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Massage Girl in East Khasi Hills: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in East Khasi Hills who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in East Khasi Hills that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The East Khasi Hills massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in East Khasi Hills who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your East Khasi Hills massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This East Khasi Hills massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in East Khasi Hills who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in East Khasi Hills employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in East Khasi Hills helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in East Khasi Hills

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in East Khasi Hills at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

मैं भी अब अंतर्वासना की पक्की पाठक Antarvasna बन चुकी हूँ। यहाँ छपने वाली एक एक मन मोहित कर देने वाली कथा पढ़ कर काम-इच्छा जागना स्वाभविक है। आज मैं भी अपनी एक ऐसी चुदाई लेकर सबके सामने आई हूँ, मुझे आशा है कि मेरी इस मेहनत को दरकिनार नहीं किया जायेगा।

मैं पानीपत की रहने वाली एक महला हूँ, हम तीन भाई बहन हैं, सबकी शादी हो चुकी है, मैं सबसे छोटी हूँ। जैसे जैसे मैं बड़ी होती गई, जवानी मेरे जिस्म को सजाती गई और मेरी जवानी और ज्यादा कंटीली होती गई। यौवन के फूल जब खिलते हैं तो उनकी महक फिज़ा में फ़ैल जाती है और स्वाभाविक है कि इस महक से भंवरे इर्द गिर्द मंडराने लगते हैं।

मेरे पांव फिसलते देर नहीं लगी। देखते ही देखते मैं अपनी जवानी लुटाने लगी, कई भंवरों ने मेरा रसपान किया। यह देखते हुए माँ ने बीस साल की उम्र में ही मेरी शादी सोनीपत के एक घर में सर्वेश नाम के युवक से कर दी।

मेरे जैसी आग और कोमल लड़की से शादी करके सर्वेश अपने दोस्तों में फूला नहीं समाया। रात के ९ बजे मेरी ननद ने मुझे कपड़े बदलवा मुझे सुहाग-सेज पर बिठा दिया। गुलाब की मदहोश सुगंध से दिल मचलने लगा। करीब एक घंटे बाद सर्वेश अन्दर आया, दरवाज़ा बंद हुआ, यह मेरा पहली बार नहीं था फिर भी एक्टिंग तो करनी पड़नी ही थी, आते ही घूंघट उठाते ही उससे रुका नहीं गया।

मुझे बाँहों में लेकर चूमने लगा। उसकी ऐसी हरक़त से मैं बहुत खुश थी। देखते ही हम दोनों निर्वसन हो गए। वो तो जैसे चूम के सब-कुछ कर देना वाला था। कुछ पल में मैं उसके नीचे कसमसाने लगी। मेरे चरम-सीमा से पहले ही वो निढाल हो कर हांफने लगा। मेरे सपने टूट गए, सुहाग-सेज के गुलाब मुझे कांटे लगने लगे। पूरी रात मुझे अपने आशिकों की याद आती रही।

फिर मैंने सोचा कि शायद तजुर्बा न होने की वजह से या फिर एकदम से मेरी जैसे आग को देख उसका यह हाल हुआ है। लेकिन फिर मेरे अरमान रोज़ कुचले जाने लगे।

एक साल बाद ही मैंने बच्ची को जन्म दिया। मेरी सेक्स लाइफ अरमान बन रह गई। फिर एकदम से मेरे पति के बिज़नस में गिरावट आई और उसने सब कुछ समेट लिया और मुझे वहां बुलाने का वायदा कर शहर आ गया। यहाँ पर उसको एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी नौकरी मिल गई और उसने कम्पनी के दिए क्वाटर में मुझे बुलवा लिया। शहर आकर तो मेरी जवानी और निखरने लगी। लेकिन अब सेक्स-लाइफ और बदतर हो गई। थका आता, कभी चोदता कभी नहीं !

मेरी चूत शहर के मर्द देख और गीली होने लगी। अब मैं चुप नहीं रही और उसको उसकी कमजोरी पर ताने कसने लगी। उसको शराब की लत लग गई। उसके कुछ दोस्त घर आते और बैठ कर दारू पीते। एक दिन मेरा पति जॉब पर नहीं पहुंचा और सुबह ही शराब पीकर टुन्न होकर अपने किसी दोस्त के घर लुढ़क गया। आधे घंटे बाद उसका एक दोस्त अमित घर आया। मैंने कपड़े ही ऐसे डाले थे कि उसकी आंखें फटी रह गई। मैंने चुटकी बजाकर उससे कहा- क्या हुआ ?

उसको अन्दर बुलाया, उसने मुझे कहा कि सर्वेश को सुबह ही ज्यादा हो गई है, जॉब पर नहीं गया ! मेरे घर पड़ा है !

उसने मेरी इतनी तारीफ की। औरत तारीफ की भूखी होवे- सब जाने !

मैं उसके लिए चाय बनाने रसोई में गई, मेरे अरमान मचलने लगे। तभी उसने मुझे पीछे से दबोच लिया और एक साथ ही मुझपर चुम्बनों की बरसात कर दी।

यह क्या कर रहे हैं आप- मैंने दिखावे के लिए कहा।

भाभी पागल बना दिया तेरी जवानी ने ! कैसे काटती होगी ऐसे मर्द के साथ ?

मैंने पलटी खाई, चिपक गई उसके साथ। मैंने भी उसको चूम लिया। बहुत प्यासी हूँ मैं भाई साब !

ओह, मुझे मालूम है तुझ जैसी औरत की चूत वो ठंडी नहीं कर पाता होगा !

बिस्तर पर डाल उसने मुझे नंगी कर लिया और मेरा स्तनपान करने लगा- क्या छाती है तेरी !

ओह, अमित बहुत प्यासी हूँ इस आदमी की वजह से ! मैंने भी उसके फूले हुए हिस्से को मसलते हुए कहा और उसकी बेल्ट खोल दी। फिर उसका अंडरवियर उतार दिया। क्या लौड़ा था उसका ! पकड़ते ही आग लग गई ! मैंने झट से उसके लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और वो अपने लौड़े की चुसाई मेरे बालों में हाथ फेरते हुए देखने लगा।

लौड़ा है अमित आपका !

भाभी बहुत बड़ा है मेरा ! क्या करूँ !

अब मैं करुँगी कुछ !

