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Massage Girl in South Sikkim: Premium Relaxation Services

Our site can help you find a professional massage girl in South Sikkim who will help you relax in the best manner possible. We connect you with professional therapists who can offer you a massage that will make you feel better and more relaxed. The pros on our list are ready to provide you with a fantastic experience at your house or in one of their particular spots, whether you want to relax or get away from it all.

Introduction

Massage is currently one of the finest methods to relax your mind, body, and overall health. Our website makes it easy to locate the top massage services in South Sikkim that meet your demands. This will be a one-of-a-kind and calming experience for you.

Tottaa wants to make it simple for clients to find the top masseuse. The South Sikkim massage service providers on our list offer the greatest quality, comfort, and competence, whether you want a full-body massage or a massage for a particular location.

How Tottaa Helps Advertisers Reach More Customers

Tottaa is not only a list of masseuses, it’s also a secure location for them to show off what they can do. People in South Sikkim who are seeking massage services may find them on our website. This makes them easier to find and gets them more appointments.

Advertisers may simply put up profiles, offer their services, and talk about pricing and discounts on our sites. This makes sure that the relevant people notice your South Sikkim massage service, which makes it easier to obtain more customers.

Different Types of Massages We Offer

There are a lot of different types of massage services on our site, so you may choose one that works for you. You may choose the kind of treatment that works best for you, whether it’s profound rest or a particular type of therapy.

1. Swedish Massage

A calm and gentle way to ease muscular tension and improve blood flow. This South Sikkim massage is perfect for you if you want to relax and forget about your concerns.

2. Deep Tissue Massage

This approach employs a lot of pressure to get to deeper muscle layers. It’s helpful for folks who have muscular discomfort or stiffness that won’t go away. There are specialists on our profiles of massage girls in South Sikkim who are good at deep tissue treatments that function effectively.

3. Aromatherapy Massage

Calming massage strokes and essential oils are beneficial in making people feel improved both emotionally and physically. Most massage companies in South Sikkim employ the use of custom oil preparations to make you feel good.

4. Thai Massage

A therapy that wakes you up by using a mix of regular massage, stretching, and compression. This traditional massage in South Sikkim helps you relax, become more flexible, and get your mind and body back in harmony.

5. Hot Stone Massage

Heated stones are placed on various parts of the body to help with deep muscular tightness. People who want to feel good, relax, and help their muscles recover quickly can use this massage service in South Sikkim

How to Book Our Massage Services

Tottaa makes it simple and fast to book. With our listings, you can see what kind of massage you want, read about the providers, see that they are free and then contact them directly. After you choose, you can book a massage in South Sikkim at your convenient time and location. In order to get your desired massage services, apply the following simple steps:

Step 1: Browse Our Listings

Take a peek around our site to view a few massage professionals. Each listing gives you information about the many sorts of massages, how long they last, how much they cost, and where they are situated. This makes it easier to choose the finest ones.

Step 2: Compare and Shortlist

Examine the profiles carefully to compare how the services, talents, and reviews posted by customers differ. This phase makes sure you choose a business that has the style, pricing, and supply you desire.

Step 3: Connect with the Provider

When you have decided, use the information that you are offered so that you can contact them directly. One can communicate it to the massage giver thus making it understood what massage you want at what time and when.

Step 4: Confirm the Appointment

The date, time and place of the service, which could be your home, a hotel or the spa where the therapist may be found. You also need to agree on the payment method and any other accords prior to commencement of the course.

Step 5: Relax and Enjoy Your Massage

All you have to do on the day of the appointment is have your area ready for the house visit. The remainder will be handled by the expert. Take it easy and enjoy a massage that is made just for you.

Frequently Asked Questions

To locate a professional who can meet your needs, read our biography, reviews and advertising.

Yes, many of the therapists on our site will come to your house so you may feel safe and at ease.

You may pick based on talents since most adverts provide their qualifications in their profiles.

It would be advisable to make a reservation earlier to guarantee that you would be able to get a massage, particularly against the prevalent services of massage.

Not at all. Tottaa exclusively connects users with service providers. The doctor gets to choose how to handle payment.

Read Our Top Call Girl Story's

Antarvasna

रात का खाना खाने के Antarvasna बाद रोज की तरह मैं कंप्यूटर पर अपना काम कर रहा था कि मेरे मोबाइल पर मिस्ड कॉल आई, देखा तो कमलिनी की थी।

मैंने काल-बैक किया तो पूछने लगी- क्या कर रहे हैं?

मैंने झूठ बोल दिया- सिर में बहुत दर्द है, मैं सोने जा रहा हूँ।

मैंने झूठ इसलिए बोला था क्यूंकि आज मैं कमलिनी की चूत मारने की अपेक्षा उसकी माँ रागिनी की गांड मारना चाहता था, मुझे पूरा विश्वास था कि वो रात को गांड मराने जरूर आएगी। और वही हुआ भी, कमलिनी के फ़ोन के आधे घंटे बाद मेरे मोबाइल की घंटी फिर बजी, मैंने उठाया तो रागिनी भाभी बोलीं- क्या कर रहे हो देवर जी?

मैंने कहा- मेरे सिर में बहुत दर्द है, क्या करुँ ?

भाभी बोलीं- मैं आकर सिर दबा दूं ?

मैंने कहा- भाभी आप अगर छू लेंगी तो दर्द अपने आप ठीक हो जाएगा, आप तुंरत आयें, मैंने दरवाजा खोल दिया है।

दो ही मिनट बाद भाभी मेरे सामने आ पहुंचीं, उनका रूप देखकर मेरा लंड तन्नाने लगा और उनकी गांड फाड़ने के बारे में सोचने लगा। भाभी ने मेरे माथे पर हाथ रखा और बोलीं- गर्म तो नहीं है।

मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने तन्नाये हुए लंड पर रखते हुए कहा- यह तो गर्म है ?

शरमाते हुए बोलीं- बहुत शरारती हो।

मैंने पूछा- मुझसे कह रही हैं या मेरे लंड से ?

कहने लगीं- दोनों से।

इतना सुनते ही मैंने उनको अपनी बाहों में लिया और दीवान पर लिटा दिया। मैंने अपनी टीशर्ट उतारी, लोअर उतारा और क्रीम की शीशी खोलकर ढेर सा क्रीम अपने लंड पर लगा दिया। भाभी का गाउन उतारा, उनको घोड़ी बनाया और अपना लंड उनकी गांड के छेद पर रगड़ने लगा। थोड़ी देर तक गांड के छेद पर लंड रगड़ने से भाभी आनंदित होने लगीं तो मैंने पूछा- भाभी डालूँ ?

