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Massage Girl in East Khasi Hills: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in East Khasi Hills who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in East Khasi Hills that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The East Khasi Hills massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in East Khasi Hills who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your East Khasi Hills massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This East Khasi Hills massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in East Khasi Hills who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in East Khasi Hills employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in East Khasi Hills helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in East Khasi Hills

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in East Khasi Hills at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's


मैं दो हफ्ते के लिए मौसी के घर आई थी.

इस दौरान रोज रात को सर का कॉल आता और वे मुझसे सेक्सी बातें करते.
मैं सारी बातें उसकी बहन को भी बताती और समीर को भी ऑडियो सेंड कर देती थी.

एक दिन सर ने वीडियो कॉल किया और मेरे सामने नग्न हो गए.
मैंने भी उनको अपने बूब्स दिखाए और हम दोनों ने वीडियो कॉल पर अपना अपना पानी निकाल दिया.

यह सब मैंने समीर को और सुमन को बताया.

बाद में मैं वापिस आई तो कॉलेज गई.
उस दिन मैंने जानबूझ कर जांघों तक आने वाला स्कर्ट और टाइट शर्ट पहनी थी.
जब सर ने मुझे देखा तो आखिरी वाले पीरियड में मुझे लैब में बुला लिया.

मैंने सुमन से कहा- तेरे भैया ने मुझे लैब में बुलाया है.
वह हंस कर बोली- हां, चली जा न और भैया के साथ मजा कर!

मैं वहां गई तो लैब खाली थी, बस सर थे.

सर ने जाते ही गले लगा लिया और कहने लगे- अरे मेरी मेघा रानी, कहां थी तू … तेरे बिना मैं कितना बेचैन था!
यह सब कह कर वे मुझे किस करने लगे.
‘उम्म स्स्स …’ की आवाजें आने लगीं.

‘सर, कोई आ जाएगा!’
‘अरे इस टाइम यहां कोई नहीं आएगा.’

यह कह कर सर ने मेरे बूब्स पकड़ कर मरोड़ दिए.

‘आआह सर आराम से … ये संतरे आपके लिए ही हैं उम्म स्स्स्स धीरे मसलो न!’
यही सब कहते हुए मैंने सर का लंड पकड़ लिया.
उनका लंड एकदम टाइट था.

मैं- क्या बात है सर ये छोटे नवाब कैसे अकड़ कर खड़े हैं!
मैं कुर्सी पर बैठ गई.

सर मुझे किस करते रहे और उन्होंने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए.

मेरे बूब्स ब्रा में कैद थे.
वे ब्रा को ऊपर करके मेरे एक दूध को चूसने लगे और दूसरे को मसलने लगे.

सर चूस कम रहे थे, काट ज्यादा रहे थे.
मैं दर्द से कराह उठी- आह इस्स्स्स आह … काटो मत जानू … आह लगती है.

पर वे कहां कुछ सुनने वाले थे.
उनका एक हाथ मेरी पैंटी में घुस गया और मेरी रस छोड़ती चूत में उंगली जाने लगी.

मैंने भी अपनी दोनों टांगें खोल दीं और मजा लेने लगी.

कुछ देर बाद उन्होंने मेरी टांगों को चिपकाया और पैंटी खींच कर नीचे कर दी.
वे कुर्सी के सामने बैठ गए और मेरी चूत में जीभ डाल कर चूसने लगे.

‘अअह उम्म … सर बहुत अच्छा लग रहा है और चाटो आह … म्मम्म सर जल्दी से मेरी चूत बस झड़ने वाली ही है … मुझे चुदाई के बिना आराम नहीं मिलेगा. आज रात को मैं आपको अपनी चूत के साथ एक सरप्राइज भी दूंगी … अभी बस झाड़ कर छोड़ दो … अभी इतना काफी है.’

मैं कुछ ही देर में झड़ गई तो सर से अलग होने लगी.

‘जान मेरा लंड अभी भी खड़ा है, उसका क्या करूँ?’
‘मैं हूँ न!’

मैंने खड़े होकर सर की पैंट नीचे की और उनके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

‘उम्म आह मेघा मेरी जान … चूस लो आह इतना मिस किया तुझे!’

मैं बिना कुछ सुने सर का लंड चूसे जा रही थी.

थोड़ी देर में उन्होंने अपने लंड का पानी छोड़ दिया तो मैंने हाथ पर वीर्य लेकर अपने मम्मों पर मसल लिया.
फिर सर ने मुझे छोड़ दिया और मैं अपने कपड़े पहन कर वापस क्लास में आ गई.

मैं सुमन के साथ बैठ गई.
सुमन ने पूछा- क्या हुआ?

मैं- कुछ नहीं, तेरे भैया का पानी चूस कर निकाल दिया. आज रात तेरे घर आऊंगी, तो हमारी चुदाई लाइव देख लेना और रिकॉर्ड भी कर लेना.
वह- ठीक है.

फिर शाम को मैं सुमन के घर चली गई और हमने डिनर किया.

रात को सर आए तो मुझे आया देख कर खुश हो गए.
जब सुमन किचन में थी, तो सर ने पूछा- सुमन का क्या करेंगे?

मैंने कहा- मैंने सब सोच लिया है. रात को चाय बनाएंगे, तो उसे नींद की गोली दे देंगे.
सर राजी हो गए.

मैंने तो सुमन को अपना प्लान पहले ही समझा दिया था.
रात को मैंने चाय बनाई और सुमन ने चाय पीने के बाद सोने का नाटक करना शुरू कर दिया.

फिर ग्यारह बजे मैंने सुमन से कहा- मैं जा रही हूँ, तू खिड़की से देख लेना और रिकॉर्ड भी कर लेना.
उसने कहा- ठीक है.

मैं सर के कमरे में गई तो सर मुझे आया देख कर खुश हो गए.
मैंने चादर से अपना सारा बदन ढक रखा था.

‘ये चादर क्यों ओढ़ रखी है?’
‘इसमें खजाना है.’
वे बोले- मैं लूटूँगा उस खजाने को!

मैंने चादर छोड़ दी. मैं अन्दर से एकदम नंगी थी.
वे मुझे देखते ही रह गए.

अगले ही पल वे मेरे पास आकर मुझे चूमने लगे.
मैंने उनको बिठाया और उनके कपड़े उतारे. उनका लंड पकड़ कर मुँह में भर लिया और चूसने लगी.

‘ऊऊह ओह मेघा कितना अच्छा चूसती हो यार … कितनी ऑसम हो! अच्छा लग रहा है … चूसती रहो!’

मैं उनका लंड पूरा मुँह में लेकर अन्दर बाहर कर रही थी और उनके बॉल्स भी चूस रही थी.

सर मेरे निप्पल पकड़ना चाह रहे थे, पर मैंने उनके साथ साइड में झटक दिए.
‘सर इस सुहाने पल को आंखें बंद करके महसूस कीजिए बस.’

तब सर ने अपना हाथ मेरे सिर पर रखा और मेरे मुँह में लंड को अन्दर बाहर करने लगे.

‘अअह मेघा रानी मेरा पानी निकल जाएगा!’ वे कॉलेज गर्ल की सेक्स की हवस का मजा ले रहे थे.
‘निकल जाने दीजिए … मैं हूँ न दुबारा से आपका लंड खड़ा कर दूँगी.’

बस यह सुनते ही सर ने हथियार डाल दिए.
उनके लंड से एक तेज पिचकारी मेरे गले में आ लगी.

अब सर ने आंखें खोल दीं.

‘सर अच्छा लगा आपको!’
‘बहुत अच्छा जान.’

‘दो हफ्ते से आपसे दूर थी, आज उसकी पूरी भरपाई कर रही हूँ. अब आप अपनी जीभ का कमाल दिखाइए.’

सर ने मेरे होंठ चूमे, फिर गर्दन चूमते हुए मेरे बूब्स पर पहुंच गए.

‘उम्मम्म … अच्छे से चूसिए … आपके लिए ही हैं. कितने दिन से अपने ये आम आपसे चुसवाने को तड़प रही थी.’