मैं एक रंडी की तरह उसकी आँखों से आंखें मिला कर लौड़ा चाटने लगी। मैं ६९ पे आ गई और उसके होंठों पे अपनी चूत रख दी। वो खूब चाटने लगा, मैं सिसकने लगी।

एक साल बाद मुझे असली लौड़ा मिला था और मज़बूत बाहें मिली थी। मैं कसमसाने लगी। मैंने मुँह से लौड़ा निकाल दिया और टांगें चौड़ी कर के लेट गई। उसने बीच में आकार अपना नौ इंच का लौड़ा मेरी चूत पे रखा तो मैं पागल हो कर गांड उठाने लगी। वो तड़पाने लगा, फिर उसने अपना लौड़ा घुसाना शुरू किया। कसी हुई चूत ऐसे लौड़े की आदत ही भूल चुकी थी।

भाभी ! सच में वाह ऐसी चूत ! वो भी इतनी कसी, बस डालते जाओ !

उसने मेरे दर्द को नज़र अंदाज़ करते हुए जड़ तक डाल दिया।

हाय ! हाय ! चोद मुझे मादरचोद ! और जोर से चोद मेरी चूत को !

यह ले साली कुतिया ! यह ले !

अह उह उह सी सी कर मैं उसको उकसाने लगी और वो और जोश से ठोकने लगता। मैं झड़ चुकी थी लेकिन वो अभी लगा था। उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी करीब बीस मिनट की ठुकाई से उसने अपना माल जब छोड़ा तो मेरी चूत की प्यास बुझ गई। उसके बाद पूरा दिन उसने मुझे कई बार ठोका और अब मौका मिलते ही मैं उसको बुला लेती। जिस दिन पति की रात की ड्यूटी होती वो दिन में करवा लेता और रात को उसको बुला लेती और वासना के खेल खेलते। लेकिन कुछ महीनों बाद ही उसका ऑस्ट्रेलिया का फ़ैमिली वीसा आ गया और वो चला गया।

उसके बाद अखिलेश नाम का उसका दोस्त मेरे पति को छोड़ने आता। मेरा उस पर दिल आने लगा। वो भी मुझे चाहता था लेकिन पहल नहीं कर पा रहा था, वो मैंने कर दी। उसके बाद मेरी जिन्दगी में क्या हुआ, अगले भाग में लिखूंगी।

गुरु जी ! प्लीज़ मेरी चुदाई ज़रूर छाप देना !

मैं जल्दी ही अखिलेश और उसके बाद जो हुआ सब लिखूंगी। Antarvasna

Sex Stories

हाय ! मेरा नाम मुकेश है। मैं 22 साल 5’8 ” का लड़का हूं। मेरे Sex Stories उसका साईज़ 7″ है। आज मैं आपको अपनी एक ट्यूशन वाली स्टूडेन्ट की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं। मैं कंप्यूटर साइंस स्टुडेंट हूँ, मैं पार्ट टाइम के लिए टूशन पढाता हूँ। 2 साल पहले की बात है उस समय मेरी एक स्टुडेंट थी सिया, साली बहुत सेक्सी थी, कहने को 10वी में थी मगर बूब्स का साइज़ देख कर लगता था कि पूरी जवान है, चलती थी तो कयामत ढा देती थी, वैसे ये बात मेरे दोस्त बोलते थे मैंने उसे ऐसी नज़र से कभी नहीं देखा था

एक दिन उसे मैथ्स में प्रॉब्लम आ गया, बेचारी ने सारी रात सोल्व करने कि कोशिश कि मगर झांट सोल्व नहीं कर पाई, उसने दूसरे दिन मुझसे वोह प्रॉब्लम पूछा मैंने एक ही बार में सोल्व कर दिया वोह पूरी इम्प्रेस हो गई, उसको हाव भाव बदलने लगे, वैसे मैं अपने स्टूडेंट्स से क्लो्ज रहता हूँ पर वोह कुछ ज्यादा ही क्लोज हो रही थी.

एक दिन उसने मुझसे कहा- सर मुझे आपसे कुछ कहना है.

मैंने कहा- बोलो सिया क्या बात है?

उसने कहा- सर अकेले में बात करनी है.

मैंने कहा- ठीक है छुट्टी के बाद रुक जाना.

उसकी आँखे चमक गई, मेरे और भी स्टूडेंट्स थे पर उनमे सबसे बड़ी सिया ही थी. सबके जाने के बाद सिया ने मुझसे कहा सर अगर मैं आपसे कुछ कहूं तो आप बुरा तो नहीं मानेगे, मैंने कहा पहले कहो तो, उसने कहा पहले प्रोमिस करिए कि बुरा नहीं मानेंगे मैंने कहा अच्छा बाबा नहीं मानूगा अब बोलो उसने कहा सर आप… आप .मुझे…अच्छे लगते है.

मैं चौंक गया, फिर सोचा मस्त माल मिल रही है छोड़ा क्यों जाए मैंने कहा वैसे मैं भी तुम्हे पसंद करता हूँ उसके बाद हमारी लव स्टोरी शुरू हुई (ऐसा वो समझती थी ), पर मुझे तो बस अपनी चूत की प्यास बुझानी थी एक दिन मैंने मौका देख कर उसे अकेले में अपने घर बुलाया, घर के सभी लोग बाहर गए थे, और 2 -3 घंटे तक उनके आने की उम्मीद नहीं थी, हम काफी करीब आ गए थे और मैंने उसे सेक्स करने के लिए मना लिया था आज अच्छा मौका था.

डोर बेल बजा मैंने दरवाजा खोला तो वो खड़ी थी जींस और टॉप में क़यामत लग रही थी, मैंने उसे अन्दर बुलाया और बोला आई लव यू सिया और उसे बाँहों में भर लिया और लिप किस करने लगा वोह भी मेरा पूरा साथ देने लगी मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और चूसने लगा, ये मेरा पहला सेक्स था,

उसके बाद मैंने उसके एक बूब को पकड़ कर दबाया, इतना मजा आया की क्या बोलूं, उसके बाद मैं अपना हाथ जींस के ऊपर ही उसके चूत पर फेरने लगा अब वोह गरम होने लगी, मैंने सबसे पहले उसका टॉप उतारा अन्दर ब्रा थी, उसके बाद जींस उतारी, फिर उठा कर बिस्तर पर ले गया वहाँ अपनी जींस और शर्ट उतार दी उसके बाद मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मस्त गोरे गोरे टमाटर जैसे बूब्स को आजाद कर दिया.

उसके बाद मैं उसे दबाने लगा वोह सिसकियाँ ले रही थी अह ह्ह्ह्ह्ह्छ…ऊओअया अआः…

मुकेश बहुत मजा आ रहा है जान, फिर मैंने पैंटी उतारी और अपना अंडरवियर भी, वोह मेरा लंड देख कर खुश हो गई उसके बाद मैंने एक ऊँगली उसके बूर में डाल दी वोह बोली हाई…मैं मर गई उसके बाद मैं ऊँगली करने लगा, एक हाथ से ऊँगली कर रहा था और एक से उसकी बूब्स दबा रहा था.

