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Massage Girl in Jaipur: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in Jaipur who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in Jaipur that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The Jaipur massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in Jaipur who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your Jaipur massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This Jaipur massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in Jaipur who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in Jaipur employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in Jaipur helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in Jaipur

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in Jaipur at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

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Sex Stories

वक़्त इंसान से कुछ Sex Stories भी करवा सकता है! इस बात का अंदाजा मुझे अभी कुछ दिनों पहले ही हुआ है!

मैं तेईस वर्षीय युवक हूँ!! अविवाहित हूँ तो शायद इसीलिए दिमाग में हमेशा एक ही चीज़ रहती है- सेक्स!!

मैं 18 साल का था जब मेरे सबसे छोटे चाचा की शादी हुई! मुझे शायद इस शादी से कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मेरी चाची इतनी ख़ूबसूरत और गठीली न होती! उनके आते ही सारे परिवार में उनकी खूबसूरती के चर्चे तेजी से फैलने लगे थे!!
मुझे आज भी याद है कि कैसे मैं उन्हें देखकर उनके बारे में सोचता रहता था ‘किस तरह मैं उनका चुम्बन करूँगा, वो बिना कपड़ों के कैसी लगेंगी, अगर मैं उनकी नंगी कमर पर हाथ रखूँगा तो वो क्या करेंगी..’ वगैरा वगैरा… इन्हीं सब ख्यालात के साथ मैं हमेशा चाची क बारे में सोचता रहता था।

इन सभी बातों को अब काफी अरसा बीत चुका है और इस दौरान चाची की ज़िन्दगी में कुछ ऐसा हो गया जो नहीं होना चाहिए था!! इतनी ख़ूबसूरत बीवी मिलने के बावजूद चाचा किसी और के चक्कर में लग गए और चाची और अपनी छोटी बेटी को छोड़कर चले गए!! यह बात कुछ महीने पहले की ही है!!

यह सब होने के बाद चाची और उनकी बेटी की ज़िम्मेदारी मेरे पापा ने उठाई और उन्हें अपने साथ रहने के लिए कहा!! चाची जी को हमारे घर का ऊपर वाला कमरा दे दिया गया!! इस दौरान कभी मेरे दिमाग में ऐसा कोई ख्याल नहीं आया कि मैं चाची के साथ ऐसा कुछ करूँ!!

लेकिन अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में बहुत तेज़ बारिश हुई. पापा बिज़नेस के काम से बाहर गए हुए थे और माँ भी नानी के घर पर थी. चाची की बेटी भी स्कूल में थी!
ऐसे में मैं घर पर अकेला था, न जाने क्यूँ मेरा दिल हुआ कि आज बारिश में नहाया जाए!
मैं नहाने के छत पर पहुंचा तो देखा चाची भी बारिश के मज़े ले रही थी. न जाने क्यूँ मेरी नज़र उनके पेट पर गई, जो कि कपड़े गीले होने बाद साफ़ नज़र आ रहा था. शायद मेरे ख़यालात थोड़े बदल से रहे थे.

मुझे देखते ही चाची ने अपने आपको थोड़ा संभाला और कहा- काफी दिनों बाद इतनी अच्छी बारिश हुई है!
मैंने पूछा- आपको शायद बहुत अच्छा लगता है बारिश में नहाना!!
तो उन्होंने कहा- हाँ नहाना भी, बारिश में नाचना भी..

इस बात पर मैंने हंसते हुए बारिश का कुछ पानी उनके मुँह पर फैंका तो उन्होंने भी बदला लेने के लिए ऐसा ही किया.. देखते ही देखते हम दोनों एक दूसरे के साथ बारिश में ही खेलने लगे। फिर ना जाने कैसे अचानक चाची का पाँव फिसला और वो सीधी मेरे ऊपर आकर गिरी!! उन्हें गिरने से बचाने के लिए मैंने अपने दोनों हाथों से उन्हें पकड़ना चाहा तो मेरे हाथ उनकी कमर पर रुके लेकिन हम दोनों ही नीचे गिर पड़े!

चाची मेरे ऊपर थी और मेरे हाथ उनकी कमर पर, वो लम्हा मेरी ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल लम्हा था!! पता नहीं क्यूँ मेरे हाथों ने कमर पर से हटने की बजाय अपनी पकड़ और मज़बूत कर ली! हम दोनों की आँखें एक दूसरे की आँखों में ही देख रहे थे और मुझे उन आँखों में कोई रुकावट नज़र नहीं आ रही थी! शायद इसीलिए मैंने उनकी नंगी गर्दन पर चूम लिया!!

वो थोड़ा घबराई और उठने की कोशिश करने लगी, मगर मेरी पकड़ काफी मजबूत थी, मैंने एक करवट ली और अब मैं उनके ऊपर था। यह सब कुछ खुली छत पर तेज़ बारिश में हो रहा था!!

बारिश का पानी हम दोनों के बदन को गीला कर चुका था.. लेकिन तब भी मैं उनके बदन की गर्मी को महसूस कर सकता था! मेरी आँखें उनकी आँखों में ही देख रही थी, मेरे हाथ उनके दोनों हाथों को संभाले हुए थे, मेरे पैर उनके पैरों में लिपटे हुए थे, हम दोनों के बदन एक दूसरे से सटे हुए थे!

मैंने उन्हें और चूमना शुरू किया, उनकी गर्दन पर, उनके होठों पर… अब उनका ऐतराज़ करना भी बंद हो चुका था, लेकिन वो खामोश ही थी!

मेरे हाथों ने उनके बदन पर चलना शुरू किया, मेरा एक हाथ उनके पेट पर था और दूसरा उनकी गर्दन पर!! तभी मैंने अपने हाथ से उनकी सलवार के कमरबंद को ढीला कर दिया और उनकी सलवार को बदन से अलग कर दिया!!

उनकी केले जैसी चिकनी जांघ देखकर मैं पागल सा होने लगा था, मैंने उन्हें चूमना शुरू कर दिया और तभी मैंने चाची की पहली कराह सुनी- आआआ अह्ह्ह्ह!!

वो अपने हाथ से मेरे सिर को पीछे धकेलने लगी.. मैंने दोनों जाँघों को हाथ में पकड़ कर कमर पर चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उनकी कमीज़ को भी उतार दिया!

अब एक ऐसा नज़ारा मेरे सामने था जिसके लिए मैंने हजारों मन्नत की थी.. चाची का गोरा चिकना गठीला बदन मेरी आँखों के सामने था और वो भी उस हालत में जिसमें मैं सिर्फ सोच सकता था.. उन्होंने अपनी आँखों को बंद कर लिया!

उन्होंने काली ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी.. जोकि उनके गोरे बदन के ऊपर और भी खूबसूरत लग रही थी।

मैंने उनकी छाती पर हाथ फेरना शुरू किया और उनकी कड़क चूचियों को दबाने लगा.. अब शायद उन्हें आजाद करने का समय आ गया था। मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल कर उन्हें भी आजाद कर दिया..

उनकी चूचियों को देखकर मैं मदहोश सा हो रहा था.. मैंने उन्हें चूसना शुरू किया तो चाची सिसक उठी.. उनकी सिसकियाँ अब तेज़ होती जा रही थी!! उनकी आआआ आआआह्ह ह्ह्ह आआआ अह्ह्ह सुनकर मुझे एक अलग सी ताक़त मिल रही थी!!

मेरे हाथ उनके पूरे बदन पर चल रहे थे.. और तभी मैंने हाथ उनकी पेंटी के अन्दर घुसा दिया और वो जैसे पागल सी हो गई..

मेरी एक उंगली ने उनकी पेंटी के अन्दर हरकत शुरू कर दी थी.. उनके दोनों हाथ मेरी कमर को खरोंच रहे थे..

अब तक उन्होंने भी मुझे कपड़ों से अलग कर दिया था और मेरे बदन पर सिर्फ मेरा अंडरवियर ही बचा था!

तभी उन्होंने अपने नाज़ुक हाथों से मेरे लण्ड को पकडा और उसे सहलाने लगी.. मैं पागल हो रहा था..

यह सभी कुछ हम बारिश में गीली छत पर ही कर रहे थे और मुझे लगा काम को आखिरी अंजाम देने के लिए हमे बेड पर जाना ही पड़ेगा..

मैंने चाची को उसी हालत में उठाया और अंदर उनके कमरे के बेड पर लिटा दिया.. वो बुरी तरह सिसक रही थी.. लेटते ही मैंने उन्हें बुरी तरह चाटना शुरू किया और एक झटके में उनकी पेंटी उतार दी.. मैंने उन्हें जोर से जकड़ लिया..

उनकी चूचियों को मसलते हुए मैंने अपना लण्ड उनकी दरार में घुसा दिया.. वो थोड़ा सा चिल्लाई, मगर फिर अपने आपको सँभालते हुए उनके हाथों ने मेरे चूतडों को दबाना शुरू किया!

उनकी इस हरक़त से मुझे काफी जोश मिला और मैंने झटके लगाने और तेज़ कर दिए.. झटके लगाते लगाते वो मुझे काट रही थी, मुझे जकड़ रही थी.. सिसकियाँ ले रही थी.. मैंने भी बुरी तरह से उनकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया..

वो बिल्कुल पागल हो चुकी थी.. बार बार अपनी गांड उचका रही थी..

मैं खड़ा हो गया और उन्हें गोदी में लेकर चोदने लगा.. वो भी उछल उछल कर मेरा पूरा साथ दे रही थी.. और लगभग पाँच मिनट बाद मेरा ज्वालामुखी फूटा और उनकी दरार ने भी पानी छोड़ दिया.. हम लोग नन्गे बदन काफी देर तक एक दूसरे के ऊपर पड़े रहे.. और चूमते रहे..

