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Massage Girl in West Garo Hills: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in West Garo Hills who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in West Garo Hills that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The West Garo Hills massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in West Garo Hills who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your West Garo Hills massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This West Garo Hills massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in West Garo Hills who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in West Garo Hills employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in West Garo Hills helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in West Garo Hills

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in West Garo Hills at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम राजा है बदला हुआ Antarvasna नाम है और ये मेरी और मेरी मामी की है जो एक छोटे से गांव में रहती थी और मेरे मामा की वहां खेती- बाड़ी है। पर वहां सूखा पड़ जाने के कारण मेरे मामा हमारे यहाँ रहने के लिए आ गये तो मेरे पापा ने उनको कहा कि जब तक तुम को कोई काम नहीं मिल जाता तुम लोग हमारे ही साथ ही रहो। तो मेरे मामा मान गए और वो रोज़ मेरे पापा के साथ जाते।

मेरे पापा को अक्सर अपने काम से बाहर जाना पड़ता था और एक बार मेरे पापा को गोवा जाना पड़ा तो वो मामा को भी साथ ले गए और वो लोग करीब 2 महीने के बाद लौटेंगे, ऐसा कह कर गए। तो मेरी मम्मी ने कहा कि चलो उनकी सास के यहाँ होकर आते हैं.

पर मैं नहीं गया तो मेरे कारण मामी भी नहीं गई क्योंकि वो मुझे बहुत चाहती हैं इसी लिए वो नहीं गई। मेरी मम्मी ने कहा कि वो 1 सप्ताह बाद लौटेंगी और चली गई।

मेरे मन में मेरी मामी के बारे में कुछ गंदे विचार नहीं थे पर एक दिन जब मैं कोलेज़ से वापस आया तो मैंने घर का दरवाज़ा ख़टखटाया पर कोई जवाब नही मिला। मैंने फिर दरवाज़े को मारा तो उस के कुछ देर बाद मेरी मामी ने दरवाज़ा खोला और उस समय वो कुछ इस तरह थी कि सिर्फ़ एक तौलिया लपेटे हुए थी।

और मैं उनको ऐसे ही घूरता रहा क्योंकि उनका जिस्म ऐसा ही था, 36 28 36
वो मुझे देख कर हँसने लगी। उस समय उनको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और वो वहां से चली गई पर मेरा तो दिमाग कुछ देर के लिए काम नहीं कर रहा था।

कुछ देर बाद मामी मेरे कमरे में आई और मुझे देख कर हँसने लगी तो मैंने उनसे पूछा कि वो क्योँ हस रही है, तो उन्होंने कहा कि क्या तुमने किसी को ऐसी हालात में नहीं देखा?

मैंने कहा कि नहीं !

वो और हँसने लगी और उस कारण मेरा मुंह लाल हो गया, मैंने उनसे कहा कि क्या आप मुझे अपना जिस्म दिखाएँगी?
तो उन्होंने गुस्से से अपना मुँह लाल किया और मुझे डाँट कर चली गई। फिर रात को जब हमने डिनर किया और मैं अपने कमरे में चला गया। मैंने उस रात को मेरी मामी के बारे में सोच कर 4 बार मुठ मारी।

अगला दिन रविवार था और जब सुबह को उठा तो मैं नहाने के लिए बाथरूम में गया और नहा कर जब वापिस आया तो मैंने देखा कि मामी वही तौलिया पकड़े हुए है जिस पर मैंने अपना वीर्य गिराया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि तुमने रात को मुठ मारी थी क्या?

मैं कुछ नहीं बोला और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया और उस समय मैं सिर्फ़ अंडरवीयर में ही था। मैंने मामी से कहा कि यह बात मम्मी को मत बताना वरना वो तो मुझे घर से बाहर निकाल देगी और उनके पैरों पर गिर गया और उनसे माफ़ी मांगी। पर उन्होंने हँस कर कहा कि मुझे कहा होता तो मैं तुम्हारी मदद कर देती !

यह सुन कर मैं समझ गया कि मामी को मेरा लण्ड चाहिए और मैंने उठ कर मामी को गले लगाया, उस समय मामी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी। उस समय मेरा लण्ड तना हुआ था और जैसे ही मैंने उनको गले लगाया तो मेरा लण्ड उनकी फुद्दी को छू रहा था।

मामी ने कहा- यह क्या नीचे मेरे फुद्दी को छू रहा है?
तो मैंने कहा- मामी ये मेरा लण्ड है।

तो वो हँस कर धत्त कह कर चली गई और फिर मैं घूमने के लिए बाहर चला गया।

शाम 5 बजे जब मैं घर आया तो मैंने देखा कि मामी बाथरूम में है। मैं अपने कमरे में चला गया और फिर सो गया।

रात को मामी ने मुझे खाने के लिए बुलाया। मैं उठ कर फ्रेश हो गया और जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकल रहा था तो मेरे मन में ख्याल आया कि क्योँ न आज नंगा ही मामी के सामने जाऊँ ! मैंने अपना अंडरवीयर उतार दिया और वैसे ही नंगा चला गया।

जैसे मामी ने मुझे देखा तो वो जोर से चिल्लाई और कहा कि तुम तो बहुत बेशरम हो गये हो! अब जाओ!

मैंने मामी से कहा- आप ने ही तो कहा था कि जब मेरा मन मुठ मारने का हो तो मैं आपके पास आ जाऊँ! तो मेरा मन मुठ मारने का है और मैं अब आपसे मुठ मरवाने आया हूँ।

हम दोनों ने मिल कर डिनर किया और मैं सीधे मामी के कमरे में चला गया और उनके बेड पर लेट कर मुठ मारने लगा तो मामी ने कहा- चलो मैं तुम्हारी मदद करती हूँ। उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में लिया और उसे हिलाने लगी और कुछ देर हिलाने के बाद मामी भी अब जोश में आने लगी और एक हाथ से मेरा लण्ड हिलाने लगी और एक हाथ से अपने बूब्स को सहलाने लगी तो मैं समझ गया कि मामी अब जोश में आ रही हैं और फिर मैंने अपना हाथ मामी के बूब्स पर रख दिया।

वो कुछ नही बोली और मैं उनको सहलाने लगा और फिर मैं उठ कर उनके दोनों बूब्स को सहलाने लगा। पहले तो उन्होंने मना कर दिया पर मेरे थोड़ा मनाने के बाद वो मान गई। मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनको बेड पर लिटा कर उनके बूब्स को दबाने और चूसने लगा। अब मामी और जोश में आने लगी तो मैंने उनका पेटीकोट ऊपर किया और उनकी फुद्दी को सहलाने लगा। मामी ने पैंटी भी नही पहनी थी। मैंने अपनी एक ऊँगली उनकी फ़ुद्दी में डाल दी और अपनी ऊँगली से उनको चोदने लगा। वो कुछ अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी– आ आ आआ आ ऊ ऊऊ ओ श्श्श्श् अह हह हाहा

फिर मैंने उनका पेटीकोट उतार दिया और उनकी फुद्दी को अपनी जीभ से चाटने लगा। अब वो और जोश के कारण आ आआआ आ आअ ऊ ऊऊ ऊओ श्श्श्शश्श ऊऊ ऊऊओ अह हहहहः कर रही थी। कुछ देर बाद मामी ने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ और इतना कह कर वो झड़ गई। उन्होंने कहा- मुझे आज तक तेरे मामा ने ऐसा मजा नही दिया जो आज तूने मुझे मजा दिया है। अब आज से मैं तेरी रंडी हूँ और तू मेरा राजा है, आज से तू जो कहेगा मैं वही करूंगी।

तो मैंने उनको अपना लण्ड चूसने को कहा और उन्होंने मेरा लण्ड चूसना शुरू किया। कुछ देर बाद मैंने मामी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह में झड़ जा !