तो बोलीं- हाँ मेरे देवर राजा।

गांड के छेद पर अपने तन्नाये हुए लंड का सुपाड़ा रखकर मैं धीरे धीरे अंदर करने लगा, भाभी की गांड बहुत टाइट थी। मैंने जोर से दबाया तो लंड का सुपाड़ा गांड के अंदर हो गया, भाभी कराहते हुए बोलीं- बस करो राजा, फट गई।

मैंने उनके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा- भाभी आप वाकई बहुत हिम्मत वाली हैं, आपने पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया।

अब तक सिर्फ लंड का सुपाडा ही भाभी की गांड के अन्दर था और बाकी का लंड भाभी की गांड के अंदर जाने के लिए बेताब हो रहा था। मैंने भाभी को बातों में लगाकर उनके मम्मों से

खेलते खेलते लंड को धीरे धीरे अंदर करना शुरू किया और इस प्रकार आधा लंड उनकी गदराई हुई गांड में समा गया। अब लंड को अंदर-बाहर करने का काम शुरू हो चुका था जिसमें भाभी को मजा आने लगा था इस बीच पूरा लंड कब भाभी की गांड में चला गया। भाभी को पता ही नहीं चला। २०-२५ मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपने लंड का वीर्य उनकी गांड में ही डिस्चार्ज कर दिया और पूछा- जिंदगी में पहली बार गांड मराकर कैसा लग रहा है भाभी?

तो अपनी ख़ुशी को ना छुपाते हुए बोलीं- टचवुड ! बहुत मजेदार।

मैंने कहा- एक राउंड और हो जाए ?

तो बोलीं- आज नहीं !

और अपने कपड़े ठीक करते हुए चली गईं। अब मेरा काम बढ़िया हो गया था, कमलिनी और उसकी माँ रागिनी दोनों को चोद कर मैं जवानी का आनंद ले रहा था। किसी रात को दोनों चुदवाने का मन बना बैठीं तो क्या होगा? यह सोचकर मैंने टाइम टेबल बना दिया और उनको भी समझा लिया।

अब सोमवार तथा गुरुवार को कमलिनी की चूत, बुधवार को रागिनी की गांड एवं शुक्रवार को रागिनी की चूत चोदने का कार्यक्रम होने लगा। बीच में कभी रेखा घर पर न हो तो दिन में रागिनी या कमलिनी कोई भी जो उपलब्ध हो जाए, चुद जाती थी।

बाकी कहानी अगली बार लिखूंगा, इंतज़ार करिए…. Antarvasna

मेरा नाम रेशमा बेगम है। मेरी शादी एक साल पहले हो चुकी है और इस एक साल में मैं अपनी ससुराल के सभी लोगों को अच्छी तरह जान गई हूँ; घुल मिल गई हूँ मैं सबसे!
मुझे अब ऐसा लगने लगा है कि जैसे मैं इस घर में वर्षों से रह रही हूँ।

मेरी सास और ननद तो मेरे लिए बहुत ही अच्छी हैं; उनकी जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है।

मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी ननद ने रात में अपने शौहर का लंड मेरी चूत में पेल दिया था।
ऐसा बहुत कम होता है जब कोई बीवी अपने ही शौहर का लंड अपने हाथ से किसी और की चूत में पेल दे।

उसका लंड मेरे शौहर के लंड से मोटा भी है और हैंडसम भी!
ननद मेरे बगल में नंगी बैठी उसका लंड पेलती रही और मेरे नंगे जिस्म पर हाथ भी फेरती रही।
वह अपने मियां के चूतड़ सहला सहला कर मेरी चूत मजे से चुदवाती रही।

उसने अपने मियां से कहा- मेरी चूत चोदी भाभी जान की चूत चोद चोद कर हलवा बना दो। फाड़ डालो इसकी चूत … जैसे तुम मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ते हो!

तब मुझे मालूम हुआ कि मेरी ननद अपने शौहर से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती है।
यह जानकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गयी।
मुझे चुदवाने में दुगुना मज़ा आने लगा।

आखिर में जब उसका लंड झड़ने लगा तो उसने मेरे साथ बड़े प्यार से झड़ता हुआ लंड चाटा।

बस उसी दिन से मैं ननद की गुलाम हो गयी, मेरी ननद से दोस्ती पक्की हो गई।

एक दिन मेरी सास आ गई।
वह बड़े मूड में थी- बहू, मैं तुमसे एक सवाल पूछ रही हूँ। जवाब सच्ची सच्ची देना?
मैंने कहा- पूछो।

वह बोली- तुम शादी के पहले चुदी हुई थी या नहीं?
मैंने कहा- चुदी हुई तो खूब थी मैं शादी के पहले सासू जी!

बस उसने मुझे गले लगा लिया और बोली- मैं चुदी हुई बहू चाहती थी क्योंकि चुदाई का मज़ा जितना चुदी हुई बहू देती है उतना बिना चुदी हुई दे ही नहीं सकती। मैं भी शादी के पहले खूब चुदी हुई थी. और तेरी ननद तो खूब जमकर चुदी हुई थी। असल बात यह है कि चुदी हुई बहू अपनी सास के भोसड़ा का और ननद की चूत का बड़ा ख्याल रखती है. चुदी हुई सास अपनी बेटी बहू को बड़े बड़े लंड का मज़ा देती है और चुदी हुई ननद अपनी माँ की चूत और भाभी की चूत खूब मजे से चुदवाती है।

सास की ये बातें सुनकर तो मैं ख़ुशी से पागल हो गई।
मुझे यकीन हो गया कि अब मुझे नए नए लंड का मज़ा खूब मिला करेगा।
तब तक मेरी ननद आ गयी।

उसको देख कर सास बोली- बहू, तेरी ननद की माँ का भोसड़ा!
ननद बोली- तेरी बहू की ननद की चूत अम्मी जान!

फिर मुझे भी जोश आ गया तो मैं बोली- तेरी माँ की बहू की चूत ननद रानी!
मैंने सास से कहा- तेरी बेटी की भाभी की चूत सासू जी!

फिर हम तीनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
सास बोली- मैं जानना चाहती थी कि मेरी बहू को गालियां देना आता है या नहीं … इसलिए मैंने गालियां देना शरू किया। बहू, तू तो बड़ी मस्त मस्त गालियां देती है। तू बुरचोदी सच में बड़ी मजेदार है। मैं अपनी बेटी बहू से गालियों के रिश्ते और चोदा चोदी के रिश्ते इसीलिए रखती हूँ कि मुझे अपनी बढ़ती उम्र का पता ही न चले। मेरी जवानी का राज़ है अपनी बेटी बहू के साथ लंड का मज़ा लेना, लंड पेलना और पेलवाना।

इतनी मस्ती और खुल्लम खुल्ला चोदा-चोदी की बातें करने से मुझे कुनबे के सारे लोगों के लंड के बारे में मालूम हो गया।
कुछ ननद ने बताया, कुछ सास ने बताया, कुछ मेरी जेठानी ने बताया.
और बचा खुचा वहां की मस्त जवान लड़कियों ने बता दिया।

बातों बातों में एक दिन ननद बोल भी गई- मेरे अब्बू के लंड के मुकाबले यहाँ किसी भोसड़ी वाले का लंड नहीं है.
ससुर बहू सेक्स कहानी की नींव यहीं से पड़ गयी.