चाची की चूत चुदाई का यह सिलसला आज भी जारी है..
वसीम सैफ़ Sex Stories

Hindi Sex Stories

बाबू लाल जी बीकानेर से १२० किलो Hindi Sex Stories मीटर दूर बिहार के राजपुर गाँव के हाई स्कूल में हेडमास्टर थे, पढाने में बड़े तेज थे और उन्हें गोल्ड मैडल मिला था। वो कहीं भी और अच्छी नौकरी कर सकते थे, लेकिन उन्हें अपने गाँव से बहुत प्यार था, और वहीं वो कुछ करना चाहते थे। २२ साल की उमर में उनकी शादी १७ साल की एक बड़ी सुंदर लड़की कमला से हुई।

उन दोनों की जोड़ी बड़ी अच्छी लगी सबको। बाबू लाल जी कद के थोड़े छोटे थे- ५ फीट ३ इंच के, लेकिन कमला शादी के समय उनसे १ इंच छोटी थी। कमला का बदन शादी के समय तक भरा नहीं था। शादी के बाद भी उसका कद बढ़ता गया और साल भर में अपने बेटे राहुल को जन्म देने के समय तक वो करीब ५ फीट ४ इंच की हो गई और उसका बदन भी गदरा गया। उनकी दूसरी संतान दीपा राहुल के ८ साल बाद पैदा हुई, लेकिन उसके जन्म के समय कमला को शारीरिक समस्या हो गई और उसका ऑपरेशन करना पड़ा, जिसकी वजह से वो फिर कभी माँ नहीं बन सकती थी।

तो फिलहाल अभी बाबू लाल जी ४४ साल के थे और कमला ३ महीने में ४० की होने वाली थी। बाबू लाल जी जैसे तेज थे, उनका बेटा राहुल भी उतना ही तेज निकला और २१ साल की उमर मे आई आई टी कानपुर में कंप्यूटर साइंस के आखिरी साल में था उनकी १३ साल की बेटी दीपा बड़ी सुंदर मासूम कली थी।

हर इन्सान की कोई न कोई कमजोरी होती है। बाबू लाल जी को हाई स्कूल में ही बीड़ी सिगेरेट की लत लग गई थी, जो कभी नहीं गई। कॉलेज में पीते रहे क्योंकि उससे वो रात भर जग कर पढ़ाई करने में मदद मिलती थी। खैर ! ४ साल पहले बाबू लाल जी को काफी तेज़ दमा शुरू हुआ। दमे ने उन्हें अशक्त कर दिया, लेकिन कम से कम जान लेवा नहीं था। लेकिन अभी ३ महीने पहले डॉक्टर ने बताया कि उन्हें टी बी भी हो गई है और उन्हें किसी सैनेटोरियम में दाखिल कर देना चाहिए। ऐसी स्थिति में घर में सभी आस लगाये बैठे थे कि जब राहुल को नौकरी मिलेगी तो सब ठीक हो जाएगा।

बाबू लाल जी ने अपने ख़राब सेहत की वजह से स्कूल जाना भी बंद कर दिया था, लेकिन सरकार ने कुछ मदद की जिससे घर का काम काज चलता था। पति, पत्नी और बेटी, तीनों बाबू लाल जी के घर के पहले मंजिल पर रहते थे और ऊपर के मंजिल पर सिर्फ़ १ कमरा था जो स्टोर के जैसे इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन पैसे की तंगी की वजह से बाबू लाल जी उसे अब खाली कर के किराये पर लगाने की सोच रहे थे।

जब राहुल आखिरी परीक्षा देकर आया तो उसने ऊपर के कमरे को खाली किया और जब तक वो किराये पे नहीं लगता तब तक उसे अपना कमरा बना लिया। रिजल्ट निकलने से पहले ही राहुल को कई नौकरियों के प्रस्ताव आए थे, जिसमे कई बहु-राष्ट्रीय कम्पनियाँ और अच्छी कम्पनियाँ थी। राहुल ने एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी की नौकरी स्वीकार कर ली थी, क्योंकि उसे यहाँ २ हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद उस कंपनी के ऑफिस में काम करने का मौका मिलेगा। कंपनी ने राहुल को सिर्फ़ २ हफ्ते का समय दिया काम पर आने के लिए। राहुल के लिए भी अच्छा था कि जल्दी नौकरी मिलने से जल्दी पैसा भी आना शुरू हो जाएगा।

पहली सुबह राहुल की नींद पानी के हैन्ड-पम्प की आवाज़ से खुली। उसने खिड़की से नीचे जो देखा, वो दृष्य देखकर अवाक रह गया।

आंगन के एक कोने में हैन्ड-पम्प एक हौज़ में था और उसके तीन ओर दीवार डाल कर एक बाथरूम जैसा बनाया हुआ था और बाथरूम के दरवाज़े पर एक कपड़े का पर्दा था। लेकिन बाथरूम के ऊपर कोई छत नहीं थी।

राहुल ने देखा कि उसकी माँ बिल्कुल मादर जात नंगी पानी का हैण्ड पम्प चला रही थी। गेहुआं गदराया बदन और उसके उठे हुए मांसल चूतड़ हैण्ड-पम्प चलने से थिरक रहे थे और उसकी बड़ी बड़ी आजाद चूचियां भी पेंग मार रही थी। राहुल यह दृश्य एक टक देखता ही रह गया, जैसे उसकी आँखें पथरा गई हों।

इसके पहले राहुल ने कई बार माँ को नहाने के बाद देखा था लेकिन कमला हमेशा पेटीकोट को अपनी चूची के ऊपर बाँध कर नहाने जाती थी या फिर नहा के निकलती थी लेकिन आज की तरह बिल्कुल नंगी कभी नहीं देखा था।

कमला को शायद इस बात की ख़बर नहीं थी कि ऊपर के कमरे में राहुल है और वहां से सब कुछ दिख सकता है। हौज में पानी भरने के बाद वो मग से पानी लेकर नहाने लगी। नहाना क्या, ज्यादा पानी वो अपनी खड़ी चूचियों की घुंडी पर डालती थी। आज कल उसका सारा बदन जैसे हमेशा जलता रहता था। उसने लेडी डॉक्टर को बताया, तो लेडी डॉक्टर ने कहा कि इस उम्र में ऐसा ही होता है, इसे हॉट फ्लैश कहते हैं।

लेडी डॉक्टर ने ही बताया कि जब ज्यादा जलन हो तो ठंडे पानी से नहा लो। लेडी डॉक्टर को भी बाबू लाल जी के सेहत के बारे में मालूम था, इसलिए उसने हिचकिचाते हुए कमला को बताया कि जब ज्यादा गर्मी लगे तो ऊँगली से अपने को शांत कर लिया करो। कमला अब हर रोज तीन बार नहाने लगी और लेडी डॉक्टर की सलाह के मुताबिक जब भी वो नहाती, वो ऊँगली से अपने को झाड़ लेती। उसे कुछ रहत तो मिलती थी, लेकिन कहाँ ऊँगली और कहाँ एक मुस्टंड लंड। कोई तुलना नहीं।

खैर, सारी दुनिया से बेख़बर, ठंडे पानी से नहाने के बाद कमला ने अपनी ऊँगली से अपनी चूत पर साबुन लगा के दाने को मसलना शुरू किया। उसकी आँखें बंद हो गई और वो अपने होंठ काटने लगी। यह देख कर राहुल का लण्ड भी खड़ा हो गया, और वो हलके हलके मूठ मारने लगा। जिस एंगल से राहुल देख रहा था, माँ की काले काले घुंघराले बाल से ढकी चूत देखने में कोई मुश्किल नहीं हुई। ५-७ मिनट के बाद उसकी माँ के बदन में कम्पन हुई, और वो शांत हो गई। राहुल समझ गया कि उसकी माँ झड़ गई, और यह सब देख कर मूठ मारते हुए राहुल का भी निकल गया।

जब तक राहुल वहां रहा, २ हफ्ते उसने दिन में तीन बार यही दृश्य देखा और मूठ मारा। वास्तव में वो दिन में भी इंतज़ार में रहता था कि उसकी माँ कब नहाने जायेगी। जब भी उसकी माँ घर में चलती, वो उसके चूतड़ और चूचियों कि थिरकन देखता ही रह जाता। कई बार तो राहुल ने माँ को सुबह मैं जबरदस्ती चोदने की भी ठानी। एक बार तो वो बाथरूम के पास जा कर लौट आया, यह सोच कर कि उसे इतना गरम करूँगा कि ख़ुद चुदाने आ जाएगी तब उसे कोई ग्लानि नहीं होगी।

२ हफ्ते के बाद राहुल अपनी नौकरी पे चला गया, और फिर वहां से अमेरिका। लेकिन वह मन से माँ का नंगा रूप कभी नहीं भूल पाया। राहुल को अपनी माँ की इस दशा पर तरस भी आता था, कि ऐसी मस्त औरत को ऐसे कम उमर में पूरी चुदाई का सुख नहीं मिल पाया।

उसने जब अमेरिका से पैसे भेजने शुरू किए तो घर की हालत भी ठीक होने लगी। राहुल ने माँ को एक सेल फ़ोन लेने को भी कहा, और वो अपनी माँ से हर हफ्ते बात करता था। फिर एक दिन उसने एक योजना बनाई और माँ से राय मांगी। योजना यह थी कि राहुल ६ महीने के बाद भारत आकर पिताजी को सैनेटोरियम में भरती करा देगा, और दीपा को कुरसेओंग के पब्लिक स्कूल में, और माँ को अमेरिका ले आएगा जिससे उसके खाने पीने का हिसाब भी ठीक हो जाएगा।

माँ क्या करती, घर का सब कुछ तो राहुल की वजह से ही चल रहा था, लेकिन वो बोली कि इस सब में तो बहुत खर्च होगा। राहुल ने कहा कि माँ मुझे जितना मिलता है उसमें कोई मुश्किल नहीं होगी। माँ ने पूछा, घर का क्या करेंगे ? राहुल ने कहा, अभी किसी को किराये पर दे देंगे, और जब कोई खरीद डर मिल जाए तो बेच देंगे। बाबू लाल जी का सारा परिवार राहुल की सलाह से बहुत खुश हुआ। बेटा हो तो ऐसा – श्रवण कुमार के जैसा।

६ महीने के बाद राहुल भारत आया, और योजना के मुताबिक पिता जी को सैनेटोरियम में और दीपा को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करवा दिया। इत्तेफाक से स्कूल के नए हेडमास्टर ने उनका घर किराये पर ले लिया तो वो भी समस्या हल हो गई। यह सब काम करने के बाद राहुल ट्रेन से माँ को लेकर दिल्ली चला। कार्यक्रम ऐसा था कि दिल्ली में वीसा के लिए १ हफ्ता लगेगा, और तब तक वो माँ को दिल्ली भी घुमा देगा। बेचारी कमला दिल्ली तो क्या, सिर्फ़ १ बार बीकानेर गई थी जब बाबू लाल जी को राज्य के सबसे अच्छे हेडमास्टर का इनाम मिला था। कमला थोड़ी घबरा रही थी कि वो जब बीकानेर और दिल्ली से डरती है तो अमेरिका में कैसे काम चलाएगी। राहुल ने उसे समझाया कि माँ तुम बड़ी तेज हो, सब कर लोगी, और मैं जो हूँ।

राहुल ने ट्रेन में वातानुकूलित श्रेणी में आरक्षण करवाया था, और उसकी माँ ट्रेन की सफाई देख कर अवाक् हो गई। राहुल और उसकी माँ को दोनों नीचे के बर्थ मिले थे, और ऊपर सिर्फ़ एक आदमी था, और चौथा बर्थ अलाहाबाद के कोटे में था। जब वो तीसरा आदमी शाम को बाथरूम गया तो राहुल ने माँ को एक नाईट गाऊन दिया, और बोला कि ये सोने के लिए है, पहन लो। माँ को समझ नहीं आया कि उसे पहने कैसे, तो राहुल ने कहा कि वो बाहर जाएगा तब सारे कपड़े उतार कर सिर्फ़ नाईट गाऊन इस तरह पहन लो, राहुल ने माँ को उसकी साड़ी ब्लाउज के ऊपर से ही नाईट गाऊन पहना कर दिखाया।