मैंने अपना सारा वीर्य उनके मुँह में झाड़ दिया। उनका सारा मुँह भर गया और हम दोनों वैसे ही लेटे रहे। मामी ने मेरा लण्ड सहला कर फिर से खड़ा कर दिया और फिर मैंने उनके पैर फैलाए और उनकी फुद्दी के द्वार पर अपना लण्ड रख कर एक धक्का मारा। मेरा आधा लण्ड उनकी फुद्दी के अन्दर घुस गया।

मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उनकी फुद्दी के अन्दर घुस गया। और फिर मैंने अपनी कारवाई शुरू की। मैंने जैसे जैसे स्पीड बढ़ाई, मामी जोश के कारण ऊ ऊऊ ऊआ आआ आअ ओइइ… ऊईओओइइ… ओइओइ अह्हाहा श्श्शश्श्स कर रही थी और बोल रही थी और जोर से और जोर से !

वो अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी और फिर कुछ देर बाद मामी झड़ गई और मुझे रुकने को कहा।

मैं कहाँ रुकने वाला था और फिर 25 मिनट के बाद मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने मामी से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने कहा कि मेरी फुद्दी में झाड़ दो तो मैंने वैसे ही किया और फिर मामी की फुद्दी मेरे वीर्य से भर दी और मैं शांत होकर उनके ऊपर लेट गया और फिर हमने उस रात को 6 बार चुदाई की। और फिर मैंने मामी की गांड भी मारी, यह सब अगली कहानी में !

अगर किसी ने मुझसे संपर्क करना हो तो वो मुझे मेरे मेल कर सकते हैं Antarvasna

Sex Stories

नमस्ते दोस्तो! मेरा नाम Sex Stories नयन है, अब मेरी उम्र 31 साल है पर बात तब की है जब मैं अट्ठारह साल का था. मैं बारहवी में पढ़ रहा था.

मेरे बाजू वाले घर में वीणा रहती थी. हमारा उनके यहाँ आना जाना तो था, थोड़ी मस्ती भी करता था पर गलत इरादे न उसके थे न मेरे थे.

मुझे मेरे मामा के घर जाना था. गाँव का नाम बताना यहाँ ठीक नहीं होगा लेकिन रात भर का सफ़र था, वीणा को भी गाँव जाना था, उनके बच्चे छुट्टियों में गाँव गए थे उनको वापस मुंबई लाना था. उनका गाँव मेर मामा से गांव से नजदीक था तो वो भी मेरे साथ आने को निकल पड़ी. अब उनको भी अकेले जाने से अच्छा था कि मेरे साथ जाये!

बस में भरी भीड़ थी छुट्टियाँ जो थी. हमें मुश्किल से पीछे वाली दो सीट मिली, सामान रखने की भी जगह नहीं थी. तो वीणा ने अपनी सूटकेस अपने पाँव के नीचे रख लिया. मैं खिड़की के साथ में बैठा था. बस निकल पड़ी अपने मुकाम की तरफ.

रात के 10 बजे होंगे जब हम निकले. टिकट कटवाने के बाद बस की लाइट बंद हो गई और कब नींद आई पता ही नहीं चला.

नींद में ही मेरे हाथ साथ में बैठी वीणा को लगा और मेरी नींद खुल गई. वीणा की साड़ी कमर तक ऊपर आ गई थी. मैंने ध्यान से देखा तो पता चला कि सूटकेस रखने की जगह नहीं होने के कारण उन्होंने जो सूटकेस अपने पैरों के नीचे रखा था उस वजह से उनके पैर ऊपर हो गए थे और साड़ी फिसल के कमर तक आ गई थी. अब मेरी हालत देखने लायक थी. क्या करूँ समझ में नहीं आ रहा था.

तो मैंने भी नींद में होने का नाटक किया और धीरे धीरे मैं उनको हाथ लगाने की कोशिश करने लगा. डर तो बहुत लग रहा था कि कहीं उनकी नींद न खुल जाए. लेकिन जो आग मेरे अन्दर भड़कने लगी थी वो मुझे शांत कहाँ बैठने दे रही थी, तो मैंने भी नींद का नाटक कर के अपना हाथ चलाना चालू रखा. अब मेरा हाथ धीरे धीरे उनकी पेंटी को छूने लगा था. मेरी नजर हमेशा यही देख रही थी कि कहीं वो नींद से न जग जाय.

बस में काफी अँधेरा था और मैं एक नई रोशनी ढूंढ रहा था. मेरा हाथ अब उनकी जांघों पे फिसल रहा था. इतने में उन्होंने अपना सर मेरे कंधे पे रख दिया. मेरी तो डर के मारे जान ही निकल गई. मुझे लगा कि वो जग गई लेकिन वो तो गहरी नींद में थी. अब मैं थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा.

लेकिन इस चक्कर में हम दोनों में जो दूरी थी वो और कम हो गई और इसको मैंने ऊपर वाले की मेहरबानी समझा. अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी और मेरा हाथ अब थोड़ी और सफाई से चलने लगा था लेकिन फिर भी सम्भाल के जांघों पे हाथ फेरने के बाद अब मैंने धीरे से उनकी पेंटी में हाथ घुसाया. बाल तो एकदम साफ किये हुए थे. अब मैं उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा लेकिन एकदम संभल के.

थोड़ी ही देर में उनके बदन से अजीब सी खुशबू आने लगी थी और मेरी उंगली गीली हो गई थी, उनकी चूत अब पानी छोड़ने लगी थी. अब मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि वो सच में सोई है या उनकी नींद खुल गई है. लेकिन एक बात तो ध्यान में आ गई थी कि कोई भी औरत इतना सब करने के बाद भी सो नहीं सकती. अब मेरी हिम्मत तो बढ़ गई थी लेकिन मन में डर अब भी था. कही ओ सच में सोई हुई तो नहीं. लेकिन अब रुकना मेरे बस में नहीं था सो मिने भी सोचा जब उठ जायेगी तब देख लेंगे. वासना पे किसी का जोर नहीं चलता.