अब वोह पूरी तरह गरम हो गई थी मैंने उसके बूर से ऊँगली निकली और खड़़ा हो गया वोह भी घुटनों के बल बैठ गई मैंने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया फिर उसने थोडी देर तक मेरा लंड चूसा फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा, दोनों ही वर्जिन थे इसलिए किसी का गिरा नहीं फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.

वोह चिल्लाई आआअह ह्ह्ह्ह्ह्छ ह्ह्ह। ..मुकेश… धीरे .

उसके बाद मैंने धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था उसके बाद मैं लेट गया और वोह अपनी चूत मेरे लंड पर सेट करके बैठ गई अब मैं उसे जोर जोर से चोदने लगा जब मैं झड़ने वाला था तो रुक गया और उसे के बाद गोद में बिठा के फिर से मारने लगा करीब 1 घंटे तक हमने चोदा -चोदी का खेल खेला मेरी चूत की प्यास उस दिन ठंडी हो गई. उसके बाद हम दोनों झड़ गए।

उसके बाद जब कभी भी हमे मौका मिला तो हमने होनीमून मनाया, मेरे पढ़ाने के कारण उसे 10वी में 90% मार्क्स मिले और वोह अब एक मेडिकल कॉलेज में है जब भी छुट्टी में आती है तो हम पूरा एन्जॉय करते हैं। Sex Stories

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?

Antarvasna

सवेरे मैं सुस्ती में उठी… अलसाई Antarvasna सी बाहर बरामदे में आ गई और कसमसाते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने बोबे को पूरा बाहर उभारते हुए अंगड़ाई ली… कि पीछे से एक सिसकारी सुनाई दी- रोशन जी… ऐसी अंगड़ाई से तो मेरे दिल के टांके टूट जायेंगे…! गुड मॉर्निंग…!’ साहिल मुसकराता हुआ बोला.

‘हाय रे… आप यहाँ…?’ मैं शरमा गई… दोनों हाथों से अपनी चूचियों को छिपाने लगी… पर रात की बातें मुझे याद आ रही थी। अब मैं भी कुछ करना चाहती थी… साहिल का सामना करना चाहती थी… शायद आज वो मेरे साथ जोर जबरदस्ती करे… पर इसके विपरीत मैं उसे रिझाना चाहती थी… पर मुझमें इतना साहस नहीं था… पर साहिल बेशरम था… एक के बाद एक मुझ पर तीर मारता गया… मुझे काम भी बनता नजर आने लगा… मैं मन मजबूत करके वहीं खड़ी रही.

‘ज़रा हाथ नीचे करो ना… आपके वक्ष बहुत सुन्दर हैं… और सुन्दरता दिखाई जाती है… छुपाई नहीं जाती…!’ मेरी चूचियों को निहारते हुए उसने कहा।
‘हाय साहिल जी… ऐसे ना कहो… मुझे शरम लगती है…’ मैंने अपने सीने से हाथ हटा कर चेहरा छुपा लिया।

वो मेरे पास आ गया और मेरे चेहरे को ऊपर उठा दिया…
‘इस खूबसूरत चेहरे पर पर्दा न करो… ये बड़ी बड़ी आंखें… गोरा रंग… गुलाबी गाल… ये इकहरा बलखाता बदन… गजब की सुन्दरता… खुदा ने सारी खूबियाँ आप में डाल दी हैं…’
‘हाय मैं मर जाऊँगी…’ मैं सिमटती हुई बोली। उसकी बातें मुझे शहद से ज्यादा मीठी और सुहानी लग रही थी। मैं इस बात से बेखबर थी कि कमला अपने कमरे के बाहर खड़ी सुन कर मुस्करा रही थी.

‘हाय… कश्मीर की वादियाँ भी इतनी सुन्दर नहीं होंगी जितनी सुडौल ये पहाड़ियाँ है… ये तराशा हुआ बदन… ये कमर… कही कोई अप्सरा उतर आई हो जैसे…’ मैंने अपनी आखें बन्द किये ही अपने हाथ नीचे कर लिये… मेरे उभार अब उसके सामने थे। साहिल मेरे बहुत नज़दीक आ गया था… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था… मैं घबरा उठी।

‘हाय राम जी…!’ मैं कहती हुई मुड़ी और भागने के ज्यों ही कदम बढ़ाया मैं कमला से टकरा गई।
‘हाय राम… मां जी… आप…?’
‘जरा सम्हल कर रोशन… गिर जायेगी…! सुन मैं ज़रा काम से बाज़ार जा रही हूँ… साहिल को चाय नाश्ता और खाना खिला देना… देखना कुछ कमी न हो… एक बजे तक आ जाऊँगी…’ मुस्कुराती हुई आगे बढ़ गई।

साहिल ने फिर एक तीर छोड़ा- भरी जवानी… जवान जिस्म… तड़पती अदायें… किसके लिये हैं…’
मैंने देखा कमला जा चुकी थी। अब हम दोनों घर में अकेले थे… और कमला ने जब साहिल को छूट दे दी थी तो मुझे भी उसका फ़ायदा उठा लेना था।

‘कहाँ से सीखा… ये सब…’
‘जब से आप जैसी सुन्दरी देखी… दिल की बात जबान पर आ गई…’ मैं अब चलती हुई अपने कमरे में आ गई… साहिल भी अन्दर आ गया… मैंने चुन्नी उठाई और सीने पर डालने ही वाली थी कि उसने चुन्नी खींच ली… इसे अभी दूर ही रहने दो… और दो कदम आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया…
‘ये क्या कर रहे है आप… छोड़ दीजिये ना…’ मैं सिमटने लगी… हाथ छुड़ाने की असफ़ल कोशिश करने लगी।

‘रोशन… प्लीज… आप बहुत अच्छी हैं… बस एक बार मुझे किस करने दो… फिर चला जाऊँगा…’ उसने अब मेरी कमर में हाथ डाल दिया। नीचे से उसका पजामा तम्बू बन चुका था… मेरी चूत भी गीली होने लगी थी। मैं बल खा गई और कसमसाने लगी… शर्म से मैं लाल हो उठी थी। मेरा बदन भी आग हो रहा था।