फिर राहुल बाहर चला गया, और २ मिनट के बाद आया तो देखा कि उसकी माँ राहुल की ओर पीठ कर के खड़ी थी। माँ ने कहा कि इसमे तो सामने से बिल्कुल खुला है, तो राहुल ने बताया कि इसमें बेल्ट है ना बांधने के लिए। राहुल ने बेल्ट के दोनों छोर पकड़ के पीछे से ही बेल्ट को बांधा और माँ को घूम कर सामने से दिखाने को कहा।

राहुल ने जान बूझ कर ही ऐसा नाईट गाऊन ख़रीदा था जिसका गला काफ़ी नीचे तक कटा था, और वह घुटने से ४ इंच ऊपर तक ही था। कमला ऐसे कपड़े पहन कर बड़े पशोपेश में थी, और राहुल ने यह भाँपते हुए कहा कि माँ तुम अमेरिका में लोगों को जैसा कपड़ा पहनते देखोगी उसके मुकाबले ये कुछ नहीं है। घबराओ नहीं, तुम इन सबकी आदि हो जाओगी। अब सो जाओ। कमला ने एक हाथ से गाऊन से अपनी चूची को ढकने की कोशिश की और दूसरे से जाँघों के पास के खुले हुए गाऊन को साथ कर के पकड़ा, और कम्बल में घुस कर सो गई। राहुल भी अपने बर्थ पर सो गया।

सुबह ट्रेन दिल्ली पहुँची और राहुल और कमला एक होटल पहुंचे जहाँ राहुल ने पहले से आरक्षण करवा रखा था, लेकिन उसने १ हफ्ते का सिर्फ़ १ बेड का आरक्षण करवाया था कि तब उन दोनों को साथ सोने और करीब आने का मौका भी मिलेगा।

होटल देख कर माँ की आँखें चौंधिया गई। लेकिन सबसे पहले वो नहाना चाहती थी, सिर्फ़ नहाना ही नहीं, अपने जलते बदन को ठंडा करना चाहती थी। गाँव से चले उसे पूरा १ दिन हो गया था और उसके बदन में जैसे आग लगी थी। राहुल को सब मालूम था, इसलिए उसने अपना कैमरा फ़ोन बाथरूम के सिंक के नीचे लगा कर चालू कर दिया और माँ को नहाने जाने को बोला, उसने फव्वारे को चला के दिखाया। बाथरूम का दरवाजा बंद करते ही कमला ने फव्वारे से ठंडा पानी चला कर पूरे बदन पर साबुन लगाया और चूत मल कर अपने को झाड़ा।

इसके बाद राहुल नहाने गया और कैमरा फ़ोन की रिकॉर्डिंग देख कर मन ही मन मुस्कुराया – क्या मस्त चुदासी चीज़ है ?

राहुल ने माँ को कहा कि सबसे पहले वो उसे एक सैलून ले जा कर उसकी ऐसी काया पलट करवा देगा कि वो ख़ुद को पहचान नहीं पायेगी। और उसके बाद उसके लिए कुछ कपड़े भी खरीदेगा क्योंकि वो कपड़े यहाँ सस्ते मिलेंगे। उसने एक माँ का साइज़ नापने के लिए एक टेप निकला और माँ को सामने खड़ी होने को बोला और नापने लगा। चूतड़-४१, सीना-४०, कमर-३४। नापने के बहाने उसने कई बार माँ की चूची, चूतड़ और नंगी कमर को भी हलके से छू लिया।

इसके बाद उसने माँ को टैक्सी में सैलून ले जा कर उसके बाल ठीक कराये, और फेशियल करवा के उसका चेहरा और चमकने लगा। वापस टैक्सी में बैठते ही राहुल ने माँ को बाँहों में भर कर उसके गाल चूम लिए और बोला- माँ तू तो क्या मस्त सुंदर लग रही है !

कमला को राहुल का इस तरह करना अच्छा ही लगा, लेकिन उसने राहुल को इशारा किया कि टैक्सी वाला शीशे में देख रहा है। फ़िर टैक्सी से वो माँ को एक मॉल ले गया और माँ के लिए १ सलवार-कमीज़, १ स्कर्ट -ब्लाउज, और २ जींस-टॉप माँ के आकार के ख़रीदे। इसके बाद उसने माँ के लिए २ ऊंची ऐड़ी के सैंडल, और कई नकली सोने के माडर्न दिखने वाले कानों की बालियाँ, गले के हार और चूड़ियाँ आदि बहुत कुछ खरीदा और दोनों लौट कर होटल आ गए।

अपने ऊपर इतना खर्च करते देख कर कमला अपने बेटे के ऐहसान में डूबती गई। टैक्सी में एक बार माँ ने राहुल को कहा भी कि उस पर इतना खर्च करने की क्या जरूरत है तो राहुल ने माँ की जांघ पर हाथ मार कर कहा- माँ तुम्हारे लिए तो कुछ भी कर सकता हूँ मैं !

राहुल हमेशा माँ को छूने या पकड़ने का मौका कभी नहीं चूकता था, गाड़ी से उतरते, या किसी सीढ़ी पर चढ़ते, उतरते वो कभी माँ का हाथ तो कभी बांह पकड़ लेता था। कभी उसकी कमर पर हाथ रख देता था तो कभी हल्के से माँ के चूतड़ पर इस तरह से छू लेता था जैसे अनजाने में हाथ लग गया हो।

होटल आ कर उसने माँ को कपड़े पहन कर देखने के लिए कहा। शुरूआत हुई सलवार-कुर्ते से, और फ़िर स्कर्ट-ब्लाऊज़। दोनों बिल्कुल ठीक थे। जब कमला जींस पहन कर आई तो उसकी सेक्सी फ़िटिन्ग देख कर राहुल के लण्ड में हरकत होने लगी, लेकिन कमला ने कहा कि वो बड़ा कसा लग रहा है उसे।

राहुल ने समझाया कि माँ यह जींस ऐसी ही होती है कि उभार ठीक से दिख सकें, और तुम्हारे तो हैं भी इतने सुन्दर !

यह कहते हुए उसने कमला के चूतड़ों पर हाथ रख कर उसकी गोलाइयों को एक बार सहला दिया और कहा कि पहनने लगोगी तो अच्छा लगने लगेगा। राहुल के इस तरह करने पर कमला थोड़ी चौंकी, लेकिन जब तक वो कुछ सोचती, राहुल ने उसकी कमर पकड़ कर अपने सामने कर उसकी चूत की ओर नज़र डाली और कहा- वाह ! क्या फ़िट बैठी है यहाँ सामने भी ! राहुल ने जानबूझ कर माँ के लिए पैंटी नहीं खरीदी और कमला ने कभी पैंटी कभी पहनी भी नहीं थी तो उसे यह मालूम नहीं था कि पैंटी पहनना जरूरी है।

हाँ ! मॉल में उसने अच्छी अच्छी ब्रा देखी थी लेकिन शर्म के मारे वो राहुल से ब्रा के लिए कह नहीं पाई।

कमला ने राहुल से पूछा- आज कितना खर्चा हुआ?

तो राहुल ने जब सारा खर्च बताया तो कमला ने कहा कि टैक्सी की जगह हम लोग बस में नहीं ज सकते क्या?

राहुल ने कहा कि हाँ, पैसे तो बचेंगे, लेकिन भीड़ में थोड़ी परेशानी होगी तुम्हें।

कमला ने कहा कि जैसे इतने सारे लोग बस लेते हैं, हम भी ले लेंगे।

इसके बाद कमला और राहुल सोने की तैयारी करने लगे। कमला ने अपना नाईट-गाऊन पहना और राहुल पायज़ामा-बनियान में।

लेकिन आज़ कमला नाईट-गाऊन पहनने में नहीं शरमा रही थी जबकि उसकी चूचियों उभार और उसकी नंगी जांघें राहुल को दिख रही थी। यही नहीं, जब वो बाथरूम से नाईट-गाऊन पहन कर निकली तो पीछे से रोशनी होने की वज़ह से उसका शरीर राहुल को करीब करीब नंगा ही लग रहा था। रात भर माँ बेटे होटल में साथ सोए और राहुल ने माँ के ऊपर कई बार हाथ भी रखा, लेकिन इसके अलावा और कुछ नहीं हुआ।

दूसरे दिन राहुल और कमला बस से दिल्ली घूमने निकले। कमला ने सलवार-कुर्ता पहना था। पहली बार ही बस में चढ़ते हुए वो समझ गई कि राहुल क्यों बोल रहा था कि भीड़ भाड़ में मुश्किल होती है बस में। वो चारों ओर से मर्दों से घिरी हुई थी। कई लोगों के हाथ उसने अपने स्तनों और चूतड़ों पर महसूस किए। कुछ लोगों ने कमला के चूतड़ों की दरार में अपना लण्ड रगड़ा। कई तो सिर्फ़ एक दो बार छू या दबा कर वहाँ से खिसक जाते थे, लेकिन कई तो ऐसे निडर थे कि हाथ हटाने का नाम नहीं लेते थे।

एक ने जब ऐसा किया तो कमला पूरा घूम गई, लेकिन तब उसने कमला की जांघों के बीच उसकी चूत पर ही हाथ रख दिया। कमला थोड़ा घबरा गई और उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे।

राहुल पास ही खड़ायह सब देख रहा था। उसने एक सीट के पास थोड़ी जगह बनाई और कमला को कहा- आप यहाँ बगल में आ जाओ। कमला को अब थोड़ी राहत मिली। कम से कम वो चारों ओर से लोगों से घिरी नहीं थी। उसने एक हाथ से ऊपर का डण्डा पकड़ा और दूसरे हाथ से सीट को। अब भी उसके पीछे खड़े और आते जाते लोगों का हाथ वो कभी कभी अपने चूतड़ों पर महसूस कर रही थी। अब उसे डर या इतना बुरा नहीं लग रहा था।

लेकिन तभी उसे लगा कि सामने से कोई हाथ बड़े हल्के से सलवार के ऊपर से उसकी जांघ सहला रहा है। उसे विश्वास नहीं हुआ क्योंकि वो हाथ किनारे वाली सीट पर बैठे एक लड़के का था।

हे भगवान ! आजकल इस उम्र के लड़के भी ऐसे बेधड़क हो गए हैं ! कमला ने सोचा कि देखें यह लड़का किस हद तक बढ़ता है और वो उसकी उंगलियों की हरकत को अपनी जांघों पर महसूस कर रही थी लेकिन बस की खिड़की के बाहर ऐसे देख रही थी जैसे बिल्कुल बेखबर हो। उस लड़के की उँगलियाँ कमला की जाँघों पर सलवार के ऊपर धीरे धीरे ऊपर रेंगने लगी और कमला को ऐसे लगा जैसे उसकी दोनों जाँघों से उसकी चूत तक कोई करंट मार रहा हो और उसकी चूत गीली होने लगी। उस हिम्मती लड़के ने आख़िर कमला की चूत पर अपनी हथेली रख दी और धीरे धीरे मसलने लगा। कमला ने अपनी टांगों को और थोड़ा खोल लिया जिससे लड़के को अपना काम करने में आसानी हो। उसका सर हल्का होने लगा, वो झड़ना चाहती थी, इसी बस में लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

बस रुकी और वो लड़का सीट से उठा, उसका स्टाप आ गया था। लेकिन जाते हुए उसने कमला से कहा- आंटी ! मेरा नाम अनिल है, कल सलवार की सिलाई खोल कर आना तो और मजा दूँगा !

