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Massage Girl in East Khasi Hills: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in East Khasi Hills who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in East Khasi Hills that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The East Khasi Hills massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in East Khasi Hills who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your East Khasi Hills massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This East Khasi Hills massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in East Khasi Hills who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in East Khasi Hills employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in East Khasi Hills helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in East Khasi Hills

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in East Khasi Hills at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Hindi Porn Stories

मैं पहली बार अन्तर्वासना में अपनी Hindi Porn Stories कहानी भेज रहा हूँ। मैं एक ३३ साल का लड़का हूँ और सभी की तरह मेरे अन्दर भी सेक्स करने की बहुत इच्छा थी। मेरा नाम टॉम है (बदला हुआ नाम) मेरा शरीर गठीला और लण्ड ९ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा है।

यह उस वक्त की बात है जब मैं २५ साल का था और मेरे ऑफिस में एक लड़की की नई नई आई। वो लड़की हमारे शहर की नहीं थी इसलिए एक कमरा लेकर दो और लड़कियों के साथ पेइंग गेस्ट की तरह रहती थी। मेरी शादी अभी नहीं हुई थी, इसलिए मुझे सेक्स करने की कुछ ज्यादा ही इच्छा होती थी पर कोई लड़की हो तो ही न सेक्स करे !

कुछ महीने बीत गए और उस लड़की और मुझ में दोस्ती हो गई। फिर हम कभी होटल में काफ़ी पीने तो कभी खाना खाने जाने लगे। इसी बीच मेरा प्रमोशन हो गया और इसी प्रमोशन की खुशी में मैं और पारो एक दिन आउटिंग के लिए गाँव चले गए।

हम गाँव जाने के लिए स्कूटर पर निकल पड़े। गाँव के नजदीक आते ही पारो को मस्ती सूझी उसने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और उसके छूने से मेरा लण्ड तुंरत ही खड़ा हो गया। उसने अपने मुम्मे मेरी पीठ पर इस तरह से चिपकाये थे कि मेरा लण्ड एकदम कड़क हो गया। अब मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया।

मैंने गाड़ी नहर के किनारे लगा दी और पारो को लेकर झाड़ी की आड़ में ले गया और उसे इस तरह लिटाया के कोई हमें देख न सके। फिर मैंने उसे चूमना शुरू किया और ऐसा करने की वजह से वो पूरी तरह से गरम हो गई और उसने मुझे अपने नीचे लेकर ख़ुद ऊपर की पोज़िशन ले ली।

मैं समझ गया कि आज अपनी निकल पड़ी है। पारो ने मेरी पैन्ट उतारी और मेरा लण्ड मुँह में लेकर खूब जोर जोर से चूसने लगी। मैंने तुंरत अपनी पोजिशन बदली, उसका कुरता ऊपर सरकाया और उसके मुम्मे मुँह में लेकर खूब जोर जोर से चूसने लगा। उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था और वो सिसकारियाँ भरके मुझे जवाब दे रही थी। फिर हम दोनों ही एक दूसरे को चूसना चाहते थे इसलिए हमने 69 में हो कर एक दूसरे के गुप्तांग मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और हमें मज़ा भी बहुत आ रहा था।

मगर असली मज़ा तो लण्ड और चूत के मिलन के बाद ही आने वाला था। थोड़ी देर में हम दोनों एक दूसरे के मुँह में झड़ गए।

पारो उठ कर खड़ी हो गई और उसने फिर एक बार मुझे किस करते हुए मेरे कानों में कहा- क्या बात हैं ! मैं तो जानती ही नहीं थी कि असली मज़ा तो मेरी चूत को चूसनेवाला ही मुझे दे सकता है !

वो मेरे चुसाई की दीवानी हो गई थी और इसका सबूत यह है कि उसने आव देखा न ताव ! वो सीधा मेरे मुँह पर आकर बैठ गई और अपनी चूत को फ़ैला फैला कर उसे चूसने के लिए मेरी मिन्नतें करने लगी। उधर मेरा लण्ड अभी तक सोया हुआ ही था इसलिए मैंने भी पारो की चूत के अन्दर अपना मुँह घुसेड़ दिया और पागलों की तरह उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा। इसी दौरान उसकी टांगों में अकड़न आ गई और मैं समझ गया कि वो अब झड़ने वाली हैं।

वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और शांत होने के बाद उसने मेरे मुँह में अपनी जुबान डालकर मुझसे खेलने लगी। उसने अपने हाथ को मेरे लण्ड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया। अब मेरा लण्ड धीरे धीरे अपनी सीमाएं तोड़ रहा था। वो अपनी पूरी मस्ती में आ गया था। मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने पारो को जल्दी से अपने नीचे लिटाकर उसकी टाँगें ऊपर उठा ली। मैंने पारो को अपने हाथ से लण्ड को अपनी चूत पर लगाने को कहा और उसने बिना वक्त गंवाए ऐसा ही किया। उसने धीरे से अपनी कमर उठाकर मेरे लण्ड को अपनी चूत में समां लेना चाहा मगर मेरा विशाल लण्ड अन्दर लेने में उसे बहुत दिक्कत आ रही थी क्योंकि उसकी चूत बहुत ही नाजुक थी।

अब मैंने एक तरकीब लगाने की सोची, इससे पारो को दर्द तो होगा मगर उसे समझ नहीं आएगा कि कब मेरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर चला जाएगा।

मैंने पारो को पीठ के बल लेटने को कहा और अपनी टांगें मेरे कन्धों पर रखने को कहा, उसने ऐसा ही किया। फिर मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पे रखकर एक हल्का सा धक्का लगाया, उसके मुँह से जोर से आवाज़ आई- उई उइ माँ मर गयी मैं ! क्या करते हो बहुत मोटा लण्ड है तुम्हारा !

उसे बहुत जोर से दर्द हुआ। अब मैंने सोचा जब दर्द हो ही रहा है तो क्यों न दो चार और धक्को में अपना पूरा लण्ड अन्दर कर दूँ। मैंने अपनी पूरी ताकत से पारो को और दो धक्के दिए और मेरा पूरा लण्ड पारो की चूत को चीरता हुआ अपनी मंजिल तक पहुँच गया। अब पारो चिल्ला रही थी- प्लीज़ ! मेरी चूत को फाड़ दो ! और जोर जोर से नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।

मुझे भी अब मज़ा आने लगा था और मैंने भी पारो की खूब अच्छी तरह से गहराइयाँ नापने की ठान ली। मैंने पारो को कभी कुतिया की तरह खड़ा करके तो कभी कामसूत्र वाली पोज़िशंस में, खूब अल्टा पलटा कर चोदा। पारो भी अब चुदने का मज़ा उठा रही थी। करीब आधे घंटे के बाद जब मैंने अपना पानी बाहर निकलने की इच्छा ज़ाहिर की तो पारो ने बिना वक्त गंवाए मेरे लुंड को अपने मुँह में भर लिया और कहने लगी आज मुझसे यह मज़ा मत छीनो !

फिर मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और विश्वास कीजिये कि आज से पहले मुझे झड़ने में कभी इतना मज़ा नहीं आया।

मैं अब शांत हो चुका था मगर पारो अभी भी झड़ी नहीं थी उसने एक बार फिर मेरे मुँह पर बैठने की इच्छा जताई और मैंने हां कह दिया। फिर पारो मेरे मुँह पर बैठ गई और उसकी चूत की खुजली मिटाने में मैंने उसकी मदद की और कुछ ही पलों में वो भी झड़ गई।

इतने में हमें एक काला साँप वहाँ पर दिखाई पड़ा और हम दोनों अपने कपड़े ठीक कर के वहाँ से चल दिए।

बाद में हमने कभी ऑफिस में, तो कभी होटल के रूम में, तो कभी डैम के किनारे, पर तो कभी रास्ते में कई बार चुदाई की। पर वो कहानियाँ अलग है और वो मैं आपको अगली बार की कहानी में बताऊंगा। Hindi Porn Stories

Hindi Sex stories

दोस्तो, मैं अमन कोलकाता Hindi Sex stories से… चोदन स्टोरीज का लेखक…
आपने मेरा पहला अनुभव ’एक सच्ची कहानी’ के रूप में पढ़ी होगी. इसके जवाब में मुझे कई ई मेल मिले. बहुतों को ये कहानी झूठी लगी.

लेकिन सच तो हमेशा सच ही रहता है. इस कहानी से मुझे एक दोस्त मिली. जो की मुझे रोज 4-5 मेल करती है और मुझे भी उसके ई मेल का इंतेजार रहता है.

खैर, मैं सेक्स के बारे में शुरू से ही बहुत सक्रिय रहा हू. मेरी शादी के दस साल हो गये हैं. इस वेबसाइट पर कहनियाँ भेजने वाले और पढ़ने वाले ज़्यादातर शादीशुदा लोग ही होंगे ऐसा मैं सोचता हूँ.

रवि और चिंता के साथ सेक्स करने के बाद से मेरी इच्छा और ऐसा करने को करने लगी. उस समय के बाद जब मैं रितु (मेरी बीवी) के साथ सेक्स करता तो मुझे ऐसा ख्याल आता कि अगर एक और कोई मर्द होता और हम दोनों मिलकर रितु को फक करते तो कैसा लगता. इसके बाद मुझे ख्याल आया वाइफ स्वापिंग के बारे में. इसके बारे में बहुत चर्चा हो रही थी. मैं ये सोचता था कि क्या ऐसा होता है. मैंने अपनी बीवी से कहा तो पहले तो उसने झिड़क दिया. महीनों कोशिश करने के बाद वो तैयार हुई लेकिन इस शर्त पर कि मर्द उसकी पसंद का होगा और ये केवल एक ही बार ऐसा करेगी. मेरा ख्याल था कि अगर वो किसी के साथ राज़ी होती है तो शायद मेरी 2:1 ( दो मर्द और एक औरत) की इच्छा पूरी होगी.