मैंने हिम्मत की और एक हाथ से उनकी चुत में उंगली करना चालू रखा और दूसरा हाथ उनकी चूची की तरफ बढ़ाया और धीरे से उन्हें मसलना चालू किया. मेरी जिंदगी का यह पहला अनुभव था और इतनी आसानी से मौका मिलेगा ये मैंने सोचा भी नहीं था. उनकी हलचल तो बढ़ गई थी लेकिन वो आँखें खोलने को तैयार नहीं थी. शायद अब उनका पानी निकलने को था. तो मैंने भी मेरी उंगली की रफ्तार बढाई और उन्होंने मेरी उंगली को अपनी चुत की फांकों से दबा कर रखा. शायद वो शांत हो गई थी. लेकिन मेरा तो लंड एकदम तना हुआ था. क्या करू समझ में नहीं आ रहा था. मैंने उनका हाथ उठाया और मेरी चैन खोल के लंड को बाहर निकला और उनके हाथ में दे दिया. लेकिन वो कुछ भी करने को तैयार नहीं थी.
तो मैंने फिर से उनकी चूची को दबाना चालू किया, चुत में उंगली भी डालना चालू रखा पर कुछ फायदा नहीं हुआ.

पूरी रात निकल गई जाने कितने बार ओ झड़ गई थी पर मेरे लंड से पानी नहीं निकला था. अब मेरे लंड में दर्द शुरू हो गया था. तो मैंने अपने हाथ से ही धीरे धीरे लंड हिलाना चालू किया 3-4 बार ही हिलाया था के मेरा भी पानी निकल गया. फिर नींद कब लग गई पता ही नहीं चला.

सुबह 8 बजे गाड़ी हमारे गांव में पहुँच गई. वीणा ने मुझे उठाया और हम बस से उतर गए.
यहाँ से हमारे रस्ते अलग होने थे. मुझे बड़ा दुःख हो रहा था कि जिंदगी का पहला सेक्स अनुभव और वो भी अधूरा ही रह गया. मैं देख रहा था कि उनके चहरे पे कोई भाव नहीं था. मैंने रात को उन के साथ कुछ किया हो ऐसा कुछ भी नहीं जता रही थी. जैसे कुछ हुआ ही नहीं… मैं उदास था कि अब मुझे अपने मामा के यहाँ जाना था और वो अपने बच्चो को ले कर वापस मुंबई जायेगी.

लेकिन एक बात तय थी कि वो सोई नहीं थी, सोने का नाटक कर रही थी. और मुझे इस बात की ख़ुशी थी कि आज भले ही मैं कुछ नहीं कर सका लेकिन मैं जब वापस मुंबई जाऊँगा तो शायद मेरा काम बन जाये… और मैं जिंदगी का पहला सेक्स वीणा के साथ ही करूँगा.

आगे की कहानी किसी दूसरे दिन बताऊँगा. अगर आप को मेरी आगे की कहानी जाननी है तो मुझे लिखे कि आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी. Sex Stories

Hindi Sex

मेरी यह कहानी Hindi Sex काल्पनिक है। इस कहानी का आधार एक औरत पर है जिससे मैंने एक चैट-साइट पर कई बार बात की। उसके साथ कई बार चैट-रुम में चुदाई भी की। मैं उसको माँ बुलाता हूँ और वह मुझको बेटा।। हम दोनों अलग अलग शहर में रहते है और कभी भी मिले नहीं हैं। मेरा नाम दीपक है और मैं 26 साल का हूँ । मेरे लन्ड का आकार 8 इंच है।

उसका नाम रीमा है। उसने जो मुझको बताया उसके अनुसार वह एक तलाकशुदा औरत है। उसकी उमर 48 साल की है और उसकी फ़िगर 38 डी 30 42 है और वह दिल्ली में रहती है। रीमा को कम उमर के लड़कों से चुदाने में बड़ा मजा आता है। उसकी एक नौकरानी भी है जो 20 साल की है। वह सेक्स में उसका साथ देती है। उसको जवान लौन्डों की कोई कमी नहीं है।

वह जिस ऑफ़िस में काम करती है उसके बॉस के साथ उसके संबन्ध हैं। उसका बॉस शादीशुदा है और कोई 26 साल की उमर का है। वह अपने बॉस के साथ बहुत टूर पर जाती रहती और टूर पर वह अपने बॉस और कलाईन्ट के साथ चुदाई के मजे लेती है।

चैट-साईट पर हम लोगों में चुदाई की बातें होने लगी। मैंने उसको बताया कि मुझे बड़ी उमर की औरतें बहुत पसन्द हैं। उसने मेरे से पूछा कि मैं किस बड़ी उमर की औरत के बारे में सोच कर हस्तमैथुन करता हूँ ।

मैने कहा- अपनी माँ के बारे में !

उसने पूछा कि मेरी माँ का नाम क्या है और वह कैसी दिखती है तो मैंने बताया कि मेरी माँ का नाम निर्मला है और उसका रंग गोरा है, उसके नयन-नक्श बहुत ही तीखे हैं, उसकी फिगर 36 सी 30 40 है।

फिर हमने इस बारे में बहुत सारी बातें की जो आपको आगे पता चलेंगी। वो मुझसे चैट करके बहुत मजा लेती थी। मुझे भी उसके साथ बड़ा मजा आता था।

एक दिन उसने मुझसे कहा कि वह सचमुच में मुझसे चुदाना चाहती है। पर मैं मुम्बई में रहता हूँ और उसका बॉस का मुम्बई में कोई टूर नहीं होता, जिसकी वजह से हम लोग कभी भी मिल नहीं पाये थे। पर हम दोनों ने अपने फोन नम्बर और घर का पता एक दूसरे को बता दिया था और एक दूसरे को कार्ड भी भेजते थे और हम चैट-रुम में ही चुदाई का मजा लेते थे।

फिर एक दिन जब हम चैट कर रहे थे तो वह बोली कि उसका बॉस मुम्बई में एक नई शाखा खोलने की सोच रहा है और इसके लिये वे टूर पर मुम्बई आ रहे हैं। और उसने अपने बॉस से बात की कि वह टूर समाप्त होने के बाद चार दिन के लिये मुम्बई में अकेले रुकना चाहती है होटल में, कम्पनी के खर्चे पर। उसका बॉस इस बात के लिये राजी हो गया है।

मैं तो यह खबर सुन कर बहुत खुश हुआ क्योंकि अब हम वह सब कर सकते थे जो कि हमने करने की चैट-रूम में बात की थी। उसने कहा कि वह ताज होटल में रुकने वाली है और उसका कमरा नम्बर वह बाद में मुझको फोन पर बतायेगी। उसने कहा कि वह 4 फरवरी को मुम्बई आ रही है और 8 फरवरी को मुझको फोन करेगी।

पर 4 तारीख को उसका फोन आया कि वह मुम्बई पहुँच गई है और बाद में मुझ को फोन करेगी।

मैंने उसको कहा- मैं तुम्हारे फोन का इंतजार करूँगा।

पर 8 तारीख को उसका फोन नहीं आया। मैंने सोचा कि शायद काम पूरा नहीं हुआ होगा। लेकिन फिर 9 और 10 तारीख को भी उसका फोन नहीं आया अब तो मैं बहुत ही उतावला हो रहा था । सोचने लगा कि कहीं वह मजाक तो नहीं कर रही थी। पर मैं कर भी क्या सकता था उसके फोन के इंतजार के अलावा।

फिर अगले दिन बुधवार था दोपहर को करीब एक बजे रीमा का फोन आया उसकी अवाज सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने पूछा- तुमने फोन क्यों नहीं किया ? मैं तो सोच रहा था कि तुम फोन ही नहीं करोगी।

रीमा ने कहा कि ब्रान्च खोलने के बात पक्की हो गई है इसलिये वह, उसका बॉस और यहाँ का मैनेजर मिल कर दो दिन से मौज कर रहे थे। दोनों ने मिल कर उसको दो दिन तक बहुत जम कर चोदा था। इसलिये दो दिन वह फोन नहीं कर पाई आज सुबह ही उसका बॉस वापस दिल्ली गया है और वह सुबह से आराम कर रही थी जिससे कि मेरे साथ पूरी तरह से मजा ले सके। लेकिन उसको पहले से ही पता था कि वह मुझको 11 तारीख से पहले फोन नहीं कर पायेगी।

मैने पूछा- फिर तुमने बताया क्यों नहीं?