सर मेरे एक दूध के निप्पल मरोड़ रहे थे और दूसरे को मुँह में लेकर चूस रहे थे.
फिर वे पहला निप्पल चूसने लगे और दूसरा मरोड़ने लगे.

उसके बाद वे मेरी नाभि चाटने लगे और दोनों हाथों से मेरे दोनों निप्पल मरोड़ने लगे.
उसके बाद सर नीचे आ गए और चूत पर किस करके उसे चाटने लगे.

‘अआ अह स्स्स्स सर … बहुत प्यासी है मेरी चूत … आह खा जाओ इसे … जीभ डालो न चूत में आह.’
सर जीभ चूत में डाल कर अन्दर बाहर करने लगे.

मेरा रस छूटने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने अपने शरीर को समेटना शुरू कर दिया.
मेरा सारा पानी सर ने चाट लिया था.

अब हम दोनों साथ में लेट गए.

सर मेरे मम्मों से खेलने लगे और वे मुझे किस करते रहे.

‘जब दो हफ्ते तक तुम नहीं थी तो रोज रात को याद करते हुए लंड हिलाता था.’
‘सच में सर … तभी उस दिन वीडियो कॉल पर इतना सारा पानी निकला था आपका. अभी तो आपको मजा आ रहा है न!’
‘अरे बहुत, इतना मजा कभी नहीं आया.’

थोड़ी देर के बाद हम दोनों 69 में आ गए और सर ने मेरी चूत पर अपना मुँह रख दिया.
वे अपनी जीभ को चूत में अन्दर बाहर करने लगे.

मैंने भी उनका लंड और बॉल्स चूसना शुरू कर दिया था.
लगातार चुसाई के कारण हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे.

‘सर अब रहा नहीं जाता, इस चूत को अपने हथियार से चोद कर ठंडी करो न!’

सर ने मुझे गोद में बिठाया और होंठ चूसने लगे. वे लंड से चोदने लगे.

मैं मादक आवाजें निकाल रही थी.
‘स्स्स्स उम्म …’

सर ने मेरे मुँह में जीभ डाल दी और मुँह को भी चोदने लगे.
उसके बाद वे मेरी जीभ चूसने लगे.

बीच बीच में मेरे निप्पल मसल देते गांड पर हाथ फेरते हुए लगातार चूत चुदाई तो चल ही रही थी.

करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद उनका पानी निकलने वाला हो गया था.
मेरा पानी दो बार निकल चुका था.

मैंने उनका लंड अपने मुँह में लेकर पानी निकलवाया, फिर साथ में लेट कर सो गए.
वह मेरी तारीफ करते रहे और हम दोनों नंगे ही सो गए.

रात को तीन बजे सर ने मुझे उठाया- मेघा उठो!
‘क्या हुआ सर?’
‘मुझे तुम्हें और चोदना है.’
‘सर सारी रात से चोद रहे हो, अभी मन नहीं भरा क्या?’

‘तेरे से मन कहां भरता है!’
‘तो अब नंगी पड़ी हूँ, जो चाहे कर लो.’

‘ओह मेरी जान कितनी प्यारी है.’
‘सर, एक मिनट रुको, मैं वॉशुरूम जाकर आती हूँ.’

मैं बाहर गई नंगी ही और सुमन को उठाया.

मैं बोली- सुमन उठ.
‘क्या हुआ और तुम नंगी क्यों हो?’

‘तेरा भाई मुझे दोबारा चोदेगा, चल.’
वह भी तैयार हो गई.

मैं वापिस गई तो जाकर सर का लंड मुँह में ले लिया.
थोड़ा बहुत वीर्य अभी लंड पर चिपका हुआ था.
मैंने अच्छे से लंड चूसा.

फिर सर ने मेरे होंठ चूसे गर्दन चूमी, बूब्स चूसे, आर्मपिट, नाभि चाटी, जाँघें चाटी और चूत भी चाटी.

उसके बाद लंड को झटके से पेल दिया.
न जाने क्यों इस बार मेरी चीख निकल गई- आआह सर बस करो!
सर नहीं रुके और धकापेल चोदते रहे.

काफी देर तक जबरदस्त चुदाई के बाद उन्होंने मेरे मम्मों पर पानी छोड़ दिया.

उसके बाद सर कपड़े पहन कर सो गए और मैं सुमन के साथ आकर लेट गई.

सुबह जब मैं उठी तो मैंने कह दिया- मेरी तबियत ठीक नहीं है, मैं कॉलेज नहीं जाऊंगी.
सुमन भी बोली- हां भैया, मैं भी नहीं जाऊंगी.

मैंने सर से धीमे से कहा- शायद नींद की गोली से ऐसा हुआ होगा!
वे हां में सर हिलाने लगे.

उसके बाद सर कॉलेज चले गए तो हम दोनों घर पर अकेली रह गई थीं.

सर के जाने के बाद हमने बातें की और साथ में बैठ कर रात की चुदाई देखी.

चुदाई देखते देखते सुमन गर्म हो गई और उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा और मुझे किस किया.
मैंने भी उसको किस में पूरा साथ दिया.

उसने टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे दूध मसले और मुझे लिटा दिया.
साथ ही उसने अपनी टी-शर्ट और पजामा उतार दिया.
फिर मेरी टी-शर्ट उतार कर मुझे भी नंगी कर दिया.

वह मेरे बूब्स चूसने लगी और मैं उसके बूब्स मसलने लगी.

मैं कुछ देर बाद उसकी चूत पर आ गई और चाटने लगी, चूत में उंगली डालनी शुरू कर दी.

हम दोनों 69 में आ गई और एक दूसरी की चूत चाटने लगी.
बूब्स और चूत चाट कर एकदम गीली कर दी.

फिर सुमन ने मेरे बैग से डिल्डो निकाला और मुझे पकड़ा दिया.
अपनी कमर में डिल्डो बांध कर मैंने उसकी चुदाई की.

वह सारी रात की चुदाई देख देख कर बहुत ज्यादा गर्म थी.
डिल्डो से चुदाई करके मैंने उसका पानी निकाला और ये सब हमने रिकॉर्ड भी किया.

चुदाई करके हम दोनों नंगी ही सो गईं.

फिर जब मैं उठी तो सुमन सो रही थी.
मैंने टी-शर्ट पहन ली और किचन में आकर चाय बनाने लगी.

थोड़ी देर बाद सुमन भी आ गई.
वह अभी नंगी थी.

उसने पीछे से आकर मुझे चूम लिया- उम्म्म्म …

उसने मेरे मम्मों पर दोनों हाथ रखे और सहलाने लगी.
मेरी टी-शर्ट ऊपर करके गांड पर हाथ फेरने लगी और चूमने लगी

उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और गांड चाटने लगी.
हम दोनों किचन में ही एक दूसरे को चूमने लगीं.

फिर कमरे में आकर मैंने सुमन की चूत में उंगली की और दोनों ने चूत रगड़ी, एक दूसरे के चूत से निप्पलों पर काटा, मैंने उसके निप्पल रगड़े.
फिर दोबारा डिल्डो बांध कर सुमन को चोदा और उसकी चूत का पानी निकालने के बाद उसने मेरा पानी चाट कर निकाला.

हम दोनों एक साथ लेट कर एक दूसरी के शरीर को सहलाते रही.

‘सुमन तू और तेरा भाई दोनों मेरी लेते हो. मेरा फिगर तो तुम लोगों के कारण ही बढ़ रहा है!’
‘अब क्या करें मेरी बन्नो, तू है ही इतनी मस्त माल!’

यह बोल के- वह मुझे किस करने लगी और हम दोनों नंगी ही सो गईं.

फिर जब सुमन उठी तो मैं सो रही थी.
वह मेरे दूध सहलाने लगी और चूसने लगी.

इससे मेरी नींद खुल गई- क्या हुआ मेरी जान, मन नहीं भरा तेरा!

वह मेरे होंठों को चूमने लगी- उम्मम्म स्स्स!

मैं भी उसे चाटने लगी और हमारी जीभ आपस में कुश्ती लड़ने लगीं.

मैंने पुनः डिल्डो कमर पर बांधा और उसकी चुदाई करना शुरू कर दी.
चुदाई के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए.