इसके बाद मैंने ऐसे जोड़ों की नेट पर तलाश शुरू की. संपर्क हुआ लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी. किसी को मैं नहीं पसंद आया तो कोई मिलने की बात उठते ही जवाब देना बंद कर दिया तो किसी को मेरी बीवी ने पसंद नही किया. एक-दो जोड़ों ने अपनी फोटो भी भेजी थी लेकिन बात नहीं बनी. कहने को तो सब तैयार थे लेकिन वक्त पर सबने अपने पैर पीछे खींच लिए.

पिछले साल यानी 2004 में मेरा संपर्क एक लड़के से हुआ जिसका नाम सन्नी था. कुछ ई मेल के संपर्कों के बाद हम मिलने पर राज़ी हुए. और एक दिन मिले लेकिन केवल वो और मैं. वो मुझसे दिखने ज़्यादा स्मार्ट और हॅंडसम था. मुझे लगा कि वो मेरी बीवी को पसंद आ जाएगा. लेकिन उस दिन के मिलने के बाद उसने संपर्क करना छोड़ दिया. उसके फोन पर ट्राइ करने पर हमेशा आउट ऑफ रीच होता. मुझे लगा कि उसे मैं पसन्द नहीं आया और मेरी बीवी ने मुझे जी भरकर कोसा कि तुम्हारा दिमाग़ बिना मतलब के कामों में लगा रहता है.

इस घटना के 6 मास के बाद मैंने उसके मोबाइल पर एक “हैप्पी न्यू ईयर” का मैसेज भेजा. कुछ दिन के बाद उसका जवाब मिला कि उसका फोन खो गया था इसलिए वो मुझसे संपर्क नहीं कर पाया था और वो अब हम लोगों से मिलना चाहता है. फिर मिलने का दिन तय हुआ. मैंने अपनी बीवी को बहुत मुश्किल से उससे मिलने के लिए मनाया. सन्नी की बीवी का नाम सीमा था.

जिस दिन मिलना था उसके पहले दिन उसका फोन आया कि मैं उनसे पहले मिल सकता हूँ.
मैंने पूछा- क्यों?
तो उसने जो कहा वो सुनकर मैं तो पहले उछल पड़ा. उसने मुझे 2:1 का प्रस्ताव दिया. मैं, सन्नी और उसकी बीवी सीमा जिसको मैंने अभी तक देखा भी नहीं था और ना कभी बात किया था. मैंने बिना सोचे हाँ बोल दिया.

उसने अगले दिन मुझे एक होटल में बुलाया. मैंने अपनी बीवी नहीं बताकर एक ज़रूरी काम का बहाना बनकर मिलने चल दिया. लेकिन सारे रास्ते मैं यही सोचता था की कैसे होगा कहीं कोई प्राब्लम न हो जाए. खैर लाइफ में कभी- कभी रिस्क तो लेना ही पड़ता है.

मैं सन्नी के बताए हुए होटल के बाहर पहुँचा वो बाहर ही मेरा इंतजार कर रहा था. फिर हम दोनों होटल में घुसे. एक रूम के सामने उसने दस्तक दिया और दरवाजा खुला और हम अंदर गये. रूम में एक 23-24 साल की लड़की थी. वही सीमा थी सन्नी की बीवी. वो एक पतली, लंबी और बहुत सुंदर तो नहीं लेकिन सुंदर थी. देखने में बहुत सादगी पसन्द लगी. मुझे तो पहले लगा कि क्या वो ऐसी हो सकती है?

फिर कुछ देर तक हमने इधर उधर की बातें की. इसके बाद सन्नी ने टी वी पर एक हिन्दी मूवी चला दी. इसके बाद वो सीमा के पास बेड पर बैठ गया और मुझे दूसरी ओर से आने को बोला. मैं सीमा के दूसरी ओर बेड पर अधलेटा होकर टी वी देखने लगा. सीमा ने उस समय ऑरेंज कलर का सूट पहन रख था और उसमे वो बहुत पवित्र लग रही थी.

फिर सन्नी ने उसका एक हाथ मेरे हाथ में पकड़ा दिया और एक हाथ अपने हाथ में लेकर चूमने लगा. उस समय सीमा बेड पर अधलेटी थी. मैंने भी उसका हाथ धीरे धीरे चूमना शुरू किया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली. सन्नी धीरे धीरे उसके गर्दन और कानो को चूमने लगा और सीमा का मुख मेरी ओर घुमा दिया मैं सीमा के होठों को अपने होठों में लेकर चूसने लगा और अपनी जीभ उसके मुंह में घुसा दी जिसे वो चूसने लगी. मैंने पहली बार उसकी चुचियों पर हाथ रखा. चुचियाँ छोटी पर कठोर थी. सन्नी भी उसकी एक चुची दबाने लगा.

सीमा उस समय उत्तेजना से छटपटा रही थी. उसके होठों को चूसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी बुर की ओर बढ़ाया. उसने इलास्टिक वाली सलवार पहन रखी थी इसलिए मुझे वहाँ तक पहुँचने में कोई परेशानी नहीं हुई. उसके बूर पर छोटे छोटे बाल थे. मैंने एक अंगुली उसकी बूर में घुसाई तो मेरी अंगुली पूरी तरह से भीग गई.

इसके बाद सन्नी ने उसकी सलवार और पैंटी एक झट के में उतार दी और मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतार दिए. अब वो पूरी तरह से नग्न थी. जिस लड़की को मैंने 1 घंटा पहले पहली बार देखा था वो मेरी बाहों में थी पूरी तरह से नग्न. मेरी उस समय क्या हालत थी मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता. मैं उसकी एक चुची को चूस रहा था और सन्नी दूसरी. और सीमा का चेहरा लाल हो रहा था.

इसके बाद मैं उसके पेट और नाभि से होते हुए उसकी बूर को चूसने लगा. उस समय सीमा उत्तेजना से जैसे पागल हो रही थी और अपना बूर चूसते हुए मुझे अपना सिर उठा कर देख रही थी.

सन्नी ने अपना लिंग उसके मुख में दे दिया और वो उसे चूस रही थी. इसके बाद सन्नी ने मुझे उसे चोदने का इशारा किया और एक कंडोम भी दिया. मैंने जल्दी से कंडोम को अपने लण्ड पर चढ़ा कर सीमा के दोनों पैरों के बीच बैठ गया. और उसकी पतली कमर को दोनों हाथों में उठकर अपना लण्ड उसके बूर में एक ही बार घुसा दिया वो उत्तेजना के मारे ज़ोर से चिल्लाई. मैंने उसकी कमर को दोनों हाथों में पकड़ कर थोड़ उपर उठाकर ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा. मैं जितना ज़ोर से धक्का लगता वो उतनी ज़ोर से अपना चूतड़ उठाती. ऐसी हॉट लड़की मैंने आज तक अपनी जिंदगी में नही देखी थी।

कंडोम लगाकर करने में मेरा जल्दी झड़ता नहीं है इसलिए मेरी बीवी बर्थ कंट्रोल पिल्स खाती है. वहाँ भी ऐसे ही हुआ मैं करते – करते थक गया लेकिन सीमा नहीं थकी. अपनी जिंदगी में मैंने 5-6 लड़कियों को चोदा है लेकिन सीमा ने मुझे थका दिया था. सन्नी ने मेरी स्पीड धीमी देखकर मुझे हटाकर वो सीमा को चोदने लगा कुछ देर के बाद वो भी हट गया. लेकिन सीमा के चेहरे को देखकर ऐसा लग रहता की उसे और चाहिए.

मैं और सन्नी बेड पर लेट गये और सीमा हमारे बीच में बैठ गई उसने मेरे लण्ड पर से कंडोम हटाया और चूसना शुरू किया। उस समय तो ऐसा लगा कि मैं स्वर्ग में हूं. वो कभी मेरा तो कभी सन्नी का लॅंड चूस रही थी. उसने बताया कि ये उसका एक सपना था कि वो एक समय में दो मर्दों से चुदवाये और उनका लण्ड चूसे. इसके बाद सन्नी फिर उसे चोदने लगा और मैं उस समय उसकी चुचियाँ दबा रहा था. सन्नी के झड़ने के बाद मैंने एक और कंडोम अपने लण्ड पर लगाया और उसे चोदने लगा. थोड़ी देर के बाद मैं भी झड़ गया लेकिन सीमा का चेहरा जैसे कुछ और माँग रहा था. खैर मैंने अपने कपड़े पहने और दूसरी बार सारी रात का प्रोग्राम बनाने के लिए बोलकर चला आया क्योंकि मुझे उस समय मुझे ऑफीस भी जाना था.