‘साहिल… देख… ना कर… मैं मर जाऊँगी…’ मैंने नखरे दिखाते हुए, बल खा कर उसके बदन से अपना बदन सहलाने लगी… और उसे धकेलने लगी
‘रोशन… देख तेरे सूखे हुए होंठ… तड़पता हुआ बदन… आजा मेरे पास आजा… तेरे जिस्म में तरावट आ जायेगी…’
‘साहिल… मैं पराई हूँ… मैं शादीशुदा हूँ… ये पाप है…’ उसे नखरे दिखाते हुए मैं शरम से दोहरी होने लगी…

‘रोशन तेरे सारे पाप मेरे ऊपर… तुझे पराई से अपना ही तो बना रहा हूँ…’ उसने अपना लण्ड मेरे चूतड़ो पर गड़ा दिया…
‘साहिल सम्हालो अपने आप को… दूर रखो अपने को…’ अब तो वस्तव में मुझे पसीना लगा था। मेरा बदन सिहर उठा था। कमला की रात वाली चुदाई मेरी आंखो के सामने घूमने लगती थी। मुझे लगा कि ये अपना लण्ड मेरी चूत में अब तो घुसेड़ ही देगा। मेरी चूतड़ो की दरार में उसका लण्ड फ़ंसता सा लगा। लण्ड का साईज़ तक मुझे महसूस होने लगी थी। मैंने घूम कर साहिल के चेहरे की तरफ़ देखा। उसके चेहरे पर मधुरता थी… मिठास थी… मुस्कुराहट थी… लगता था कि वो मुझ पर किस कदर मर चुका था।

मैं शरम के मारे मरी जा रही थी। मुझे उसने प्यार से चूम लिया। मैंने उसकी बाहों में अपने आप को ढीला छोड़ दिया… चूतड़ो को भी ढीला कर दिया। उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया… मेरे साथ उसका पजामा भी नीचे आ गिरा… उसने मेरा ब्लाऊज धीरे से खोल कर उतार दिया… मेरी छोटी छोटी पर कड़ी चूंचिया कठोर हो गई… उसने मेरे दोनों कबूतर पकड़ लिये… हम दोनों अब पूरे नंगे थे।

मैं उसकी बाहों में कसमसा उठी। मैं सामने बिस्तर पर हाथ रख कर दोहरी होती गई और सिमटती गई… पर झुकने से मेरी गांड खुल गई और उसका लण्ड मेरी दरारो में समाता चला गया… यहाँ तक कि अन्दर के फूल को भी गुदगुदा दिया।

मुझे एकाएक फूल पर ठंडा सा लगा… साहिल ने अपने थूक को मेरे गाण्ड के फ़ूल पर भर दिया था। लगा कि चिकना सुपाड़ा फ़ूल के अन्दर घुस चुका था। मेरे मुख से आह निकल गई… मेरी दुबली पतली काया… गोरी गोरी सुन्दर सी गोल गोल गाण्ड… मेरी प्यासी जवानी अब चुदने वाली थी।

‘हाय रे रोशन… कितनी चिकनी है रे… ये गया…’ लण्ड मेरी गाण्ड के अन्दर सरकता चला गया… मेरे दिल में चैन आ गया… चुदाई के साथ सथ ही मेरे शरीर में चुदाई की झुरझुरी भी आने लगी थी कि आखिर चुदाई शुरू हो ही गई।

उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाते हुये बोबे तक पहुंच गये थे… और अब… हाय रे… उसने मेरी छाती मसल डाली… मैं शरम से सिकुड़ सी गई… मैं धीरे धीरे बिस्तर पर पसर गई… मैंने अब हिम्मत करके शरम छोड़ दी।

अब मैंने मेरी दोनों टांगे खोल दी… पूरी चौड़ा दी… उसे मेरी गाण्ड मारने में पूरी सहूलियत दे दी… अब मेरे चूतड़ो को मसलता… थपथपाता… नोचता… खींचता हुआ गाण्ड चोद रहा था… मुझे मस्ती चढती जा रही थी। अपनी मुठ्ठियो में तकिये को भींच रही थी। दांतो से अपने होंठो को काट रही थी… और पलंग़ धक्को के साथ हिल रहा था।

अब वो मेरे पर लेट गया था… उसका पूरा भार मेरी पीठ पर था… और कमर हिला हिला कर धक्के मार रहा था। मेरी गाण्ड चुदी जा रही थी। मेरे मुख से बार बार आहें निकल पड़ती थी।

‘मेरी जानू… अब बस… अब तेरी चूत की बारी है…’ और अपना लण्ड गाण्ड से धीरे से निकाला और चूत का निशाना साध लिया। मुझे एकाएक अपनी चूत पर चिकने सुपाड़े की गुदगुदी हुई और मेरी चूत ने लण्ड के स्वागत में अपने दोनों पट खोल दिये… और लण्ड अकड़ता हुआ तीर की तरह अन्दर बढ चला।

‘मां रीऽऽऽऽ आऽऽऽह… चल… घुस जा… राम जी रे…’ मेरा मन और आत्मा तक को शांति मिलने लगी… लण्ड चूत की गहराई तक घुसता चला गया… और जड़ तक को छू लिया। दर्द उठने लगा… पर मजा बहुत आ रहा था। चूत को फ़ाड़ता हुआ दूसरे धक्के ने मेरे मुख से जबरदस्त चीख निकाल दी… मेरी चूत से खून बह निकला…

‘हाय… साहिल देख बहुत दर्द हो रहा है… धीरे कर ना…’
‘हाय रे मेरी बच्ची को मार देगा क्या…’ कमला की पीछे से आवाज आई… मैं घबरा उठी… ये कहाँ से आ गई…
‘नहीं वो धक्का जोर से लग गया गया था… बस…’

‘रोशन… मेरी बच्ची… मैं हूँ यहाँ… आराम से चुदवा ले…’ कमला ने हम दोनों को ठीक से लेटाया और तौलिए से खून साफ़ किया और मेरी चूत पर क्रीम लगाई…

‘अरे… गाण्ड भी मार दी क्या…’ मेरे पांव उपर करके गान्ड में भी चिकनाई लगा दी।
‘अब ठीक है… चलो शुरु हो जाओ…’ अब साहिल मेरे दोनों पांवो के बीच में आ गया और लण्ड को चूत में उतार दिया… चिकनी चूत में लण्ड मानो फ़िसलता हुआ… आराम से पूरा बैठ गया। मुझे बड़ा सुकून मिला। अब चुदाई बहुत प्यारी लग रही थी।

कमला भी अब मेरे बोबे सहला रही थी। रह रह कर वो साहिल की गाण्ड भी सहला देती थी थी और अपना थूक लगा कर अंगुलि को उसकी गाण्ड में डाल देती थी। इस प्रक्रिया से साहिल बहुत उत्तेजित हो जाता था।