यह बात मेरे दिमाग घुस गई बहनचोद कि यहाँ सबसे बढ़िया और मस्त लौड़ा तो मेरे ससुर का ही है।
बस मैं जल्दी से जल्दी अपने ससुर का लंड खाने की फ़िराक में घूमने लगी।

मुझे यह तो मालूम हो गया कि मेरे ससुर को बहू बेटियां चोदने का शौक है।
ऐसे में मुझे उसका लंड पकड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि मैं तो उसकी बहू हूँ।
अगर उसे बहू बेटियां चोदने का शौक है तो मुझे भी अब्बू और ससुर से चुदवाने का शौक है; उनके लंड पकड़ने का शौक है।

मैं बस मौके की तलाश में थी।

एक दिन जब वह अपनी लुंगी बदल रहा था तो मुझे उसके लटकते हुए लंड की एक झलक मिल गयी।
मैंने सोचा जब लटकता हुआ इतना बड़ा और हैंडसम है तो खड़ा होने पर कितना बड़ा हो जाएगा बहनचोद!

लंड के बाहर निकले हुए गोल गोल सुपारे ने तो मेरी जान ले ली।
मेरे मुंह में पानी आ गया और मेरी चूत गीली हो गई।
बस मैं मौक़ा की खोज में घूमने लगी।
मेरे दिमाग में उसका लंड घूमने लगा।

एक दिन जब मैं रात को लगभग 12 बजे उठी तो देखा कि मेरा ससुर मेरी जेठानी की चूत में लंड पेले हुए बड़ी मस्ती से चोद रहा है।

मुझे उसे देख कर जलन होने लगी।
मैंने मन में कहा- भोसड़ी के ससुर मैं भी तेरी बहू हूँ। तू मुझे क्यों नहीं चोदता? मेरी चूत में लंड क्यों नहीं पेलता? मैं तो जेठानी से ज्यादा जवान हूँ। मेरी भी चूचियाँ बड़ी बड़ी है, मेरी भी गांड बड़ी चौकस है।

फिर मैंने सोचा कि आज वह मेरी जेठानी की चूत ले रहा है तो कल मेरी भी चूत लेगा।
मैं चुपचाप अपनी जेठानी की चुदाई देखती रही।

मेरी जेठानी भी बड़ी खूबसूरत और बड़े बड़े मम्मों वाली है।
वह अपने मियां के साथ पड़ोस के घर में रहती है।

आज ही शाम को आई थी और आज ही रात को अपने ससुर से चुदवाने लगी।
मुझे लगा कि वह ससुर से चुदवाने ही आई थी।

ससुर बोला- बहू, किसी दिन अपनी छोटी बहन को ले आना. मैं उसकी चूत में अपना लंड पेलना चाहता हूँ। वह मुझे बड़ी सेक्सी और हॉट लगती है।
जेठानी ने कहा- हां वह भी चूतचोदी ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती है जैसे मैं चुदवाती हूँ। अभी वह अपनी ससुराल में है. जब आएगी तब तेरे पास भेज दूँगी। वह खुद ही पकड़ लेगी तेरा लंड!

उसकी बात सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगीं।
मैंने मन में कहा- भोसड़ी के ससुरे … तुझे जेठानी की बहन की चूत याद आ रही है लेकिन अपनी छोटी बहू की चूत याद नहीं आ रही है?

थोड़ा दूर से ही सही पर मैंने ससुर का लंड देख तो लिया।
मैंने मन में कहा- लंड तो भोसड़ी का बड़ा हक्कानी है.

फिर क्या … सारा मज़ा मेरी चूत चोदी जेठानी लेकर चली गई.
अब उसका लंड पकड़ने की मेरी तमन्ना और बढ़ गयी।

मैंने उस दिन की रात बिना लंड के गुज़ार दी।

दूसरे दिन मैं सवेरे से ही ससुर के आगे पीछे घूमने लगी, उसे अपने जिस्म का जलवा दिखाने लगी, कभी अपनी नंगी नंगी टांगें दिखाती कभी अपनी उछलती हुई चूचियाँ दिखाती और कभी अपनी मटकती हुई गांड दिखाती।

वह भी मुझे बड़े गौर से देखने लगा।

मैं कभी उससे आँखें मिलाती, कभी सेक्सी अदा से मुस्करा देती, कभी उसे तिरछीं निगाहों से देखती तो कभी उसके बदन से छू करके आगे निकल जाती।

किसी न किसी तरह मैं उसके लंड में आग लगाना चाहती थी।

रात के ११ बजे थे।
मेरी सास अपने मायके गई थी।
ननद थी, पर कहाँ थी और क्या कर रही थी, मुझे कुछ भी नहीं पता।

अचानक मेरे फोन की घंटी बज उठी।
मैं फोन पर जान बूझ कर खुल कर बातें करने लगी।

मेरा ससुर बगल में ही बैठा था; वह सब सुन रहा था।

मैं जो बोल रही थी वही उसे सुनाई पड़ा।
उधर की आवाज़ उसे बिल्कुल नहीं सुनाई पड़ी।

मैंने कहा – हां बोल भोसड़ी की रिया … क्या हुआ?
“अच्छा ऐसी बात है तो फिर पकड़ ले न उसका लंड!”
“अरे कुछ नहीं होगा पगली!”
“अपनी माँ के भोसड़े में भी पेल दे लंड … मोटा लंड सबको पसंद आता है यार!”
“ठीक है, मुझे भी कभी पकड़ा देना!”

फोन बंद हुआ तो ससुर ने पूछा- किसका फोन था बहू रानी?
मैंने कहा- मेरी फूफी की बेटी रिया का फोन था.

“रिया तुमसे खुल कर बात करती है. किसी दिन उसे बुला लो न बहू रानी!”
“हां हां बुला लूंगी। पर तुम क्या करोगे?”

वह उठा और मुझे अपनी बाँहों में भर कर बोला- मैं उसके मुंह से भी गालियां सुनूंगा बहू रानी जैसे मैंने तेरे मुंह से सुनी हैं गालियां। बड़ी प्यारी प्यारी गालियां देती हो तुम रेशमा! तुमने मेरा दिल जीत लिया। तूने तो मेरे लंड में आग लगा दी है रेशमा बहू!

“आग तो तेरी बड़ी बहू लगाती है तेरे लंड में … मैं क्या चीज हूँ?” मैंने मारे जलन के कहा।
“तुम तो उससे ज्यादा खूबसूरत हो, सेक्सी हो और हॉट हो रेशमा!”

“तो क्या करोगे तुम मेरा?”
“रानी बनाऊंगा मैं तुम्हें … रात भर के लिए बीवी बनाऊंगा मैं तुम्हें … तुम्हारे कपड़े उतार कर मैं तुम्हारे साथ नंगा लेटूँगा रेशमा!”

मैंने उसे और ललकारा- तेरे लंड में ताकत है इतनी? कुछ कर पायेगा तेरा लंड?

उसने अपनी लुंगी खोल दी और कहा- लो पहले पकड़ कर देख लो मेरा लंड, बहू रानी … तुम्हें अंदाज़ा हो जाएगा!