दोस्तो, ये मेरा आपसे बाँटने लायक आख़िरी अनुभव है अभी तक तो… इसके बारे में अपनी राय प्रकट करना! Hindi Sex stories

मेरी मम्मी मुझे लेकर अपनी सहेली के घर गई थी वहां पर वह अपनी सहेली के साथ बैठ कर बातें कर रही थी और मैं दूसरे छोटे बच्चों के साथ खेल रहा था. tabi एक पड़ोस की औरत एक बकरी लेकर आई. उस औरत ने कहा कि उसकी बकरी 2 साल की हो गई है. और वह बच्चे देने के लिए तैयार है. तभी मेरी मम्मी की सहेली उठी और अपने घर के पीछे बंधे बकरे को वहां पर लेकर आ गई. मेरी मम्मी की सहेली का नाम सुनीता था. पड़ोस वाली आंटी जो बकरी लेकर आई थी उसका नाम अर्चना था. सुनीता आंटी ने अर्चना आंटी से कहा कि तुम अपने बकरी को बंद दो और उसको गले से पकड़ लो. सुनीता आंटी फिर बकरे को लेकर उसके पीछे चली गई. बकरा पीछे जाकर उसकी चूत को सूखने लग गया. Kabi kabi vha उसकी चूत को चाटने भी लगता. ek do मिनट तक वह ऐसा करता रहा. थोड़ी देर बाद बकरे को जोश आ गया. वह सीधा उसे बकरी के ऊपर चढ़ गया. उसका लंड बकरी की चूत में नहीं जा रहा था. उसने बहुत कोशिश की और नीचे उतर गया. थोड़ी देर बाद में दोबारा उसकी चूत को सूखने लगा. फिर सुनीता आंटी से कहा कि तुम बकरी को सही से पकड़ लो और बकरी के पीछे बैठ गई. जैसे ही वह बकरा बकरी के ऊपर दोबारा चढ़ा, सुनीता आंटी ने अपने हाथ से उसके लंड को पड़कर बकरी की चूत में डाल दिया. अचानक हुए हमले से बकरी जोर से चिल्लाई. क्योंकि बकरी की चुदाई फर्स्ट टाइम हुई थी. फिर वह बकरा आगे पीछे होकर धक्के मरने लगा. दो-तीन मिनट बाद में दोबारा नीचे उतर गया. इसी तरह सुनीता आंटी ने उसे एक बार दोबारा चढ़कर बकरी की चूत मरवाई. फिर वह बकरे को ले जाकर बॉडी में बंद आई. अर्चना के जाने के बाद सुनीता आंटी मेरी मम्मी के साथ बैठकर बातें करने लगी.में जाकर उनके पास बैठ गया. मैं सुनीता आंटी से बोला कि अभी यह बकरा और बकरी क्या कर रहे थे. पहले तो उन्होंने मुझे इग्नोर करने लगी लेकिन जब मेने जिद की तो उन्होंने कहा कि वह बकरे की लंबाई चेक कर रही थी. फिर मैंने कहा कि मेरी भी लंबाई चेक करो यह सुनकर दो दोनों हंसने लग गई और आंखों ही आंखों में इशारा करने लगी. एक दिन में जल्दी स्कूल से आ गया था. हमारे घर के पीछे जानवरों का बाड़ा था. उसमें सभी छोटे बड़े भैंस बकरी बांधा करते थे. मैं एक भैंस के पीछे और उसकी चूत को देखने लगा. उसे वक्त मेरी उम्र 14 साल हो गई थी. साड़ी में एक बार इधर-उधर जाकर चेक किया कि कोई मुझे देखा तो नहीं रहा जब मुझे यह लगा कि कोई भी मुझे नहीं देख रहा तो मैं दोबारा उसे भैंस के पास आ गया. मुझे पता था कि वह बहुत ही अच्छी थी. मैंने उसकी चूत देखने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत को दोनों हाथो से चौड़ा किया. उसकी चूत अंदर से बिल्कुल लाल रंग की थी. उसकी चूत को में उंगलियों से धीरे धीरे से सहराने लगा. फिर मैंने तीन उंगलियां उसकी चूत में डाली. भैंस की चूत अंदर से बहुत गर्म थी. धीरे-धीरे मैंने चारों उंगलियां उसकी चूत में अंदर डाल दी. थोड़ी देर बाद उसकी चूत गरम हो गई. अब तक मुझे चुदाई का कोई एक्सपीरियंस नहीं था. चूत गीला होने से मेरा हाथ उसके चूत के अंदर आसानी से जाने लगा तो मैंने मेरा हाथ पूरा उसके अंदर डालने की कोशिश की और मेरा हाथ पूरा उसके अंदर चला गया. मैं ऐसे ही अपने हाथ को उसकी चूत में अंदर बाहर करता रहा. थोड़ी देर बाद मुझे कुछ आवाज आई तो मैं उसे छोड़कर वहां से भाग गया. कुछ दिन बाद स्कूल में मेरे दोस्त ने मुझे कहा कि उसके पास एक सीडी है. पहले तो मुझे लगा कि वह ऐसे ही कोई मूवी की बात कर रहा होगा. मैंने उसे कहा कि वह किस तरह की है, मुझे भी सीडी देखनी है तो वह मुझे इंटरवल में अपने घर ले गया. हम दोनों चुपके से उसके घर चले गए. उसके घर के ऊपर एक कमरा बना हुआ था जिसमें कोई जाता नहीं था. यह उस जमाने की बात है जब ब्लैक एंड व्हाइट टीवी चला करते थे. उस दिन उसके घर पर कोई नहीं था. हम ऊपर कमरा बंद करके टीवी और सीडी प्लेयर कनेक्ट करके वह मूवी देखने लगे.उस मूवी के अंदर एक लड़की और दो आदमी थे. पहले तो वह दोनों उस लड़की के पास आकर उसे चुंबन आदि करने लगे. एक आदमी उसके स्तन दबा रहा था और दूसरा उसके गले को चूम रहा था.अब तक मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह किस तरह का वीडियो है क्योंकि मैंने जिंदगी में इस तरह का वीडियो कभी नहीं देखा था. धीरे-धीरे उन्होंने उस लड़की के ऊपर के कपड़े उतार दिए. यह देख कर मुझे मजा आने लगा. क्योंकि मैंने कभी किसी को इस तरह से आपका वीडियो में नहीं देखा था. तभी दूसरे आदमी ने उसके नीचे के कपड़े भी उतार दिए. उसकी चूत नीचे से बिल्कुल साफ थी. यह देखकर पहले तो मुझे बहुत हंसी आई. तभी मेरे दोस्त ने कहा कि अभी तो स्टार्टिंग हुआ है देखना यह आगे क्या-क्या करते हैं. फिर उन्होंने लड़की को नीचे लेटा दिया. और उन्होंने भी अपने कपड़े उतार दिए. फिर एक आदमी ने अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया. दूसरा उसकी चूत को चाटने लगा. यह देखते हुई मुझे फील हुआ कि मेरी अंडरवियर में मेरा लंड बड़ा हो रहा है. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने दोस्त से कहा कि यह तो बहुत शानदार वीडियो है ऐसा वीडियो कभी देखा ही नहीं था. फिर उसने कहा कि आगे देखना क्या होगा अभी तो स्टार्ट हुआ है. थोड़ी देर बाद जो आदमी अपना लंड उसके मुंह में डाल रहा था. वह नीचे लेट गया. वह लड़की उस आदमी के ऊपर आकर अपनी चूत में उसके लंड के ऊपर बैठ गई. और ऊपर नीचे कूदने लगी. दूसरा आदमी उसके मुंह के पास खड़ा था और वह लड़की उसके लंड को अपने मुंह से चाट रही थी. यह सीन देखकर देख कर मेरा शरीर बहुत गर्म हो गया था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे डेढ़ सौ डिग्री बुखार चढ़ गया हो. थोड़ी देर बाद जो आदमी खड़ा था वह उस लड़की के पीछे आया. और उसकी गांड में थूक लगाकर अपनी एक अंगुली डालने लगा. नीचे से दूसरा आदमी लगातार अपने लंड को उसकी चूत में बार-बार कर रहा था. फिर दूसरी आदमी ने थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड में दो उंगलियां डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. तभी दूसरी आदमी ने अपना लंड उसकी गांड में डालने की कोशिश की. एक दो कोशिश के बाद लंड थोड़ा सा गांड में चला गया. फिर वह धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। 8-9 धक्के लगाने के बाद उसका लंड उसकी गांड में पूरा अंदर चला गया. फिर वे दोनों आदमी उसकी चूत और गांड में लगातार धक्के लगाने लगे. 15 मिनट धक्के मरने के बाद फिर वे दोनों खड़े हो गए. लड़की घुटनों पर बैठ गई और वे दोनों अपने हाथों से लंड को आगे पीछे करके मुट्ठी मारने लगे. तभी उनके लंड से पिचकारी छूट गई. मुझे ऐसा लगा कि उनके लंड में से कुछ सफेद सा निकला है और वह लड़की उसको चाटने लगी. फिर वह वीडियो पूरा हो गया और मैं अपने घर पर आ गया. मैं बार-बार सोच रहा था कि आखिर में वह सफेद सा क्या निकला था. उसी रात में खेत में गया जहां पर कोई नहीं देख सकता और मैं अपने लंड को बाहर निकाल कर हाथ से आगे पीछे करना स्टार्ट किया. शुरुआत में तो तुम मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ लेकिन जैसे-जैसे में आगे पीछे करता रहा मुझे अच्छा फील होने लगा. मुझे मजा आने लगा तो मैं तेजी से आगे पीछे करने लगा. 15 मिनट आगे पीछे करने के बाद मुझे ऐसा फील हुआ कि यही जन्नत है, मेरी आंखें बंद हो गई, उंगलियां अकड़ गई, शरीर के अंदर एक अजीब सी सरसराहट होने लगी. तभी मेरे लंड से कुछ चिपचिपा और गरम सा निकलता हुआ मुझे मेरे हाथ में फील हुआ. मुझे मजा आ गया. फिर मैं जल्दी वहां से घर आ गया. फिर मुझे सब समझ में आ गया. मैं यह भी समझ गया कि वह बकरा और बकरी क्या कर रहे थे. एक दिन जब घर पर कोई नहीं था तो मैं बाड़े में गया. मैंने सोचा की भैंस की चुदाई की जाए. हमारे घर पर एक छोटी भैंस थी वह बहुत ही अच्छी थी कभी मरती नहीं थी. मैं यह देख कर संतुष्ट हो गया कि वहां पर कोई नहीं आ सकता क्योंकि घर पर कोई था नहीं और सब लोग खेत में काम करने गए हुए थे जिनको आने में दो-तीन घंटे लगने वाले थे. जैसा कि मैंने वीडियो में देखा था, मैं उस भैंस के पीछे गया और अपने हाथों से फैला कर उसकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी देर बाद मेरा लंड टाइट हो गया. उसकी ऊंचाई थोड़ी ज्यादा थी इसलिए मैंने एक बाल्टी वहां रख ली. फिर में बाल्टी पर चढ़कर उसकी चूत में लंड डालने लगा. जैसे ही पूरा लंड भैंस की चूत में अंदर गया तो मुझे ऐसा लगा कि यही जन्नत है क्योंकि अंदर से बहुत ही गर्म लग रहा था. उस वीडियो के जैसे मैं भी आगे पीछे होकर चुदाई करने लगा. मुझे ऐसा मजा आ रहा था कि जिसका में कोई वर्णन नहीं कर सकता. 15 मिनट बाद फिर मेरे साथ वही हुआ, मेरी आंखें बंद हो गई, उंगलियां अकड़ गई, शरीर के अंदर एक अजीब सी सरसराहट होने लगी. फिर मैंने स्पीड को तेज कर दी, और मैं भैंस की चूत में झड़ ही गया. फिर मैं वहां से भाग कर अपना होमवर्क करने लग गया दूसरे दिन में स्कूल में गया तो मैं मेरे दोस्त से कहा कि ऐसी और भी सीडी लेकर आना हम साथ में मिलकर देखेंगे तो मेरे दोस्त ने कहा कि उसके एक चाचा का लड़का है उसके पास ऐसी 4-5 सीडी है वह चार-पांच दिन में आने वाला है फिर हम उसे सीडी ले लेंगे. घर जाकर में दोबारा बाड़े में चला गया. मैंने आसपास देखा कि कोई मुझे देखा तो नहीं रहा. जब मुझे यह लगा कि वहां पर कोई नहीं है तो मैं दूसरी तरफ चला गया जहां पर बकरियां बंधी हुई थी. हमारे घर में तीन बकरियां थी. एक बकरी की चूत पीछे से बहुत ही गोरे कलर की थी. मैं उसके पास गया और उसके शरीर को सहलाने लगा. हमारा बाड़ा बहुत बड़ा था उसमें जाने के दो दरवाजे थे. मैंने एक दरवाजा पहले से बंद कर दिया था. बड़ा लंबा होने के कारण बीच में एक खिड़की थी. में बकरी को सहलाते हुए उसके पिछले टांगों के पास जाकर बैठ गया. और हाथों से उसके स्तनों को सहलाने लगा. बकरी बहुत ही सयानी थी उसका दूध चाहे कोई बड़ा या छोटा कोई भी निकल सकता था वह कभी दौड़ भाग नहीं करती थी. मैं एक हाथ से उसके स्तनों को सहला रहा था और दूसरे हाथ से धीरे-धीरे उसके पीछे ले जाकर उसकी चूत पर रखा. ऐसा करने से बकरी हिली नहीं और चुपचाप खड़ी रही. मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाना शुरु किया. फिर मैं खड़ा होकर उसके पीछे चला गया. मैंने धीरे-धीरे 1 अंगुली उसकी चूत में डालना शुरू किया. जब मेरी अंगुली पूरी अंदर जाने लगी तो मैंने 2 अंगुली डालने की कोशिश की. 