कमला को अब तक लग नहीं रहा था कि वो इस दुनिया में थी, लेकिन लड़के की ऐसी बात सुन कर एकाएक चौंक कर फिर वापिस इस दुनिया में आ गई और उस लड़के की खाली की हुई सीट पर बैठ गई। कमला को ये नहीं मालूम था कि राहुल बस में दूर था लेकिन वो कमला के साथ की सारी हरकतें गौर से देख रहा था।

थोड़ी देर के बाद राहुल उसके पास आया और बोला कि उनका भी स्टाप आ गया है। वो दोनों होटल के पास बस से उतर गए। बस में इतने लोगों के उसके अंग अंग के साथ खेलने से कमला के बदन में आग लग गई थी। उसे सिर्फ़ लण्ड चाहिए था, किसी का लण्ड।

होटल आते ही वो नहाने के बहाने बाथरूम भागी और ऊँगली से अपने को झाड़ा और आकर बिस्तर पर राहुल की ओर अपने चूतड़ कर के सो गई। लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी। राहुल भी कमला की हरकतों से बेखबर नहीं था और उसके अन्दर मन में एक गुदगुदी सी हो रही थी। वो चित्त लेटा था, लेकिन थोड़ी देर के बाद वो अपनी माँ की ओर घूम कर माँ से सट गया और अपना एक हाथ माँ के ऊपर इस तरह रखा कि उसकी उंगलियाँ कमला की चूची को छूने लगी। राहुल ने इस हरकत को इस तरह किया जैसे वो नींद में हो।

कमला ने नाईट-गाऊन की बेल्ट नहीं बांधी थी इसलिए वो सामने से बिल्कुल नंगी ही थी। राहुल का सीना कमला की पीठ से सटा हुआ था और उसकी जांघ अपनी मां के चूतड़ से। राहुल से हाथ में नींद में फ़िर हरकत हुई और कमला की चूची की घुण्डियों को हल्के से रगड़ते हुए उसका हाथ कमला की नाभि और चूत के ऊपर आकर ठहर गया। लेकिन उसके बाद राहुल के हाथों में कोई हरकत नहीं हुई तो कमला ने सोचा कि राहुल ने सोचा की राहुल नींद में ऐसा कर रहा है।

राहुल ने ऐसा करने के साथ अपनी जांघें माँ के चूतड़ से इतनी सटा दी कि उसका लण्ड कमला के चूतड़ को छू गया। कमला को फिर अपनी चूत में ऊँगली डाल कर झड़ने की इच्छा हुई, लेकिन उसके दोनों जांघ सटे हुए थे और राहुल का हाथ उसके पेट पर इस तरह था कि वो अभी ऐसा नहीं कर सकती थी। वो अगर चित्त हो जाए तो दोनों टांग खोल कर वो ऊँगली कर सकती थी। लेकिन जब वो चित्त हुई तो राहुल के हाथ खिसक कर उसकी नंगी चूत के ऊपर बाल पर आ गए।

अपने चूत की जलन चुदासी माँ नहीं सहन कर पाई और सारी लाज और शर्म छोड़ कर, दोनों टांग फैला कर अपनी ऊँगली से चूत के दाने को सहलाने लगी, और कभी कभी ऊँगली को चूत के अन्दर बाहर करने लगी। राहुल से भी नहीं रहा गया। अपनी माँ को ऊँगली करते देख वोह चित्त हो गया और बेधड़क एक हाथ से अपनी माँ का हाथ उसकी चूत से हटा कर अपने लण्ड खड़े फनफनाते लण्ड पर रखा, और दूसरे हाथ की हथेली को माँ की चूत पर रखा।

दोनों अब समझ गए कि वो एक दूसरे के साथ क्या करना चाहते हैं लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा था। एक ओर राहुल कमला की गीली चूत के दाने को सहलाने लगा, साथ ही कमला धीरे धीरे राहुल के लण्ड को जड़ से टोपी तक सहला कर उसके लण्ड की लम्बाई और मोटाई का अनुमान लगाने लगी।

हे भगवन, क्या लण्ड दिया तूने मेरे बेटे को, ७ से ८ इंच का लगा उसे। कमला ने सिर्फ़ बाबू लाल जी का ५ इंच के लण्ड का स्वाद लिया था और उसने कभी कल्पना नहीं की थी कि लण्ड इतना लंबा मोटा भी होता है।

राहुल ने सोचा कि अब लोहा गरम हो चुका है और वो घड़ी आ गई है जिसका इंतज़ार था। वो उठा और पजामे को उतार फेंका और नीचे से बिल्कुल नंगा हो कर अपनी माँ की टांगों को बेड के किनारे तक इस तरह खींचा कि उसकी माँ की गांड बेड के किनारे आ गई। इसके जवाब में कमला ने अपनी टांगें जितनी खुल सकती थी खोल कर फैला दी। अब राहुल ने माँ की गरम और रसीली चूत की दरार में अपना सुपाड़ा रख कर हलके से दबाया। उसका लण्ड २ इंच माँ की चूत के अन्दर घुस गया। तब उसने माँ के दोनों मांसल चूतड़ के नीचे दोनों हाथ रख एक जोर दार धक्का लगाया। घच की आवाज के साथ राहुल का पूरा लण्ड जड़ तक अपनी माँ की चूत में चला गया, और कमला के मुंह से एक आह निकल पड़ी। अब राहुल ने घच घच अपनी माँ की चूत को चोदना शुरू किया और आनंद से उसकी माँ बड़बड़ा रही थी– चोदो मेरे लाल, मेरे श्रवण कुमार, चोदो आज अपनी चुदासी माँ को ! कई साल से भूखी है तुम्हारी माँ ! आज सारी भूख मिटा दो !

राहुल माँ को घच घच चोदते हुए बोल रहा था- ये ले, और ले माँ। तुम्हारी सालों की चुदाई की कसर अब पूरी हो जायेगी। चोदने के साथ राहुल माँ की चूचियां बेरहमी से मसल रहा था और माँ के मुंह और गले को चूम रहा था। कमला भी अब नीचे से चूतड़ उछाल उछाल कर राहुल के धक्के का जवाब देने लगी। लगता था कि कमरे में भूचाल आ गया हो।

कमला के मुंह से अजब गजब की आवाज निकलने लगी, और एक बार तो उसके मुंह से चीख जैसी निकल पड़ी तो राहुल ने उसका मुंह दबा दिया ताकि होटल वाले ये सब सुन कर कहीं वहां न आ जाएँ। तभी कमला के बदन में बड़ी जोर की सिहरन हुई, और राहुल समझ गया की उसकी माँ अब झड़ने वाली है। उसने कमला के मुंह को तकिये से ढक दिया ताकि वोह चीखे तो उसकी आवाज कम हो जाए, और उसके ५ -७ करारे धक्के लगाते ही उसकी माँ झड़ने लगी। राहुल और कमला दोनों ने एक दूसरे के चूतड पकड़ कर अपने लण्ड और चूत को इस तरह एक दूसरे से दबाया कि लगा कि उनकी हड्डी टूट जायेगी। तभी राहुल के लण्ड से उसके रस की १०-१२ पिचकारी छूटी और कमला की चूत के हर कोने को रसदार कर दिया .राहुल अपनी माँ की चूत में लण्ड डाले हुए उसके ऊपर पड़ा रहा।

कमला को बड़ा आश्चर्य हुआ कि झड़ने के बाद भी राहुल का लण्ड पूरा ढीला नही हुआ। वास्तव में १५ मिनट के बाद उसे लगा कि राहुल का लण्ड उसकी चूत में धीरे धीरे फड़क रहा है और फिर से लोहे की तरह कड़ा होता जा रहा है। कमला भी फिर से चुदाने के लिए तैयार थी, लेकिन राहुल ने बिस्तर से उठ कर बिजली जलाई और अपनी मस्त नंगी माँ का हाथ पकड़ बिस्तर से उठाया और कहा – अभी तो शुरुआत हुई है, अभी देखो रात भर क्या करता हूँ।

वो अपनी माँ को बाथरूम ले गया और साबुन लगा कर उसकी चूत और बगल के बाल को साफ़ कर के चिकना कर दिया और फिर माँ बेटे नंगे बिस्तर पर आए। राहुल ने अपनी माँ को बिस्तर पर चित्त लिटा कर उसकी चिकनी चूत चाटते हुए उसे झाड़ा और फिर अपना लण्ड माँ के मुंह में डाल कर उसे सिखाया कि लण्ड कैसे चूसते हैं।

रात की तीसरी चुदाई में राहुल ने माँ को कुटिया जैसी बना कर पीछे से चोदा। कमला आज तक कभी पीछे से ऐसे नहीं चुदी थी, लेकिन उसे लगा कि ऐसे में लण्ड और गहराई तक जाता है।

राहुल ने माँ को कहा कि कल दिन में वे साइबर कैफे चलेंगे और वहां तरह तरह की चुदाई की फ़िल्म देखेंगे !

अगले दिन क्या हुआ? कहानी के दूसरे भाग में शीघ्र ही… Hindi Sex Stories

कहा जाता है कि ‘बीवियों की अदला बदली’ का खेल यानि ‘Wife Swapping’ पश्चिमी देशों में बहुत होता है, हमारे देश में बहुत कम होता है लेकिन ऐसा नहीं है।

हमारे देश में भी यह खेल होता था और आज भी होता है लेकिन हां … खुले आम नहीं होता, चुपके चुपके छिप छिप कर होता है।
लोग इस खेल का मज़ा लेते हैं और खूब लेते हैं.

हमारे यहाँ अधिकतर बीवियां पहले तैयार नहीं होतीं।
उनको मनाना पड़ता है लेकिन जब मान जाती है, तैयार हो जाती हैं तो फिर कभी पीछे नहीं हटतीं।

फिर तो उन्हें इस खेल में इतना आनंद आता है कि वो इसे हर रोज़ खेलना चाहती है।

यह भी ऎसी ही न्यूड इंडियन वाइफ हॉट स्टोरी है. मजा लीजिये.