अब कमला ने साहिल की गाण्ड को अंगुली से चोदना चालू कर दिया था। उसके धक्के भी बढ़ गये थे… मेरी चुदाई मन माफ़िक हो रही थी मेरा जिस्म बिजली से भर उठा था… बदन कसावट में आ चुका था, सारी दुनिया मुझे चूत में सिमटती नजर आ रही थी। लगा कि सारी तेजी… सारी बिजलियाँ… सारा खून मेरी चूत के रास्ते बाहर आ जायेगा… और… और…
‘मां री ऽऽऽऽऽ… हाऽऽऽऽय रे… मर गई…’

‘बस… बस… बेटी… हो गया… निकाल दे… झड़ जा…’ कमला प्यार से मेरे उरोजो को सहलाते हुए झड़ने में मदद करने लगी…
‘मम्मी… मैं गई… ईईऽऽऽऽऽऽऽ… आईईईइऽऽऽऽ… मेरे राम जी…’ और मैं जोर से झड़ गई…

‘अरे धीरे चोद ना… देख वो झड़ रही है…’ उसकी चुदाई धीमी हो गई… ऐसे में झड़ना बहुत सुहाना लग रहा था… पर साहिल जोर लगाने की कोशिश कर रहा था।

कमला ने उसकी कमर थाम रखी थी कही वो झटका ना मार दे। मैंने साहिल का लण्ड बाहर निकाल दिया और करवट ले कर लेट गई। कमला ने उसका लण्ड हाथ में भरा और जोर से रगड़ कर मुठ मारा और ‘ओ मां की चुदी… मैं मर गया… हाय निकाल दिया रे भोसड़ी की…’ और पिचकारी छोड़ दी…

‘देख इस मां के लौड़े को… पिचकारी देख…’ मैंने अपना मुख दोनों हाथो से छुपा लिया। वो झड़ता रहा… और एक तरफ़ बैठ गया।
मैंने जल्दी से पेटीकोट उठाया… पर कमला ने छीन लिया…

‘अभी और चुद ले… अपने पिया तो परदेस में है… सैंया से ठुकवा ले… अभी उनके आने में बहुत महीने हैं…’
‘मांऽऽऽ… तुम बहुत… बहुत… बहुत अच्छी हो’… प्यार से मैं मां के गले लग गई।

मन में आया कि पिया भले ही परदेस में हो… हम माँ बेटी तो साहिल के जिस्म से अपनी चूत की आग तो शांत ही कर सकती है ना…
साहिल एक बार और मेरे पर चढ़ गया… मैंने भी अपने पांव चौड़ा दिये… उसका कठोर लण्ड एक बार फिर से मेरी नरम नरम चूत को चोदने लग गया, लगा मेरी महीनों की प्यास बुझा देगा।

‘बेटी मैं तो जवानी से ही ऐसे काम चला रही हूँ… खाड़ी के देश गये हैं… इस खड्डे को तो फिर पड़ोसी ही चोदेंगे ना…’
‘मां अब चुप हो जा… चुदने दे ना…’ मुझे उनका बोलना अच्छा नहीं लग रहा था… रफ़्तार तेज हो उठी थी… सिसकियों से कमरा गूंज उठा… Antarvasna

Antarvasna

मैं जयपुर का Antarvasna रहने वाला 21 साल का नौजवान हूँ। हमारे जयपुर में 14 जनवरी (मकर संक्रान्ति ) के दिन पतंगें उड़ती हैं। हम लोग पूरी जनवरी महीने में छत पर ही रहते और पतंगें उड़ाते थे।

हम पतंग उड़ाते हुए बहुत मजे करते थे। मैं इस बार अपने दोस्त तरुण के घर की छत से ही पतंगे उड़ा रहा था। उसका घर मेरे घर से एक किलोमीटर दूर है। तरुण के छत के पीछे वाली छत पर रोज़ एक खूबसूरत लड़की आती थी।

मैंने तरुण से उसका नाम पूछा तो बोला- इसका नाम रक्षिता है।
और साथ में यह भी बताया कि यह किसी को लाइन नहीं देती है।
मैंने कहा- मैं इस खूबसूरत रक्षिता से दोस्ती करना चाहता हूँ !
तो वो बोला- तू पागल तो नहीं हो गया? जिस लड़की ने आज तक हमसे दोस्ती नहीं की, वो तुझ से क्या करेगी?

मैं बोला- चल लगी हज़ार की शर्त ! मैं इससे दोस्ती करके रहूँगा।
वो बोला- ठीक है…
अब आप लोगों को उसका आकर्षक फिगर बताता हूँ… उसके वक्ष का आकार 36 और शक्ल मानो करीना सामने आ गई हो…
मैं उसके नाम पर रोज़ मुठ मारता था।

बात 11 जनवरी 2009 की है, उस दिन में पतंग उड़ा रहा था। किस्मत से उस दिन हवा भी रक्षिता के घर की तरफ थी। मैंने देखा कि वो कपड़े सुखाने छत पर आई है तो मुझे एक आईडिया आया और मैंने उसके छत पर रखे गमलों में अपनी पतंग अटका दी।
और आवाज लगाई- मैडम, मेरी पतंग सुलझा दो…
उसने पहले तो मेरी तरफ गुस्से से देखा फिर पतंग हटाती हुई बोली- मिस्टर, मेरा नाम रक्षिता है !

मैं बोला- अच्छा नाम है ! और मेरा नाम रोहित है… और मैंने यह पतंग जानबूझ कर अटकाई थी क्योंकि मुझे आपसे दोस्ती करनी है…

फिर वो गुस्से भरे लाल चेहरे से बोली- तुमने सिर्फ दोस्ती करने के लिए मुझे परेशान किया? दोस्ती के बारे में सोच कर बताउँगी।
मैं बोला- ठीक है…

अगले दिन में छत पर उसका इन्तज़ार कर रहा था, करीब दो बजे छत पर आई। तब मैं अकेला ही छत पर था।
वो आकर बोली- मुझे लगता है कि तुम एक अच्छे इन्सान हो क्योंकि तुमने उसी समय सच्चाई बता दी… इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मुझे तुमसे दोस्ती करना मंजूर है…
मैं ख़ुशी से उछल पड़ा…फिर मैंने उससे उसका फ़ोन नंबर लिया…

बाद में मैंने तरुण से पूछा- रक्षिता के घर में कौन कौन है?
वो बोला- यह अपने भाई और भाभी के साथ रहती है।

मुझे लगा कि मुझे इसके भाई से दोस्ती करनी चाहिए जिससे रक्षिता के घर में घुस सकूँ !
मैं तरुण से बोला- यार, मुझे रक्षिता के भाई से मिला दे…
तरुण बोला- मिला तो दूंगा, पर आगे बात तुझे ही संभालनी पड़ेगी..
मैंने कहा- ठीक है।

शाम को जब उसका भाई आया तो तरुण ने उससे मुझे मिलवाया…
अगले दिन 13 जनवरी थी तो मैंने रक्षिता के भाई से पूछा- कल मैं आपके साथ आपकी छत पर पतंग उड़ा सकता हूँ?
तो बोले- हाँ क्यों नहीं ! मुझे भी कोई साथी मिल जाएगा..