2 अंगुली डालने से बकरी धीरे से मिमयाने लगी. मुझे पता नहीं चला लेकिन पीछे से खिड़की में मेरी बुआ मुझे यह करते हुए देख रही थी. तभी बुआ मेरे पीछे आगे खड़ी हो गई. मैं तब भी बकरी की चूत में उंगली कर रहा था. उसने एकदम से कहा क्या कर रहा है अनिल. जैसे ही मेरे कानों में यह बात पड़ी तो मेरे को ऐसा हुआ जैसे काटो तो खून नहीं. चूत से हाथ निकाल कर हुआ की तरफ हाथ जोड़कर खड़ा हो गया. बुआ से मैं थोड़ा डरता था. मेरी बुआ की उम्र उस वक्त 22 साल की थी. उसने कहा कि यह बात वह मेरे पापा को बताएगी. मैंने कहा कि मुझे माफ कर दो आप जो बोलोगी मैं वही करूंगा यह बात आप किसी को मत बताना. पता नहीं बुआ के दिमाग में उसे वक्त क्या चल रहा था उसने कहा कि मैं जो बोलेगी वही करेगा. बोला ठीक आप जो बोलोगी मैं वही करूंगा. फिर मैं वहां से भाग कर अपना होमवर्क करने लग गया. जब शाम को खाना खाकर सब सोने लग गए तो बुआ बोली तू आज मेरे साथ सोएगा. मैं उस वक्त इतना नादान था कि उसकी इस बात को नहीं समझ पाया कि वह साथ सोने के लिए क्यों बोल रही है. फिर बुआ मेरे से पूछने लगी की दिन में उस बकरी के साथ क्या कर रहा था. मैंने बुआ को मेरे दोस्त की सीडी के बारे में और सब चीजों के बारे में बता दिया. फिर बुआ बोली कि तू अपने दोस्त से कल वह सीडी लेकर आना. दूसरे दिन में दोस्त के घर से सीडी लेकर आ गया. बुआ चुदाई का मतलब तो समझती थी लेकिन उसने भी कभी इस तरह की सीधी नहीं देखी थी. उसने पड़ोस से सीडी प्लेयर लेकर ऊपर वाले कमरे में रख लिया था जिसमें बुआ सोई थी. बुआ बोली कि हम रात को सबके सोने के बाद सीडी देखेंगे. मैंने बोला कि आप ही देख लेना, मेरे को डर लगता है मैं नीचे सो जाता हूं. तो वह बोली कि डरने की जरूरत नहीं है मैं किसी को नहीं बताऊंगी और अगर मेरी बात नहीं मानी तो बकरी वाली बात पापा को बता दूंगी. गांव में सब 9:00 बजे तक सो जाते हैं बुआ ने 10:00 बजे तक इंतजार किया फिर उसने कमरा बंद करके सीडी को चालू किया. सीडी में फिर वही सीन स्टार्ट हो गए जो मैंने दोस्त के साथ देखे थे. सीडी देखते हुए मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था. जब बुआ की नजर मेरी पेंट पर पड़ी तो समझ गई थी कि मैं एकदम से तैयार हो गया हूं. उसने मुझे पास बुलाया और बोली की तू भी मेरे साथ ऐसा करेगा क्या. मैंने बोला हां, लेकिन मुझे डर लगता है. उसने बोला की डर किस बात का. तो मैंने बोला कि मुझे आपका ऐसे ही डर लगता है आप मारती हो. फिर वह मुझसे पूछने लगी कि तुझे कल बकरी के साथ ऐसा करते हुए मजा आ रहा था क्या. मैंने बोला हां फिर वह बोलने लगी कि अगर तू मेरे साथ सीडी के जैसा करेगा तो में बाड़े में तेरा ध्यान रखूंगी और तू बकरी के साथ कर लेना. मैं तैयार हो गया. उसने मेरे से कहा कि अपने कपड़े उतार. वह मेरा लंड देखकर चौंक गई. तो मैंने पूछा क्या हुआ बुआ. उसने बोला कि तेरा लंड तो बहुत बड़ा है. तो मैंने पूछा कि आपको कैसे पता कि मेरा बड़ा है. वह बोली की वह मेरे पापा और मम्मी को कई बार चुपके से चुदाई करते हुए देख चुकी है मेरी साइज मेरे पापा से भी बड़ी थी. फिर बुआ ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए. मेरी बुआ के बोबे बहुत मोटे थे, और उसकी चूत नीचे से काली थी उस पर एक भी बाल नहीं था. बुआ बोलने लगी कि पहले हम थोड़ी देर सीडी देखते हैं. वह बोली तू ऐसा कर नीचे बैठ जा और मैं तेरी गोद में बैठकर सीडी देखती हूं. वहीं पास में एक सोफा रखा हुआ था मैं सोफे पर बैठ गया और वह मेरी गोद में बैठ गई. जैसे ही बुआ मेरी गोद में बैठी मेरा लंड उसकी जांघों को चीरता हुआ उसकी चूत के पास आ गया. मैं पीछे से अपने हाथों से उसके दोनों बोबे को सहलाने लगा. बुआ की सांस बहुत गर्म हो गई थी. 2 मिनट बाद वह उठ गई और बेड पर जाकर लेट गई. और मुझे बोला कि तू भी इस आदमी की तरह करना स्टार्ट कर.----------- मैंने बिना देर किया किए उसके टांगों के पास जाकर बैठ गया और उसकी टांगों को ऊपर हवा में उठाकर अपनी जुबान उसकी चूत पर लगा दी. जैसा कि मैंने उसे वीडियो में देखा था मैं भी खतरनाक तरीके से बुआ की चूत को चाटने और खाने लग गया. 5 मिनट बाद बुआ मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत में दबने लग गई. और बोली की और जोर से कर. मैं जोर-जोर से चाटने लग गया और अंदर जुबान भी डालने लगा थोड़ी देर बाद बुआ झड़ गई. फिर मैंने बुआ से बोला कि आप अपनी टांगों को थोड़ा चौड़ा करके पकड़ लो. मैंने अपने हाथ से लंड को बुआ की चूत के मुंह के लगाया और धीरे-धीरे जोर लगाने लगा. वह अंदर नहीं जा रहा था क्योंकि बुआ ने केवल उंगलियों और मोमबत्ती से ही अभी तक अपनी चूत की चुदाई की थी. मैं पूरे जोश में था मैंने कहा कि आप अपने टांगों को थोड़ा और फेलाओ. जैसे ही बुआ ने अपनी टांगों को फैलाया तो मैंने जोर से धक्का लगाया. एक ही धक्के में मेरा लैंड 2 इंच बुआ की चूत में चला गया. बुआ की आंखों में आंसू आ गए. मैं थोड़ा डर गया कि क्या हुआ तो वह बोली कि रुको मत आराम से करो लेकिन धीरे-धीरे. फिर मैं 5 मिनट तक ऐसे ही आगे पीछे करता रहा. बुआ के दर्द कम हो गया. फिर मैं थोड़ा जोर लगा लगा कर करना स्टार्ट किया. ऐसे ही तीन-चार मिनट के बाद मेरा लंड पूरा बुआ के अंदर चला गया. फिर मैंने लगातार धक्के लगाने स्टार्ट कर दिए. वह बार-बार बोल रही थी कि तेरा बहुत बड़ा है ऐसा तो उसने कभी देखा ही नहीं. तो मैंने पूछा कि अपने पापा के अलावा और किसका देखा है. तो वह बोली कि उसने अपने पापा का यानी मेरे दादाजी का भी देखा है. फिर जैसे कि मैंने वीडियो में देखा था मैं नीचे से बुआ की चूत चोद रहा था और ऊपर मैंने अपनी जुबान बुआ के मुंह में डाल दी. बुआ भी मेरी जीभ को चाटने और चूसने लगी जैसे कि वह कोई आइसक्रीम हो. मैं नीचे लगातार चूत मैं धक्के लगा रहा था. धक्के लगाते हुए मुझे 20 मिनट हो गए थे. बुआ की हालत खराब हो गई थी. वह मेरे से बोली की और कितना टाइम लगेगा तेरे को. मैं बोला कि बुआ मैंने कभी किसी लड़की को आज तक नहीं चोदा. आज आपके साथ पहली बार कर रहा हूं. वह बोली कि थोड़ा जल्दी कर यार. मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा. तभी मैंने बुआ को बोला कि वह मेरा निकलने वाला है. इस वक्त में प्रेगनेंसी के बारे में कुछ नहीं समझता था लेकिन मेरी बुआ जो की कॉलेज में थी उसे पता था कि कब प्रेगनेंसी का खतरा रहता है और कब नहीं. वह बोली की अंदर ही कर ले. मैं और जोर जोर से धक्के लगाते हुए बुआ के ऊपर ही देर हो गया. मैं 10 मिनट तक बुआ के ऊपर ऐसे ही चूत में लंड डाले पड़ा रहा. जब मैं उठा तो बुआ की चूत से खून और मेरे सफेद सीमन का मिक्स बाहर आने लगा. अपने पास ही पड़ी कपड़े से बुआ ने अपनी चूत साफ कर ली और मेरे लंड को भी साफ कर दिया. तब तक वह वीडियो भी पूरा हो चुका था तो हम कपड़े पहन कर सो गए. जब मैं सुबह उठा तो बुआ कि मेरे प्रति विचार और नजर ही बदल गई. अब वह मेरे होमवर्क में भी मदद करने लग गई. ऐसे ही एक महीना निकल गया और इस महीने में बुआ ने मेरे से 12 बार चूत मरवाई. 1 दिन मैंने बुआ से कहा कि तुमने कहा था ना कि हम एक बार बकरी के साथ भी करेंगे. वह कहने लगी कि दो दिन बाद मामा जी के शादी है तो वहां सभी चले जाएंगे, मैं और तुम यहीं रह जाएंगे तब करेंगे. दो दिन बाद जब सब घर वाले मामा जी के चले गए तो मैं और बुआ ही घर पर रहे. बुआ बोली कि मैं एक-दो घंटे में घर का पूरा काम कर लेती हूं फिर मैं फ्री हो जाऊंगी.मैं बेसब्री से उस टाइम का इंतजार करने लगा. मेरे को यह 2 घंटे इतने बड़े लग रहे थे जैसे की 2 साल हो. जैसे ही बुआ ने सारा काम खत्म कर लिया तो हम दोनों बाड़े में चले गए. बुआ कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी इसलिए उसने मुझे कहा कि तुम एक बार जाकर छत पर यह देखो की आसपास की कोई इधर आ तो नहीं रहा. मैंने जाकर चेक कर लिया फिर मैं नीचे आ गया. बुआ ने बड़े के दोनों दरवाजे बंद कर दिए और खिड़की के अंदर एक कपड़ा लगा दिया कि कोई अंदर ना देख सके. फिर मैं और बुआ बकरी के पास चले गए. बुआ ने मेरे से पूछा कि बताओ अब तू अब क्या करना चाहता है. मैं बोला जैसा मैंने आपके साथ किया था वैसा ही इस बकरी के साथ करें. अब तक मैंने बहुत सी सीडी देख ली थी तो मुझे अच्छा खासा एक्सपीरियंस हो गया था. मैं बुआ से बोला कि मेरे पास एक प्लान है. बुआ से बोला कि आप बकरी को सामने से थोड़ी देर पड़कर खड़ी रहो. मैं पीछे जाकर बकरी की चूत मैं जीभ डालकर कर चाटने लगा. बकरी की चूत का स्वाद बुआ की चूत से बिल्कुल अलग था. उसमें एक अजीब सी गंध थी लेकिन वह मुझे अच्छी लग रही थी और टेस्ट भी थोड़ा अलग ही था. चार-पांच मिनट चाटने के बाद में खड़ा हुआ और बुआ से पीछे आने को बोलो. बुआ के बकरी को छोड़ने के बाद भी बकरी भाग नहीं चुपचाप खड़ी रही. शायद बकरी को भी चूत चटवाने में मजा आ रहा था. बुआ पीछे आकर बोली अब बता क्या करना है. मैं बोला बुआ तुम अपना सलवार खोलो. बुआ समझ गई थी कि मैं क्या करना चाह रहा था उसने अपना सलवार खोल दिया. मैंने बुआ से कहा कि तुम बकरी के ऊपर पीछे आकर खड़ी हो जाओ जिस तुम्हारी और बकरी की चूत पास-पास आ जाए. इससे पहले बुआ ने कहा कि तुम एक बार बकरी की चूत में अपना लंड डालकर चेक कर लो कि वह अंदर जा रहा है या नहीं क्योंकि तुम्हारा बहुत मोटा है. मैंने कहा बुआ यह तो बहुत अच्छी बात कही तुमने. मैं एक हाथ से अपना लंड बकरी की चूत में डालने की कोशिश करने लगा लेकिन वह डल नहीं रहा था. फिर मैंने बुआ से कहा कि तुम अपने हाथ से मेरा लंड बकरी की चूत में डालो मैं दोनों हाथों से बकरी को पीछे से पकड़ लेता हूं जैसे कि एक बकरा बकरी को चोदते हुए उसके ऊपर चढ़ता है. मैं बकरा जैसी पोजीशन में हो गया. बुआ ने बोला कि जब मैं कहूं तब जोर लगाना. बुआ ने मेरा लंड बकरी की चूत पर सेट कर दिया और कहा कि अब जोर लगाओ. मैंने जोर लगाना स्टार्ट किया. मैंने चार-पांच धक्के लगाए लेकिन लंड फिसल कर कभी ऊपर और कभी नीचे चला जाता. मैंने बुआ से कहा कि तुम टाइट पकड़ कर रखो मैं दोबारा जोर लगाता हूं. फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा मेरा लंड आधा बकरी की चूत में चला गया.अंदर जाने पर बकरी जोर से चिल्लाई. तभी बुआ बोली एक दो मिनट रुको. एक दो मिनट रुकने के बाद मैं मैंने थोड़ा सा बाहर निकाल कर दोबारा धक्का मारा, इस बार पूरा अंदर चला गया. इस बार बकरी धीरे से चिल्लाई. बकरी की चूत में लंड देखकर बुआ की चूत में पानी टपकने लगा जो साफ-साफ दिखाई दे रहा था. 5 मिनट बकरी की चूत मारने के बाद मैंने बुआ को बकरी के पीछे ऊपर आने को कहा. जैसे ही बुआ बकरी के पीछे ऊपर आई तो मैंने बकरी की चूत से लंड निकाल कर बुआ की चूत में डाल दिया. और जोर-जोर से धक्के मारकर बुआ की चुदाई करने लगा. 5 मिनट बाद मैंने दोबारा बुआ की चूत में से लंड निकाल कर बकरी की चूत में डाल दिया. जैसे ही मैंने लंड बकरी की चूत में डाला तो मुझे बकरी की चूत बुआ की चूत से कहीं गुना गर्म लगी. ऐसे ही बुआ और बकरी की बारी बारी से चुदाई करने के बाद. मैंने लंड दोबारा बकरी की चूत में डाल दिया, फिर मैंने बुआ से कहा कि अब मेरा होने वाला है तो वह बोली की बकरी की चूत में ही निकाल दो. मैंने बुआ से कहा, बुआ कहीं बकरी प्रेग्नेंट हो गई तो वह कहने लगी कि जानवरों का डीएनए और इंसानों का डीएनए अलग-अलग होता है इनमें कभी प्रेगनेंसी नहीं हो सकती इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है अंदर ही कर दो. फिर मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूं तो मैं बकरी को पकड़ कर जोर-जोर से धक्का मार के अंदर ही निकाल दिया. फिर बुआ ने बोला कैसा लगा, मैंने बोला शानदार मजा आ गया.