सुमन और मैं बहुत खुश थे.
सारा दिन हम ऐसे ही किस वगैरह करते रहे.

शाम को सर आ गए और सुमन कोचिंग चली गई.
सर आए और नंगे हो गए और वे मुझे किस करने लगे.

मैं स्कर्ट टॉप पहनी थी.
सर ने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगें नीचे करके खोल दीं.

वे पैंटी के ऊपर से ही चूत चाटने लगे.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

‘सर लगता है, दो हफ्ते का मजा एक ही दिन मैं ले लोगे!’
वे कुछ नहीं बोले.

उन्होंने बस मेरी पैंटी निकाल दी और चूत चाटने लगे.
मैं अपने कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो गई.

सर ने मेरे मुँह में लंड देकर चुसवाया.

और जब उनका लौड़ा एकदम कड़क हो गया तो मुझे गोदी में बिठा कर मेरे बूब्स मुँह में लेकर चूसते हुए चोदने लगे.

‘अअह स्स्स्स सर आराम से चूसो न .. आराम से चोदो.’
‘कैसे आराम से चूसूँ और कैसे आराम से चोदूं … साली तू है ही बहुत मस्त चीज.’

यह कह कर सर आधा घंटा तक अलग अलग पोजीशन में मुझे चोदते रहे.

फिर जब सर का पानी निकल गया, तब हम दोनों ने कपड़े पहने और बैठ गए.
थोड़ी देर बाद सुमन आ गई.

सर ने कहा- मैं तुमको घर छोड़ आता हूँ.
मैंने कहा- हां ठीक है.

रास्ते भर सर ने ब्रेक लगा लगा कर मेरे मम्मों को अपनी पीठ पर रगड़वाया.

मैं भी अपना हाथ आगे करके उनका लंड सहला रही थी.
कुछ देर बाद हम दोनों घर आ गए.

रात को समीर ने हमारी चुदाई देखी.

हैलो दोस्तो! Hindi Porn Stories

मेरा नाम राहुल है। यह मेरी Hindi Porn Stories पहली कहानी है। मैं ईजिन्यीरिंग के तीसरे सेमिस्टर में हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं दूसरे सेमिस्टर में था।

मुझे होस्टल में रहना पसंद नहीं था, इस वजह से मैं एक घर में पी जी बन कर रहता था। मेरा कमरा पहले माले पे था। मैं खाना उसी घर में खाता था। उस मकान मालिक की 18 साल की लड़की थी। उसका नाम कोमल था। वो आर्ट कोलेज में पढ़ती थी। मेरी उसपर पहले से ही बुरी नजर थी। मैं उससे बात करने का एक भी मौका छोड़ता नहीं था। वो मुझसे काफ़ी घुल-मिल गई थी। मैं कई बार उसके बदन को जानबूझ कर छूता था, फ़िर भी वो कोई प्रतिकार नहीं करती थी। शायद वो भी मुझसे चुदवाना चाहती थी।

एक बार मकान मालिक के दूर के रिश्तेदार की शादी थी। मुझे खाने की परेशानी न हो इस बहाने कोमल घर पर ही रुक गई।

मैं समझ चुका था कि कोमल मुझसे चुदवाने के लिए ही रुकी थी।

शाम 4:00 बजे मकान मालिक, उसकी बीवी और बेटा निकल गये। अब कोमल उसके कमरे मे अकेली थी। मैं उसके कमरे में गया तो उसने कहा कि मैं खाना बना देती हूं, आज हम जल्दी खाना खायेंगे।

मेरे मन में लड्डू फ़ूट रहे थे। फिर भी मैं अपने लंड पे काबू रखे था। शायद मैं ग्रीन सिगनल की राह देख रहा था।

5:00 बजे हम दोनों खाना खाने बैठे। जब वो मुझे खाना दे रही थी तब मैंने कहा- बस ! ज्यादा नहीं !

तब उसने कहा- खा लो ! पूरी रात गुजारनी है।

यह सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया। उसने मेरे लंड की ओर देखा फ़िर वो मुस्कुराई और खाना खाने लगी। खाना खाने के बाद वो सीधा किचन में जाकर बर्तन धोने लगी।

मैं फ्रेश होने के बहाने बाथरुम में गया और जानबूझ कर अपना तौलिया भूलने का नाटक किया। थोड़ी देर बाद मैंने कोमल को आवाज लगाकर तौलिया दे जाने को कहा। जैसे ही उसने तौलिया देने के लिये हाथ बढ़ाया, मैंने फिल्मी हीरो की तरह उसका हाथ पकड़ कर उसे बाथरुम में खींच लिया और खुद दरवाजे के सामने खड़ा रह गया ताकि वो भाग न सके।

वो मुझे सिर्फ अंडरवीयर में देखकर शरमा गई। शावर चालू होने की वजह से वो पूरी भीग गई थी। उसका ड्रेस उसके बदन से चिपक गया था। उसकी काली ब्रा साफ दिखाई दे रही थी। मैंने अपने हाथ उसके चूतड़िं पर रख कर उसे अपनी और खींचा। वो मुझसे आकर कस कर लिपट गई। उसकी धड़कनें तेज हो चुकी थी। मैंने उसका कुर्ता निकाल दिया। मैं आगे बढ़ा और उसके दोनों हाथों को पकड़ के उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूमने लगा। एक हाथ से मैं उसकी चूत पायजामे के ऊपर से सहलाने लगा, दूसरे हाथ से ब्रा के हुक खोल दिये। उसके गोरे स्तनों के चुचूक मुँह में लेकर चूसने लगा। कई बार मैं चुचूकों को काट देता था और उसके मुँह से ऊऊउ….ह की आवाज आती थी। उसने अपना पायजामा और पेन्टी भी निकाल दी।

हम दोनों बाथ-टब में बैठे। मैंने अपने लंड को उसके चूतड़ों के बीच सेट कर दिया और दोनों हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा। वो भी अपने चूतड़ों को मेरे लंड पे रगड़ने लगी।

जैसे ही कोमल मेरे पेट पर बैठ गई, तभी मेरा लँड उसकी जांघों के बीच खड़ा हो गया। वो मेरे लंड को सहलाने लगी। हम दोनों एंजोय कर रहे थे।

मैं उसे उठा कर बेडरुम में ले गया। हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। मैं उसकी टांगों के बीच बैठ के चूत में उँगली डालने लगा। उसके मुँह से आआआ….ह,ऊ उ…ह की आवाजें आ रही थी। चूत में मुझे चिकनाई सी महसूस हुई। वो पूरी गरम हो चुकी थी। मैं उसके उपर लेट गया और उसे एक लम्बा चुम्बन किया।

मैंने उसको बेड के किनारे लेटाया और उसकी टाँगों को अपने कंधो पर रख लिया। अभी उसका शील भंग नहीं हुआ था। उसकी चूत फ़ूल चुकी थी। चूत में से पानी निकल कर बेड पर टपक रहा था। मैं चूत पे अपना लंड रख के धीरे से अंदर धकेलने लगा, मगर थोड़ा ही अंदर जा पाया। मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ के जोर से धक्का लगाया, मेरा पूरा लँड अंदर चला गया। वो जोर से चिल्लाई। मैंने उसके सर को पकड़ के उसके होंठों पर लम्बा चुम्बन किया ताकि वो फ़िर से चिल्ला न सके। मुझे लँड पर कुछ गरम महसूस हुआ, चूत में से खून निकल रहा था।

थोड़ी देर बाद मैं लंड को अंदर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मजा आ रहा था, वो अपनी कमर हिला कर मेरा साथ दे रही थी। दस मिनट बाद मैं झड गया, अब तक वो 3 बार झड़ चुकी थी।

वो उठ कर बाथरूम गई और अपनी चूत धो कर आई, मैं बैड पर नंगा लेटा हुआ था। वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी। उसके छूते ही मेरा लंड फ़िर से खड़ा हो गया। वो डोगी स्टाईल में बैठ गई। उसकी गाण्ड का छेद साफ दिखाई दे रहा था। मैंने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए लँड को उसकी गाण्ड में डाला। बहुत मुश्किल से अंदर गया, वो चिल्ला उठी। मैंने लंड को धीरे से बाहर निकाला। मेज़ पर हेयर-ऑयल की बोतल थी, मैंने लंड पर तेल लगा लिया। अबकी बार लंड आसानी से अंदर चला गया।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