रीमा बोली- मैं तुमको कुछ देर तड़पाना चाहती थी। मुझको जवान लड़कों को तड़पाने में बड़ा मजा आता है।

मैंने पूछा- अब तो बताओ कि तुम्हारा रूम नम्बर क्या है।

रीमा बोली- मुझ से मिलने के लिये तड़प रहे हो?

मैंने कहा- हाँ !

ठीक है, बता देती हूँ तुमको ! तुम भी क्या याद करोगे। मेरा रूम नंम्बर 514 है।

मैंने कहा- ठीक है, मैं अभी वहाँ पहुँच रहा हूँ।

रीमा ने कहा कि वह भी बड़ी बेसबरी से मेरा इंतजार कर रही है और जैसे हो, वैसे ही चले आओ क्योंकि वैसे भी इन चार दिनों में मैं तुमको कोई कपड़े तो पहनने दूंगी नहीं। बस अब चले आओ दौड़ कर अपनी माँ के पास।

मैंने कहा- ठीक है माँ, आता हूँ अभी।

रीमा बोली- मैंने अपने कमरे के बाहर “डू नॉट डिस्टर्ब” का साईन लगा दिया है जिससे कि जब घंटी बजेगी तो मैं समझ जाऊँगी कि तुम हो।

मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैंने फोन रख दिया और अपने बॉस के पास गया। मैंने छुट्टी के लिये पहले से ही बोल रखा था इसलिये कोई परेशानी नहीं हुई। नहीं तो जिस तरह की मेरी बॉस थी छुट्टी मिलना बिल्कुल ही नामुमकिन था।

फिर जल्दी से मैं टैक्सी पकड़ कर होटल पहुँच गया। मेरा दिल धक धक कर रहा था। मैं आज तक कुवाँरा था आज मेरे इस कुंवारे लंड को चुदाई-चुसाई का मजा मिलने वाला था। फिर मैं लिफ़्ट से पाँचवे माले पर गया जहाँ पर रीमा का कमरा था। जैसे ही मैं गलियारे से निकल कर रीमा के कमरे की तरफ़ जा रहा था तो दीवार पर लगे साईन को देख कर मैं समझ गया कि उसका कमर होटल के आलीशान रूम में से एक था।

थोड़ी देर में मैं कमरे तक पहुँच गया, मैंने धड़कते हुये दिल से घण्टी बजाई।

अन्दर से रीमा की आवाज आई- आ रही हूँ दीपक बेटा।

कुछ पल बाद कमरे का दरवाजा खुला। और मेरे सामने रीमा खड़ी थी।

मैं अभी उसे ठीक से देख भी नहीं पाया था कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अन्दर खींच लिया। और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया।

रीमा ने कहा- अगर मैं तुमको इस तरह से अन्दर नहीं खींचती तो तुम बाहर खड़े खड़े ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नहीं चाहती थी। तुमको मुझको देखना हे तो लो मैं तुम्हारे सामने खड़ी हो जाती हूँ, जी भर के देख लो।

ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनों हाथ कमर पर रख कर खड़ी हो गई। खड़ी होने से पहले उसने अपनी साड़ी का पल्लू उतार कर अपनी कमर से नीचे गिरा दिया। यह सब इतनी ज्लदी में हुआ था कि मुझे उसको देखने का मौका भी नहीं मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।

फिर मैंने अपनी नजर उस पर गड़ा दी। उसका रंग गोरा था। उसने अपनी उमर मुझको 48 साल बताई थी पर वो अपनी उमर से करीब दस साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बड़ी-बड़ी थी जिनमें वासना भरी हुई थी। उसके होंठ बड़े-बड़े थे। जैसे कि अभिनेत्री सुमन रंगनाथन के हैं। मुझे इस तरह के होंठ बहुत ही पसन्द हैं। उस पर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढ़ा रही थी।

उसके चेहरे पर एक आमत्रंण का भाव था, जैसे कह रही हो- आओ और चूम लो मेरे होठों को।

फिर मेरी नजर उसके बदन पर गई, बड़ा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था।

उसने हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी। उसका ब्लाऊज़ स्लीवलेस था। और उसमें काफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह से उसके बड़े बड़े मम्मे आधे से ज्यादा ब्लाउज़ से बाहर झाँक रहे थे। रीमा ने शायद बहुत ही टाईट ब्लाउज़ पहन रखा था क्योंकि उसके मम्मों की दोनों बड़ी बड़ी गोलाईयाँ आपस में चिपक गई थी। और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बड़ा ही सेक्सी लग रहा था।

इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखाई दे रहा था।

फिर मेरी नजर उसके पेट पर गई। उसने साड़ी अपनी नाभि के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिससे उसकी गहरी नाभि साफ़ दिखाई दे रही थी। उसकी नाभि की गहराई देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोड़ी देर तक उसको ऐसे ही निहारता रहा।

कुछ देर बाद रीमा ने कहा- क्या हुआ बेटे? कैसी लगी तुमको अपनी माँ?

मैंने कहा- बहुत ही अच्छी।

रीमा ने कहा- वो तो तुम्हारे पैन्ट में उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है।

मैं उसको देख कर इतना गर्म हो गया था कि मेरा गला सूखने लगा और मुझ को प्यास लगने लगी।

रीमा मेरे को देख कर शायद समझ गई कि मेरे को प्यास लगी है, बोली- पानी चाहिये बेटा?

मैंने कहा- हाँ।

” ठीक है अभी लाती हूँ ” कह कर उसने अपनी साड़ी का आँचल उठा कर पेटीकोट में ठूंस लिया और पलट कर पानी लेने चल दी।

जैसे ही वह पलटी, सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतड़ों पर गई। औरत के चूतड़ मेरा सबसे पसन्दीदा अंग है। और रीमा के चूतड़ तो बहुत ही बड़े थे। उसने ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन रखी थी, जिसकी वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चूतड़ बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे जैसे किसी फैशन शो में मॉडल अपने चूतड़ों को मटका के चलती है वैसे ही।

एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था, अब तो मैंने उसको पीछे से भी देख लिया था, मेरा लंड तो बिल्कुल ही आपे से बाहर हो गया। वो भी शायद जानती थी कि उसके चूतड़ों का मुझ पर क्या असर होगा क्योंकि मैं उसको बता चुका था कि भारी चूतड़ मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने में, जहाँ पर पानी का जग रखा था, उसने बहुत देर लगाई जिससे मैं जी भर कर उसके चूतड़ और उनका मटकना देख सकूं।

फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास में पानी भरना शुरू किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरों से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसके मस्त बदन ने मेरे उपर ऐसा असर किया था कि मैं अभी तक दरवाजे पर ही खड़ा था। उसने ऊँची ऐड़ी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड़ मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बड़े बड़े मम्मे उसके कसे ब्लाउज़ में फंसे हुए जोर जोर से उछल रहे थे।

उसने पूरी तरह से मुझको अपने अधेड़ उम्र के हुस्न के जाल में फंसा लिया था।

लो ! पानी पी लो ! कह कर उसने गिलास मेरे हाथ में थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया।

“जो देखा पसन्द आया?”