अगले दिन हम दोनों 9 बजे छत पर पतंग उड़ाने चले गए…
हमने 2-3 पतंगें उड़ाई, तब रक्षिता हमारे लिए कुछ खाने के लिए ले आई…
जब वो आई, तब उसका भाई पतंग उड़ा रहा था, उसका ध्यान हमारी तरफ नहीं था।

मैंने उसे आँख मार दी और उसने मुस्कान दिखाई…
अब तो मैं उसी चोदने के बारे में सोचने लगा…
फिर वो नीचे चली गई।

उसका भाई साढ़े दस बजे ऑफिस जाने के लिए तैयार हो कर चला गया और जाते हुए बोल गया- जब तक इच्छा हो, उड़ा लेना और किसी चीज की जरुरत हो तो मांग लेना !
मैंने कहा- ठीक है…

भैया के जाने के करीब एक घंटे बाद रक्षिता ऊपर आई, बोली- जल्दी पतंग उतारो ! मुझे तुम्हें कुछ दिखाना है जल्दी नीचे आओ…
मैंने जल्दी से पतंग उतारी और बोला- क्या दिखाना है?
बोली- अंदर तो चलो !

और वो मुझे अपने कमरे में ले गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- रोहित, मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो ! मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ।

ऐसा एकदम से सुनकर मैं तो दंग रह गया। फिर सोचा कि अब जल्दी चूत मिल जाएगी।
मैं बोला- मुझे भी तुम्हें देखते ही प्यार हो गया था ! चलो, अब मैं ऊपर जा रहा हूँ, भाभी ने देखा तो मुश्किल हो जाएगी।
वो बोली- वो पड़ोस में गई हैं…
मुझे एक मस्त किस कर ना…
मैं बोला- ले मेरी जान !

और कसके उसे पकड़ा और एक लम्बा किस दिया.. किस देते देते मैं उसके स्तन भी दबा रहा था। अब वो गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी गांड दबाना शुरू किया।
तभी अचानक घंटी बजी, मैं तो सीधे छत पर भाग गया और पतंग उड़ाने लगा।
अगले दिन मकर संक्रान्ति थी..

मैं अगले दिन सुबह 8 बजे छत पर जाने वाला था पर कोहरा होने के कारण मैं 9-30 पर छत पर गया…अपनी नहीं रक्षिता की..

उस दिन उसने गहरे नीले रंग की कसी जींस पहनी थी और गुलाबी रंग का कसा टॉप पहना था। क्या मस्त लग रही थी ! मुझे तो इच्छा हो रही थी अभी बाहों में लेकर चोदना शुरू कर दूँ..

वहाँ पर करीब 12 बजे तक रक्षिता के भैया पतंग उड़ा कर अपने दोस्त के घर चले गए साथ में भाभी को भी लेकर गए…
मुझे तो मजा आ गया…

मुझे अब रक्षिता को चोदने का मौका मिलने वाला था..
भैया के जाते ही मैं रक्षिता से लिपट गया…और उसे बहुत लम्बा किस दिया… और गांड पकड़ कर उसे अपने हाथों से उठा लिया…

थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया .. उसकी जींस में से ही चूत को सहलाने लगा…उसे मजा आने लगा और वो आहें भरने लगी…
मैं अब उसके स्तनों को भी टॉप में से ही दबाने लगा थोड़ी देर में उसकी चूत गीली हो गई…

वो बोली- जानू ! मेरी चूत में से मस्त माल निकल चुका है… अब आप अपने मस्त से लौड़े से मेरी चूत का उदघाटन करोगे…
मैं बोला- जानेमन, इतनी जल्दी भी क्या है… पहले पूरे मजे तो ले लो ! फिर तेरी चूत का भी उदघाटन करेंगे…
वो बोली- आप जैसा कहें मेरे जानू…

फिर मैंने उसे फिर से किस किया और..उसके वक्ष को उसके टॉप से आज़ाद किया… उसके स्तन क्या तो मस्त थे ! मैंने उसके चुचूक को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया…
उसे बहुत मजा आया और वो आहें भरने लगी- जानू, तुम तो बहुत मस्त चूसते हो… चूसते रहो…

फिर मैंने उसकी जींस को उतार फेंका, अब वो सिर्फ पैंटी में थी और बहुत मस्त लग रही थी उसकी काली पैंटी ! वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी…

फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी और उसकी चूत को चूमने लगा… उसकी चूत में से मस्त खुशबू आ रही थी… वो आहें भरने लगी- अआहछ आह्ह
फिर मैंने उसे कहा- जान अब मुझे भी तो इन कपड़ों से आजाद करो !
बोली- ये लो जानू…

फिर उसने मेरा टी-शर्ट उतार फेंका और मेरे सीने पर चूमने लगी…
मुझे काफी मजा आ रहा था, साथ साथ मैं उसकी चूचियाँ भी दबा रहा था..
फिर उसने मेरी जींस उतारी और बोली- अब यह मस्त लंड आज़ाद होगा…

और उसने मेरा अन्डरवीयर उतारा और मेरे फड़फड़ाते साढ़े सात इंच के लंड को निकाला और मुँह में ले लिया और उसे मजे से चूसने लगी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था…15 मिनट बाद मेरा पानी निकला और वो चूसने लगी… मुझे काफी मजा आया..