उसके मुँह से आअऊउ…ह, ओओ….ह की आवाजें निकल रही थी। मैंने अपना सारा माल उसी में छोड़ दिया।

वो सीधा लेट गई। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल के उसे बाहों में ले लिया। हम दोनों काफ़ी थक चुके थे। हम वैसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट कर सो गये।

सुबह 6:00 बजे मेरी आंख खुली, तब वो सो रही थी। मैंने उसे जगाया और उसे एक लम्बा चुम्बन किया। हम दोनों साथ में बाथरूम में नहाने गये। वहाँ मैंने उसकी दो बार गाण्ड मारी।

नाश्ते के बाद मैंने उसकी 10:00 बजे से ले कर 12:00 बजे तक दो घंटे जमकर चुदाई की।

शाम 4:00 मकान मालिक और उसका परिवार वापस आ गये।

दो महीने बाद कोमल की शादी हो गई। मैंने भी वो घर छोड़ दिया। Hindi Porn Stories

Antarvasna

मैं अपना परिचय Antarvasna दे दूँ, मेरा नाम सुरेश खुराना है, उम्र ५२ साल, कद ५’-१०”, रंग गोरा और बदन गठीला है। मैं स्टेट बैंक में मैनेजर हूँ, मेरे घर में मेरी पत्नी और दो बेटे हैं, जो कक्षा ८ और १० में पढ़ते हैं।

बात लगभग एक साल पहले की है जब मेरा तबादला आगरा से जयपुर हुआ तो पत्नी और बच्चों को आगरा में ही छोड़कर मैं अकेले जयपुर आ गया। जयपुर में मैंने जो मकान किराये पर लिया उसके मालिक का नाम था मूल चंद मनवानी, उसकी उम्र लगभग ५४ साल, कद ५’-६”, रंग गोरा और बदन ढीला ढाला, पेशा जूते की दुकान। उसके घर में उसकी पत्नी सीमा, उम्र लगभग ५० साल, कद ५’-५”, रंग गोरा और बदन भरा-पूरा। खंडहर बताते थे इमारत कभी बुलंद थी। इनकी एक लड़की पायल थी जिसकी उम्र करीब अट्ठारह-उन्नीस साल, कद ५’-५”, रंग गुलाबी और बदन अपनी मां की तरह भरापूरा था, एक नज़र में फिल्म स्टार ममता कुलकर्णी लगती थी।

मैं सुबह नहा धोकर निकलता, रेस्तरां में नाश्ता करता और बैंक चला जाता, दोपहर का खाना टिफन वाला बैंक में दे जाता और रात को होटल में खाता था।

इस तरह दिन कट रहे थे कि एक दिन मूल चंद जी बोले- खुराना साब, क्यूँ होटल बाज़ी करते हैं, यहीं घर में खाया कीजिये।

मेरे मना करने पर बोले- जो मुनासिब हो, पैसे दे दिया करिए, यानी आप किरायेदार से पेइंग गेस्ट बन जाइए। मुझे भी ठीक लगा और मैं उनके घर मैं खाने लगा। उनके घर खाना खाने से हुआ यह कि मैं सीमा की तरफ आकर्षित होने लगा और उसको चोदने की सोचने लगा।

एक दिन मैंने बैंक से छुट्टी ली और सिरदर्द का बहाना बनाकर घर मैं लेटा रहा।

जब नाश्ता करने उनके घर नहीं गया तो मूल चंद और पायल के जाने के बाद सीमा आई और पूछा- आज आप नाश्ता नहीं करेंगे क्या?

मैंने बताया- तबियत खराब है !

तो बोली- मैं चाय बनाकर लाती हूँ !

मैंने कहा- चाय ना लाइये, कोई बाम हो तो ले आइये !

वो गई और बाम ले आई तथा मेरे कहने पर मेरे माथे पर मलने लगी। दोनों के शरीर करीब आये साँसे मिलने लगीं तो मैंने पहल की और उसने भी विरोध नहीं किया, हम दोनों नंगे हो गए और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। उस दिन से लगभग रोज़ हमारा प्रोग्राम बन जाता।

एक दिन मैं उसको चोद रहा था, कमरे का दरवाजा बंद था, खिड़की का पर्दा लगा था, मुझे एहसास हो गया कि पायल आ गई है और खिड़की के बाहर से अन्दर के माहौल का अंदाज़ लगा रही है।

उसको सुनाने के उद्देश्य से मैंने सीमा से पूछा- सीमा जब मेरा लंड तुम्हारी चूत के अन्दर बाहर होता है तो मज़ा आता है?

तो बहुत सेक्सी आवाज में सीमा ने कहा- राजा इतना मज़ा इससे पहले कभी नहीं आया !

सीमा को चोदते हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि उसकी बेटी पायल यह जान गई थी कि मैं उसकी माँ सीमा को चोदता हूँ। हालाँकि सीमा को यह नहीं मालूम था कि पायल यह सब जानती है। मेरा ध्यान अब कच्ची कली को फूल बनाने पर लगा हुआ था। जल्दी ही भगवान ने मेरी सुन ली, सीमा का मायका अलवर में था और उसकी माँ की तबियत खराब होने की खबर आई तो वह एक हफ्ते के लिए अलवर चली गई, जाते समय मुझसे बोली- तुम्हें बहुत मिस करूंगी !

मैंने मुस्कुरा कर कहा- मैं भी !

उसके जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो पायल से इधर उधर की बातें होने लगीं। मैं उसकी झिझक दूर करना चाहता था। बातों बातों में उसने बताया कि परसों मेरा जन्मदिन है और मैं १८ साल की हो जाऊंगी।

मैंने पूछा- तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हें क्या तोहफ़ा दूं ?

बोली- कुछ नहीं !

मैं जानता था कि मूल चंद बहुत कंजूस टाइप का आदमी है और परिवार पर ज्यादा खर्च नहीं करता है। मैंने कहा- रात को जब तुम्हारे पापा आ जायेंगे तो उनसे बात करूंगा और कल तुमको मार्केट ले जाऊंगा, एक सुन्दर सा सूट दिलाऊँगा।

मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो गई। मैं नाश्ता कर चुका था इसलिए उठा और बैंक चला गया। रात को खाने के समय मैंने मूल चंद से कहा- परसों पायल का जन्मदिन है और मैं इसे एक सूट उपहार में देना चाहता हूँ, अगर आपकी इजाज़त हो तो कल इसको मार्केट से दिलवा दूं?

मूल चंद लालची तो था ही, हल्की सी मनाही के बाद बोला- जो आपकी मर्ज़ी !

खाना खाकर मैं अपने कमरे में आ गया और आगे की योजना बनाने लगा। सुबह मूल चंद के जाने के बाद मैं नाश्ता करने गया तो मैंने पायल से कहा- ११ बजे तक तैयार हो जाना, मार्केट चलेंगे, पिक्चर देखेंगे और वहीं खाना खायेंगे ! पायल के चेहरे और मेरे लंड की रौनक देखने लायक हो रही थी।

मैं बैंक गया और बहाना बनाकर ११ बजे वापस आ गया, पायल तैयार थी, गज़ब ढा रही थी। हम लोगों ने पहले सूट ख़रीदा, फिर उसकी झिझक खोलते हुए उसको ब्रा और पैंटी भी दिलवा दी। इसके बाद हम लोग पिक्चर देखने लगे। इंटरवल तक हम लोग आराम से बैठे रहे, इंटरवल में पोपकोर्न लिए, खाते खाते पिक्चर शुरू हो गई। अब पोपकोर्न लेने के चक्कर में हमारे हाथ छुए तो शुरुआत हो गई। पोपकोर्न खत्म होने के बाद मैंने उसका हाथ पकड़ा, कुछ नहीं बोली तो मैंने उसका हाथ सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में मेरा लंड एकदम टाइट हो गया तो मैंने पायल का हाथ अपने लंड पर रख दिया और अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा तथा सहलाने लगा।

मैंने उससे कहा- तुम भी सहलाओ ! तो वह मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी। मैंने अपना दूसरा हाथ उसके मम्मे पर रखा और हल्के-हल्के दबाने लगा। इसी समय पिक्चर खत्म हो गई और हम खाते पीते घर आ गए। आज पहला दिन था और उसे खाना भी बनाना था, इसलिए घर आकर हमने कुछ नहीं किया। वह अपने घर चली गई और मैं अपने कमरे में ! मैंने बाथरूम जाकर मुठ मारी, अपने लंड को ठंडा किया और सो गया।

रात को करीब १० बजे मूल चंद की आवाज से नींद खुली, सबने एक साथ खाना खाया। खाने के दौरान पायल की भूखी प्यासी आँखें मुझे और मेरी आँखें उसे देखती रहीं। मूल चंद तो १५००/- का सूट देखकर गीला हो गया था।

अगले दिन सुबह सोकर उठा तो पहला काम पायल को फ़ोन करके हैप्पी बर्थडे कहा।

बोली- थैंक्यू !