Antarvasna

पाठको, आपके साथ-साथ Antarvasna मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों का लुत्फ़ उठाता हूँ। एक कहानी मेरी ओर से भी आपको अर्पित है। इसकी प्रेरणा एक काल्पनिक पात्र ‘रति कन्या’ पर आधारित है। कहानी एक माला के सामान है, जिसके फूल सदियों से चले आ रही ‘नारी-पुरुष वासना’ या काम-मय सृष्टि की वास्तविकता है। बस नाम वगैरह बदल दिए जाते हैं। आशा है, अर्पित दो भाग, जो अपने आप में भी पूरी कहानी है, आपका मन बहलायेगें। यदि आपने इन्हें पसंद किया, तो आगे और शृंखला-बद्ध कहानियाँ भेजूंगा।

भोलेनाथ शांत हैं, फिर भला क्यों विश्व में युद्ध के बादल मंडराने लगे। उनका पिछला तांडव हुए अब पूरे सौ वर्ष हो गए हैं। उस बार, द्वितीय विश्व युद्ध में उन्होंने जम कर नर-संहार किया था। इस बार तो सृष्टि लुप्त होती नजर आती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं। अन्तर्वासना के पात्र जीवित रहेंगे। सदियों से चले आ रही मानव-शृंखला की प्रारंभिक आवश्यकताओं को, या यूँ कहें कि उस शृंखला के बीज को, युद्ध उपरांत युग तक पहुँचायेंगे। फिर एक बार कोमल अंकुरों की हरियाली छायेगी, नए-नए पंख निकल आएंगे।