मैं मुस्कुरा कर बोला- हाँ ! बहुत पसन्द आया।

“फिर यहाँ क्यों खड़े हो ? चलो अन्दर बैठते हैं।”

फिर मैं उसके साथ चल दिया, अन्दर आकर मैं सोफ़े पर बैठ गया। अन्दर आने से पहले मैंने अपने जूते बाहर ही उतार दिये। रीमा भी मेरे पास आ कर बैठ गई।

मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और बोला- माँ ! तुम बहुत सुन्दर हो। जैसा तुमने बताया था तो मैने सोचा था कि तुम सेक्सी हो पर तुम तो महा-सेक्सी हो माँ। मेरा लंड तो तुमको देखते ही खड़ा हो गया था माँ और अभी तक पूरी तरह टनटनाया हुआ है, देखो ! कैसे पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को तैयार है।

” फिर तुमने इसको पैन्ट के अन्दर रखा ही क्यों है पैन्ट उतार कर अपने प्यारे लंड को मुझको दिखाओ। लाओ मैं तुम्हारे कपड़े उतरने में तुम्हारी मदद करती हूँ।”

मैंने कहा- नहीं माँ ! मैं खुद ही उतार देता हूँ।

तो वह बोली- हर माँ बचपन में अपने बेटे के कपड़े उतारती और पहनाती है। माँ ही होती है जो बेटे को कपड़े पहनना और उतारना सिखाती है। मुझे तो वो मौका आज ही मिला है तुम इस तरह से मुझसे यह मौका नहीं छीन सकते।

रीमा की बात सुन कर मैं बोला- ठीक है माँ, तुम ठीक कह रही हो ! मैं इस तरह से तुम्हारा हक नहीं छीन सकता। मैं तैयार हूँ उतार दो मेरे कपड़े। आज से जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ और जब भी हम मिलेंगे, मेरे कपड़े तुम ही उतारोगी और तुम ही पहनओगी।

यह सुन कर वह बहुत खुश हो गई और मेरे माथे पर चूम लिया जैसे एक माँ अपने बेटे को करती है।

फिर वह मेरी कमीज के बटन खोलने लगी। उसके भरी पूरी गोरी बाँहे मुझको बहुत अच्छी लग रही थी। फिर उसने सारे बटन खोल दिये और बोली- बेटा खड़े हो जाओ जिससे मैं तुम्हारी कमीज उतार सकूँ।

मैं खड़ा हो गया, रीमा भी मेरे साथ खड़ी हो गई और पीछे कर के मेरी कमीज उतार दी। मैंने नीचे बनियान पहन रखी थी। मेरी कमीज उतार कर रीमा मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और बोली- तुम्हारी छाती कितनी चौड़ी है। तुम भी कोई कम हैडसम नहीं हो। तुम इतने सालों अपनी माँ से दूर रहे हो जिसकी वजह से तुम्हारी ये माँ तुमको कुछ प्यार भी नहीं कर पाई। चिन्ता मत करो अब तुम मेरे पास आ गये हो, अब मैं तुमको अपना सारा प्यार दूंगी।

ऐसा कहते वक्त उसके आँखो में वासना भरी थी। ऐसा कह कर उसने मेरी बनियान भी उतार दी।

बनियान उतरते वक्त उसने अपने हाथ ऊपर किये। उसने स्लीवलैस ब्लाउस पहन रखा था जिसकी वजह से उसकी काँख मुझको दिखाई दी। उसकी काँख के बाल काले और घने थे। मुझे काँख के बाल बहुत पसन्द हैं। उसकी काँख देखकर मेरी मस्ती और बढ़ गई। बनियान उतार कर उसने कमरे के एक कोने मै फेंक दी। अब मेरी छाती पूरी नंगी हो गई और वो अपने गोरे गोरे हाथ मेरी छाती पर धीरे धीरे फिराने लगी। जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मेरे चुचूक कड़े हो गये।

फिर रीमा ने अपनी एक उँगली को अपने थूक से गीला करके मेरे बायें चुचूक पर फिरने लगी और उसका दूसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे धीरे चल रहा था। वो अच्छी तरह से जानती थी कि किस तरह मर्द को मस्त किया जाता है।

थोड़ी देर इसी तरह से मेरी छाती पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे चुचूक पर रख दिया और उसे अपने होंठों के बीच लेकर चूसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एकदम से एक आह निकल गई। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ, वो मस्ती में एक दम कड़ा हो गया। अब उसका मेरी पैन्ट में रहना बड़ा ही मुश्किल था !