लंड तो मादरचोद पहले से ही खड़ा था।
मैंने हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया लंड … तो वह और फनफना उठा।

तब मैंने मन में कहा- अब आया बहनचोद मेरे हाथ में ससुर का लंड, जिसके लिए मैं इतने दिनों से तड़प रही थी.

लंड पकड़ते ही मेरे अंदर की रंडी जाग उठी।
मेरी अम्मी जान ने एक बार कहा था- बेटी रेशमा, हर औरत अंदर से एक रंडी होती है उसके मन में गैर मर्दों से चुदवाने की इच्छा जरूर होती है और मौक़ा पाकर वह चुदवा भी लेती है। दुनिया में ऐसी कोई औरत नहीं जो पराये मर्दों से चुदवाना न चाहती हो.

अम्मी जान ने यह भी कहा था कि हर औरत को ग़ैर मर्दों से चुदवाने का हक़ है। मैं भी गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। मुझे भी ग़ैर मर्दों के लंड बहुत पसंद हैं।

यह ख्याल आते ही मैंने ससुर का लंड बड़े प्यार और मजबूती से पकड़ लिया; पकड़ कर उसे हिला हिला कर मस्ती करने लगी।
उसने मुझे नंगी करके अच्छी तरह दबोच लिया।

मेरा पूरा नंगा बदन उसने अपने नंगे बदन से चिपका लिया।
लेकिन मैंने उसका लंड नहीं छोड़ा, मैं लंड मुट्ठी में लिए हुए सहलाती रही।

मेरे ससुर का नाम है ताहिर!
वह 48 साल का हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा मर्द है।
जैसा मैंने उसके लंड के बारे में सुना था वैसा ही पाया।
मोटा तगड़ा लंड बड़ा शानदार था.
मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई और लंड की बड़े प्यार से कई चुम्मियाँ ले लीं; पेल्हड़ भी मजे से चूमे।

मैं मस्ती में चूर हो गयी।
मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।

वह भी भोसड़ी वाला मेरे नंगे जिस्म से खेलने लगा, मेरे मम्मे दबाने लगा, मेरी चूत पर उंगलियां फिराने लगा; मेरे चूतड़ों पर, मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा; मेरे गाल, मेरे होंठ चूमने लगा.

फिर बोला- रेशमा बहू, तुम बड़ी बहू से ज्यादा खूबसूरत हो, ज्यादा हसीन हो और ज्यादा अच्छी लंड पकड़ती हो। तुम्हारा जिस्म बड़ा सेक्सी है. मुझे तुम्हारी ही जैसी बहू बेटियों को चोदने में मज़ा आता है जिनका नंगा जिस्म बिल्कुल तुम्हारे नंगे जिस्म की तरह हो.

तब मुझे पक्का मालूम हो गया कि मेरे मादरचोद ससुर को बहू बेटियां चोदने का शौक है।

फिर मैंने उसे नीचे जमीन पर लिटा दिया और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी।
वह मेरी चूत चपर चपर चाटने लगा और उसका लंड चाटने लगी।

मुझे लंड का टोपा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
बिना झांट का एकदम चिकना चिकना लंड बड़ा हैंडसम लग रहा था।

कल यह भोसड़ी का लंड मेरी जेठानी के कब्जे में था, आज यह मेरे कब्जे में है।

उत्तेजित वह भी था और उत्तेजित मैं भी थी।

इतने में वह उठा और मेरे बूब्स फिर से मसलने लगा।
मैं भी उसके मरदाने जिस्म का मज़ा लेने लगी।

फिर उसने मुझे नीचे लिटा दिया, मेरी टांगें फैला दीं.
तो उसके सामने मेरी चूत एकदम खुल गयी।

उसने लंड उसी पर टिका दिया और फिर एक ही धक्के में पूरा लंड पेल दिया अंदर!
मैं तो चुदी हुई थी इसलिए दर्द तो हुआ नहीं … पर चिल्ला पड़ी- भोसड़ी के ससुरे … तूने इतना बड़ा लंड पेल दिया मेरी छोटी सी चूत में! तुझे रहम नहीं आया? बहुत बड़ा हरामजादा है तू … तेरी बहन का भोसड़ा … यह मेरी चूत है, तेरी जागीर नहीं … ज़रा संभल कर चोद न … प्यार से चोद न, मज़ा ले ले के चोद! मैं कहीं भागी जा रही हूँ क्या?

फिर वह सच में बड़ी मस्ती से चोदने लगा मुझे!
और मैं भी अपनी चुदाई का भरपूर मज़ा लेने लगी।

इतने में अचानक मेरी ननद एकदम नंगी हमारे सामने गई।
उसे देख कर मैं समझ गई कि वह किसी से लगी हुई थी; किसी के लंड का मज़ा ले रही थी।
पर कौन था यह मुझे मालूम नहीं।

मेरे ससुर ने उसे इस अवस्था में देखा तो उसका मन डोल गया।
उसने ननद का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो वह खिंचती चली आई।

ससुर ने उसे चित लिटा कर गच्च से पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में!
मैं यह देख कर चकित रह गयी कि एक बाप ने अपनी ही बेटी की चूत में लौड़ा घुसा दिया।
लेकिन फिर सोचा कि यह तो होता ही रहता है हमारे यहाँ!

मेरे मुंह से निकला- ससुर जी यह क्या हो रहा है? यह क्या किया तुमने? मेरी ननद तेरी बेटी है।
वह बोला- मैं तेरी ननद की चूत चोद रहा हूँ बहू रानी! मेरे लंड के सामने जो भी चूत आएगी, उस चूत में मेरा लंड घुस जाएगा. वह कोई भी हो, वह चाहे जिसकी चूत हो … इससे मेरे लंड को कोई फर्क नहीं पड़ता।

तब तक पीछे से आवाज़ आई- हां यार ताहिर, तुम ठीक कह रहे हो। मेरे भी लंड के सामने जो चूत आती है मेरा लंड बे रोक टोक के उसी में घुस जाता है।

मुझे नंगी देख उसने मेरी चूत में लंड पेल दिया बिना कोई देर लगाये!
वह बोला- अब देख न, तेरी बहू की चूत मेरे सामने है तो मैंने लौड़ा पेल दिया तेरी बहू की चूत में, ताहिर!

तब मुझे मालूम हुआ की वह मेरी ननद का ससुर है साहिर।
इसका मतलब की ननद चूत चोदी अपने ससुर से चुदवा रही थी।

साहिर बोला- देख यार ताहिर, मैं तेरी बहू चोद रहा हूँ, तुम मेरी बहू चोद रहे हो. कितना मज़ा आ रहा है। तेरी बहू बड़ा मज़ा दे रही है।

मेरा ससुर बोला- तेरी बहू भी बड़ा मज़ा दे रही है।
ननद बड़ी मस्त होकर अपनी कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी।

मज़ा मुझे भी बहुत आ रहा था ननद के ससुर से चुदवाने में!
वह भी बड़ा शातिर बन्दा था चूत चोदने में … खूब हचक हचक कर चोद रहा था; छक्के छुड़ा रहा था वह मेरी चूत में!
मैं समझ गयी आखिर कार मेरी ननद माँ की लौड़ी अपने ससुर के लंड के पीछे पीछे क्यों लगी रहती है.