सन 2050 के आधुनिक युग में भी, जब सिंगल-मॉम होना आम बात हो चली है, रति अभी भी अपनी माँ के कड़े अनुशासन में रह रही है यहाँ तक की जींस-टॉप मत पहनो, हाई हील्स मत पहनो, गहरी लिपिस्टिक मत लगाओ। लड़कों से बात करना तो दूर की बात है, नजरें मिला कर भी वह किसी पुरुष से बात नहीं कर सकती।

जूनियर कालेज में आकर उसने माँ से कहा- मम्मी मेरी सारी फ्रेंड्स के पास पता नहीं कब से ब्लैक-बैरी हैं, कम से कम अब तो मुझे भी एक दिला दो।

बस इतनी सी बात पर माँ गुस्सा झाड़ने लगी- अभी से मोबाइल का तू क्या करेगी, तेरा कोई बॉय-फ्रेंड है जो तुझे अब यह खिलौना चाहिए? ख़बरदार जो कभी लड़कों को मुँह लगाया। हमारे घराने की लड़कियाँ शादी तक किसी अनजाने लड़के को हाथ नहीं लगाने देती।

इन्हीं लताड़नाओं के साथ उसकी माँ जल्दी जल्दी तैयार हो कर काम के लिए निकल गई। उसकी माँ स्वयं, स्वछन्द विचारों वाली, अविवाहित सिंगल-मॉम थी और अपेक्षा करती थी कि बेटी लड़कों से मित्रता भी न करे।

रति उदास होकर कालेज जाने के लिए तैयार होने लगी। वह व उसकी सहेलियाँ लगभग सभी साथ-साथ बालिग हो गई थी। उसकी सहेलियों के पास एक से एक बढ़ कर, पता नहीं क्या क्या सेक्स-खिलोने थे। बालिग होते ही उन सबके ‘पर’ निकल आये थे। सब लड़कियाँ टाईट ड्रेस पहनती, अपने कामुक फिगर की नुमाइश में लगी रहती। वह केवल रति ही थी, जिसकी ड्रेस ढीला-ढाला ब्लाउस और घुटनों तक की स्कर्ट होती।

आज जूनियर कालेज में फ्री-डे था। अर्थात, रति की कई सहेलियाँ रंग बिरंगी, मिनी-वस्त्रों में आने वाली थी। सबको अपनी नुमाइश में सेक्सी-किक मिलता था। इस मामले में रति इतनी भोली थी, जैसे सहेली न होकर, वह उनकी छोटी बहन हो।

रति के वार्डरोब में कोई भड़काऊ ड्रेस थी ही नहीं। मन ममोस कर उसने पिछले साल का, स्कूल के दिनों का, एक टू-पीस सूट निकाला। इस बीच रति के स्तन तेजी से बढ़ गए थे। ब्लाउस थोड़ा तंग हो गया था और प्लेट-दार स्कर्ट लम्बाई में थोड़ी छोटी भी। चोली की जगह उसने पारदर्शी-सिल्क की हाफ-शमीज डाल ली, जो केवल नाभि के ऊपर तक पहुँच पाई।

जन्म-दिन पर शरारत करते हुए कुछ दिन पहले एक सहेली ने उसे लाल रंग की, उत्तेजक पेंटी भेंट की थी। आज पहली बार रति ने वो वाली पेंटी पहन ली। सामने दर्पण में आपने आप को निहारा तो एक शर्म भरी मुस्कराहट के साथ आँखें नीची हो गईं। सोचने लगी, पता नहीं वह किसके सामने रेशमी शमीज व सेक्सी पेंटी में यूँ खड़ी होकर अपना लुभावन अंग दिखा पायेगी।

बचपन से ही, रति को अपने अंग प्रदर्शन से मीठी-मीठी गुलगुली होती थी। शायद उसे पुरुषों की वासना भरी नजरों से कोई किक मिलता था। लेकिन घर के कड़े अंकुश की वजह से उसकी प्यास दबी की दबी रह गई थी।

कसे ब्लाउज़ में रति के बी-कप मम्मे, एक लचक लिए कैद हो गए। उसी तरह तंग-स्कर्ट में उसके अर्ध-गोलार्ध भी उभर आये। स्कर्ट, या यों कहें, मिनी-लहंगे का छोर रति की जांघों के मध्य तक ही पहुँचा। पीछे से लहंगा और ऊपर को उठ गया था। अपने आपको शीशे में देख कर रति को सेक्स और लज्जा की मिली-जुली अनुभूति हुई। वह अपनी उम्र से काफी कम की लग रही थी। फिर हल्का सा मेक-अप, श्रृंगार किया। उसके अधर, रसीले चेरी की तरह लाल थे। उन्हें किसी लिपस्टिक की जरूरत थी नहीं। फिर भी, ग्लॉस लगा कर वह कोई स्वर्ग से आई अप्सरा-कन्या लग रही थी।

पर्स लेकर वह निकलने ही वाली थी कि सामने दरवाजे की घंटी बजी। रति घबरा गई। सोचने लगी कि इस वक्त कौन आया है, और इन भड़काऊ वस्त्रों में उसे देख, क्या सोचेगा। दरवाजे तक पहुँचने में उसे सामान्य से ज्यादा वक्त लग गया।

तनिक कांपती हुई आवाज में उसने पूछा- कौन है?
‘रति, मैं हूँ!’ जानी पहचानी आवाज आई।

रति ने राहत की साँस ली। रोहित, उसकी माँ से काफी छोटा, दूर का रिश्तेदार था; जिससे रति की अच्छी पटती थी। माँ ने केवल ‘रोहित मामा’ से मिलने जुलने की छूट दे रखी थी। तनिक संकोच करके, रति ने दरवाजा खोल दिया, लेकिन स्वयं थोड़ा आड़ में छुप गई।
रोहित अंदर आ गया।
‘दीदी कहाँ है?’ पूछते हुए उसकी नजर रति पर पड़ी।

मामा की नजरों से रति जान गई कि वे उसे ताक रहे हैं। कुछ घबरा कर, कुछ शरमा कर उसने कहा- मम्मी आज जल्दी निकल गई। कुछ काम था क्या?

रोहित बोला- हाँ, काम तो था, लेकिन वो फिर हो जायेगा!
वह अब रति को ऊपर से नीचे ऐसे देख रहा था मानो स्कैनिंग कर रहा हो। रति लज्जा से सिमट रही थी।

बाहर हवा के झोंके चल रहे थे। अधखुला दरवाजा रह रह कर फ्रेम से ठोकर खा रहा था। कुछ सोच कर रोहित ने दरवाजा बंद नहीं किया, बस भिड़ा कर छोड़ दिया।

‘तू कहीं जा रही थी क्या?’ रोहित ने पूछा।
‘जी मामाजी, आज कालेज में फ्री डे है’। मामा के चेहरे में एक मुस्कराहट खिल आई।
सकपका कर रति ने सफाई देनी चाही- आज सब लड़कियाँ तनिक माडर्न ड्रेस में आयेंगी।

मामा की चुप्पी उसे खल रही थी। वह आगे बोली- मेरे पास कोई नई ड्रेस तो थी नहीं, इसलिए स्कूल की.., मेरा मतलब, इसलिए पिछले साल की ही पहन ली।

उदासी, लज्जा व ग्लानि से रति के चहरे पर ऐसे भाव छा गए, मानो किसी बच्ची को रसोई से लोली चोरी करते हुए मामा ने पकड़ लिया हो।

उधर रोहित की स्थिति खराब हो रही थी। उसने रति को सदैव अपनी छोटी सी भांजी ही समझा था, लेकिन आज वो मानो अचानक बड़ी हो गई थी। ढीले-ढाले कपड़ों में रति की कामुक तनाकृति पर कभी उसका ध्यान ही नहीं गया था। आज उसके कसे ब्लाउज़, आम के आकार वाली चूचियाँ और मिनी-स्कर्ट से उभरे चूतड़ देख कर रोहित का लंड खड़ा हो रहा था।
रोहित के होंठ सुर्ख हो उठे, उसने जीभ फिरा कर उन्हें गीला किया। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था कि आगे क्या बोले। रोहित की आँखों में शुद्ध-अशुद्ध भाव आ जा रहे थे।

रति, मामा की आँखों के भाव समझ न सकी। आज वे खिलखिला नहीं रहे थे, तनिक गंभीर थे। कहीं नाराज तो नहीं हैं, मम्मी को शिकायत तो नहीं कर देंगे। किसी जाल में फंसी हिरणी की नजरों से मामा को ताका।
गंभीर आवाज में मामा ने पूछा- तूने अपने आप को शीशे में देखा कि कैसी लग रही है?

बस इतना सुनना था, रति रुआंसी हो गई। आँखों की कोर पर आंसू आ आये- अंदर जाकर मैं कपड़े बदल लेती हूँ।’
इसी के साथ सिसकते हुए बोली- प्लीज़! मम्मी से कुछ मत कहना!

डर भरा, अबोध चेहरा देख कर रोहित के कठोर होते लिंग पर सनसनाहट हुई। रति की परवाह न करके, उसने एक हाथ पैन्ट के अंदर डाल, मुन्ने-राम को व्यवस्थित किया और दो तीन झटके भी दे दिए।

फिर कहा- पहले जरा घूम कर दिखा, मैं भी तो देखूं कैसी लग रही है!