क्रमशः…………………. Hindi Sex

हैलो दोस्तों। मेरा नाम मुस्कान है और मैं यहां की एक पाठक हूं। मैंने यहां कई कहानियां पढ़ी और मुझे बहुत अच्छा लगा जैसे यहां लोग आ कर अपनी निजी कहानियां लिखते हैं। मेरे पास ऐसी ही कई कहानियां है जो मेरे जीवन के नए पुराने समय से जुड़ी हैं, जिन्हें मैं भी आप को बताना चाहूँगी। वैसे तो मेरी कई रोचक कहानियां हैं पर मैं यहां सिर्फ़ वही कहानी बताऊंगी जो मैं बिना किसी झिझक के बता सकती हूं। सबसे पहले मैं आप को अपने बारे में बताऊँ तो मेरा कद 5 फीट 7 इंच है। मेरा रंग गोरा है और दिखने मैं भी हमेशा से बहुत खूबसूरत हूं। अपने बारे में और बातें मैं अपनी बाकी कहानियों में जरूरत के हिसाब से बताती रहूंगी। आज जो मैं अपनी पहली कहानी बताने जा रही हूं वो मेरे मेरी दोस्त के पापा के साथ सेक्स की है। तो कहानी शुरू होती है मेरी एक नई दोस्त रेनु से मेरी मुलाकात से। मैं और रेनु कॉलेज में एक दूसरे से पहली बार मिले थे और कुछ ही दिनों में हम अच्छे दोस्त बन गए थे। मैं हमेशा से ही एक खुले मिज़ाज की लड़की थी और मेरी हर किसी से अच्छी दोस्ती हो जाती थी। रेनु और मुझमें भी बहुत कुछ एक जैसा था और कॉलेज में भी हम काफ़ी मज़े किया करते थे। कुछ देर दोस्ती चलने के बाद भी मैं कभी रेनु के परिवार से नहीं मिली थी। वैसे अक्सर मेरे सम्बंध मेरे सभी दोस्तों के परिवार से अच्छे रहे थे और वो मुझे पसंद भी करते थे। मुझे पता था कि रेनु के परिवार से भी मेरी अच्छी ही बनेगी। एक दिन मैंने देखा कि रेनु किसी के साथ कार में बैठ के चली गई, मुझे हैरानी हुई कि ये किसके साथ जा रही है। मैंने उस समय तो कुछ नही कहा पर बाद में हमारी बात हुई तो उसने बताया कि वो उसके पापा थे। मुझे लगा शायद झूट बोल रही होगी पर मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नही दिया। कुछ दिनों बाद हमारे कॉलेज में एक इवेंट था। उस दिन कॉलेज में बहुत रौनक थी। उस दिन पहली बार रेनु ने मुझे अपने परिवार से मिलाया। उस दिन हम स्टेज पर डांस करने वाले थे और उन्हीं कपड़ों में थे। पहले मैं रेनु की माँ से मिली जिनसे मिलके हम दोनों को बहुत खुशी हुई। उसकी माँ बहुत प्यारी थी और कुछ ही देर में हम में बहुत अच्छी बोल चाल शुरू हो गई। हम साथ बैठे और वो मुझसे मेरे और मेरे परिवार के बारे में पूछने लगी। हमारे बाकी दोस्त भी धीरे धीरे साथ आ गए और बातें करने लगे। मेरा उस समय का बॉयफ्रैंड गौरव भी हमारे साथ शामिल हो गया और बात चलती रही। तभी कोई हमारी तरफ आया और रेनु की माँ के साथ खड़ा हो गया। मैं सोच ही रही थी ये कौन है तभी रेनु ने मुझे बताया कि ये उसके पापा हैं। मैं ये उनके हैरान रह गई। वो आदमी कहीं से भी रेनु का बाप नहीं लग रहा था। वो काफ़ी जवान और कम उम्र के लग रहे थे। पहले तो मुझे लगा ये रेनु का कोई बड़ा भाई होगा। मुझे याद आया कि कुछ दिन पहले रेनु जिसके साथ कार में जा रही थी वो यही थे। तभी तो मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई क्योंकि मुझे डांस के लिए जाना था। बाद में मैंने रेनु से बोला कि वो तो तेरे पापा तो लगते ही नहीं, इतने जवान हैं। तो उसने मुझे बोला कि सभी ऐसे ही बोलते हैं। उसकी पापा की उम्र उसकी माँ से ज़्यादा है पर वो हमेशा से ही अपनी फिटनेस पे बहोत ध्यान देते आए हैं इसलिए ऐसे दिखते हैं। तब मैंने सोचा कि कमाल है, इसकी माँ ऐसी जनानी जैसी और बाप मानो लौंडा। स्टेज डांस करने के बाद हम वापस मिले और तब मैंने पहली बार रेनु के पापा से बात की। उनको हमारा डांस बहोत पसंद आया और उन्होंने खास कर मेरी बहोत तारीफ़ भी की। हमनें अच्छे से बातें की जिसके बाद इवेंट खत्म हो गया और रेनु के मम्मी पापा वापस चले गए। जाने के समय उन्होंने मुझे घर आने भी कहा। उस दिन के बाद एक दिन मैं रेनु के साथ उसके घर गई। उसका घर काफ़ी अच्छा बना हुआ था जिसकी मैंने तारीफ़ भी की। वहां मेरा अच्छा स्वागत हुआ और रेनु की माँ मुझे देख कर बहुत खुश हुई। हम कुछ देर साथ बैठे तभी रेनु के पापा भी वहां पहुंच गए। हम सबने साथ बहोत बातें की और हर बार की तरह मेरी इनसे भी अच्छी बनने लगी। उसके पापा ने मुझे पूरा घर भी घुमाया और अपनी हॉबी के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उनको फिट रहना बहोत पसंद है। मैंने उनसे पूछा कि ऐसा क्यु है तो उन्होंने कहा कि ताकि तुम्हारी नई पीढ़ी को मैं पसंद आऊँ। ये सुन के मैं समझ गई कि ये लाइन मारने की कोशिश कर रहें हैं, पर मैंने बात तब के लिए घुमा दी। उनकी पर्सनैलिटी सच में बहोत अच्छी थी और मुझे वो अच्छे भी लगने लगे थे। मैंने भी उनकी फिटनेस वाली बातें सुन के बोल दिया कि काश मेरा बॉयफ्रेंड आप के जैसा होता। तो उन्होंने पूछ लिया कि तुम्हारा बॉयफ्रैंड भी है, पर मैंने मना कर दिया। तो इस पर उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, अगर होगा हो मैं उसे भी गाइड कर दूँगा। ऐसे ही फिर हमारी बातें शुरू हुई और बढ़ती गई। मेरा रेनु के घर आना जाना भी आम हो गया। मैं रेनु के पापा के साथ कई तरह की बातें करने लगी। किसी ना किसी तरह वो भी मुझसे फ्लर्ट करते पर सीधी तरह उन्होंने कभी कुछ नहीं बोला। मैं चाहती थी कि वो कुछ हरकत करें पर वो सख्त बने रहते थे। काफ़ी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। फिर एक दिन मेरा मूड कुछ उफान भरा हुआ सा था। उस दिन मैं रेनु के घर बिना रेनु के चली गई। वहाँ मुझे हमेशा की तरह रेनु की माँ मिली जिन्होंने मेरा बहोत स्वागत किया। मैं बैठ कर उसकी माँ से बात करने लगी पर मेरी नज़र कहीं और थी। कुछ देर मे मुझे रेनु के पापा दिखे जो जॉगिंग कर के आये थे। वो आ के मुझसे मिले और मेरा हाल