हम दोनों अगल बगल लेटी हुईं थीं।
मेरा मुंह उसकी गांड की तरफ था और उसका मुंह मेरी गांड की तरफ।
मैं उसकी चुदती हुई चूत देख रही थी और वह मेरी चुदती हुई बुर!

उधर वो दोनों ससुरे एक दूसरे की बहू चोदने का मज़ा ले रहे थे।
पहले दोनों ने अपनी अपनी बहू की चूत चोदी, अब एक दूसरे की चोद रहे हैं।
अम्मी ने सही कहा था कि बेटी रेशमा लंड जब खड़ा होता है तो वह किसी की भी चूत में घुस जाता है फिर वह चाहे बेटी की चूत हो चाहे माँ की चूत! इसी तरह जब चूत जब गर्म हो जाती है, चुदासी हो जाती है तो वह किसी का भी लंड पेलवा लेती है फिर वह लंड चाहे बाप का हो चाहे बेटे का!

उस समय हम दोनों की खूब घपाघप चुदाई हो रही थी; धच्च धच्च, भच्च भच्च, फच्च फच्च आवाज़ें चारों तरफ फ़ैल रहीं थी।

जितनी बेशर्मी से दोनों ससुर चोद रहे थे, उतनी बेशर्मी से हम दोनों बहुएं भी चुदवा रही थीं।

आखिर में हमने जब झड़ते हुए लंड चाटे तो उसका मज़ा ही कुछ और था।
उसके बाद हम सब नंगे नंगे ही बैठ कर सुस्ताने लगे।

लगभग आधे घंटे में फिर दोनों लंड टनटना उठे।
चुदाई फिर शुरू हो गई और फिर रात भर होती रही।

अगले दिन मेरी ननद बोली- अरे रेशमा भाभी जान, तेरी चूत चोदी ननद बड़ी चुदक्कड़ हो गई है।
तब तक उधर से आवाज़ आई- अरे बहू रानी, तेरी ननद की माँ भी भोसड़ी वाली बड़ी चुदक्कड़ है।
यह आवाज़ मेरी सास की थी।

उसने मुझसे पूछा- कैसा लगा तुम्हें अपनी ननद के ससुर का लंड, रेशमा बहू?
मैंने कहा- लंड तो बड़ा जबरदस्त है उसका सासू जी! किसी दिन तेरे भोसड़े में पेलूँगी।

वह बोली- तुम किसी दिन पेलोगी लंड मेरी चूत में … मैं तो आज ही पेलूँगी तेरी चूत में अपने देवर का लंड!

फिर क्या … रात में हम तीनों सास बहू ननद ने एक दूसरे की चूत में लंड पेल पेल कर खूब लिया सामूहिक चुदाई का मज़ा।

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Sex Stories

हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम श्याम है, मैं बाड़मेर का रहने Sex Stories वाला हूँ। मैं हमेशा जब भी फ्री रहता हूँ अन्तर्वासना की कहानियाँ जरूर पढ़ता हूँ। और कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि मुझसे कोई लड़की कयू नहीं सेक्स कराती है, मुझे में कोई कमी भी नहीं, मैं 5’10” स्मार्ट लड़का हूँ और किसी भी लड़की को सेक्स में सैटिस्फ़ाई करने में एकदम सक्षम हूँ। लेकिन मुझे लगा कि मेरे पास लड़कियों को पटाने की हिम्मत नहीं, एक डर रहता था मुझे कि कहीं कोई लड़की मुझे मना ना कर दे वरना मेरा दिल टूट जाएगा।

मेरी उमर 27 साल है एकदम हट्टा कट्टा जवान लड़का हूँ। जब मैं दस साल का था तब से किसी लड़की के साथ सेक्स करने का सपने देखा करता था। मैंने बहुत सारी सेक्स बुक्स पढ़ी और सेक्स मूवी देख कर एक ही सपने देखा करता था कि काश उस लड़की के साथ मैं सेक्स कर रहा हूँ। लेकिन सपनों को सच होने में पूरे 14 साल लगे।

यह मेरी पहली कहानी है और अब आप के सामने है जल्दी और भी कहानी आपके सामने आने वाली है तो कहानी का मजा लो दोस्तो।

मेरी यह कहानी एकदम सच्ची है जो आप लोगो को एकदम अपने करीब लगेगी। मैं पिछले 6 सालो से चैटिंग कर रहा हूं लेकिन कोई लड़की मुझसे पटती ही नहीं थी। सब लड़कियों को सेक्स चैट पसंद था जो मुझे एकदम पसंद नहीं था। तब एकदम चमत्कार हुआ एक बहुत अच्छी लड़की मेरी दोस्त बनी, वो अमेरिका रहती थी और एक भारतीय थी जिसका नाम नैना था जो दिल्ली की रहने वाली थी। वो बहुत सुन्दर और स्मार्ट लड़की थी। वो इतनी सु्न्दर थी कि जब मैंने कैम में उसको पहली बार देखा तो देखता रह गया और कब मुझे वो पसंद आने लगी मुझे पता तक नहीं चला।

वो 33 साल की एकदम बेहद सेक्सी शरीर की मालकिन थी, उसके 3 बच्चे थे लेकिन कहीं से भी वो 3 बच्चों की माँ नजर नहीं आती थी, जब वो स्टाईलिश कपड़े पहन कर कैम के सामने आती थी तो दिल करता था कैम से निकाल कर चोद दूँ। लेकिन यह सब बहुत मुश्किल था।

हम दोनों को बाते करते हुय 6 महीने हो गये।

फिर एक दिन उसने कहा- मैं अपने पति से और बच्चों से खुश नहीं ! हमेशा अकेली घर में पड़ी रहती हूं, मुझे कोई समझने वाला नहीं ! बस तुम मुझे समझ सके, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ और सपने देखती हूं कि तुम मुझे खुश कर रहे हो !

मैंने पूछा- वो कैसे?

तो वो बोली- तुमने मुझे रात सपने में खूब चोदा और मुझे एकदम खुश कर दिया।

मेरी हिम्मत बढ़ गई ऐसा सुन कर ! मैंने कहा- मैंने तुम्हारे साथ सपने में क्या किया?