रति घूम कर रोहित की ओर पीठ कर खड़ी हो गई। पीछे से उठा हुआ मिनी-लहंगा ऐसा लग रहा था कि मानो नग्न चूतड़ दिखाने का निमंत्रण दे रहा हो। रोहित की नजरें रति की पीठ पर अन्वेषण कर कुछ खोज रही थी। उसे ब्रा-स्ट्रेप नहीं दिखा।

‘तूने ब्रा भी नहीं पहनी है क्या?’ यह कहते हुए रोहित ने रति की पीठ पर हाथ फेरा, मानो स्ट्रेप ढूंढ रहा हो।

मामा का हाथ पीठ पर सरकते ही रति की रुलाई फ़ूट गई। सिसकती आवाज में उसने उत्तर दिया- जी मैं अभी तक शमीज ही पहनती आई हूँ।
फिर कहा- आप कहेंगे तो अब से ब्रा पहन लिया करुँगी।

रोहित अब रति के पीछे चिपक गया। मानो कुछ समझाना चाहता हो- जरा देखें तो सही, तेरी चूचियों को अभी सहारे की जरूरत है भी या नहीं?

इन्ही शब्दों के साथ रोहित के हाथ रति की बाँहों के नीचे से निकल कर सामने पहुँच गए।

रति घबराई हुई थी, जल्दबाजी से वह बिदक सकती थी। यह सोच रोहित ने पहले रति की संकरी कमर घेरते हुए उसके पेट पर हाथ फिराया। इस आलिंगन में वह पूरा का पूरा रति के पीछे चिपक गया। उसका चेहरा रति के घुंघराले बालों के इर्द गिर्द मचलते हुए, नव-बालिग, कमसिन, कोमल त्वचा को सूंघने लगा। उसका पैंट में तना हुआ टट्टू, मिनी-लहंगे से छुपी गाण्ड की दरार में जा लगा।

रोहित ने अपने सीने को थोड़ा आगे कर दबाव डाला। रति को कुछ सामने झुकना पड़ा। उसके अर्थ-गोलार्ध पीछे हुए तो आभास हुआ कि एक अनजाना, गुदगुदा, तंतु उसकी पृष्ठ-घाटी में रगड़ रहा है।
इसी बीच रोहित ने हाथ ऊपर सरकाते हुए रति की अम्बियों को नीचे से तौल लिया। नई-नई पनपी अम्बियों में कोई लटकन नहीं था, केवल कामुक लचक थी। रोहित आगे-पीछे होकर अम्बियों की लचक तोलता रहा।

वह बोला- सच में, तुझे अभी कोई चोली की जरूरत नहीं।

यह सुन कर रति को थोड़ी राहत मिली। कम से कम मामा इस बात से तो नाराज नहीं होंगे कि उसने ब्रा क्यों नहीं पहनी। रोहित का हाथ और ऊपर खिसक आया, मानो वह अब रति के उभरते मम्मों के आकार का अनुमान लगा रहा हो।

अचानक रति की दाईं गर्दन में एक गहरा चुम्बन देकर वह बोला- तेरे स्तन आम के समान बन रहे हैं। बहुत कम लड़कियों के होते हैं ऐसे!

फिर जैसे मजाक कर रहा हो, बोला- कालेज में लड़कों की नजरों से इन्हें छुपाये रखना, नहीं तो कोई उन्हें चूस खायेगा।

यह कहते हुए, रोहित ने रति के चुचूक टटोल लिए। चुचूकों पर रोहित की अंगुलियाँ ऐसे फिरने लगी मानो कोई निपुण सितारवादक टंकार दे रहा हो।

रति के शरीर में बिजली का करेंट सा दौड़ गया। गले में गीला चुम्बन, गांड की दरार में किसी अनजाने अंग का स्पर्श और कुंवारी चूचियों पर पहला-पहला पुरुष-मर्दन!

इतना सब इतने कम समय में सहन कर पाना मुश्किल था। नव-युवाकांशाओं को प्राप्त करने को अग्रसित हो रहे, वासना से ओत-प्रोत, कामुक-शारीर को रोहित का आलिंगन मनमोहक लग रहा था। लेकिन माँ के अंकुशों की याद ताजा थी। उसकी अंतरात्मा कचोट रही थी कि वह कहीं कुछ गलत तो नहीं कर रही।

वह जन्म से अपने अंग-प्रदर्शन की प्यासी थी। मन की गहराई में यह कामना थी कि हर पुरुष उसे भूखी नजरों से ताके। रोहित के माध्यम से उसकी यह तृष्णा संतुष्ट हो रही थी। उसकी अंतरात्मा में मिश्रित रंग बदल-बदल कर आ जा रहे थे। वह भयभीत थी और लज्जित भी कि मामा उसका उपभोग कर रहे हैं। साथ ही साथ उसके शरीर से मीठी-मीठी धाराएं बह रही थी, जिनका उसने पहले कभी अनुभव नहीं किया था। उसकी वर्षों की दबी ज्वाला प्रज्वलित हो रही थी।

हिम्मत करके कोमल हाथ रोहित के हाथों पर भींच कर रति बोली- अब मुझे छोड़िये, यह सब ठीक नहीं है।

कुछ रुक कर बोली- माँ को पता चल गया तो बहुत नाराज होगी।

यह सुन रोहित की उत्तेजना बढ़ गई। पुरूष की काम-वासना आलिंगन में फंसी नारी की विवशता देखकर भड़क जाती है। उसने रति की गरदन पर दूसरी तरफ भी गहरा चुम्मा दे दिया। साथ ही साथ उसके कठोर होते चुचूकों को अपनी अंगुली व अंगूठे में भींच कर मसल दिया।

रति के शरीर से काम-उत्तेजना का दूसरा करेंट गुजरा। उसके कंठ से वासना भरी कराह निकली, मानो आलिंगन में फंसी नारी अपनी विवशता से प्रज्वलित हो रही हो। वक्ष और गर्दन का भाग पीछे को मुड़ गया। लज्जा एवं आनन्द से आंखें मुंद गई। उसकी दशा देख रोहित का वज्र सामान लिंग, चूतड़-खाई के अंदर ही अंदर उचकने लगा।

शेष अगले भाग में! Antarvasna

पहले भाग से आगे : Sex Stories

अंकल उठकर Sex Stories पलंग के पास सोफा कुर्सी पर बैठ गए। मौसी ने मेरी चूत पे हाथ फिराया और बोली- तेरी मुनिया तो बड़ी चकाचक हो रही है। बड़े आराम से लेटी हुई है, लगता है जैसे कि हनीमून के मज़े ले रही हो ! चल उठ और धंधा कर साली ! जब तक तेरी मुनिया बुरी तरह से सुजेगी नहीं, तब तक चुद ! उसके बाद तुझे खुद ही नींद आ जाऐगी। चल उठ और ग्राहक के लिए ग्लास बना। मैं खड़ी हो गई। जानी पलंग पर बैठ गया।

मौसी मुस्कराई और अंकल से बोली- यह जानी है ! विदेशी हथियार की स्मगलिंग करता है, तुम्हारे साथ धंधा करना चाहता है ! क्यों पसंद है?

मेरी चूत और गांड में दर्द हो रहा था। मैं लंगड़ाते हुए चल रही थी। मैंने तीन ग्लास में दारू की बोतल से दारू डाली और एक एक अंकल मौसी और जानी की तरफ बढ़ा दिए। जानी कामुक नज़रों से मुझे देखे जा रहा था। उसने मेरे चूतड़ों पर दो तीन बार हाथ भी फेर दिया था। मौसी ने हम दोनों रंडियों को आँख मारी। मौसी ने मेरे को जानी की सेवा करने का इशारा किया। मोंटी अंकल नंगे थे ही ! शोभा मोंटी साहब का लंड चूसने लगी। मैंने पैंट खोल कर जानी का लंड निकाल लिया और चूसने लगी। जानी और मोंटी कुछ कोड भाषा में बातें करने लगे। कुछ देर बाद दोनों काफी खुश नज़र आ रहे थे, उनकी धंधे की बातें ख़त्म हो गई थीं जानी ने एक पांच की गद्दी मौसी को दी और बोला- मौसी तुम्हारा इनाम।

दोनों के लंड चूसने से खड़े हो गए थे।

मोंटी और जानी में कुछ इशारों इशारों में बात हुई। अंकल ने शोभा को उठा दिया और मेरे पीछे आकर मेरी चूत में अपना लंड घुसा दिया। अब मैं कुतिया बनी बिस्तर पर बैठे जानी का लंड चूस रही थी और अंकल मेरी पीछे से चूत मार रहे थे। मुझे बड़ा दर्द हो रहा था, मौसी मुस्करा रही थी और चिल्ला रही थी- अंकल, साली को आज इतना चोदना कि ये दस दस लंड आगे से एक रात में खा सके। टॉप की रंडी बनाना है मुझे इसको। कुछ देर बाद अंकल ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया। अंकल का लंड लोहे की राड की तरह खड़ा हुआ था। जानी ने भी अपना लंड निकाल लिया था। जानी ने मुझे उठाया और पलंग पर उल्टा करके मोटा लंड मेरी गांड में घुसा दिया अंकल ने मेरी गांड पहले ही फाड़ रखी थी इसलिए एक झटके में जानी का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया था।

मैं चिल्ला रही थी, जानी ने मेरी गांड में जोर के 10-15 शोट मारे उसके बाद जानी नीचे था और मैं उसके ऊपर सीधी लेटी थी उसने अपना लंड मेरी गांड में घुसा रखा था। उसने मेरी टाँगें फ़ैला दी और नीचे से धीरे धीरे गांड में धक्के मारने लगा। अंकल अपना लंड पकड़े सामने मुस्करा रहे थे। उन्होंने मेरी चौड़ी टांगों के बीच अपना सुपारा रख दिया और मेरी चूत में ऊपर से अपना लंड पेल दिया। अब मेरी गांड और चूत दोनों में लंड घुसे हुए थे, मैं जोर जोर से चिल्ला रही थी।

मौसी ताली बजा रही थी और बोल रही थी- अंकल, मज़ा आ गया ! वाकई साली कुतिया लग रही है ! चोद साली को ! याद रखेगी कि मौसी के कोठे पर चुदी थी !