चाल पूछा। मैं जान बुझ कर उस दिन मिनी शॉर्ट पैंट और क्रॉप टॉप पहन कर गई थी ताकि उनका ध्यान पड़े, जो कुछ हुआ भी। उन्होंने मुझे देख कर कहा कि आज बहोत अच्छी लग रही हो। फिर वो सीधा अपने जिम रूम में चले गए। उसके बाद मैंने रेनु की माँ से कहा कि आप अपना काम करो मैं चलती हूं, पर उन्होंने मुझे रुकने को बोल दिया, जो मैं चाहती भी थी। फिर मैंने उन्हें कहा कि आप चिंता मत करो मैं अपना खयाल रख लुंगी। ये सुन कर वो काम करने चली गई। मैं कुछ मिनट बाद किचन में गई और देखा वो रेनु के पापा के लिए प्रोटीन शैक बना रही थी। मैंने उनसे इधर उधर की बातें शुरू कर दी फिर जब वो शैक लेकर उन्हें देने जा रही थी तो मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा कि मैं दे देती हूं। हंसी मज़ाक में मैंने बोल दिया कि मुझे भी फिटनेस टिप्स मिल जाएंगे। जिस पर उन्होंने कहा कि हाँ जाओ ले लो। मैं तुरंत शैक लेकर जिम रूम में गई जहां रेनु के पापा को एक्सरसाइज करते हुए देख मेरी आंखे चमक गई। उनका पसीने मे भिगा हुआ सुडोल शरीर मुझे मदहोश कर गया। मैंने दरवाज़ा अंदर से बंद किया अभी उन्होंने मुझे देखा और बोला अरे मुस्कान तुम। वो मेरी तरफ आए तभी मैंने अपने आप को छुना शुरू कर दिया। मैंने उनके हाथ को पकड़ा और पीछे दरवाज़े से जा लगी। मैंने अपना टॉप uper से नीचे खिंचा और उनका हाथ अपनी टांगों के बीच दे दिया। उनके मुंह से निकला कि ये क्या कर रही हो पर मैं समझ चुकी थी कि वो भी यही चाहते हैं। मेरे थनों को बाहर आता देख वो भी बेकाबू हो गए। मैंने खुद ही अपनी टॉप निकाल फेंकी और उनके आगे आधी नंगी खड़ी हो गई। वो भी अब सारी शर्म छोड़ कर मेरी जवानी का मज़ा लूटने में लग गए। उन्होंने अपनी ऊंगली मेरी चूत पे सहलाना शुरू कर दिया और हम एक दूसरे को चूमने लगे। उनके पसीने से भीगे शरीर से लिपट कर मुझे और नशा चढ़ रहा था, ऊपर से उनकी ऊंगली मेरी चूत पर कमाल ही कर रही थी। कुछ ही देर मे मेरी सांसे तेज होती गई और मेरी टांगों के बीच से पानी बरस गया। फिर मैंने उनका प्रोटीन शैक उठाया और अपनी छाती पर पलट दिया। इस पर वो मेरे बूब्स चूसने लगे और साथ ही मेरा बदन चाटने लगे। इसी तरह उन्होंने मेरे ऊपर से सारा शैक साफ़ कर दिया पर उनके थूक से मैं सन गई। मैंने धीरे धीरे उनके ऊपर से भी कपड़े निकालने शुरू कर दिए। एक पल में वो मेरे आगे बिना कपड़ों के खड़े थे। उनका लौड़ा जोश में तन के खड़ा था। मैंने उनके लंड को पकड़ के सहलाना शुरू कर दिया जिससे वो और जोश में आने लगे। उन्होंने फिर मुझे पूरा नंगा किया और मुझे अपनी एक मशीन पे बैठाया। उन्होंने मेरी टांगे खोली और मेरी चूत चाटनी शुरू कर दी। मुझे लगा नहीं था वो ऐसा करेंगे पर मुझे ये बहोत अच्छा लगा। मेरी चिकनी और साफ़ चूत उनको और पसंद आ रही थी। उनके चाटते चाटते ही मैंने एक बार फिर पानी छोड़ दिया। उसके बाद वो खड़े हुए और अपना तना हुआ लंड मेरी चूत पे रख दिया। उनके ऐसे करते ही मेरी सिसकियाँ तेज हो गई। उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के अंदर धकेलना शुरू किया जिसके साथ मेरा मज़ा और बढ़ने लगा। उनका दौड़ा किसी जवान लौंडे की तरह था। ब्लकि कुछ बेहतर ही। उनका लंड मेरे अन्दर जाता रहा और मेरी आवाज़ चींखों मे बदलने लगी। हमने पूरी कोशिश की कि आवाज बाहर ना जाए। उनका जोश उनकी तरह ही अभी जवान था और उम्र के साथ घटा नहीं था जिसकी मैं गवाह बन रही थी। कुछ ही धक्कों में उनका पूरा लंड मेरी चूत मे समाने लगा और लगातार अंदर बाहर करने लगा। हम दोनों पूरी तरह एक दूसरे से लिपट गए थे और उसी तरह मैं चुद रही थी। हम लगातार एक दूसरे को चूमे भी जा रहे थे। कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद उन्होंने मुझे उल्टा किया और पीछे से मेरी चूत मारने लगे। मुझे अपनी दोस्त के पापा के साथ सेक्स करने का कोई अफ़सोस नहीं हो रहा था और मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था। मेरा ये करने का फैसला बिल्कुल गलत साबित नहीं हुआ। वो जोर जोर से मुझे पीछे से धक्के दिए जा रहे थे और मैं उनको पूरी मजबूती से झेल रही थी। काफ़ी देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और जोरदार कर्राहटों के साथ मेरी कमर पर अपना रस निकाल दिया। कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहें। फिर मैंने उनको और खुश करने के लिए उनका मुरझाया लंड अपने मूंह मे ले लिया और उनको चूसने लगी। कुछ ही पल मे उनका लंड फिर से तन के खड़ा हो गया। मैं और मज़े से उनका लौड़ा मूंह मे लेती रही और चूसती रही। काफ़ी देर लगातार चूसने और हिलाने के बाद उन्होंने फिर से पानी निकाल दिया, इस बार मेरे मुँह मे ही। फिर वो मुझे बाथरूम मे लेके गए जहा नहाने के साथ फिर हमने सेक्स किया। इतना काफ़ी नहीं था कि नहा के वो मुझे रेनु के बेडरूम मे किसी तरह अपनी बीवी से छुपा के ले गए और रूम लॉक करके फिर हमने काफी लंबा सेक्स किया। इन सबके बाद मैं काफ़ी थक गई थी और मैं कहीं जाने की बजाये नंगी ही रेनु के बेड पर कंबल ओढ़ कर सो गई। शाम को उठ कर मैंने वहाँ ही खाना खाया जिसके बाद मैं रेनु के साथ सोई और अगले दिन वहाँ से निकली। इसके बाद भी मैंने कुछ और बार रेनु के पापा के साथ सेक्स किया, जिसका पता ना रेनु को लगा और ना उसकी माँ को। हम आम तरह से मिलते रहें और हंसी मजाक krte रहें। तो यही थी दोस्तों मेरी यहां पर आप सबको बताई पहली और मेरी लाइफ की एक सच्ची कहानी। अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आई और आप चाहते हैं कि मैं अपनी और सच्ची कहानियां भी आप सबसे साँझा करूं तो जरूर बताइए। अभी के लिए धन्यावाद। muskaanpersonal6311@gmail.com