एक समय ऐसा था जब हम तीन पक्के दोस्त थे।
मैं आकाश, मेरा एक दोस्त अरुण और दूसरा मेरा दोस्त आनंद।

हम तीनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और एक साथ पढ़ते थे।
बड़ी गहरी दोस्ती थी हम तीनों की!

कुछ ऐसा संयोग हुआ कि हम तीनों की नौकरी दिल्ली में लग गयी और हम लोग एक कॉलोनी में एक एक फ्लैट में रहने लगे।

हम लोग रोज़ शाम को मिलते, दारू पीते, हंसी मजाक करते, गप्पबाजी और खूब मजे से एन्जॉय करते।
ज़िन्दगी अच्छी तरह गुज़रने लगी थी।

एक एक करके हम तीनों की शादियां भी हो गयी।

मेरी शादी रेखा नाम की लड़की से हो गयी. रेखा बहुत खूबसूरत थी हसीन थी। मैं उससे शादी करके बहुत खुश था।

अरुण की शादी सरीना से हो गयी।
मैं उसकी शादी में गया था। मैं तो सरीना भाभी को देख कर मस्त हो गया था।

फिर कुछ दिन बाद आनंद की भी शादी नेहा से हो गयी।

इस शादी में हम सब शामिल हुए।

नेहा भाभी तो अपनी शादी में बहुत जम रहीं थीं; एकदम फ़िल्मी हीरोइन लग रहीं थीं।

आगे चल कर हम लोग अपनी अपनी बीवी के साथ अपने अपने फ्लैट में रहने लगे और एक दूसरे के घर आने जाने लगे।
हमारी नजदीकियां और बढ़ने लगीं।
अच्छाई यह थी कि हमारी बीवियां भी आपस में मिलने जुलने लगी।

उनकी भी आपस में वही दोस्ती हो गयी … शायद उसी तरह की दोस्ती जैसे की हम तीनों के बीच थी।
हमारी ज़िन्दगी हंसी ख़ुशी गुज़रने लगी।

मैंने यह देखा कि ये तीनों बीवियां जब भी मिलती हैं तो खूब हंस हंस कर बातें करती हैं।
बातें क्या होतीं हैं यह तो पता नहीं पर होतीं जरूर मजेदार हैं यह बात उनके चेहरे से मालूम हो जाती थी।

एक दिन रात में मैं नंगा नंगा अपनी बीवी रेखा के साथ लेटा था और वह भी नंगी थी।
वह बड़े प्यार से मेरा लण्ड सहला रही थी और मैं उसका नंगा बदन!
हम दोनों वासना में डूबे थे।

मैंने पूछा- यार रेखा, ये बताओ की तुम तीनों बीवियां आपस में कौन सी बातें किया करती हो?
वह बोली- क्यों क्या हो गया? क्यों हमारी बातें जानना चाहते हो? हम लोग तो बस ऐसे ही हंसी मजाक किया करती हैं। अब हम सब जवान हैं तो मस्ती तो करेंगी ही?

“नहीं नहीं … चूतिया मत बनाओ मुझे! खुल कर बताओ न क्या बातें होतीं हैं तुम लोगों के बीच?”
“क्यों बताऊँ … तुम लोग जब बातें करते हो तो क्या हमें बताते हो? तुमको औरतों की बातें जानने की क्या जरूरत है? ऐसे साल मत पूछो!”

“कुछ तो बताओ यार? किसके बारे में बातें करती हो और क्या बातें करती हो?”
“हमारी बातें बड़ी गुप्त होती हैं, किसी को बताई नहीं जाती!”

“अच्छा तो क्या तुम लोग गन्दी गन्दी बातें भी करती हो? लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की भी बातें करती हो?”
“ये तो सब छोटी छोटी बातें हैं, इससे भी आगे करती हैं।”

“कोई बात नहीं … मत बताओ मुझे … लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ कि मुझे सरीना भाभी और नेहा भाभी बहुत अच्छी लगती हैं। बड़ा मज़ा आता है उनसे बात करने में!”

“इसमें भी कोई खास बात नहीं है। हर मर्द को परायी बीवी अच्छी लगती है और हर बीवी को पराया मर्द अच्छा लगता है। ये तो सब कुदरती है, इसमें कोई नयापन नहीं है।”

“तो इसका मतलब तुमको भी अरुण और आनंद अच्छे लगते हैं?”
“हां हां बिल्कुल अच्छे लगते हैं। सही बात है।”

“अगर तुमको मौका मिले तो क्या तुम उन दोनों के लण्ड पकड़ोगी?”
“तुम पकड़ने दोगे तो पकड़ लूंगी। मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है.”

“तो क्या उन दोनों से चुदवा भी लोगी?”
“तुम कहोगे तो चुदवा भी लूंगी. जब पति अपनी बीवी चुदवाने के लिए तैयार हो बीवी तो चुदवा ही लेगी।”

“मेरे कहने पर चुदवा लोगी या तुम अपने मन से चुदवाना चाहोगी?”
“चुदवाना तो चाहती हूँ पर बिना तुम्हारे अनुमति के नहीं चुदवा सकती और न कभी चुदवाऊंगी।”

“अच्छा अगर मैं उन दोनों की बीवियां चोदूँ तो तुम मुझे चोदने दोगी?”
“क्यों नहीं चोदने दूँगी? बिल्कुल चोदने दूँगी। जब कोई तुम्हारी बीवी चोदेगा तो तुम भी उसकी बीवी चोदोगे, मैं मना नहीं करूंगी। अपनी बीवी चुदाओ तो उनकी बीवी चोदो।”

“वादा खिलाफी तो नहीं करोगी? मैं तेरे सामने ही उनकी बीवियां चोदूंगा।”
“नहीं करूंगी वादा खिलाफी … पर मैं भी तेरे सामने उन लोगों से चुदवाऊंगी। तुम भी वादा खिलाफी न करना!”
“ठीक है।”

अगले दिन जब हम लोग बैठ कर दारू पी रहे थे तो मैंने खुलकर अरुण और आनंद को बताया- यार मेरी बीवी तो ‘वाइफ स्वैपिंग’ के लिए एकदम तैयार है। अब तुम लोग अपनी अपनी बीवी से पूछ लो। अगर वो दोनों राज़ी हों तो फिर मज़ा लिया जाए।

हमारी बातें होने लगीं।

दारू खत्म होने के बाद हम सब अपने अपने घर चले गए।

अगले दिन दोनों ने कहा- यार हमने अपनी अपनी बीवी से पूछ लिया है।
अरुण ने कहा- मेरी बीवी भी राज़ी है.
और आनन्द ने कहा- यार मेरी बीवी तो ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गयी। वह तो शायद खुद ही यह बात मुझसे कहना चाहती थी।

दरअसल दो दिन पहले जब हम तीनों आपस में बैठ कर दारू पी रहे थे तो ख्याल आया की क्यों न हम लोग ‘वाइफ स्वैपिंग’ करें और एन्जॉय करें?
सबने हां कह दी थी.
पर सवाल यह था कि क्या हमारी बीवियां तैयार होंगीं?
जब हमने अपनी अपनी बीवी से बात की तो मालूम हुआ कि वे भी पतियों की अदला बदली करना चाहती हैं।
अब तो मज़ा ही मज़ा आएगा।

बस अगले दिन मैंने अपने घर में ही एक डिनर पार्टी रख ली।

मैंने जब यह बात अपनी बीवी रेखा को बताई तो वह ख़ुशी के मारे उछल पड़ी और फ़टाफ़ट सारा इंतज़ाम करने लगी।
उसने कहा- डिनर का आर्डर तुम कर देना और ड्रिंक्स का इंतज़ाम मैं कर लूंगी. और सुनो चुदाई का भी सारा इंतज़ाम कर लूंगी मैं!

उसने हंस कर मजाक करते हुए कहा- कल तुम मेरे सामने दोनों बीवियों की चूत का बाजा खूब बजाना।
मैंने कहा- और तुम भी कल उन दोनों के लण्ड अपनी चूत में डाल कर भून डालना। उनके लण्ड की चटनी बना देना। तेरी चूत बड़ी दमदार है।

वह बोली- वो तो मैं करूंगी ही! उनके लण्ड भुने हुए बैंगन की तरह निकालूंगी मैं अपनी चूत से, तुम देखते रहना।

अगले दिन अरुण अपनी बीवी सरीना के साथ और आनंद अपनी बीवी नेहा के साथ आ गए।

सरीना भाभी ने साड़ी पहनी थी और उसके नीचे एक छोटी सी ब्रा जिसके अंदर से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं।

नेहा भाभी ने जींस और टॉप पहना था. ब्रा तो थी ही नहीं … टॉप का गला इतना गहरा था कि एक बटन खुल जाए तो चूचियाँ पूरी नंगी हो जायेंगी।
उसकी भी चूचियाँ बड़ी भी थी और सुडौल भी।
जींस उसकी बहुत ही लो वेस्ट की थी अगर बटन खुल जाए तो चूत की झांटें दिखाई पड़ने लगेंगी।
उसकी गांड बड़ी मस्त लग रही थी।

फिर मेरी बीवी ने ड्रिंक्स चालू कर दी और हम सब लोग दारू पीने लगे.
तीनों मर्द एक दूसरे की बीवी ललचायी नज़रों से देखने लगे।

हमारी बीवियां भी एक दूसरे के पति को ललचायी नज़रों से निहारने लगीं।
उनके टांगों के बीच का उभार देखने लगीं।
एक दूसरे के पति के लण्ड के साइज का आईडिया लगाने लगीं।

नशा चढ़ने लगा तो बातें भी ज्यादा खुल कर होने लगीं, अश्लील होने लगीं.
और बीच बीच में प्यार से गालियां भी निकलने लगीं।

जोश बढ़ने लगा और उत्तेजना भी बढ़ने लगी।

दूसरा पैग चालू हो गया।
फिर मैंने कहा- सरीना भाभी आप कोई नॉन वेज चुटकुला सुनाइये।
सबने जोर डाला तो वह बोली- अच्छा सुनाती हूँ।

एक बार पति जब शाम को घर आया तो देखा कि उसकी बीवी पड़ोसन से लड़ रही है।
दोनों में खूब जोर जोर से लड़ाई हो रही थी।
पति अपनी बीवी से बोला- यार, तुम चाय वगैरह बनाओ मैं पड़ोसन से निपट लेता हूँ।
पत्नी चाय बनाने लगी।

लेकिन उसका मन तो लड़ाई में लगा हुआ था।

तब तक पति अपनी लुंगी खोल कर एकदम नंगा नंगा अपना लण्ड खोले हुए पड़ोसन के आगे खड़ा हो गया।

पड़ोसन उसका लण्ड देख कर और भड़क गयी. गन्दी गन्दी गालियां बकने लगी।

तो इसकी बीवी किचेन से बोली- अरे तुम कुछ बोलते क्यों नहीं? पड़ोसन देखो कितनी गालियां दे रही है?
पति बोली- तुम चिंता न करो, मेरा वकील लड़ रहा है।

सबने खूब तालियां बजाईं।

फिर नेहा भाभी ने सुनाया:

एक बार तीन लड़के बात कर रहे थे।
पहला बोला- देखो, मैं पानी से भरी तीन बाल्टी उठा सकता हूँ। एक दाहिने हाथ से, एक बाएं हाथ से और एक अपने लण्ड पर टांग लूँगा।

दूसरा बोला- मैं चार बाल्टी पानी उठा सकता हूँ। एक इस हाथ से, एक उस हाथ से, तीसरी अपने लण्ड पर और चौथी अपने दांत से उठा लूंगा।

तीसरा बोला- मैं सात बाल्टी पानी उठा लूँगा।

सब लोग बड़ी हैरान हो गए इस बात पर!
तब उसने बताया- एक इस हाथ से एक उस हाथ से … तीसरी बाल्टी अपने दांत से और फिर अपना लण्ड इसकी गांड में घुसा कर इसे उठा दूंगा इसके पास तो चार बाल्टी हैं ही!