मेरी गाड़ी बनी हुई थी, मेरे दोनों छेदों में लंड सरपट दौड़ रहे थे। अब मुझे पता चल रहा था कि कोठे की चुदाई क्या होती है। मैं अब पूरी तरह से कोठे की कुतिया बनी हुई थी। दस मिनट दोनों ने एक साथ मेरी चूत और गांड बजाई उसके बाद जानी ने मेरी चूत में और अंकल ने मेरी गांड में लंड घुसा कर मुझे सैंडविच बनाया और दुबारा मुझे दस मिनट तक चोदा। मौसी मेरी चुदाई का आनंद सिगरेट पीते हुए ले रही थी। इसके बाद दोनों ने एक एक करके पानी मेरी चूत में छोड़ दिया। मैं बिस्तर पर लुढ़क गई थी, मेरी चूत अब बुरी तरह से सूज रही थी और गांड भी बहुत दुःख रही थी।

रात के चार बज़ रहे थे। मौसी, जानी और मोंटी दारू पीने लगे, थोड़ी देर बाद दोनों नशे में झूम रहे थे। जानी मौसी से बोला- मौसी, साली की चूत कितनी सुंदर है, सूजी हुई तो और सुंदर लग रही है, एक चुम्मा लेकर आता हूँ !

जानी उठा और उसने मेरी चूत पे एक चुम्मा लिया और बोला- मोंटी साले, चुम्मा ले ! क्या स्वाद आता है !

मोंटी ने भी उठ कर एक चुम्मा मेरी चूत पर लिया। दोनों फिर मौसी के पास जाकर बैठ गए, इस तरह 10-12 बार उन्होंने कभी मेरी चूत पर कभी चुचकों पर चुम्मे लिए। कुछ देर बाद दोनों बोले- मौसी बजा तो बहुत लिया पर बजते हुए नहीं देखा। कुछ ब्लू सीन बनवाओ और जानी ने एक 100 की गडी मौसी के हाथ में दे दी। अंकल और जानी मेरे गले में हाथ डालकर बिस्तर पर बैठ गए। मौसी ने सोफा बिस्तर के पास खींच लिया। दोनों मेरी एक एक चूची पकड़े हुए थे और मसल रहे थे।

मौसी ने कमरे की घंटी बजा दी और राजू को कुछ कहा। थोड़ी देर में राजू, कालू, भूरा और टीनू कमरे में थे। मौसी उठी और शोभा से बोली- चल नंगी हो ! तेरी चुदाई का मुजरा कराती हूँ !

थोड़ी देर में शोभा पूरी नंगी थी।

मौसी गुंडों से बोली- अब तुम सब सोफे पर इसकी गाड़ी चलाओ !

राजू सोफे पर जाकर बैठ गया। उसका लंड कुतुबमीनार की तरह खड़ा हुआ था, शोभा उसके लौड़े के ऊपर जाकर बैठ गई और पूरा लौड़ा अपनी चूत में घुसवा लिया। राजू सोफे पर उछल उछल कर उसकी चूत चोदने लगा और उसकी गांड का छेद दोनों ऊँगली से चौड़ा कर दिया, जिसमें पीछे से भूरा ने अपना लंड घुसा दिया।

अब शोभा को राजू और भूरा साथ साथ चोद रहे थे। शोभा की ऊहं आह से कमरा गूंज रहा। शोभा पुरानी रांड थी, मज़े ले ले कर चुद रही थी और ऊहं आह की आवाज़ निकाल रही थी। शोभा का मुँह सोफे से बाहर निकल रहा था। टीनू ने पीछे जाकर अपना लौड़ा शोभा के मुँह में डाल दिया और उसे चुसवाने लगा। शोभा की चूत गांड और मुँह में धक्के जोरों से चल रहे थे। कालू अपना लंड निकाल कर सहला रहा था।मौसी ने शोभा का एक हाथ खींच कर कालू का लंड शोभा के हाथ में पकड़ा दिया दिया। चार चार लौड़ों से शोभा खेल रही थी। जानी ने मुझे पलंग पर अपने लौड़े पर बैठा लिया। अंकल ने मेरे हाथ में अपना लौड़ा पकड़ा दिया। मैं बेहोशी की सी हालत में थी और अंकल का लौड़ा धीरे धीरे मसल रही थी। अंकल ने पलंग पर खड़े होकर मेरे बाल जोर से खींच डाले और चिल्लाये भोसड़ी की, तुझे बड़ी नींद आ रही है? साली अभी तुझे भी इस रांड की जगह बैठाता हूँ ! ले पहले मेरा लौड़ा चूस।

उन्होंने मेरे मुँह में अपना लौड़ा ठूंस दिया। शोभा की गाड़ी जोरों से चल रही थी, गुंडे बार बार जगह बदल कर शोभा को चोद रहे थे। शोभा की चुदाई देखकर अंकल और जानी गरम हो रहे थे, उनके लंड मेरे मुँह और चूत में दौड़ रहे थे। कमरे की सारी लाइट जल रही थी और कमरा रौशनी से भरा हुआ था।

थोड़ी देर बाद अंकल और जानी ने अपने रस एक एक करके मेरे मुँह में उतार दिए और नशे में झूमते हुए कोठे से बाहर चले गए।

सुबह के पाँच बज़ रहे थे लेकिन मेरी तो अभी गाड़ी और बजनी थी। मौसी जाते जाते राजू से बोली- मैं तो सोने जा रही हूँ राजू, कालू को बुला ला और इसे बजाना हो तो तुम दोनों बजा लो ! जब से यह नई रांड आई है अपने लंड सहला रहे हो। जितना मन हो उतना चोदो कुतिया को, रांड तो अब यह बन ही गई है लेकिन नीचे मेरे पास वाले कमरे में चोदना।

राजू मुझे गोद में उठाकर नीचे कमरे में ले आया, जहाँ जमीन पर पुराने गद्दे पड़े हुए थे। थोड़ी देर में कालू भी उधर आ गया, राजू ने पीछे से मेरी फटी गांड में लंड घुसा दिया और कालू ने आगे से मेरी चूत में लंड डाल दिया। मैं अधमरी हालत में दोनों से चुदने लगी सुबह सात बजे तक दोनों ने मुझे बुरी तरह से नोचा और चोदा, उसके बाद मैं गहरी नींद में सो गई।

अगले दिन रात को नौ बजे मेरे चूतड़ों पर मौसी ने जोर से हाथ मारा और बोली- रंडी रानी ! उठ जाओ और कितनी देर तक लेटोगी।

मैं घबरा कर उठ गई। मौसी बोली- थोड़े कपड़े पहन लो और खाना खा लो।

मुझसे उठा नहीं जा रहा था, किसी तरह मैं उठी और मौसी से बोली- मौसी, मुझे वापस भेज दो !

मौसी मुस्कराई और बोली- वापस जाकर क्या करोगी? अभी तो तुम चल भी नहीं पा रही हो, ऊपर से तुम्हारी चूत और सूज रही है ! थोड़ी ठीक हो जाओ तब जाना। चल अच्छा फ्रेश हो, फिर बात करती हूँ।

किसी तरह मैं उठी और खाना खाया। उसके बाद दुबारा सो गई। मुझे काफी थकान महसूस हो रही थी। खा पीकर मुझे नींद आ गई। अगले दिन सुबह दस बजे मौसी आई उनके साथ छोटा खलील भी था। मौसी बोली- क्यों, बॉम्बे नहीं जाना है। ये छोटा खलील बॉम्बे जा रहा इसकी गाड़ी में चली जा। तुझे अपनी चंपा बार में नचवाएगा। नाच भी करियो और धंधा भी बहुत मज़ा आएगा। साले ने तुझे 5 लाख में खरीदा है।

छोटा खलील मुस्करा रहा था, मौसी से बोला- मौसी, दो घंटे साली को चोद लूँ फिर डालकर ले जाऊंगा।

मौसी मुस्कराई और बोली- लोंडी अब तेरी है दो क्या दस घंटे चोद ! तेरे गुरु मोंटी ने कल इसकी गांड और चूत दोनों सुजा दी हैं।

खलील मुस्कराया और उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी। खलील ने दो बार मेरी चूत और दो बार मेरी गांड मारी। साथ ही साथ बोला- हरामजादी मौसी ने भी एक दिन में अच्छी खासी चूत का भोंसड़ा बना दिया है, डांस शो में कितना मज़ा आ रहा था तेरी मारने में और आज तेरी भोंसड़ी बनी हुई है।

बारह बजे तक उसने चोद चोद कर मुझे अधमरा कर दिया था। उसके बाद उसने मुझे गाड़ी में बांधकर डाला और मुंबई लेकर चल गया।

खलील ने मुझे चंपा बार में नाचने के लिए छोड़ दिया। मजबूर होकर मुझे यहाँ नाचना पड़ा। रात बारह बजे तक नाचती थी। उसके बाद एक-एक घंटे की मेरी चार बुकिंग होती थीं और सुबह छः बजे तक मैं चुदवाई जाती थी।

चार दिन बाद खलील और उसका एक साथी मुझे और दो लड़कियों को मस्ती के लिए खंडाला ले जा रहे थे, रास्ते में एक जगह गाड़ी रोककर सब लोग दारू पीने लगे और हम लड़कियों से अपने लंड चुसवाने लगे। थोड़ी देर बाद दूसरी पार्टी के लोग आ गये और गोलीबारी शुरू हो गई। खलील और उसके साथी को गोली लगी और वो वहीं ढेर हो गए। मैं गाडी के नीचे छुप गई। मेरे साथ वाली लड़की को दूसरी पार्टी के लोग उठा के ले गए। थोड़ी देर बाद मैं बाहर निकल कर आ गई और बस पकड़ के वापस अपने गाँव चली गई। आज मैं एक खुशहाल जिन्दगी जी रही हूँ। मेरी आप सबसे यह प्रार्थना है

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