तो उसने कहा- तुम बहुत सेक्सी हो। मैं रात में सोई हुई थी एकदम अकेले अपने नाईट गाऊन में, तुम मेरे रूम में आये और मेरे पास आकर लेट गये, मैं बहुत गहरी नींद में थी। तु्म मेरे गाऊन के अन्दर हाथ डाल के मेरे चुच्चों को मसलने लगे। तुमने देखा कि मेरी नींद नहीं खुली तो तुम मुँह में लेकर मेरे उरोज चूसने लगे और दबाने लगे, मैं मदहोश होने लगी और मेरी नींद टूट गई। तुम एकदम सकपका गये लेकिन डरे नहीं और बूब्स को दबाते रहे, तुम्हें मजा आ रहा था।

मैंने कहा हां मुझे बूबस बहुत पसंद है और वो भी बड़े बड़े। वैसे तुम्हारे कितने बड़े हैं?
तो वो शरमा के बोली- तुम यकीन नहीं करोगे !
मैंने कहा- बोलो तो !
तब उसने कहा- 40 डी।
मैंने कहा- डी का मतलब?
तो वो बोली- यहां उसमें ऐसे ही साईज चलते हैं लेकिन तुम इतना जान लो यह बहुत बड़े होते हैं बस !
अंधे को क्या चाहिए दो आंखें ! मैं बहुत खुश हो गया, मैंने कहा- फिर आगे?
तो उसने कहा- तुम बहुत शैतान थे, तुमने एकदम से मेरा गाऊन पूरा खोल दिया और मैं तुम्हारे सामने एकदम नंगी लेटी थी, तुम बहुत गरम हो गये थे और तुम्हारी सांसें बहुत तेज़ चलने लगी थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।

उसकी बातें सुन कर और सोच भी रहा था कि काश यह सब सच में हो जाये।
फिर उसने कहा- तुम मेरे पूरा बदन पर जबरदस्त किस करने लगे ऊपर से लेके नीचे तक। फिर तुम बूबस को छोड़ कर मेरी चूत में अपने मुँह को ले के चले गये और अपनी जुबान से उस को प्यार करने लगे। मैं एकदम मदहोश होने लगी और गरम होने लगी, मुझे पहली बार किसी ने चूत पर जु्बान से प्यार किया था फिर मैंने तुम्हारे सारे कपड़े निकाल दिये और तुम अब मेरे सामने एकदम नंगे खड़े थे और मैं झट से तुम्हारे लन्ड को अपने हाथ में ले के उस को अपने हाथ से हिलाने लगी फिर कुछ देर बाद मुह में डाल के चूसने लगी तुम बहुत बेताब होने लगे तो मैंने कहा मेरे राजा अब तो दिखा दे अपनी रानी की चूत पर अपने लन्ड का कमाल।
मैं सोच में पड़ गया कि जो लड़की इतने दिन तक एकदम चुप सी बातें करती थी आज एकदम बोल्ड कैसे वो भी मेरे सपने देख कर।

उसने कहा कि फिर तुम मेरे ऊपर आ गए और अपने 6″ लन्ड को मेरी चूत में रखा और जोर का झटका दिया। मैं चिल्ला पड़ी- श्याम धीरे डालो ज्यादा बेताबी मत करो क्या मेरी चूत फ़ाड़ ही डालोगे? तो तुमने कहा हां रानी अपने लन्ड का कमाल जो दिखाना है और तु्म जोर जोर से धक्के मारने लगे और मैं दर्द से छटपटाने लगी लेकिन तुमने जरा भी रहम नहीं किया जैसे तुम जन्म जन्म से प्यासे हो और कुएं का सारा पानी एक ही बार में पी डालोगे। तुम लगभग 5 मिनट तक ऐसे ही मेरे ऊपर जम के चुदाई करते रहे फिर तुम रूक गये जैसे लगा कि तुम्हारा पानी निकलने वाला हो। मैंने पूछा- तुम रूके क्यों जालिम? तो तुमने कहा कि अब तुम मेरे ऊपर आओ और सच बोलूं तो मुझे ऊपर चढ कर करवना बहुत पसंद है और मैं फ़ौरन तुमहरे लन्ड के ऊपर बैठ गई और अब मैं राजा बन गई और तुम मेरी रानी। अब सब मेरे हाथ में था, मैंने तुम्हारी जम के चुदाई शुरू कर दी।

2 मिनट ही हुए थे कि तुम जोर से बोल पड़े राजा मेरा पानी आने वाला है। तो मैंने कहा मेरे श्याम रानी मेरी चूत में ही सब जाने दो और तुम्हारा गरम गरम पानी मेरी चूत में निकल गया लेकिन तुम्हारा लन्ड अभी तक सख्त था और एकदम लोहे कि राड की तरह गरम और हार्ड। मैं लगातार तुम्हारी चुदाई में लगातर करने में लगी रही। करीब 5 मिनट बाद मेरा पानी भी निकल पड़ा, लेकिन तुम जब तक और होट हो गये फिर तुमने मुझे डोगी बना दिया और मेरे पीछे आके मेरी गाण्ड में तुमने थूक मारा और लन्ड को घुसाने की कोशिश करने लगे। लेकिन तुम्हारा लन्ड अन्दर नहीं जा सका। तब तुमने मेरी गाण्ड में तेल लगाया और फिर एक जोर का झटका मारा तो तुम्हारा थोड़ा लन्ड अन्दर चला गया। मैं बहुत जोर से चिल्लाई- आह जालिम ने मार डाला। बहुत दर्द होने लगा था। खून तक आ गया था लेकिन तुम एकदम जालिम बन गये थे। तुमने मुझे चोदना छोड़ा नहीं मेरे दर्द कि परवाह तक नहीं की उल्टा बोला कि यह दर्द तो कुछ देर का है। मजे तो फिर जन्म जन्म के हैं। बस तुम अपने काम में लगे रहे कुछ देर दर्द रहा भी। मुझे बहुत मजा आने लगा था।

करीब 10 मिनट के बाद तुम्हारा सारा पानी मेरी गाण्ड में निकल गया और तुम पसीने पसीने हो रहे थे। फिर तुम कुछ देर मेरे ऊपर ऐसे ही लेटे रहे। मुझे सच बहुत अच्छा लग रहा था।

उस का सपना सुन कर मैं सोच रहा था कि काश यह सपना सच हो जाये। मैंने उस से पूछा कि तुम सच में मेरे साथ सेक्स करना पसंद करोगी?

तो वो बोली- हाँ जालिम ! वरना मैं तुम्हें अपना यह सपना क्यों सुनाती।

बस दोस्तो ! यहां से मेरे अच्छे दिन शुरू हो गये। मैंने पूछा तुम इन्डिया कब तक आ रही हो? तो वो बोली- मेरे राजा एक हफ़्ता और इन्तजार, फिर हम दोनो एक हो जाएंगे हमेशा के लिये।

तो दोस्तो ! यह थी मेरी पहली डार्लिंग नैना की जुबानी उस की चुदाई की कहानी जो अभी तक सिरफ़ सपना है जल्दी ही सच होने वाली है और मेरी किस्मत खुलने वाली है।

नेक्स्ट वीक जब नैना आई तो उस के साथ जो कुछ भी मैंने किया वो अगली कहानी में तो ज्यादा इन्तजार नहीं कराऊंगा जल्दी ही वो कहानी आप के सामने होगी। Sex Stories

Antarvasna

भाभी मुझसे लगभग बारह Antarvasna साल बड़ी थी। मैं उस समय कोई 18-19 साल का था। घर पर सभी मुझे बाबू कह कर बुलाते थे।