तो मैंने कहा- पायल, आई लव यू !

शर्माते हुए बोली- आई लव यू टू !

रास्ता साफ़ था, बस मूल चंद के दुकान जाने की देर थी, मुझे मालूम था कि आज १८ साल की नई नवेली चूत मिलने वाली है, मैं भी डाबर शिलाजीत गोल्ड के २ कैप्सूल खाकर अपनी जवानी में चार चाँद लगा चुका था। मूल चंद को दुकान गए १० मिनट हो गए तो मैं पायल के कमरे की तरफ गया, कमरा अन्दर से बंद था, आवाज़ देने के २ मिनट बाद दरवाज़ा खुला तो मैं गश खाकर गिरने वाला था, मेरी दुल्हन पायल मनवानी गुलाबी रंग के नए सूट में बिजली गिरा रही थी। मैं कमरे के अन्दर गया तो उसने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैंने अपनी बाहें फैलाईं तो चली आई।

मैंने कहा- पायल आज तुम १८ साल की हो गई हो और १८ साल की लड़की को सरकार इजाज़त देती है वह जो चाहे कर सकती है, वह चाहे तो नया सूट पहन सकती है और चाहे तो सूट दिलाने वाले को सूट उतारने का मौका दे सकती है, क्या तुम मुझे ये मौका दोगी कि मैं देख सकूं कि तुम नई ब्रा और पैंटी में कैसी लगती हो ?

कुछ नहीं बोली, बस सीने से लग गई, मैंने उसका सूट उतारा फिर थोड़ी देर तक चूमने चाटने के बाद ब्रा और पैंटी भी उतार दी, उसे गोद में उठाया और बेड पर ले आया। बेड पर लिटाते ही अपने होंठ उसकी चूत पर रखे तो उसे करंट सा लगा, मुझे लगा लोहा गरम है, अपने कपड़े उतारे, जेब से कंडोम निकालकर अपने तन्नाये हुए लंड पर चढ़ाया और लंड को उसकी चूत के मुंह पर रखते हुए कहा- पायल डार्लिंग ! यह रहा तुम्हारा असली बर्थडे गिफ्ट !

पहले झटके में आधा और दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी चूत में समा गया, थोड़ा सा कसमसाई लेकिन झेल गई।

अब मेरा लंड उसकी चूत में था और उसका एक मम्मा मेरे मुंह में तथा दूसरा मेरे हाथ में था। आधे घंटे से ज्यादा देर तक चोदने के बाद जब मेरे लंड से पिचकारी छूटी तो भूचाल आ गया। अपना लंड जब उसकी चूत से निकाला तो चादर पर फैला खून देखकर एक बार तो मैं घबरा गया लेकिन पायल का सुकून भरा चेहरा देखकर राहत की सांस ली। हम दोनों बाथरूम गए मिलकर नहाए और बेड पर आ गए।

कुछ देर बाद मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर उसके होठों को चूसना शुरू किया और उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसे वह सहलाने लगी। थोड़ी देर में लंड खडा हो गया तो मैंने पोजीशन बनाकर लंड उसके मुंह में दे दिया. कुछ देर बाद उसने मुंह से मेरा लंड निकाला और मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख दिया, मैं समझ गया चुदासी है !

मैंने जेब से दूसरा कंडोम निकाला, लंड पर चढ़ा कर लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने लंड को अपनी चूत पर रखा और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। उस दिन मैंने उसको चार बार चोदा और सीमा के आने तक यह कार्यक्रम चलता रहा।

सीमा के आने के बाद कहानी में कहाँ मोड़ आया, यह अगले भाग में…. Antarvasna

Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम लक्ष्य है Sex Stories और एक बार फिर से अन्तर्वासना पर अपनी अगली चुदाई की दास्तान के साथ आप सब के सामने हाज़िर हूँ।

दोस्तो, प्रेम अंकल से चुद चुद कर मुझे लौड़े का चस्का लग गया। मुझे गांड मरवाने का नवाबी शौक पड़ गया और मुझे यह नवाबी शौक लगाकर अंकल खुद बंगाल जा बैठे। मैं उनके लौड़े के बिना तड़फने लगा, मचलने लगा। समझ में न आता कि गांड की प्यास किस तरह, किस से बुझवाऊं।

तभी याहू चेटरूम से मुझे कुछ गुर मिले और मैंने उन गुरों का इस्तेमाल करने की सोची।

एक दिन जब सभी घर से चले गए, मैं स्कूल से फूट कर घर वापस आ गया। गर्मी बहुत थी, जब दोपहर हुई, सोचा, कोई सेल्समेन आ जाये या फिर कोई और। तभी रददी वाले की आवाज़ सुन झट से उठा रूम का ए.सी ओन किया और गेट की तरफ गया। मैंने देखा, एक हट्टा कट्टा आदमी था, रंग में भले सांवला था।

“मुझे रददी बेचनी है!”
“हाँ जी! लाओ!”

मैं उसको अपने साथ अन्दर ले गया और उसको स्टोर में से अखबार उठाने को कहा। वो अखबार उठा कर ले गया। सोचा, कैसे शुरुआत करूँ?

वह रद्दी बाहर छोड़ कर वापस आया।

खाली बोतलें भी हैं और कुछ पुरानी किताबें।

किताबें उतारने के लिए मैं उसको अपने कमरे में ले गया। ए.सी की ठंडक से उसका पसीना उड़ने लगा। मैंने उसको अलमारी के ऊपर से किताबें उतारने को कहा, अपने होंठों को चबाते हुए कहा।

वो मुड़ा ही था कि मैंने अपना पजामा उतार दिया। मैं सिर्फ फ्रेंची में था, सिर्फ लौड़ा ढका हुआ था और मेरे गोरे रंग के भरे भरे चूतड़ किसी का खड़ा करने को काफी थे। अपनी टी-शर्ट भी उतार दी। वो स्टूल पर पैर रखने लगा था कि मैं पीछे से उसके साथ लिपट गया।

एकदम से ऐसा करने से वो घबरा गया। मैंने हाथ सीधा उसके लौड़े पे डाला और मसलने लगा और उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया, उसका पजामा नीचे गिर गया। वो मेरी तरफ मुड़ा और जब उसने मुझे आधा नंगा देखा, वो भी बहकने लगा।

मैंने उसकी तरफ अपनी पीठ करके घोड़ी की तरह झुकते हुए अपने चूतड़ हिलाए, मटकाए। उसने झट से हाथ मेरी गोरी गांड पे रख दिया और फेरने लगा।

मुझे मस्ती आने लगी। मैंने जल्दी उसके कच्छे को नीचे कर उसके मोटे लौड़े को पकड़ लिया। उसका लौड़ा प्रेम से ज्यादा बड़ा था।

अँधा क्या ढूंढे, दो आँखें!