फिर 10 मिनट में हमने कुछ खाया और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लौड़ा डाला ..
वो पहली बार चुद रही थी इसलिए मैंने उसकी चूत में आराम से अपना लंड डाला। थोड़ा अन्दर जाने के बाद वो चिल्लाई- रोहित, निकालो इसे ! मुझे दर्द हो रहा है !
मैं बोला- थोड़ी देर बाद अच्छा लगेगा…थोड़ा सहन कर लो इसे…
वो बोली- ठीक है…

फिर मैंने चुदाई चालू रखी… थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो बोली- रोहित, और तेज़ चोदो ! फाड़ दो मेरी चूत को…
मैंने और तेज़ चोदना शुरू किया। थोड़ी देर में वो झड़ गई .. मुझे काफी मजा आ रहा था, मैं लगातार चोदता रहा… थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया। उसने मेरा पानी अपने मुँह में पी लिया। फिर मैंने उसकी गांड भी मारी। हमने काफी मजा किया…

पर उसकी भाभी ने हमें पकड़ लिया और फिर मैंने उसे भी लंड का स्वाद चखाया…उसकी भाभी की चुदाई अगली कहानी में…
मुझे मेल करना मत भूलना… Antarvasna

Sex Stories

प्रिय पाठको, मैंने Sex Stories अपनी पहली कहानी “तू तो कुछ कर” में अपनी मैडम के बारे में ज़िक्र किया था मगर मैंने यह तो बताया ही नहीं कि वो लगती कैसी थी। वो एक कमाल की औरत जिसका कद 5’6″ के आसपास है और उसकी आँखें बिलकुल नशे से भरी हुई, उसके होंठ ऐसे कि किसी ने संतरे में लाल रंग कर दिया हो और वो भी ऐसा जिसका रस कभी ख़त्म ही न हो। उसका रंग गेंहुआ, चेहरे पर कोई दाग नहीं, उसके स्तन इतने प्यारे और कोमल कि जैसे बस इन्ही का गद्दा बना कर सो जाओ, उसकी जांघों के बीच में चूत का छेद जैसे बड़ी सफ़ेद पहाड़ी में एक गुफा जो सीधा स्वर्ग में खुलती है, उसकी पसीने से भरी वो कमर जिसे देख किसी साधु का भी ईमान डगमगा जाये, उसके ब्लाऊज़ से झांकते उसके वो मम्मे जैसे कह रहे हों- हमें आज़ाद करो, हम फंस गए हैं, वो उसकी ब्रा के खुलते ही उसकी चूचियों का धड़ाम से बाहर गिरना जैसे की सालों से आज़ाद नहीं हुई हो, उसके होंठों का लंड पर ऐसा एहसास जैसे कोई मखमल के कपड़े से तुम्हारा लंड सहला रहा हो।

खैर अब मेरे मुँह पर चूत लग चुकी थी। मैं अब नई नवेली मुल्ली की तरह हो गया था, रोज़ मन करता था कि बस अपना चप्पू चलाता ही रहूँ। मगर ऐसा संभव नहीं था क्योंकि वो शादीशुदा औरत थी और एक बच्चे की माँ भी। थोड़ा सा समाज का ख्याल तो रखना ही पड़ता था। कई दिन हो गए थे मुझे उस पसीने की महक दोबारा लिए हुए।

तभी एक दिन सुबह मैडम का फ़ोन आया कि आज उनके पति दो दिन के लिए बाहर जाने वाले हैं। तो मैडम चाहती थी कि मैं उन्हीं के साथ रहूँ। मगर ऐसा नहीं हो सकता था, खैर मैंने अपने घर वालों को बोल दिया कि मैं सुबह ट्यूशन जा रहा हूँ और एक्स्ट्रा क्लास लेने के बाद अपने दोस्त के घर पढ़ाई करने चला जाऊंगा।

मैं सीधा मैडम के घर गया और साथ कुछ कंडोम भी ले गया ( इसे इस्तेमाल करने में शर्म नहीं करनी चाहिए)।

फिर क्या था, मैं जैसे ही उनके कमरे में घुसा तो देखा कि कमरा महक रहा है जैसे किसी सुहागरात में महकता है। मैडम की आँखों में चमक थी, उनकी आँखों में कई दिनों की भूख दिख रही थी। फिर उन्होंने कमरे का दरवाजा बन्द करते हुए मुझे बिस्तर पर धक्का दिया और मुझे चूमने लगी। मैंने उनके हाथों को रोक दिया और उनसे कहा- आज कुछ अलग करने का मूड है !

उन्होंने पूछा- क्या ?

तो मैंने कहा- आपकी गांड मारने का मन है !

वो बोली- पहले आगे का कार्यक्रम पूरा कर लेते हैं, तब पीछे भी जाएँगे !

मगर वो जानती है की मैं अभी छोटा हूँ, मेरा स्टेमिना कम है और वो मुझे आगे ही इतना थका देंगी कि मैं पीछे जा ही नहीं पाउँगा। मैंने जिद करके उन्हें मना ही लिया और मैंने उन्हें घोड़ी की अवस्था में बिस्तर पर टिका दिया और खुद उनके पीछे आ गया और मैं यह जान चुका था कि जब तक औरत के शरीर पर कुछ कपड़े बाकी हैं तो उसकी लेने में बड़ा मज़ा आएगा, मगर अगर तुमने उसे पूरा नंगा कर दिया तो वो मज़ा नहीं आ पाता।

इसीलिए मैंने मैडम के शरीर पर उनकी ब्रा और पैंटी छोड़ दी ताकि थोड़ा फील आ सके। उसके बाद मैंने जैसे ही अपना लंड उनकी गांड पर टिकाया तो वो उनके छेद के ऊपर ही अटक गया, और मैं समझ गया कि यह ऐसे अन्दर नहीं जाएगा। मैंने कहीं से वैसलिन ढूँढी और उनकी गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाई, एक हाथ से मैडम का मम्मा पकड़ा और एक हाथ उनके कंधे पर रखा और झट से उनके अन्दर तक बाड़ दिया।

वो तड़प उठी और उनकी उस तड़प को देख कर मैं और उत्तेजक हो गया, मैंने उनकी गांड में 8-10 धक्के मारे और उनके बगल में ही लेट गया और उनसे लिपट के उन्हें प्यार करने लगा। मगर वो एक खेली-खाई औरत थी, वो कहाँ थकने वाली थी। तो उन्होंने मेरे लण्ड को जगाने के लिए चूसना चालू किया। फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और बोली- अब मेरी बारी !

और उन्होंने मुझसे धक्के लगवाने चालू किये। उनके वो उछलते हुए दो बम और उनकी आँखों में छलकती हुई हैवानगी मुझे पागल कर रही थी। मगर साथ ही मैं थकता भी जा रहा था। फिर आखिर मैंने उन्हें अपने से लिपटा लिया और सोचा कि वो मान जाएगी मगर वो कहाँ मेरे कहे में आने वाली थी।

हम पसीने-2 हो रहे थे, वो मेरे में हिम्मत नहीं रही थी। जब मैं बहुत थक गया तो मुझे उनसे मिन्नत करनी पड़ी- आज बस इतना ही !