भाभी की तेज नजरें मुझ पर थी, वो मेरे आगे कुछ ना कुछ ऐसा करती थी कि मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। वो शरीर में भरी पूरी थी और बदन गदराया हुआ था, उनके सुडौल स्तन बहुत ही मनमोहक थे और थोड़े भारी थे। मुझे भाभी के बोबे और मटके जैसे चूतड़ बहुत अच्छे लगते थे। मेरी कमजोरी भी यही थी कि जरा से भाभी की चूचियाँ हिली या चुतड़ लचके, बस मैं उत्तेजित हो जाता था और लण्ड को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था।
भाभी को भी यह बात शायद मालूम हो गई थी कि उनके कोई भी एक्शन से मेरा बुरा हाल हो जाता था।

आज भी कमरे में सफ़ाई कर रही थी वो… उसके झुकते ही उसके बोबे झूल जाते थे, और मैं उन्हें देखने में मगन हो जाता था। वो जान कर कर के उन्हें और हिलाती थी। मुझे वो तिरछी नजरों से देख कर मुस्कराती थी, कि आज तीर लगा कि नहीं।
वो अपने गोल मटोल चूतड़ मेरी तरफ़ करके हिलाती थी और मुझे अन्दर तक हिला देती थी।

आज घर पर कोई नहीं था तो मेरी हिम्मत बढ़ गई, सोचा कि अगर भाभी नाराज हुई तो तुरंत सॉरी कह दूँगा।
मैं कम्प्यूटर पर बैठा हुआ कुछ देर तक तो उनकी गोल गोल गांड देखता रहा। बस ऐसा लग रहा था कि उनका पेटीकोट उठा कर बस लण्ड गांड में घुसा दूँ।
बस मन डोल गया और मैंने आखिर हिम्मत कर ही दी।

“बाबू, क्या देख रहे हो?”
“भाभी, बस यूँ ही… आप अच्छी लगती हैं!”

वो मेरे पास आ गई और सफ़ाई के लिये मुझे हटाया।
मैं खड़ा हो गया। अचानक ही मेरे में उबाल आ गया और मैं भाभी की पीठ से चिपक गया और लण्ड चूतड़ों पर गड़ा दिया।
भाभी ने भी जान कर करके अपने चूतड़ मेरे लण्ड से भिड़ा दिया।

पर उनके नखरे मेरी जान निकाल रहे थे- बाबू, हाय! क्या कर रहा है!
“भाभी अब नहीं रहा जा रहा है!”
भाभी ने अपनी गांड में लण्ड घुसता महसूस किया और लगा कि उसकी इच्छा पूरी हो रही है। वो पलटी और और मुझे अपनी बांहों में कस लिया और अपनी भारी चूचियाँ मेरे शरीर से रगड़ दी।
“हाय, पहले क्यूँ नहीं किया ये सब?” और मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मुझे भी साफ़ रास्ता मिल गया। मेरी हिम्मत ने काम बना दिया- आप इशारा तो करती, मेरा तो लण्ड आपको देखते ही फ़ड़क उठता था, लगता था कि आपको नंगी कर डालू, लण्ड घुसा कर अपना पानी निकाल दूँ!
“कर डाल ना नंगी, मेरे दिल की निकाल दे, मुझे भी अपने नया ताजा लण्ड का स्वाद चखा दे रे!” भाभी का बदन चुदने के लिये बेताब हो उठा था।
“भाभी, तुम कितनी मस्त लग रही हो, अब चुदा लो ना, मेरा लण्ड देखो, निकालो तो सही बाहर, मसल डालो भाभी, घुसा डालो अपनी चूत में!” मेरा लण्ड तन्ना उठा था।

“बस बिस्तर पर आजा और चढ़ जा मेरे ऊपर, मुझे स्वर्ग में पहुंचा दे, बाबू चोद दे मुझे…” भाभी चुदने के लिये मचल उठी।
भाभी मुझसे ज्यादा ताकतवर थी। मुझे खींच कर मेरे बिस्तर पर लेट गई।
“पेटीकोट ऊपर कर दे, चाट ले मेरी चूत को!”

मैंने उसका कहा मान कर पेटीकोट ऊपर कर दिया, उसकी काली काली झांटों के बीच गीली चूत, गुलाबी सी नजर आ गई। मैंने झांटों को पकड़ कर चूत का द्वार खोला और मेरी लम्बी लपलपाती जीभ ने उसे चाट लिया।
रस भरी चूत थी। एक अन्दर से महक सी आई तो शायद उसके चूत के पानी की थी। उसका हाथ मेरे तन्नाये हुए लण्ड पर पहुंच गया और उसने जोश में उसे मुठ मारने लगी। उसके मुठ मारते ही मुझे तेज मजा आ गया मेरा शरीर एक दम से लहरा उठा। उसने कुछ ही देर मुठ मारा और मेरी जान निकल गई, मेरा यौवन रस छलक उठा, वीर्य ने एक लम्बी उछाल भरी और मेरा जिस्म जैसे खाली होने लगा।

“भाभी, ये क्या किया, मेरा तो रस ही निकाल दिया!” मैंने गहरी सांस ली।

“मजा आया ना? अभी तो और मजा आयेगा!” उसने मुझे सीधा किया और अपने से चिपका लिया, मुझे पलट कर अपने नीचे दबा लिया और अपना भारी बदन का वजन मेरे ऊपर डाल दिया, अपने होंठो से मेरे पूरे शरीर को गीला कर दिया।
भाभी के बदन से मुझे एक तरह की खुशबू आ रही थी तो मुझे मदहोश कर रही थी। मैं थोड़ा सा कसमसाया और अपने आप को एडजस्ट करने लगा।
पर भाभी ने मुझे और कस कर चारों और से एक बेबस पंछी की तरह से दबोच लिया।

“भाभी, भैया आपको…”
“बाबू, अभी नाम मत ले उनका, बस मुझे अपने मन की करने दे!” उसके बाल मेरे चेहरे पर फ़ैल गये थे, उसका नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म से रगड़ खा रहा था। उसके बोबे मेरी छाती को नरम नरम अहसास दे रहे थे।
“तुझे क्या अच्छा लगता है रे मुझ में?”
“आपके बड़े बड़े बोबे और… और…”
“हां, हां और… बता ना!”
“आपके खूबसूरत चूतड़, गोल-गोल, मस्त, बस लगता है चूतड़ो में लण्ड घुसेड़ दूँ!”