ठंडा कमरा, ऊपर से प्यासी गांड! सहला कर मैंने उसका खड़ा कर दिया। उसको बिस्तर पे धक्का दिया और उसके लौड़े को मुंह में भर लिया। उस बेचारे ने कभी किसी से चुसवाया नहीं था, उसको मजा सा आया।

उसका काला लौड़ा मेरे गुलाबी होंठों में सुन्दर लग रहा था। मुझे लौड़ा चूसना बहुत पसंद है, एक हाथ से में अपनी गांड के छेद में ऊँगली कर रहा था। जब उसने मुझे देखा वो खुद अपनी उंगली मेरी गाण्ड में डालने लगा।

बहुत लम्बा लौड़ा था।

अब मेरी गांड जवाब देने लगी थी कि मानो कह रही हो कि मुझमें लौड़ा डाल दो!

मैंने मुँह से लौड़े को निकाल लिया और कोल्ड क्रीम लगा कर उसके लौड़े को अपनी गाण्ड के छेद पे टिकाते हुए उसको डालने का इशारा कर दिया। उसका लौड़ा मोटा था इसलिए घुस ना पा रहा था। मैंने उसको सीधा लेटने को कहा। उसका लौड़ा अब कुतब मीनार की तरह अकड़ा हुआ था। मैं उसके ऊपर से आते हुए उसके लौड़े को ठीक छेद पर रखते हुए धीरे धीरे उस पर बैठता गया, तकलीफ सहते हुए जड़ तक अन्दर ले लिया और फिर उछल उछल कर चुदने लगा।

वो भी नीचे से कूल्हे उठा उठा के गांड मारने लगा, बोला- आज तक किसी की गांड नहीं मारी थी।

वो मुझे अपने नीचे लिटाते हुए दोनों टांगें खोल कर चोदने लगा।

“मेरे आका! फाड़ डाल! मेरी भोसड़ी को ले!”
“बहनचोद! फाड़ने के लिए तो कर रहा हूँ!”

और तेजी से आगे पीछे करने लगा, एकदम से मुझे जकड़ लिया और अपनी पिचकारी मेरी गांड में छोड़ दी, बोला- ओये होए! साले! क्या माल है तू! इतनी आग लड़की में न होगी!

उसने खुद बाहर नहीं निकाला, खुद ही सोते हुए बाहर निकला।

ऐसे ही दोनों चिपके रहे, उसको मेरा जिस्म बहुत पसंद आया।

इस तरह पूरी दोपहर में उसने मुझे दो बार ठोका और चला गया।
जाते हुए बोला- मैं दो दिन बाद आता हूँ!

