे कहा- चलो!
और वो उसके मुँह के पास जाकर अपनी पुसी उसके मुँह पर रख दी और कहने लगी- तुम इसको सक करो।
मैं अपना लंड उसकी पुसी के सामने रखा और अंदर करने लगा पर उसकी पुसी बहुत ही टाइट थी वो अंदर नहीं जा रहा था।
यह देख कर भाभी ने कहा- थोड़ा ज़ोर लगाओ।
मैंने ज़ोर लगाया पर वो अंदर नहीं गया तो भाभी ने कहा- तुम्हारा बहुत मोटा है मैंने आज तक इतना मोटा लंड xxx मूवी में भी नहीं देखा है।
और वो वहाँ से खड़ी हुई और बेडरूम में से क्रीम लेकर आई और थोड़ा मेरा लंड पर लगाया और थोड़ा अपनी सिस्टर की पुसी पर रब किया और फिर कहा- अब अपना कॉक डालो।
मैंने फिर ट्राइ किया और मेरा थोड़ा कॉक उसकी पुसी में गया तो वो रोने लगी कि मुझे दर्द हो रहा है।
तो भाभी ने कहा- कुछ नहीं होगा और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और मुझे इशारा किया कि अब डालो।
तो मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया और सारा लंड उसकी वर्जिन पुसी में डाल दिया।
वो चीख पड़ी पर भाभी के लिप्स होने से उसकी आवाज़ नहीं निकली पर उसके आंशु निकल गये वो रोने लगी।
तो भाभी ने कहा कि कुछ देर तुम यूँ ही रहो, इसकी चूत छोटी और टाइट है इसलिए।
फिर मैं करीब 5 मिनट यूँ ही रहा और फिर मूव होने लगा अब उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी रेस्पोन्स देने लगी।
और कहने लगी कि ज़ोर से और ज़ोर से कई दिनों से मैं किसी के पास जाकर चुदवाने की सोच रही थी पर कोई मुझे मिला ही नहीं एक बार मैंने अपने लिफ़्टमैन के सामने भी अपने बूब्स दबाये थे कि यह देख कर वो मुझे छेड़े और सेक्स करे पर उसकी वाइफ वहाँ आ गई।
मैंने अपने बॉय फ्रेंड को भी कहा था पर उसका लंड तो बहुत छोटा था तुम्हारा रियली में बहुत सेक्सी और मोटा लंड है अब मैं इससे ही चुदवाउंगी।
फिर मैं 15 मिनट स्ट्रोक लगाने के बाद पानी छोड़ने वाला था तो भाभी ने कहा- रोनू बाहर पानी निकलना !
तो मैंने फॉरन अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पानी छोड़ दिया और उससे कहा कि तुम्हारी पहली चुदाई का जूस है तुम पी जाओ।
वो सारा मेरा पानी पी गई और कहा- बहुत टेस्टी है।
सो फ्रेंड कैसी लगी मेरी यह कहानी। Antarvasna
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