Hindi Sex Stories

बात कुछ साल पुरानी है पर है बिल्कुल Hindi Sex Stories सच्ची। उस समय मैं सेक्स के बारे में बिल्कुल अंजान था। मैंने कभी मुठ भी नहीं मारी थी। गर्मियों की छुट्टियों में मुझे अपनी दीदी की ससुराल में जाने का मौका मिला। दो माह की छुट्टियाँ बिताने मैं और मेरा छोटा भाई दीदी की ससुराल में पहुंचे। उनका घर काफी बड़ा था लगभग १०-१२ कमरे का। कुछ कमरे तो उपयोग में ही नहीं आते थे। उनके घर में दीदी और जीजाजी के साथ ही उनके चाचा-चाची तथा बड़े भाई और उनका परिवार रहता था। जीजाजी के बड़े भाई को हम बड़े जीजाजी कहकर बुलाते थे, वह फॉरेस्ट रेंजर थे तथा एक सप्ताह में दो तीन दिनों तक बाहर जंगल में रहते थे। उनके दो बच्चे थे उनका बड़ा बेटा मुझसे छोटा था।

बड़े जीजाजी बड़े कामुक प्रवृति के इन्सान थे हालाँकि मैं उस समय इस शब्द के बारे में नहीं जानता था। जब भी वे मुझे अकेला पाते, मेरे गाल पर चिकोटी काट देते। कुछ दिनों बाद वे मेरे गालों और ओंठों को चूमने लगे।

एक दिन जब मैं छत पर अकेला खड़ा उड़ती हुई पतंगों को देख रहा था तो वो भी छत पर आ पहुंचे। उन्होंने मुझे पकड़ कर मेरे कूल्हों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। मुझे काफी अटपटा लगा। जैसे तैसे मैं हाथ छुड़ा कर भाग आया। अब मुझे उनके सामने जाने में भी डर लगने लगा, पर वे मौका ताड़ कर मुझसे छेड़-छाड़ करते रहते। अभी तक वह मेरे कूल्हे कपडों के ऊपर से सहलाते थे एक दिन उन्होंने मेरी शोर्ट्स के अन्दर हाथ डालकर कूल्हे सहलाये। मुझे अच्छा तो लगा पर डर भी लगा। मैं उनके इरादों को कुछ कुछ समझने लगा। पर वो क्या करने वाले हैं यह मैं अब भी पूरी तरह नहीं समझ पाया था। मैं उनसे बच कर रहने लगा और उनके सामने ना आने का प्रयास करता।

एक दिन दोपहर को वह अपने कमरे में लेटे कोई किताब पढ़ रहे थे कि दीदी ने मुझे उनको पानी दे आने को कहा। मैं डरते हुए उनके कमरे में गया। उन्होंने पानी लेकर मुझे अपने पास जबरन बिठा लिया तथा मेरी जांघों पर हाथ फिराने लगे। फिर झटके से मुझे बगल में लिटा कर अपनी टांगों के बीच में दबोच लिया। थोड़ी देर तक शांत रहने के बाद वह मेरी शोर्ट्स के अन्दर हाथ डाल कर मेरी जांघ को दबाते हुए मेरे कूल्हे भी दबाने लगे। उन्होंने अपनी पैन्ट की जिप खोल कर अपना लंड मेरी शोर्ट्स के अन्दर जांघ पर रख दिया। मैं सिहर उठा। मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी। उन्होंने तभी एक झटका देकर मुझे थोड़ा तिरछा कर दिया। अब मेरी पीठ उनकी और थी। उन्होंने मेरी शोर्ट्स को थोड़ा ऊपर कर मेरे कूल्हे जोर जोर से मसलने शुरू कर दिए तथा अपना लंड मेरे कूल्हों की फ़ांकों में टिका दिया। मैं कसमसा रहा था पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी। तभी बाहर कुछ शोर सा हुआ, वह थोड़ा अचकचाए और मैं उनकी पकड़ से भाग निकला। उनको बहुत गुस्सा आया तथा वह अगला मौका तलाशने लगे।

उन्हें अगला मौका शीघ्र ही मिल गया। पड़ोस में एक शादी थी जिसकी बारात इलाहाबाद जानी थी। वह मुझे भी जिद करके अपने साथ बारात में ले गए। सबको उन्होंने मुझे इलाहाबाद घुमाने के बहाने राजी कर लिया था। मैं किसी से कुछ कह भी नहीं सकता था। मुझे उनके साथ जाना पड़ा। बारात एक होटल में रुकी थी। उन्होंने सबसे अलग एक कमरा ले लिया। बारात लगने के तुंरत बाद ही वह मुझे लेकर होटल के कमरे में आ गए।

उस समय रात के १२ बजे थे। मुझे लेटते ही नींद आ गई। थोड़ी देर बाद मेरी नींद खुली तो मैंने पाया कि जीजाजी ने मेरी पैंट और चड्डी उतार दी है तथा वह मेरे लंड से खेल रहे हैं। मै अनजान बना लेटा रहा। उन्होंने मुझे तिरछा कर दिया तथा मेरे कूल्हे दबाने लगे। फिर उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी। मुझे दर्द हुआ पर मैं चुपचाप लेटा रहा। अब जीजाजी ने अपना लंड निकल कर मेरे चूतड़ों से रगड़ना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक वह ऐसा ही करते रहे। फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड के छेद में घुसाने की कोशिश की, पर वह नाकाम रहे। मेरी गांड का छेद काफी टाइट था। दोबारा कोशिश में भी वह अपना लंड छेद में नहीं घुसा सके।

अब उन्होंने मुझे पकड़ कर उल्टा कर दिया तथा वह मेरी टांगों को फैला कर बीच में बैठ गए। उन्होंने मेरे चूतडों की दोनों फांको को पकड़ कर फैलाया और अपना लंड एक जोर का झटका देते हुए मेरी गांड में पेल दिया। मैं दर्द से बिलबिला गया पर डर के कारण मेरी चीख भी नहीं निकली। अब उनका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर था और वह धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर कर रहे थे। शुरू में तो मुझे काफी दर्द हुआ पर बाद में मजा आने लगा। १५ -२० मिनट के बाद उन्होंने पिचकारी मेरी गांड में ही छोड़ दी और वह मेरे ऊपर से उठ कर बगल में लेट गए। मेरी गांड में लंड पेलने के कारण पेट में काफी गैस बनने लगी थी तथा मुझे लगा कि खून भी मेरी गांड से निकल रहा है, यह अहसास भी मुझे हुआ। पर में बिल्कुल अंजान बना लेटा रहा।

थोड़ी देर में जीजाजी उठे और उन्होंने रुमाल में पानी लगाकर मेरी गांड पोंछी तथा मेरे चूतड सहलाये। मुझे राहत महसूस हुई। जीजाजी का लंड शायद फिर से खड़ा हो गया था। वह फिर से मेरी टांगों के बीच में बैठ गए लेकिन इस बार उन्होंने मुझे कमर में हाथ डाल कर घोड़े जैसी की अवस्था में कर लिया।

अब मेरी गांड का छेद ज्यादा खुल गया था। उन्होंने मेरे दोनों चूतड पकड़ कर फैला दिए तथा अपना लंड एक बार फिर से मेरी गांड में पेल दिया। इस बार मैंने भी अपनी गांड मराई का मजा लिया तथा कूल्हे हिला हिला कर जीजाजी का पूरा लंड गांड के भीतर जाने दिया। जीजाजी ने पूरे जोश से मेरी गांड मारी। उस रात सुबह होने से पहले जीजाजी ने तीसरी बार मेरी गांड मारी। इस बार उन्होंने मुझे पूरी तरह से नंगा कर मेरी गांड पिलाई की।

दोस्तों यह कहानी बिल्कुल सच्ची है। जीजाजी से गांड मराने के बाद कई दिनों तक मैं उनके सामने आने में शरमाता रहा पर वह अब भी मौका मिलते ही मुझसे छेड़-छाड़ अवश्य करते रहते थे। लेकिन उन्हें दोबारा मेरी गांड मरने का मौका घर में नहीं मिल सका। पर वह चूकने वालो में से नहीं थे।

उन्हें अगला मौका कब और कैसे मिला, पढिये अगली कहानी Hindi Sex Stories

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