लेकिन अगले दिन जब स्कूल से आया तो मुझे एक और लौड़ा मिल गया।

अगली कहानी में बताऊंगा कि वो कौन था। Sex Stories

बिजनेस बढ़ाया चुदाई से नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम नीलम हैं। मेरी उम्र अभी 43 साल हैं। मैं कई सालों से दिन में टाइम पास करने के लिए हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ती हूं। मुझे इसके बारे में मेरे मोहल्ले की ही पड़ोसनों ने बताया था शाम को जब हम लेडिस आपस में बैठकर बातें करते तो रात के सेक्स को लेकर भी चर्चा करते थे तो सभी अपने-अपने अनुभव बताती थी कि उनके पति उनके साथ कैसे-कैसे क्या-क्या करते हैं उनमें से ही एक पड़ोसन प्रीती ने इसके बारे में हमें जानकारी दी। मैं पहले अपने परिवार के साथ गांव में ही रहती थी और मेरे पति शहर में रहकर काम करते थे। वह सप्ताह में एक दिन घर आते हैं और फिर वापस शहर चले जाते हैं। शहर में भी उनको खान और रहने में काफी परेशानी होती थी क्योंकि वह खुद बनाते हैं फिर सारा काम खुद करते हैं तो काफी टाइम लग जाता ऐसे फिर एक बार उन्होंने बोला कि क्यों नहीं तुम शहर चलती हो मैंने कहा कि शहर में खर्चा ज्यादा होगा तो बोले कि हम कुछ काम कर लेंगे और सब ठीक हो जाएगा। फिर मेरे पति ने शहर से थोड़ा बाहर की तरफ एक प्लॉट खरीदा और वहां पर छोटा सा मकान बना दिया वह कॉलोनी अभी नई-नई बस रही थी इस कारण आदि से ज्यादा प्लाट खाली पड़े थे और कुछ मकान बने हुए थे हम लोगों ने वार है ना शुरू कर दिया। वहां पर 8-10 मकान और बने हुए थे और उन में भी सब गांव से ही आकर लोग रहना शुरू हुए थे जो शहर में काम करते थे। मैंने मेरे दोनों बेटों को हॉस्टल में एडमिशन करवा दिया और हम दोनों पति-पत्नी वहां रहने लगे। मैं पूरा दिन खाली रहती थी तो मैंने पति को कहा कि आप गांव से गाय भैंस या लेकर आ जाओ तो काम भी हो जाएगा आमदनी भी होगी तो मेरे पति गांव से दो भैंसे और दो गाय लेकर आ गए। गांव में हमारे बहुत सी गाय भैंस थी। तो पति कुछ लेकर के यहां शहर आ गए। शहर में हमने पास वाले प्लॉट में गाय भैंस रखनी शुरू कर दी। मैं सुबह 5:00 उठाती और गाय भैंसों का दूध निकाल कर उन्हें चार वगैरा दे देती और मेरे पति हमारे घर से ही एक दो किलोमीटर दूर बड़ी पोश कॉलोनी में दूध सप्लाई करके आ जाते। शाम का दूध देने में परेशानी होती थी तो मेरे पति ने एक सेकंड हैंड एक्टिवा खरीद ली और मुझे एक्टिवा सीखा दी। अब मैं शाम को खुद ही दूध सप्लाई करने जाती थी। रात में जब हम मोहल्ले की सभी औरतें इकट्ठा होती तो वह सब मेरे गाय भैंस के बारे में ही बैठकर बातें करती थी क्योंकि वहां पर हम सब अकेले आराम से बैठ कर बातें कर सकते थे तो वह सब अपनी सारी बातें बताती थी उनमें से रजनी किसी बड़े बंगले में काम करती थी तो वह महंगे महंगे कपड़े पहनती थी बाकी औरतें उससे पूछता की रजनी इतना कैसे खर्च कर लेती है पहले तो वह बताती नहीं थी लेकिन फिर वह धीरे-धीरे बताने लगी की बंगले का जो साब है वह उसके साथ सेक्स करता है और बदले में उसे यह सब देता हैं। वह हम सब में बहुत तेज थी तो हम सबको ब्यूटी पार्लर भी साथ लेकर जाती थी वैक्स वगैरा करवाती थी और कहती थी कि तुम लोग अपनी वजाइना को एकदम क्लीन रखा करो ताकि तुम्हारा पति जब शाम को आए तो तुम्हारी पैंटी हटाकर सीधा उसे चाटने लग जाए। वह बोली कि शहर की औरतें तो रात में नाइटी और शर्ट पहनती है हम लोग भी अब ऐसे कपड़े पहनेगी तो हम सब लोगों को मार्केट लेकर गई और वहां से हम लोगों ने नाइटी टाइट योग पैंट टी-शर्ट लोवर टी-शर्ट जैसे नाइट वियर खरीद लिए अब हम लोग भी रात में नाइटी वियर यानी योगा पेट और टी-शर्ट लोवर टी-शर्ट पहनते थे। एक बार रजनी ने बताया कि उनके साहब के यहां पर कोई बड़ी पार्टी है और कैटरिंग के लिए महिलाओं की जरूरत है जो भरे पूरे मांसल बदन की हो। तो हमने कहा कि हम सभी का शरीर बहुत भरा पूरा हैं। रजनी बोली कि सब के यहां पर जो पार्टी है उसमें सब को महिला वेटर की जरूरत पड़ेगी रात में 9:00 से लेकर 1:00 तक पार्टी है और आप सबको दो ₹2000 मिलेंगे सभी महिलाओं ने हां कर दी की चार घंटे में ₹2000 तो अच्छे ही हैं। फिर रजनी बोले कि तुम ऐसे ही मत चलना पहले तुम ब्यूटी पार्लर जाकर अपना वैक्स वगैरा करवा लेना और अच्छे से तैयार हो जाना दिन हम लोग ब्यूटी पार्लर गए और वैक्स वगैरह कराया और अच्छे से तैयार हो गए हम लोग अपने घरों का काम खत्म कर रात 8:30 सब के फार्म हाउस पर पहुंच गए। वहां पर हम लोगों को वेटर की ड्रेस दी गई जो हेयर कलर का शर्ट और काले कलर की टाइट पेंट थी हम लोगों ने वह पहन लिए। वेटर की ड्रेस में हमारे बड़ी-बड़ी बस और बड़ी-बड़ी गांड बहुत ज्यादा ही दिख रही थी। पार्टी के मेहमान अभी हमें घूर-घूर कर देख रहे थे। उसने बड़े-बड़े लोग आए थे और करीब 100 तरह का खाना पीना था। रात 1:00 बजे पार्टी खत्म हो गई और जब हम लोग जाने लगे तो सब हमारे पास आया और बोला कि आप सब लोग मुझे बहुत अच्छे लगे हो आपने बहुत अच्छा काम भी किया है तो मैं तुम्हें खुश होकर दो ₹2000 ज्यादा दे रहा हूं मुझे इनाम समझ कर रख लेना। फिर वह बोला की पार्टी मेंखाने में भी बहुत बचा हुआ है आप लोगों को जितना चाहिए उतना ले जाओ तो काफी महिलाओं ने वहां से पैक भी करवा लिया और उसे साहब ने हम सबको अपने घर तक अपनी गाड़ी से भी छोड़ दिया। उसे दिन हम सभी महिलाएं बहुत खुश थी क्योंकि हमें चार-पांच घंटे काम करने के ही ₹4000 मिल गए थे। हम सब लेडिस ने अपने पतियों को बताया तो वह भी बहुत खुश हुए। अगले दिन शाम को जब हम बातें करने इकट्ठा हुई तो रजनी आकर के बोली की एक और काम हैं। उसके बदले और ज्यादा पैसे मिल सकते हैं तो हमने पूछा क्या काम है तो वह बोली कि सब के यहां आने वाले मेहमान को खुश करना हैं इसके बदले वो अच्छा पैसा देंगे। पहले तो हम लोगों ने सोचा पर बाद में हां कर दिया। उसके बाद रजनी रोज किसी ना किसी महिला को लेकर जाती वो वहां सेक्स करवाती और उसे अच्छे पैसे मिलते। एक बार रजनी मुझे भी लेकर गई वहां पर कोई सातवां आठवां साल का आदमी था जिसे मेरे साथ सेक्स करना था। मैं उसे आदमी के साथ कमरे में चली गई। अंदर जाते ही उसे आदमी ने मुझे कहा कि तू तू बहुत बड़ी रैंड लगती है तेरे बड़े-बड़े बस और गांड ही बता रहे हैं कि तू कितनी बड़ी रंडी है। मैंने कहा कि मैं तो गाय भैंस पालती हूं और दुध पीती हूं इस कारण मेरे बड़े हैं। वो मेरे 38-34-42 के फिगर को घूरकर देखा रहा था। फिर उसने मुझे बोला कि अब तू तेरे कपड़े उतार और पूरी नंगी हो जा तो मैं मेरे सारे कपड़े निकाल कर रख दिए वह मेरे नंगे बदन को देखता रहा फिर खुद भी नंगा हो गया उसका पेनिस 7 इंच लंबा और 2 इंच के बराबर मोटा था उसका एकदम काला काला पेनिस उठा हुआ था वह बोला कि अब मेरे पेनिस को मुंह में लेकर चूस। फिर मैं उसका पेनिस मुंह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर तक चूसने के बाद उसने मुझे सोफे पर बैठा दिया और मेरे दोनों टांगों को फैला कर खुद भी मेरी वजाइना को चाटना शुरू कर दिया मेरा पति कभी मेरी वजाइना जाता नहीं था तो मुझे बहुत मजा आया और मेरा पानी भी छूट गया। फिर उसने सोफे पर ही मेरे साथ पहली बार सेक्स किया। दूसरी बार उसने मेरे साथ गांड में सेक्स किया वह बहुत जल्दी ही फ्री हो गया। उसने मेरे से फोन नंबर लिए और बोला कि मुझे जरूरत पड़ेगी तो तुझे फोन करूंगा फिर वह वहां से चला गया और हमें भी रजनी के साथ घर आ गई। उसे दिन मुझे बहुत मजा आया क्योंकि उसने मेरी वजाइना कुछ इस तरह जाता था वैसा मजा मुझे पहली बार मिला। उसके एक-दो दिन बाद मेरे घर पर कुछ मेहमान आए और उसी दिन शाम को सब ने फोन किया कि नेहा कहां हो मिलोगी क्या तो मैंने कहा कि मैं मिल नहीं सकती हूं तो कहा कि आधे घंटे के लिए ही टाइम निकाल दे मैं बोली घर पर मेहमान आए हैं कैसे निकाले तो बोले कि हो तो मैनेज कर मेरे से अब नहीं रह जा रहा है या तो तू यहां आज या फिर मैं तेरे वहां आता हूं मैं बोली कि मेरे घर पर मेरा पति और मेहमान है मैं कहां मिलेगी तो वह बोली की तो कहीं भी मिल भले जंगल में मिलने आ जाना लेकिन एक बार मिलना पड़ेगा। फिर थोड़ी देर मैंने सोचा और मैं वापस फोन करके कहा कि मेरी गाय भैंस के बारे में ही जगह है वहां मिल सकते हो साहब बोला मैं तो तेरे लिए कहीं भी आ सकता हूं फिर वह रात को 12:00 बजे वह आया और मुझे फोन किया उसने अपनी कर हमारे घर से आधा किलोमीटर दूर खड़ी कर दिया और पैदल ही वहां तक आया फिर उसने मुझे फोन किया तो मैंने उसे बोला कि तुम वहीं रुको मैं आ रही हूं फिर मैं अपने पति को बताया कि रजनी मुझे बार-बार फोन कर रही है वह घर पर अकेली है तो मैं चली जाती हूं मेरा पति बोला ठीक है सुबह टाइम पर आ जाना मैंने कहा ठीक है आ जाऊंगी फिर मैं वहां से निकल गई और मैंने रजनी को फोन करके कहा कि रजनीबंगले वाला सब सेक्स के लिए आया है मैं गाय भैंस के बारे में उसके साथ करूंगी मैं तेरे घर का बोला है तू थोड़ा ध्यान रखना रजनी बोली कि तू चिंता मत कर तू मजे कर मैं संभाल दूंगी। फिर मैं सब को लेकर बड़े में चली गई वहां पर पूरा अंधेरा था और सब को तो पूरे कपड़े उतार कर करने की आदत थी मैंने बोला साहब आज आपको जल्दी-जल्दी करना पड़ेगा सब बोला कि जल्दी तू मेरे से होता नहीं है तरीका तो मेरा वही रहेगा हमें मुश्किल में पड़ गई कि अब क्या करूं तभी सब बोला कि इंतजार किसका कर रही है रंडी कपड़े उतार और नंगी हो जा हमें बोली कोई देख लेगा तब बोला कोई नहीं देखेगा तूने फोन तो कर दिया है रजनी को या कोई नहीं आएगा। फिर मैं सब को बड़े में एक कोने में लेकर गई जहां पर कई सारी बोरियां पड़ी थी और ऊपर भी छठ बनी हुई थी उसे कमरे में मैंने पर्दा लगा दिया और गेट बंद कर दिया अंदर मैंने लाइट ऑन कर दी वहां पर सिर्फ एक गड्ढा जमीन पर पड़ा था जहां पर हम सभी औरतें बैठकर बातें करते थे सब वहां बैठ गया और मैं कपड़े उतारने लगी साहब भी खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा फिर उसने जल्दी ही मेरे मुंह में अपना पेनिस डाल दिया और मैं चूसने लगी थोड़ी देर चूसने के बाद में गधे पर सो गई और सब मेरे ऊपर आ गया और अपना पेनिस मेरी वैजाइना में डाल दियामैंने सब को कहा कि क्या बात है साहब आज आपने मेरी वजाइना छाती नहीं साहब बोले रुक जा नेहा अभी एक बार करने दे फिर देख क्या-क्या करता हूं फिर सब ने जोर-जोर से झटका मारना शुरू कर दिया और 6 7 मिनट तक करीब 100 डेढ़ सौ झटका लगाया और अंदर ही स्पर्म छोड़ दिया। फिर सब ने किसी को फोन लगाया मैंने कहा किसी फोन कर रहे हो तो सब बोले कि मेरा एक दोस्त है वह भी है मैंने कहा आप कर क्या रही हो किसी को पता चल जाएगा बोला किसी को पता नहीं चलेगा फिर थोड़ी देर में सब का दोस्त नवीन भी पर आ गया। और अंदर जाकर वह भी पूरा नंगा हो गया। आप कमरे में हम तीन लोग थे नवीन मेरे बड़े-बड़े बूब्स को दबाने और चूसने लगा सब मेरी वजाइना को अच्छे से चैट रहे थे नवीन का पेनिस भी 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था थोड़ी देर के बाद नवीन बोला कि नीलम मेरा मुंह में ले ले यार तो मैं नवीन का पेनिस अपने मुंह में लिया और थोड़ी देर चुस्ती रही फिर नवीन बोला कि अब मैं तेरे साथ करूंगा तू घोड़ी बन जा तो मैं वहीं पर घोड़ी बन गई नवीन पीछे से मेरी वैजाइना में पेनिस डालकर सेक्स करने लगा और सब आगे आए और उन्होंने अपना पेनिस मेरे मुंह में दे दिया अब मैं एक साथ दो लोगों से सेक्स करवा रही थी। 10 मिनट तक दोनों लगातार करते रहे फिर उनके स्पर्म निकल गए तो उन्होंने मुझे छोड़ दिया मैं बोली अपने घर जा सकती हूं क्या तो बोले अभी कहां जाओगी आधा घंटा तो रुको फिर वह खड़े-खड़े ही मेरे बस और बड़ी-बड़ी गांड को दबाने लगे आज मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योंकि अमीर घरों के दो बड़े-बड़े साहब मुझे सेक्स का बहुत मजा दे रहे थे जितना मेरे पति ने कभी नहीं दिया था। फिर सब गधे पर सो गया और मैं उनके पेनिस पर अपनी वजाइना रखकर सेक्स करवाने लगी तभी नवीन ने मेरी गांड हमें क्रीम लगाई और अपना पेनिस मेरी गांड में डाल दिया अब मैं एक साथ दो लोगों से अपने दोनों छेदों को चुदवाने का मजा ले रही थी। वह दोनों अमीर घरों के बड़े-बड़े आदमी थे पर वह मुझे बहुत मजा दे रहे थे। 6 7 मिनट बाद उन्होंने मुझे सीधा खड़ा कर दिया और नवीन मेरी वैजाइना में सेक्स करने लगा और सब मेरी गांड में अपना पेनिस डालकर सेक्स करने लगे इस पोजीशन में 10 मिनट तक उन्होंने मुझे खड़े-खड़े ही सेक्स का मजा दिया और उसके बाद वह बोली की अब तो डॉगी स्टाइल में बन जा तो मैं गद्दे पर डॉगी स्टाइल में बन गई नवीन मेरी वैजाइना में पीछे से झटका करने लगा और सब मेरे मुंह में झटका देने लगे दो-तीन मिनट बाद सब ने मेरे मुंह में ही अपना स्पर्म गिरा दिया जबकि नवीन 15 मिनट तक लगातार तेज तेज झटके मारता रहा 15 मिनट तक उसने करीब 300 से ज्यादा झटका मेरी वैजाइना में लगाए थे मैं उसकी ताकत देखकर बहुत खुश थी कि 55 साल से ज्यादा की उम्र में भी यह दोनों लोग कितने ताकतवर हैं जो इतने अच्छे से सेक्स कर रहे हैं। फिर उन्होंने सेक्स के बाद मुझे कहा कि नेहा तू तो बहुत बड़ी मस्त और सेक्सी औरत है तेरे साथ हमें बहुत मजा आता है फिर सब बोले की यह बैग पकड़ इसमें तेरा गिफ्ट है तो मैंने वह छोटा सा बैग रख लिया सब मेरे लिए कोई महंगा लेडिस बैग लेकर आए थे जिसने मेरा गिफ्ट था फिर वह लोग चले गए। मैं भी घर जाकर सो गई। दूसरे दिन सब मेहमान चले गए और रात में हम सभी लेडिस रात में बातें करने के लिए करता हुए और 9:00 बजे वह सब अपने-अपने घर चली गई। फिर मैं अपने कमरे में आ गई और सोने लगी तो पति ने कहा कि रजनी के घर कल क्या काम था मैं बोली कि वह अकेली थी तो मुझे बुला लिया था। मेरा पति बोला कि मैं कल रात में रजनी के पति को फोन करके पूछा कि तुम कहां पर हो तो उसने मुझे बताया कि मैं तो घर पर ही हूं फिर मैं एक बार जब रात में गाय भैंस के बारे में चेक करने के लिए आया था कि सब ठीक-ठाक तो है तो मैं कमरे में लाइट चलती हुई देख ली तो मैं वहां बाहर खड़ा होकर देखने लगा कि अंदर कौन है तो मुझे तुम्हारी और दो लोगों की आवाज सुनाई दे रही थी फिर मैं खिड़की में से सब कुछ देखा है जो कल रात तू करके आई है। मैंने मेरे पति को कहा कि आप मुझे माफ कर दो वह मुझे अच्छा पैसा देते हैं और मैं तो हम सबके लिए ही यह कर रही हूं पति बोला कि वह लोग अब तुझे यहां घर आकर भी छोड़ रहे हैं मैं बोली कि आगे से मैं ऐसा नहीं करूंगी और मैं तो यह सब आपके लिए ही कर रही हूं आप अगर मना करेंगे तो मैं आगे से नहीं करुंगी फिर मैं पति को थोड़ी देर समझती रही तो वह मान गए वह थोड़ा गुस्से में भी थे उन्होंने अपना हाथ मेरे बस पर रखा और बोले कि कल तो दो लोगों के साथ कर रही थी आज मेरे साथ भी वैसा ही कर फिर वह बोले अब तू पूरी नंगी हो जा फिर मैं नंगी हो गई और मेरे पति भी पूरे नंगे हो गए पहली बार उन्होंने मेरे साथ घोड़ी बनाकर सेक्स किया और 4 मिनट में इस पर में गिरा दिया थोड़ी देर बाद और फिर से सेक्स के लिए तैयार हो गए फिर उन्होंने मुझे बोला तू लेट जा और अपनी टांगों को अपने कंधों के बराबर फैला कर उठा ले फिर मैं लेट गई और मैं मेरी दोनों टांगें उठा ली और कंधों के बराबर कर लिया अब मेरी वजाइना ऊपर की और उठी हुई थी और मेरे पति उसमें अपना पेनिस डालकर सेक्स करने लगे वह पूरा अंदर तक झटका दे रहे थे इस कारण मुझे बहुत दर्द हो रहा था मैं बोली धीरे करो दर्द भी होता है मुझे तो बोले कि कल दो-दो लोगों ने तीन-तीन बार किया तब दर्द नहीं हो रहा था। अब तेरा अपना पति कर रहा है तो तुझे दर्द हो रहा हैं। फिर उन्होंने अपना स्पर्म मेरी वैजाइना में ही गिरा दिया और मेरे पास सो गए। फिर सुबह जब मैं उठी और जाने लगी तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने पास बुलाया और सुबह-सुबह ही 15 मिनट तक फिर से सेक्स किया। मैं बोली आप मेरे से नाराज तो नहीं है मेरे पति बोले नहीं मैं तुझसे नाराज नहीं हूं तू बहुत सेक्सी हैं और मजा देती है। आप लोग पढ़ कर बताना कि मैं कैसा लिखा हैं। neelamexpert@outlook.com

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