उनमें ऐसी हैवानियत मैंने पहले कभी नहीं देखी थी। खैर हम बहुत देर तक एक दूसरे से प्यार करते रहे। उन्होंने मुझे बाद में मुझे खुली छूट दी कि मैं कुछ भी कर लूँ उनके साथ !

मगर मेरी तो फटी पड़ी थी !

फिर वो नहाने चली गई, मैं बिस्तर पर ही पड़ा रहा और थक कर सो गया।

फिर हम पूरे दिन नंगे ही रहे।

जब मैं थक कर सोया हुआ था तब कुछ घंटे बाद मैंने महसूस किया कि कुछ मुलायम सी चीज़ मेरे मुँह को छू रही है, तो मैंने पाया कि मैडम जी मेरे मुँह में अपने मम्मे देने की कोशिश कर रही थी। मुझे तो जैसे यह एक सपना लग रहा था कि सोकर उठते ही एक मम्मा मेरे मुँह में !

आऽऽहाऽऽ ! क्या एहसास था वो !

फिर मैंने मैडम के मम्मे बहुत देर तक चूसे। मेरी क्या आदत है कि जब मैं कोई चीज़ चूसता हूँ तो पूरा मज़ा लेता हूँ उसका। मैंने बहुत देर तक उन थनों को चूसा और मदहोश होता चला गया। फिर उसके बाद मैडम बोली- हम एक काम करते हैं ! एक खेल खेलते हैं।

खेल यह था कि वो मेरी आँखों पर पट्टी बांधेंगी और फिर मेरे मुँह में एक एक करके अपने जिस्म का एक एक हिस्सा छुएंगी और मुझे पहचानना होगा कि वो कौन सा हिस्सा है।

मुझे ठीक लगा और उन्होंने मेरी आँखों पर एक पट्टी बांध दी। फिर उन्होंने पहले अपना कन्धा मेरे मुँह से छुआ, फिर अपनी कोहनी, फिर अपने रसीले होंठ, फिर अपना मम्मा, और फिर आखिर में अपनी चूत मेरे मुँह पर लगाई और फिर मैंने उनकी चूत को बहुत देर चूसा, जो कि गीली थी।

फिर हमने सोचा कि अगर खेलना ही है तो टाइम बाँट लेते है- जैसे हर आधे घंटे कुछ खास करेंगे, जैसे एक बार सिर्फ चूमा-चाटी, एक बार सिर्फ गांड मारना, एक बार सिर्फ चुदाई, एक बार सिर्फ चूचे चोदना, एक बार फ्री स्टाइल बिना चुदाई के !

जो नियम तोड़ेगा उसे दूसरे से अपने मुँह पे मुतवाना पड़ेगा।

चुम्बन वाले वक़्त में तो हमने बस माँ बहन ही कर दी कि अगर कोई हमें देख लेता तो बस उसकी फट ही जाती, जैसे हमने सारी जान उसमें ही लगा दी।

अब आई गांड की बारी तो मैंने उसे घोड़ी बनाया और गांड मारनी चालू की तो वो इसका आनन्द लेने लगी और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी। उसकी सिसकियाँ सुनकर मेरे अन्दर को चोदुमल बाहर आता जा रहा था और मेरी स्पीड तेज़ हो गई जिससे उसकी सिसकी चीख में बदलने लगी और वो बोलने लगी- बस राज निकाल ले, वरना सिलाई उधड़ ही जाएगी मेरी गाण्ड की !

उसकी बात सुनकर मुझे उसकी गांड के छेद पर तरस आ गया जोकि काफ़ी खुल चुका था। मगर कसम से ! क्या गांड थी वो ! जो एक बार देख ले बस सीधा मारने का मन करे !

तो इसी के साथ ही मैं उससे शर्त जीत गया था क्योंकि वो वक़्त से पहले ही हार मान चुकी थी। फिर मैंने उसका मुँह अपने लंड के पास किया और एक तेज़ धार उसके मुह पर मार दी।

फिर आई चुदाई की बारी : मैं थकता जा रहा था और वो चुदक्कड़ औरत मुझ पर चढ़ गई और उसने मेरा लंड अपनी चूत के अन्दर डलवा लिया जोकि किसी भट्टी की तरह गरम थी और बस फिर बस धक्के पे धक्के ! सबसे ख़ास बात उसमें यह थी कि वो मेरे सारे धक्के झेल गई और साथ ही मुझे ब्रेक भी दे रही थी। मगर मैं नया था और थक कर हट गया। जिसका मतलब मैं हार गया था, तो उसने मेरा मुँह अपनी चूत के पास किया और फिर एक मोटी सी धार मेरे मुँह पर मार दी। उस बार ऐसा लगा कि जैसे मुझ पर अमृतवर्षा हो रही है।

खैर किसी तरह मैंने अपने आप को संभाला और फिर आई उसके चूचे चोदने की बारी ! यह हम पहली बार कर रहे थे। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाने के बजाये घुटनों पर बैठाना ज्यादा सही समझा। फिर उसने अपने दोनों चूचों से मेरा लंड पकडा और चुदाई चालू की। थोड़ी देर मुझे उसमें ज्यादा मज़ा नहीं आया तो मैंने उनसे सहमति लेकर अपना अगला काम चालू किया जहाँ हम आज़ाद थे कुछ भी करने को !

तो पहले तो थोड़ी देर 69 में आये और उसके बाद हम लोगों ने चूमा-चाटी चालू कर दी तो इस बार मुझे ऐसा लगा कि वो सिर्फ अपनी भूख नहीं मिटा रही थी बल्कि उनके मन में कुछ और था, जैसे वो मुझे शायद अलग नज़र से देखने लगी, उनकी आँखों में तृप्ति के साथ थोड़ा प्यार भी नज़र आया, जैसे कि वो मुझे आजमा रही थी। उनका स्पर्श बदलता जा रहा था, वो सेक्स नहीं मेरे साथ प्यार कर रही थी।

हम जो पहले बहुत उत्तेजित हो गए थे, वहीं अब हम शांति से एक दूसरे को सिर्फ प्यार कर रहे थे। वो मुझसे लिपट कर लेट गई और मुझे ऐसे ही रहने को कहा। वो बीच बीच में कभी मेरे बालों पर हाथ फिराती, कभी मेरे गालों को चूमती।

मैं ढंग से समझ नहीं पाया कि यह अचानक क्या हुआ है।

बाकी की कहानी अगले भाग में !

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