सबने खूब एन्जॉय किया और तालियां बजाई।

फिर मेरी बीवी रेखा ने भी सुनाया:

एक बार लण्ड और टट्टे आपस में बात कर रहे थे।
टट्टे बोले- चलो आज मैं तुम्हें एक फिल्म दिखाता हूँ।
लंड- अरे यार ब्लू फिल्म मत दिखाना!
टट्टे- क्यों?
लण्ड- मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा।

सब लोग खूब ठहाका लगा कर हंस पड़े।

बीवियों के मुंह से सबने लण्ड के चुटकुले सुने तो सबको खूब मज़ा आया और सबने खूब एन्जॉय किया।

अब किसी को भी किसी से कोई शर्म नहीं रही।
जोश सबको आ गया और उत्तेजना सबकी बढ़ गयी।

मेरी बीवी ने पहल की और वह उठी और अरुण के गले में बाहें डाल दी और उसके गाल चूम लिए.
वो बोली- हाय मेरे राजा, तुम मुझे बड़े अच्छे लगते हो। बड़े हैंडसम लगते हो।

वह भी मेरी बीवी के बदन पर हाथ फेरने लगा और बोला- रेखा भाभी, तुम बहुत सुन्दर हो हॉट हो।

इतने में अरुण की बीवी सरीना आनंद से चिपक गयी और दोनों एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे।
दोनों ऐसे एक दूसरे को चिपका कर मज़ा लेने लगे जैसे वो मियां बीवी हों!

आनंद की बीवी नेहा मुझसे लिपट गयी और मेरा लण्ड टटोलने लगी, बोली- तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा मोटा लग रहा है यार आकाश!

मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

फिर धीरे धीरे सबके कपड़े उतरने लगे, नंगे बदन सबके दिखाई पड़ने लगे।

बस 5 मिनट तीनों बीवियां मादरचोद एकदम नंगी हो गयीं और और तीनों मर्द भी बहनचोद नंगे हो गए।

तीन तीन पैग शराब का नशा ये सब बड़ी मस्ती से करवा रहा था।
किसी को न कोई झिझक, न कोई डर, न कोई संकोच।
सब कुछ बिंदास अपने आप ही होने लगा।

मेरी बीवी ने फर्श पर ही चुदाई का सारा इंतज़ाम किया था।
गद्दे मसनद लगे थे चादरें बिछीं थीं नैपकीन रखे थे कंडोम काफी मात्रा के रखे थे।

बाकी सारा इंतज़ाम था यहाँ तक कि झांट बनाने का भी प्रबंध था।
लेकिन इत्तिफाक से किसी की झांटें नहीं थीं। तीनों लण्ड एकदम चिकने थे और चूत भी नेहा भाभी की एकदम चिकनी थी।

मेरी बीवी और सरीना भाभी की चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं जो बहुत ही सेक्सी लग रहीं थीं।
सब लोग गोल बनाकर कर बैठे थे।

फिर सब लेट कर मज़ा लेने लगे।

नेहा भाभी मेरा लण्ड चाटने लगी और मैं सरीना भाभी की बुर चाटने लगा.

सरीना भाभी आनंद का लण्ड चाटने लगी और आनंद मेरी बीवी रेखा की बुर चाटने लगा.

मेरी बीवी अरुण का लण्ड चाटने लगी और अरुण नेहा की बुर चाटने लगा।

इस तरह सबको डबल मज़ा मिलने लगा।

हर एक बीवी एक पराये मरद का लण्ड चाटने लगी और दूसरे पराये मरद से अपनी बुर चटवाने लगी।

इसी तरह हर एक मर्द एक परायी बीवी से लण्ड चटवाने लगा और दूसरी परायी बीवी की बुर चाटने लगा।

इतनी मस्ती तो बस वाइफ स्वैपिंग के खेल में आ सकता है और कहीं नहीं!

मेरी बीवी बोली- यार सरीना, तेरे पति अरुण का लण्ड तो बड़ा मोटा और सख्त है यार! ये बहनचोद आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। और देखो न नेहा का पति कितनी मस्त से मेरी बुर चाट रहा है। चाट क्या अपनी जबान से चोद रहा है मेरी बुर! आज वह सब सच हो रहा है जो मैं सोचा करती थी।

सरीना बोली- हां यार, मुझे भी नेहा के पति का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। पराये मरद का लण्ड तो मजेदार होता ही है। आज मैं पहली बार अपने पति के आगे किसी और के पति का लण्ड चूस रही हूँ। मैं सच में बड़ी खुश हूँ बड़ा मज़ा आ रहा है मेरी बुर किसी और का मरद चाट रहा है। वाह क्या बात है कितनी अय्याशी हो रही है आज!

नेहा बोली- आज तो वाकयी बड़ा मज़ा आ रहा है. दो दो पराये मर्दों को नंगा देख रही हूँ, उनके लण्ड देख रही हूँ, उनके लण्ड चाट रही हूँ, उनसे अपनी बुर चटवा रही हूँ। और क्या चाहिए एक बुर चोदी बीवी को? आज मैं बिल्कुल रंडी बनकर इन दोनों लण्ड का मज़ा लूंगी।

इन सब बातों से माहौल में और ज्यादा गर्मी हो गयी।

मैंने आनंद की बीवी नेहा की बुर में पेल दिया और चोदने लगा.
लण्ड पूरा घुस गया तो वह बोली- हाय दईया बड़ा मोटा लण्ड है तेरा! मेरी चूत कहीं फट न जाए बहनचोद! आज मैं पहली बार किसी पराये मर्द से चुदवा रही हूँ।

मैंने कहा- नेहा भाभी, इस समय मैं ही तेरा मर्द हूँ। तुम मेरी बीवी हो। मैं तुमको अपनी बीवी समझ कर चोद रहा हूँ।
वह बोली- हां हां यार, मैं तेरी ही बीवी हूँ, मुझे चोदो खूब चोदो। बड़ा मज़ा आ रहा है। आज मैं तुमसे चुदने ही आयी हूँ। आज ही नहीं … आगे भी मुझे इसी तरह चोदते रहना।

तब तक आनंद अरुण की बीवी चोदने लगा।
आनंद को भी सरीना की बुर बड़ी अच्छी लग रही थी। वह पूरा लण्ड पेले हुए बड़ी मस्ती से चोद रहा था और उतनी ही मस्ती से सरीना भाभी चुदवा भी रही थी।
ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा था कि सरीना किसी और मरद से चुदवा रही है।

उधर हमारे सामने ही अरुण मेरी बीवी चोदने लगा।
मेरी बीवी तो जाने कबसे इंतज़ार कर रही थी कि उसे कोई पराया आदमी चोदे; उसकी बुर में कोई ग़ैर आदमी अपना लण्ड पेले।

वह तो लण्ड पलवाने के लिए एकदम तैयार बैठी थी। उसकी बातों से लग गया था की वह पराये मरद के लण्ड की दीवानी है।

मेरी बीवी अरुण के लण्ड से जितनी मस्ती से चुदवा रही थी, उतनी मस्ती से उसने कभी मुझसे नहीं चुदवाया।
मैं उसकी ख़ुशी देख कर खुश हो रहा था।

इस तरह हम तीनों एक दूसरे की बीवी चोदने लगे और मज़ा लूटने लगे।

दूसरे की बीवी चोदने में कितना मज़ा आता है इसका अनुभव आज हम सबको हो रहा था।

माहौल भी बड़ा आशिकाना बन गया था।

अरुण बोला- यार आकाश, अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदना कितना मजेदार होता है।
आनंद बोला- हां बात तेरी सही है। मुझे तो जितना मज़ा दूसरे की बीवी चोदने में आ रहा है उतना ही मज़ा अपनी बीवी किसी और से चुदवाने में आ रहा है। मैं आज पहली बार अपनी बीवी को किसी और से चुदते हुए देख रहा हूँ और मुझे अच्छा लग रहा है.

इस तरह हम तीनों खूब मस्ती से दूसरे की बीवी की बुर का बाजा बजने लगे।

दूसरी पारी में मैंने अरुण की बीवी चोदी, अरुण ने आनंद की बीवी चोदी और आनंद ने मेरी बीवी चोदी।

अगली सुबह जब सब लोग चले गए तो मेरी बीवी ने कहा- देखो जी, अब मुझे पराये मरद से चुदवाने का चस्का लग गया है। मुझे पराये मरद का लण्ड अच्छा लगने लगा है। अब तो मैं पराये मर्दों से ही चुदवाऊंगी इसलिए अब और भी कपल ढूंढों जो हमारे साथ बीवियों की अदला बदली कर सकें।
मैंने कहा- हां यार, मुझे भी थोड़ा थोड़ा चस्का लग गया है दूसरे की बीवी चोदने का। अब तो मैं अपनी बीवी चुदाने में भी कोई झिझक नहीं करूंगा।

वह बोली- मैं भी तुम्हें दूसरे की बीवियां चोदने दूँगी।

कहते हैं ना कि जहाँ चाह है वहां राह है।
मैं भी नए कपल ढूंढने में लग गया और मेरी बीवी भी!

इसी बीच मैंने कई लोगों से बात की, कई लोगों की इच्छा जानने की कोशिश की।
मुझे यह पता चला कि लोग वाइफ स्वैपिंग करना तो चाहते हैं पर उनके मन में थोड़ा हिचक है।

मैं वो हिचक दूर करने लगा, तभी हमें दो कपल एक ही हफ्ते में मिल गए।

पहला पवन और उसकी बीवी प्रेमा और दूसरा सूरज और उसकी बीवी सीमा।
दोनों कपल की उम्र हमारी उम्र के बराबर ही थी।

मैंने सबको अपने घर बुलाया और एक बड़ी सी सेक्स पार्टी रखी।

उसमें मैं मेरी बीवी रेखा, पवन और पवन की बीवी प्रेमा, सूरज और उसकी बीवी सीमा को शामिल किया।
ड्रिंक्स शुरू हो गयी और खुल कर बातें भी होने लगीं.