“चल अपनी इच्छा पूरी कर ले पहले, तू मस्त हो जा, देख मेरी पिछाड़ी मस्ती से चोदना!” और वो उठ कर घोड़ी बन बन गई।
उसकी जबरदस्त पकड़ से छूट कर मैंने एक गहरी सांस भरी।

उसकी गांड खुल कर सामने आ गई, दोनों गोल गोल चूतड़ अलग अलग खुल गये, दरार साफ़ हो गई, खूबसूरत सा प्यारा छेद सामने नजर आने लगा।
उसे देख कर सच में लण्ड उछल पड़ा, मस्ती में झूमने लगा। मेरे दिल की कली खिल गई, मन मुराद पूरी हो गई। कब से उनके चूतड़ों को देख कर मैं मुठ मारता था, उन्हें सपनों में देख कर उनकी गांड मारता था, झड़ जाता था, पर आज सच में हसरत पूरी हो रही थी।

“भाभी, तैयार हो ना?” मेरा लण्ड अपने आपे से बाहर हो रहा था, मुझे लगा कि कही झड़ ना जाऊँ।
“हां बाबू…. जल्दी कर, फिर चूत की बारी भी आनी चाहिये ना!” भाभी की भी तड़प देखते ही बनती थी, कितनी बेताब थी चुदाने को।

मैंने अपने लण्ड पर चिकनाई लगाई और उसकी गांड पर भी लगा दी और चिकना लण्ड का मिलाप चिकने छेद से हो गया। मैंने उसके झूलते हुए स्तन थाम लिये और उन्हें मसलना शुरू कर दिया। फिर दोनों ने अपना अपना जोर लगाया और भाभी के मुख से हाय की सिसकारी निकल पड़ी। चिकना लण्ड था इसलिये अन्दर सरकता चला गया।
“हाय रे मजा आ गया, तेरा मोटा है उनसे… चल और लगा!”
“दर्द नहीं हुआ भाभी…”
“नहीं मेरी गांड सुन्दर है न, वो भी अक्सर पेल देते हैं, आदत है मुझे गांड मरवाने की!”
“तो ये लो फिर… मस्त चुदो!” मैंने स्पीड बढ़ा दी.

भाभी की गांड सच में नरम थी और मजा आ रहा था। भाभी ने भी अपनी मस्त गांड आगे पीछे घुमानी शुरू कर दी। उसके गोल गोल चूतड़ के उभार चमक रहे थे, उसकी दरार गजब ढा रही थी। लटके हुए बोबे मेरे हाथ में मचल रहे थे, उसके निपल काले और बड़े थे, बहुत कड़े हो रहे थे। निप्पल खींचते ही उसे और मजा आता था और सिसक उठती थी।

“हाय रे भाभी, रोज़ चुदा लिया करो, क्या मस्ती आती है!” मेरे झटके बढ़ चले थे।
“तेरे लण्ड में भी जोर है, जो अभी तक छूटा नहीं, चोदे जा… मस्ती से… मुझे भी लगे कि मैं आज चुद गई हूं!” भाभी मस्त हो उठी, भाभी के मुख से सीत्कारें निकल रही थी।
“मस्त गांड है भाभी, रोज गांड देख कर मुठ मारता था, आज तो बस… गांड मार ही दी!”
“मन की कर ली ना बस… अब बस कर… कल चोद लेना… मेरी चूत पेल दे अब!” भाभी ने पीछे मुड़ कर नशीली आंखों से देखा।

मैंने अपना लण्ड भाभी की ग़ाण्ड से निकाला और पहले उसकी गीली चूत को तौलिये से पोंछ डाला, उसे सुखा कर लण्ड को चूत में दबा दिया। सूखी चूत में रगड़ता हुआ लण्ड भीतर बैठ गया।
“अरे वाह… मजा आ गया, कैसा फ़ंसता हुआ गया है!” भाभी हाय कह कर सिसक उठी।

मुझे उनकी चूत में घुसा कर मजा आ गया, मैंने उसकी कमर पकड़ कर लण्ड का पूरा जोर लगा दिया, मुझे फिर भी चूत ढीली लगी। मेरे धक्के ऐसा लग रहा था कि किसी नरम से स्पंज से टकरा रहे हैं।
“हाँ भाभी, चूत तो कितनी नर्म है, गर्म है, आनन्द आ गया!”
उसने अपनी चूत और बाहर निकाल ली और चेहरा तकिये से लगा लिया। पर मुझे कुछ ठीक नहीं लगा, मैंने उसे धक्का दे कर चित लेटा लिया और उनकी टांगें अपने कन्धों पर रख ली और चूत के निकट बैठ कर लण्ड चूत में डाल दिया।

भाभी ने मुझे पूरा अपने ऊपर खींच लिया और अपनी टांगों के बीच में भींच लिया। मैं उनके बोबे पकड़ते हुए उस पर लेट गया, मेरा लण्ड भाभी की चूत की गहराइयों को बींधता चला गया। उसे शायद पता चल गया था कि उसकी चूत टाईट नहीं है, तो उसने अपनी चूत क कसाव बढ़ा दिया और चूत सिकोड़ ली।
मेरी कमर अब जोर से चल पड़ी।

चूत कसने से पहले तो वो दर्द से कुलबुलाई, फिर सहज हो गई- जड़ तक चला गया, साला, तेरा सच में थोड़ा बड़ा है, मजा बहुत आ रहा है!
उसकी कमर भी अब हौले हौले चलने लगी, मेरा पूरा लण्ड खाने लगी।
दोनों की कमर साथ साथ चलने लगी, मैं भी उनकी लय में लय मिलाने लगा। लण्ड में एक सुहानी सी मीठी सी मस्ती चलने लगी।

कुछ देर के बाद कमर की लय तोड़ते हुए भाभी ने मुझे दबा कर नीचे कर दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़ गई और तेजी से धक्के मारने लगी और उसके मुँह से तेज सीत्कारें निकलने लगी।
“साले बाबू… मर गई, तेरी तो… भेन चोद… मैं गई… आईईईइ ओह्ह्ह्ह्ह… बाबूऽऽ… मर गई…!” कहते हुए वो मेरे से चिपक गई और चूत का जोर मेरे लण्ड पर लगाने लगी, बार बार चूत दबा रही थी।
अचानक उसकी चूत टाईट हो गई और मैं तड़प गया और मेरा वीर्य निकल पड़ा और वो निढाल हो कर मुझे पर पसर गई। मैं नीचे से जोर लगा कर उसकी चूत में वीर्य निकाल रहा था। वो भी चूत को हल्का हल्का कस कर पानी निकाल रही थी। मेरे लण्ड पर उसका कसाव और छोड़ना महसूस हो रहा था।

कुछ ही देर में हम अलग अलग पड़े हुए गहरी सांसें भर रहे थे।

“भाभी, आप तो मस्त है, कैसी बढ़िया चुदाई करती हैं, मेरी तो माँ चोद दी आपने!”
भाभी ने तुरन्त मेरे मुँह पर अंगुली रख दी- नहीं गाली नहीं, मस्ती लो पर गाली मत देना भेन चोद!” भाभी ने मुझे फिर से एक बार और दबा लिया, और हंस पड़ी।

“चल हो जाये एक दौर और… अब तू मेरी माँ चोद दे, भेन के लौड़े!” और उसकी चूत का दबाव मेरे लण्ड पर बढने लगा। जिस्म फिर से पिघलने लगे… भाभी का मस्त बदन एक बार फिर वासना से भर उठा था. Antarvasna

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