पवन की बीवी ने बताया- हम लोग एक बार पहले भी दिल्ली के दो कपल के साथ बीवियों की अदला बदली कर चुके हैं। मुझे तो पहली ही पार्टी में पराये मर्द से चुदवाने में मज़ा आ गया था। मेरे पति को भी दूसरे की बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आया था। तब से हम लोग वाइफ स्वैपिंग के लिए कपल की तलाश में रहते हैं। आज आप लोग मिल गए तो मज़ा आ गया।

सूरज ने भी यही कहा- हां हम लोग 2 / 3 बार वाइफ स्वैपिंग कर चुके हैं। मुझसे ज्यादा मेरी बीवी सीमा को मज़ा आया था। वह तो अब हर रोज़ इसी तरह की पार्टी करना चाहती है।

ड्रिंक्स का नशा चढने लगा, बातें और खुल कर होने लगी और फिर पहले मैंने पवन की बीवी चोदी और सूरज की बीवी चोदी।

पवन ने मेरी बीवी चोदी और सूरज की बीवी चोदी।
सूरज ने मेरी बीवी चोदी और पवन की बीवी चोदी।

हमने एक दूसरे की बीवी चोद चोद कर खूब एन्जॉय किया।

फिर हमारा एक बड़ा सा ग्रुप बन गया।
आज हमारे पास 8 / 10 कपल हैं और हम हर शनिवार और इतवार को एक ही जगह आमने सामने एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं।
हमारी बीवियां भी एक दूसरे के पतियों से चुदवातीं हैं और खूब मज़ा लूटतीं हैं।

प्रथम भाग से आगे : Antarvasna Sex Stories

एक दिन वह फिर अपनी माँ के Antarvasna Sex Stories साथ कम्प्यूटर पर काम के बहाने आई। मैं समझ गया कि माल गर्म है।
उसने कहा- आज बाकी की मूवी देखनी है।
मैंने फिर वही डीवीडी लगा दी। चुदाई का सीन चलने लगा, वह गर्म हो रही थी।
अचानक उसने मुझसे पूछा- क्या मैं आपकी गोद में बैठ सकती हूँ?

मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था और उसकी बात सुनकर सलामी देने लगा। ख़ैर मैंने हाँ कर दी। वह बैठ गई। ज़्यों ही मेरे लंड का सम्पर्क उसकी गाँड से हुआ, मेरा लंड उसकी गाँड में घुसने के लिए बेताब होने लगा। ख़ैर मैं कुछ देर तक वैसे ही बैठा रहा, फिर मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया और सहलाने लगा। उसकी साँसें तेज़ हो गईं। यह देख मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा। वह पूरी तरह गर्म हो चुकी थी।
मैंने उसे उठने के लिए कहा तो उसने कहा- रहने दीजिए ! मज़ा आ रहा है।
मैंने कहा- उठो ! और मज़ा दूँगा।

वह उठी तो मैंने अपनी कुर्सी पीछे की। फिर मैंने उसे टेबल पर झुका दिया और उसकी स्कर्ट उठा दी। उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी। यानि उसकी बुर पानी छोड़ रही थी।

मैंने उसकी पैन्टी नीचे सरकाई और उसकी टाँगें फैलाईं। एकदम अपनी माँ पर गई थी। मैंने उसके दोनों नितम्बों को दबाना और चूसना शुरु किया। उसकी गोरी गाँड लाल हो गई। उसकी बुर लगातार पानी छोड़ रही थी।

मैंने उसकी टाँगो और अधिक फैलाईं, नीचे बैठकर उसकी बुर को चाटने लगा। मैं अपनी जीभ उसकी बुर में डालने लगा। वह बेक़ाबू हो गई। थोड़ी ही देर में वह तेज़ी से झड़ी। यह उसकी ज़िन्दगी का पहला स्खलन था। फिर वह थोड़ी शांत हुआ अब मैंने अपना लोअर सरका कर कुर्सी पर बैठ गया और उसे बैठने के लिए कहा, वह मान गई। फिर मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उसकी गाँड की छेद पर लगाया और उसे बैठाने लगा। मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी गाँड में जाने लगा।

थोड़ा दर्द हुआ पर शीघ्र ही पूरा लंड अन्दर चला गया। फिर मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा और उससे पूछा, बहुत आसानी से चला गया, पहले भी किया है क्या?
उसने कहा- हाँ, अभी कुछ दिनों पहले ही स्कूल के दो सीनियरों ने मेरी जम कर गाँड मारी थी।
मैं- वह कैसे?

मधु- हुआ यूँ कि मैं सुबह की प्रार्थनासभा में जाने की बजाय क्लास में मस्तराम पढ़ रही थी कि अचानक वे आ गए। मैंने मस्तराम डेस्क के अन्दर डाल दी। वे मेरे पास आए और पूछा कि तुम प्रार्थना में क्यों नहीं गई। मैंने उन्हें बताया कि तबीयत ठीक नहीं है। वे जाने लगे कि तभी अचानक मस्तराम डेस्क से नीचे गिर गई। उन्होंने देख लिया और कहा अच्छा तो यह बिमारी है। उसका पता तो सबको चलना चाहिए, नहीं तो फैलेगी।

मधु ने आगे बताया- मैं बुरी तरह से डर गई और उनके आगे गिड़गि़ड़ाने लगी कि प्लीज़ किसी को मत बताइएगा। पक्के हरामी थे दोनों। एक कहता है कि नहीं बताएँगे तो फैलेगी, कल किसी और को लग जाएगी, परसों किसी और को, फिर सारा स्कूल इसकी चपेट में आ जाएगा. मैने उनके पैर पकड़ लिए तो उन्होंने कहा कि एक शर्त पर छोड़ेंगे। मैंने कहा कि हर शर्त मंज़ूर है।

उन्होंने कहा- पहले शर्त तो सुन लो।
मैंने पूछा- क्या?
उन्होंने कहा- गाँड मरवानी होगी।

मैं फिर गिड़गिड़ाने लगी कि प्लीज़, मेरे साथ ऐसा मत कीजिए। पर हाथ में आया माल भला कोई छोड़ेगा! ख़ैर उन्होंने मेरी एक न सुनी और एक ने दरवाज़ा बन्द कर दिया। फिर दूसरे ने अपनी पैंट की ज़िप खोली और लंड निकालकर सहलाने लगा। उसका लंड खड़ा हुआ तो देखकर ही मेरी आँखों से आँसू आ गए। क़रीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच गोलाई वाला था। फिर उसने कहा चिन्ता मत करो, पहले वह चोदेगा, उसका मुझसे पतला है।

शायद वे समलैंगिक थे इसलिए उन्हें सिर्फ मेरी गाँड चाहिए थी। उन्होंने मुझे डेस्क पर कुतिया बनाया और एक मेरे आगे और दूसरा मेरे पीछे पहुँच गया। फिर आगे वाले ने पीछे वाले से पूछा कि यार पैकेट तो है ना? पीछे वाले ने कहा कि एक ही है, पर कोई बात नहीं बारी-बारी से इस्तेमाल कर लेंगे।

फिर क्या था। सामने वाले ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और बोला- ले चूस।
मरती क्या ना करती ! मैं चूसने लगी।
दूसरा मेरी गाँड में डालने लगा। गाँड सँकरी पड़ रही थी। उसने दूसरे से पूछा- यह तो बहुत टाईट है यार !
तो दूसरे ने कहा- थूक लगा ले।

उसने वैसा ही किया फिर डालने लगा। उसका थोड़ा सा ही अन्दर गया था कि मैं दर्द से छटपटाने लगी। चूँकि दूसरे ने मुँह में डाल रखा था इसलिए मेरी आवाज़ तक बाहर नहीं निकल पाई। उसने निकाला और फिर से थूक लगाया और दोबारा डालना शुरु किया और धीरे-धीरे करके पूरा डाल दिया।

फिर उसने पेलना आरम्भ किया। धीरे-धीरे मेरा दर्द खत्म हो गया और आनन्द आने लगा। एक मुँह में तथा दूसरा गाँड में पेल रहा था।
तभी पीछे वाले ने कहा- वह झड़ने वाला है।
दूसरे ने कहा- एक ही है, उसे ख़राब मत कर यार, इसके मुँह में झड़।

उसने अपना लंड निकाल लिया और आगे आया। यहाँ उसने अपने लंड से कॉण्डोम उतारा और दूसरे को दे दिया और उसने उसे चढ़ा लिया। फिर दोनों ने अपने स्थान बदल लिए। ज्योहीं दूसरे ने अपना 8 गुणा 3 इंच का लण्ड मेरी गाँड में डाला मेरी खुशी दर्द में बदल गई। मैं छटपटाने लगी, पर उसने रहम नहीं दिखाया और पूरा पेल दिया। फिर वह रुका और थोड़ा समायोजन करने की कोशिश करने लगा। कुछ देर में मैं सामान्य हुई तो उसने धीरे-धीरे पेलना शुरु किया।

इधर सामने वाला मेरे मुँह में तेज़ी से झड़ा और ठंडा पड़ गया। ख़ैर उसका साथी चालू रहा। फिर अचानक वह वहशी हो गया और मेरी कमड़ पकड़कर ज़ोरों से धक्के लगाने लगा। फिर वह भी तेज़ी से झड़ा और मेरे ऊपर निढाल हो गया।

जब उसने अपना लंड निकाला तो मेरी गाँड बन्द नहीं हो पा रही थी। उन्होंने अपने कपड़े ठीक किए। फिर एक ने एक गद्देदार रुमाल मेरी पैन्टी में डाला और मेरी पैन्टी चढ़ा दी, फिर चलते-चलते कहा- गर्म पानी से गाँड की सिंकाई कर लेना, ठीक हो जाएगी।

उनके चले जाने के बाद मैंने बैठने की कोशिश की पर ठीक से बैठ नहीं पा रही थी। ख़ैर जैसे-तैसे किया। काफी अच्छे से चुदाई की थी सालों ने।
शाम को जब मैंने सिंकाई की तो थोड़ा आराम मिला।

इधर मैंने अब उसे उठाकर कम्प्यूटर टेबल पर झुका दिया और उसकी कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा। मैं तेज़ी से उसकी गाँड मार रहा था। थोड़ी ही देर में मैं चरम पर था। फिर मैं तेज़ी से झड़ा और उसे लेकर कुर्सी पर बैठ गया। उसकी बुर पानी छोड़ रही थी। मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी बुर में डालकर अन्दर-बाहर करने लगा।

तभी मंजू आँटी आ गईं। आते ही बोली- आख़िर साले ने चोद ही दिया।
उसने मधु का हाथ पकड़ा और उसे मेर ऊपर से हटाने लगी।
मधु ने कहा- बस थोड़ा सा ! झड़ने वाली हूँ।
आँटी- अच्छा ! मैं यहाँ खड़ी होकर तेरा झड़ना देखूँ? चल हट, मेरी बारी !

कहते हुए उसने मधु को उठा दिया और ख़ुद मेरी गोद में बैठ गई। उसने मेरा लंड सहलाया और उसे अपनी चूत में घुसा लिया और कहा चल चोद..!

मुझे दिक्कत हो रही थी तो मैं उसे अपने बिस्तर पर ले आया और उसे घोड़ी बनाकर चोदने लगा। इधर मधु चुदने को बक़रार थी और अपनी माँ बगल में घोड़ी बन गई। मैं बारी-बारी उन्हें चोदने लगा।

कुछ ही देर में मंजू आँटी तेज़ी से झड़ी और ठण्डी पड़ गई। फिर उनका ख्याल मेरी ओर गया कि मैं मधु कि गाँड मार रहा था।

इस पर उन्होंने मुझसे कहा- अभी इसकी चूत नहीं खोली है क्या?
मैंने कहा- नहीं।

फिर उसने मधु की ओर देखा और कहा- असली मज़ा तो चूत में है। चल मैं तेरी मदद करती हूँ।

उसने मधु को सीधा किया और उसका सिर अपनी गोद में ले लिया और उसकी दोनों टाँगें छितराकर मुझसे कहा- आ चल, मेरी बेटी की चूत का उदघाटन कर।

मैंने उसकी चूत को चाटकर गीला किया और अपना लंड उसकी चूत की छेद पर टिकाया और फिर मंजू आँटी ने उसका मुँह बन्द किया और मैंने एक ज़ोरदार धक्का दिया। मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया। वह बुरी तरह से तड़प उठी और उसने अपनी माँ की जाँघ में नाखून गड़ा डाला।

उसकी बुर लहूलुहान हो चुकी थी। जब वह थोड़ा शांत हुई तो मैंने पेलना शुरु किया। धीरे-धीरे उसे आनन्द आने लगा, तो मंजू आँटी ने उसका मुँह छोड़ दिया और वह गाँड उठा-उठाकर चुदवाने लगी।

फिर मंजू आँटी ने कहा- देखा असली मज़ा इसमें है।
मधु- मुझे क्या मालूम, मैं तो जब भी रात में देखती, आप पापा से गाँड ही मरवाया करतीं थीं।
इस पर मंजू आँटी मुस्कुराई- अच्छा तो यह बात है?
मधु- क्या करूँ? पापा आपकी इतनी ज़ोर-ज़ोर से लेते थे कि मेरी नींद अक्सर खुल ही जाती थी।

मंजू आँटी- अच्छा, मैं कहा करती थी कि धीरे करो, नहीं तो बेटी जाग जाएगी, तो कहते कि जागने दो, अपनी माँ से कुछ सबक लेगी तो अपने पति को तीनों छेदों का सुख देगी।

फिर मंजू आँटी उठी और अपने कपड़ी ठीक किए और मुझसे वीर्य उसकी चूत में न डालने के लिए कहा और नीचे चली गई।

मैंने अपनी गति बढ़ा दी। उसने मेरे हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया। उसकी चूत टाईट हो गई और वह तेज़ी से झड़ी। मैं भी झड़नेवाला था, तो मैंने अपना लंड निकालना चाहा।
उसने रोक लिया और कहा इसी में।
फिर क्या था मैंने गति और बढ़ा दी और उसकी चूत अपने गर्म लावे से भर दी।

हम कुछ देर अगल-बगल ऐसे ही लेटे रहे। इस दौरान मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा। फिर वह उठी, अपनी चूत से बाहर बहता हुआ मेरा लावा साफ किया, कपड़े ठीक किए और मुझे एक तगड़ा अधर-चुम्बन दिया और जाने लगी। जाते वक्त वह ठीक से चल नहीं पा रही थी पर उसने अपनी स्कर्ट उठा रखी थी ताकि मैं उसकी गाँड की चाल देख सकूँ और मैं उसे जाते हुए देखता रहा।

इसके बाद मधु की एक दोस्त ने भी मुझसे चुदवाया और मंजू आँटी ने भी मुझे हमारी एक और पड़ोसी को चोदने के लिए मज़बूर किया।
उनकी चुदाई अगली बार Antarvasna Sex Stories

Antarvasna

अंतर्वासना के नियमित पाठको Antarvasna फड़कती हुई चूतों और मोटे मोटे लंडो को मेरा सलाम !

मैं सुनील अलवर से फिर एक बार हाज़िर हूँ अपने दोस्तो के लिए एक मसाले से भरी कहानी लेकर !

पिछली कहानी के लिए मुझे बहुत सी मेल आई। मुझे बहुत अच्छा लगा।

शायद आपको कुछ बताने की ज़रूरत नहीं कि मैं एक स्मार्ट और क्यूट लड़का हूँ। जो कहानी मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ यह एक विवाहित लेकिन असंतुष्ट पत्नी की जो अपने पति के लण्ड से अपनी चूत की प्यास ना बुझा पाई और उसने मुझे याद किया।

पिछले महीने मैं अपने कम्प्यूटर पर काम कर रहा था कि मुझे एक काल आई। वहाँ से एक औरत की आवाज़ आई उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा ओर मुझे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उस वक्त मैं व्यस्त था तो मैने उस से बाद में बात करने को कहा. उसी रात उसका फिर से फोन आया. तब उसने मुझे बताया कि उसकी शादी को ३ साल हो गये है लेकिन वो अपने पति से खुश नही है और वो मुझसे मिलना चाहती है. फिर हमने मिलने की जगह तय की और मैं २ दिन बाद उस से मिलने उसके घर पहुचा.

मैंने बेल बजाई तो एक काम वाली ने दरवाजा खोला. उसने मुझे ड्रॉयिंग रूम में बिठाया और अपनी मालकिन को बुलाने चली गयी। कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक २५-२६ साल की औरत गुलाबी रंग की साड़ी में आ रही है. वो देखने में बला की खूबसूरत थी. उसका फिगर ३६-२६-३६ था. मैंने मन ही मन अपनी किस्मत पर गर्व किया कि इतनी खूबसूरत अप्सरा ने मुझे बुलाया है और कुछ ही देर में वो मेरी बाहों में होगी.

उसने आकर मुझसे हाथ मिलाया और अपना नाम रेखा बताया. वो मेरे पास बैठ गयी और हम दोनो बातें करने लगे. कुछ देर बाद उसकी काम वाली चली गयी. फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. वहाँ हम दोनो ने ड्रिंक्स ली और उसके बाद वो नहाने क लिए बाथरूम में चली गयी.

इतनी देर में तो मेरे लण्ड ने मेरे जीन्स को फ़ाड़ना शुरू कर दिया. वो तो बाहर निकलने को तैयार था. १५ मिनट के बाद जब वो बाथरूम से बाहर निकली तो मेरे होश ही उड़ गये. उसने एक हल्के गुलाबी रंग की पारदर्शी नाइटी पहनी थी और अंदर कुछ भी नहीं था. उसके मोटे मोटे बूब्स और गुलाबी निपल्स साफ दिखाई दे रहे थे. उसकी प्यारी सी चूत, जिस पर एक भी बाल नहीं था जैसे वो अभी साफ करके आई हो, दिखाई दे रही थी. वो मेरे पास आई, मुझे मेरे होठों पे हल्के से किस किया और मेरे पास बैठ गयी. मैने उसे अपनी बाहों में समेट लिया. ओर उसके गुलाबी होठों को अपने होठों में दबा लिया. उसके बाद मैंने उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी। वो भी पूरा सहयोग दे रही थी. वो बहुत ही गर्म लग रही थी जैसे काफ़ी समय से उसने सेक्स ना किया हो. फिर मैने उसकी नाईटी को उतार दिया और उसने मेरे कपड़ो को उतार दिया. उसके दोनो कबूतर अब मेरे हाथो में थे. जिन्हें मैं कस कस के दबा रहा था. कमरे में बड़ी ही सेक्सी आवाज़ें गूँज रही थी… वो मदहोश हो गयी थी.

मैने उसके एक चूचे को मुँह मे ले लिया और पीने लगा। वो ज़ोर ज़ोर से उउऊहह आआहह करने लगी. पूरा कमरा उसकी आवाज़ो से गूंजने लगा. अब मैंने जैसे ही उसकी चूत को छुआ, वो तड़प उठी और मुझसे ज़ोर से लिपट गयी. फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया ओर उसे ज़ोर से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद हम दोनों ६९ की पोज़िशन में थे ओर वो मेरे लण्ड को और मैं उसकी चूत को चूस रहा था. थोड़ी देर बार वो फ्री हो गयी ओर मैंने उसका सारा रस पी लिया और ५ मिनट बाद मैं भी फ्री हो गया, उसने भी मेरा सारा रस भी लिया।

अब मैं उसके बूब्स क साथ खेलने लगा। वो भी मेरे लण्ड के साथ खेल रही थी। कुछ देर बाद मैं फिर से तैयार हो गया। अब वो तड़प रही थी और मुझे भी नहीं बर्दाश्त हो रहा था। मैने अपने लण्ड उसकी चूत पे रखा और एक ही बार में पूरा का पूरा घुसा दिया. वो एक दम से चिल्ला पड़ी उसकी चूत बड़ी टाइट थी. फिर मैने ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू किया. उसने अपनी दोनो टांगें मेरी कमर के चारो तरफ लपेट ली एक नागिन की तरह. अब कमरे में फुउऊउउस्स्स् फुस स्स्स्स की आवाज़ें गूँज रही थी. कुछ देर में हम दोनों फ्री हो गये. ओर एक दूसरे क साथ लेट गये. फिर मैं उसे उठा के उसके बाथरूम में ले गया और शावर क नीचे हमने फिर से एक बार सेक्स किया उस दिन मैं उसके साथ पूरा दिन रहा और हमने ५-६ बार सेक्स किया. अलग अलग स्टाइल्स में. वो बहुत ही खुश हुई. उसके बाद मैं वापिस चला गया. कुछ दिनों बाद उसने मुझे फिर से बुलाया और इस बार उसकी एक फ्रेंड भी उसके साथ थी…

इस बारे में आपको अगली बार बताउंगा…

सो अलविदा दोस्तो और प्यारी प्यारी सेक्सी सेक्सी यौनियो !

फिर से ये राहुल आपकी सेवा में हाज़िर होगा…

राहुल आपकी सेवा में तत्पर है…

आपका प्यार ही मुझे आपके पास लाया है. म्‍म्म्म मम्मूऊऊ उऊहहाआआ Antarvasna

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